जमुई (बिहार), 27 नवंबर । बिहार के जमुई जिले में एक मृत व्यक्ति ने अपनी ही मौत से पैदा हुयी “सहानुभूति” के कारण पंचायत चुनाव में जीत दर्ज की है। चुनाव बुधवार को हुए थे।
यह हास्यास्पद त्रासदी जिले में तब सामने आई जब अधिकारी 24 नवंबर को हुए चुनाव में विजय हासिल करने वाले उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र सौंप रहे थे।
इस दौरान, खैरा ब्लॉक के अंतर्गत दीपकरहर गांव में वार्ड संख्या दो पर जीत दर्ज करने वाले सोहन मुर्मू कहीं नहीं मिले। खैरा के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) राघवेंद्र त्रिपाठी ने कहा, “पूछताछ करने पर पता चला कि मतदान संपन्न होने से एक पखवाड़े पहले छह नवंबर को ही मुर्मू की मौत हो गई थी।”
दीपकरहर झारखंड की सीमा से लगते क्षेत्र में स्थित है जहां मुख्य रूप से आदिवासी लोग रहते हैं। बीडीओ ने कहा, “मुर्मू ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 28 मतों से पराजित किया। मुर्मू के परिजनों ने कहा कि मुर्मू बीमार थे और चुनाव जीतना उनकी अंतिम इच्छा थी, इसलिए वे चुप रहे। गांव के किसी व्यक्ति ने भी हमें इसकी जानकारी नहीं दी। ऐसा लगता है कि उन सभी ने मुर्मू की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें वोट दिया।”
मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के भोलेपन के कारण अधिकारियों का काम बढ़ गया है। त्रिपाठी ने कहा, “जीत का प्रमाण पत्र किसी को भी नहीं दिया जा सकता। हम राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इसकी जानकारी देंगे और अनुरोध करेंगे कि संबंधित वार्ड के चुनाव रद्द कर फिर से चुनाव कराया जाए।”