पटना 10 सितंबर। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को आज चुनाव से पहले का और जोरदार झटका लगा जब पार्टी के उपाध्यक्ष रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज दल से इस्तीफा दे दिया।
डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी । उन्होंने पत्र में कहा, “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें।”
गौरतलब है कि पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में लाए जाने की चर्चा के बाद से ही डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह नाराज थे । श्री लालू प्रसाद यादव ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की, इसी बीच श्री यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने डॉ. सिंह को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया था कि ‘एक लोटा समुद्र से निकल जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता।’ ऐसा समझा जाता है कि डॉ. सिंह इससे काफी क्षुब्ध थे और अपमानित महसूस कर रहे थे। अंत में उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। डॉ. सिंह फिलहाल एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं ।
लालू ने रघुवंश को लिखा पत्र, कहा- “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए।”
रांची, से खबर है कि, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद छोड़ने की घोषणा के बाद उन्हें लिखे पत्र में व्यक्तिगत संबंधों का हवाला देते हुए कहा, “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लीजिए।”
श्री यादव ने गुरुवार शाम को पूर्व केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कहा, “मीडिया में आपके नाम से एक चिट्ठी सार्वजनिक हुई है, जिसपर मुझे विश्वास नहीं होता है। अभी मेरे परिवार समेत पूरा राजद परिवार आपको स्वस्थ्य होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक की पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर विचार किया है।”
राजद सुप्रीमो ने कहा, “आप शीघ्र स्वस्थ हों, फिर बैठकर बातचीत की जाएगी। उन्होंने अंतिम वाक्य में श्री सिंह के साथ अपने पुरानों संबंधों का हवाला देते हुए कहा, “आप कहीं नहीं जा रहे, समझ लिजिए।”
उल्लेखनीय है कि डॉ. सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से राजद अध्यक्ष को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी । उन्होंने पत्र में कहा, “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें।”