नयी दिल्ली, 04 अक्टूबर । बिहार में अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिखर गया है और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधान सभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है तथा 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
लोजपा ने हालांकि स्पष्ट किया है कि भारतीय जनता पार्टी से उसका गठबंधन और तालमेल जारी रहेगा तथा चुनाव परिणाम के बाद राज्य में भाजपा-लोजपा की सरकार बनेगी।
पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के नेतृत्व में संसदीय दल की रविवार को यहां हुई बैठक में इस बाबत निर्णय लिया गया। बैठक के बाद पार्टी के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर और लोकसभा चुनावों में भाजपा, लोजपा का मजबूत गठबंधन है।
राज्य स्तर पर और विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में मौजूद जनता दल यू से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोजपा ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का निर्णय किया है।
श्री खालिक के अनुसार, चुनाव परिणाम के उपरांत लोजपा के तमाम जीते हुए विधायक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास मार्ग पर चलेंगे और भाजपा-लोजपा सरकार बनाएगी।
लोजपा के एक सूत्र ने बताया कि पार्टी बिहार में 243 में से 143 सीटों सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जद यू उम्मीदवारों के खिलाफ भी अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी।
संसदीय दल की बैठक में कहा गया कि भाजपा -लोजपा की बनने वाली सरकार में श्री नीतीश कुमार की कोई भूमिका नहीं होगी और श्री चिराग पासवान के बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डाक्यूमेंट को राज्य में लागू किया जाएगा ।
पार्टी प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने लोजपा और भाजपा में किसी तरह की कटुता से इनकार किया और कहा कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद लोजपा के विधायक मणिपुर की तर्ज पर बिहार में भाजपा को समर्थन देकर उसके नेतृत्व में सरकार बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में भी भाजपा और लोजपा का चुनाव से पहले कोई गठबंधन नहीं था लेकिन चुनाव परिणाम के बाद दोनों पार्टियों ने मिलकर वहां सरकार बनाई ।
गौरतलब है कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान पिछले काफी समय से बिहार में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर श्री नीतीश कुमार के स्थान पर भाजपा के किसी नेता का नाम आगे करने की बात कहते आ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार की कार्यशैली को लेकर भी कई बार खुलकर आलोचना की, जिसके कारण सीट बंटवारे पर लोजपा के साथ जदयू ने बातचीत करने से भी इनकार कर दिया था।
इसके बाद सीट बंटवारे पर भाजपा नेताओं के साथ लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की कई दौर की बातचीत हुई । बातचीत में भाजपा की ओर से 28 से 30 सीट लोजपा को दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया लेकिन लोजपा 42 से कम सीट मिलने पर भाजपा को छोड़कर जदयू के खिलाफ 143 सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने पर अड़ गई ।
इसी बीच नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना को भ्रष्टाचार का पिटारा बताए जाने के बाद ‘मोदी से बैर नहीं नीतीश तेरी खैर नहीं’ वाले वायरल पोस्टर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सब्र की बांध को तोड़ दिया । श्री कुमार इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने भाजपा नेताओं को साफ शब्दों में कह दिया कि अब वह राजग में लोजपा को बर्दाश्त नहीं करेंगे ।
श्री खालिक ने कहा कि बिहार में कई सीटों पर जद यू के साथ वैचारिक लड़ाई हो सकती है ताकि उन सीटों पर जनता निर्णय कर सके कि कौन सा प्रत्याशी बिहार के हित में बेहतर है।
भाजपा के बुलावे पर वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी दिल्ली रवाना
बिहार विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने से नाराज होकर महागठबंधन छोड़ चुकी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बुलावे पर आज दिल्ली रवाना हो गए।
वीआईपी सूत्रों ने यहां बताया कि भाजपा की ओर से पार्टी अध्यक्ष श्री सहनी को पहले भी बुलावा आया था लेकिन महागठबंधन के एक अनुशासित घटक दल होने के नाते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। अब बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में फिर से भाजपा की ओर से बुलावा आने पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सहनी दिल्ली रवाना हो गए हैं।
जो महागठबंधन नहीं बचा पा रहे वह बिहार कैसे संभालेंगे : मुकेश सहनी
इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने से नाराज होकर महागठबंधन छोड़ चुकी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने आज राज्य की सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एवं प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए हुए कहा कि जो महागठबंधन नहीं बचा पा रहे वह राज्य को कैसे संभालेंगे।
श्री सहनी ने रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में राजद नेता श्री यादव की कथनी एवं करनी में अंतर को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि जब बात सीटों की हो चुकी थी तब उन्हें इसकी घोषणा करने में दिक्कत क्यों हुई जबकि दो दिन पहले उनके पास आई पार्टी (वामदल) की सीटों की घोषणा करने में उन्होंने देर नहीं की। उन्होंने श्री यादव की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो महागठबंधन को नहीं बचा पा रहे वह राज्य को कैसे संभालेंगे इसलिए, वह भविष्य में कभी भी उनके साथ राजनीति नहीं करेंगे। हालांकि वह उनके बड़े भाई तेजप्रताप के बारे में विचार कर सकते हैं।
वीआईपी अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सभी पदाधिकारियों के साथ विमर्श के बाद 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया है तथा प्रथम सूची की घोषणा 05 अक्टूबर को जारी कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि वीआईपी, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के विचारों से प्रभावित होकर महागठबंधन में शामिल हुई थी लेकिन अब राजद, लालू प्रसाद यादव की पार्टी नहीं रह गई है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तेजस्वी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में भी धोखा दिया था। दरभंगा सीट पर बात हुई थी लेकिन एक साजिश के तहत उन्हें खगड़िया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने पर मजबूर किया गया। विधानसभा उपचुनाव में भी उनके साथ छल किया गया।