पटना 11 जून । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी से राष्ट्रीय जनता दल राजद (अध्यक्ष) लालू प्रसाद यादव से दूरभाष पर बात के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है ।
श्री मांझी से श्री तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को न सिर्फ उनके आवास पर जाकर मुलाकात की बल्कि फोन पर अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव यादव से उनकी बात भी कराई।
इस खबर के बाहर आने के बाद राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ गई है और कयासबाजी शुरू हो गई है ।
हालांकि श्री मांझी ने मुलाकात और बातचीत के बारे में मीडिया को बताया कि यह बिल्कुल गैर राजनीतिक और विशुद्ध पारिवारिक मामला है।
इस बातचीत के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।
हम प्रमुख ने कहा कि राजनीति में मतभेद तो होता है लेकिन मनभेद नहीं ।
भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि यहां पति-पत्नी, मां-बेटा और बिल्कुल के करीब के रिश्तों में भी लोग अलग-अलग पार्टियों में रह सकते हैं ।
राजनीति के क्षेत्र में नीचे से लेकर ऊपर तक ऐसे अनेकों उदाहरण हैं ।
उन्होंने कहा कि श्री लालू प्रसाद यादव से उनका व्यक्तिगत और पारिवारिक सम्बन्ध है ।
इसके नाते ही उन्होंने लालू यादव-राबड़ी देवी को उनके विवाह की 48 वीं वर्षगांठ पर भी बधाई दी थी और अब श्री यादव के जन्मदिन पर भी उन्हें शुभकामनाएं दीं।
मांझी दलितों के सर्वमान्य नेता, उन पर डोरे डालने वाले सफल नहीं होंगे – सुशील
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी की राष्ट्रीय जनता दल राजद (अध्यक्ष) लालू प्रसाद यादव से फोन पर हुई बातचीत के बात कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अटूट है और श्री मांझी पर डोरे डालने वाले सफल नहीं होंगे ।
श्री मोदी ने शुक्रवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए किसी जनप्रतिनिधि की उनसे शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा,” जीतन राम मांझी किसी एक जाति के नहीं, बल्कि बिहार में दलितों केे बड़े सर्वमान्य नेता है। उन्होंने राजद का कुशासन भी देखा है। उनसे किसी को जबरदस्ती मिलवा देने से कई फर्क नहीं पड़ता।”