नईदिल्ली 17 जून।लोकसभा चुनावों से पहले होने जा रहे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भाजपा अपने मौजूदा विधायकों में लगभग आधे के टिकट काट सकती है। इन तीनों राज्यों के अंदरूनी आकलन को देखते हुए नेतृत्व बेहद गंभीर है।
हालांकि कार्यकर्ताओं में उत्साह बनाए रखने के लिए पार्टी तीनों राज्यों में दो तिहाई से ज्यादा सीटों का लक्ष्य लेकर उतरेगी।
बीते एक साल भाजपा नेतृत्व इन तीनों राज्यों से अलग-अलग स्तर पर फीडबैक ले रहा है और सरकार के प्रदर्शन, विधायकों की लोकप्रियता व सरकार विरोधी माहौल का अध्ययन कर रही है।
रणनीति के अनुसार संगठनात्मक स्तर पर मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष को बदला गया है जबकि राजस्थान में बदलाव की प्रक्रिया जारी है। लेकिन भाजपा की असली चिंता सरकार विरोधी माहौल और विधायकों को लेकर बन रहा वातावरण है।
पार्टी ने साफ किया है कि टिकट तय करने में नेता का पद व कद काम नहीं करेगा। उसकी जीतने की क्षमता सबसे अहम होगी। यह संकेत भी दिए हैं कि तीनों राज्यों में लगभग आधे विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं और उनकी जगह नए और युवा चेहरों को तरजीह दी जाएगी।
अमित शाह ने प्रमुख नेताओं को दिए कड़े निर्देश :
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बीते एक सप्ताह में खुद तीनों राज्यों के प्रमुख नेताओं के साथ विस्तृत बैठकें कर साफ कर दिया है कि हर स्तर पर कड़े फैसले लिए जाएंगे और सभी को पूरी ताकत लगानी होगी।
सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व ने अपने संगठन, आरएसएस और निजी एजेंसियों के सर्वे से लगभग हर सीट के आंकड़े जुटाएं हैं। इनमें सरकार विरोधी खासकर विधायकों से जनता की नाराजगी की बात सामने आई है। कई मामलों में प्रशासनिक चुस्ती की कमी भी सामन आई है। इसके बाद ही केंद्रीय नेतृत्व ने तीनों राज्यों में रणनीति पर सख्ती से अमल के निर्देश दिए हैं।attacknews.in