पटना, 21 मई । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने का दावा करते हुए आज कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक है और देश की जनता ने राजग को भरपूर समर्थन दिया है।
श्री कुमार ने यहां राजधानी पटना स्थित बिहार संग्रहालय की अस्थाई प्रदर्शनी दीर्घा में हिम्मत शाह की कलाकृतियों की लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केन्द्र में एक बार फिर श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनने जा रही है। दिल्ली में आज राजग की बैठक में सभी लोग एक-दूसरे से रायशुमारी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने एग्जित पोल के सवाल पर कहा कि एग्जिट पोल के चाहे जो भी नतीजे आएं लेकिन शुरू से ही पार्टी आशान्वित हैं कि केन्द्र में फिर से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनेगी।
श्री कुमार ने कहा, “ लोकसभा चुनाव के दौरान मेरे द्वारा 171 चुनावी सभाओं में लोगों का रिस्पांस अच्छा रहा, जनता मालिक है और उन्हें ही फैसला देना है। 23 मई को मतगणना होगी और उस दिन नतीजा सबके सामने आ जाएगा। चुनाव के दौरान कई तथ्यहीन बातें भी हुई जिसका कोई मतलब नहीं है। लोकतंत्र में जनता मालिक है।”
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मतदान नहीं कर पाने के सवाल पर कहा, “मतदान तो जरुर करना चाहिए और हम किसी पर व्यक्तिगत राय नहीं देते हैं। हम लगातार कहते रहे कि पहले मतदान फिर जलपान। हमने स्वयं सुबह में मतदान केंद्र पर जाकर पहले मतदान किया फिर जलपान किया। ”
इससे पूर्व श्री शाह पर बनायी गयी लघु चलचित्र तथा बिहार संग्रहालय पर बनायी गयी लघु चलचित्र ‘बिहार संग्रहालय: एक आश्चर्य लोक’ का प्रदर्शन किया गया। श्री कुमार ने संग्रहालय की इतिहास दीर्घा का भी अवलोकन किया।
नीतीश कुमार ने कहा कि धारा 370 के मामले पर उनका रुख बिल्कुल स्पष्ट है और इसमें कही किसी तरह का विरोधाभास नहीं है।
मुख्यमंत्री ने यहां कहा, “साल 1996 में जब पहली बार हमलोगों की पार्टी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन हुआ उस समय ही इन मसलों पर हमारा रुख स्पष्ट है। इस मुद्दे पर भाजपा का जो रुख है, वह एक दल के रूप में है क्योंकि एक पार्टी के रूप में सबके अपने-अपने विचार होते हैं लेकिन जब गठबंधन होता है तो काम शुरू होने के पहले घटक दलों से हर मुद्दे पर विमर्श होता है।’’
श्री कुमार ने कहा, “मैं तो पहले से ही कहता रहा हूं कि धारा 370 हटाने की बात नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही समान नागरिक संहित को थोपने की बात भी नहीं होनी चाहिए। अयोध्या मसले का समाधान आपसी सहमति या न्यायालय के आदेश से ही होना चाहिये।”
मुख्यमंत्री ने चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा एवं झड़प के सवाल पर कहा कि पश्चिम बंगाल की विचित्र स्थिति है। उन्होंने कहा कि चुनाव कही भी हो निष्पक्ष ढंग से होना चाहिए। हर नागरिक को वोट देने का अधिकार है, इसमें किसी भी प्रकार की जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए।
नीतीश कुमार ने राज्य में विधानसभा चुनाव शीघ्र कराये जाने की अटकलों के बीच आज स्पष्ट किया कि चुनाव नियत समय पर ही होंगे।
श्री कुमार ने यहां विधानसभा चुनाव को लेकर पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि विधानसभा का चुनाव अपने नियत समय पर ही होगा। वहीं, केन्द्र सरकार में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के शामिल होने पर श्री कुमार ने कहा कि केन्द्र में राजग की सरकार बनेगी तो उसमे घटक दल शामिल होंगे ही।
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “मतदान देकर जब मैं निकल रहा था तो पत्रकार बंधुओं के सवाल पर ही मैंने अपनी प्रतिक्रया दी थी। यह बात सही है कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा और विधान परिषद् में पारित हुआ था, इसलिये इसके लिये निरंतर प्रयास करने की जिम्मेवारी हमलोगों की ही है। इसके पक्ष में एक करोड़ लोगों ने हस्ताक्षर किये और उसे तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को सौंपा गया। चौदहवें वित्त आयोग की अनुशंसा को आधार बनाकर केंद्र द्वारा यह बात कही गयी कि विशेष राज्य के दर्जे की बात नहीं हो सकती। इसके लिए मैं पहले से ही प्रतिबद्धत हूं।”
श्री कुमार ने कहा, “पन्द्रहवें वित्त आयोग के सामने हमलोगों ने पूरी मजबूती और तर्कसंगत तरीके से अपनी बात रखी। अभी पन्द्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष मतदान देने यहां आये थे, व्यक्तिगत संबंध के तौर पर उस दिन भी उन्हें यह बात याद दिलाई है। हमलोगों की राय स्पष्ट है कि बिहार जैसे राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, इसके लिए 2006 से निरंतर हमलोग अपनी बात उठाते रहे हैं और आगे भी प्रयास करते रहेंगे।”
जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की संभावनाओं को सिरे से खारिज करते हुए आज कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी की कहीं कोई गुंजाइश नहीं है।
श्री कुमार ने कहा कि ईवीएम एक तकनीक है और देश में इसके आने के बाद से चुनाव में पारदर्शिता आयी है। इस पर चुनाव आयोग ने भी कई बार जवाब दे दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं तो ईवीएम का हिमायती हूं और जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार नहीं थी तभी ईवीएम आया था। जब विपक्ष हारने लगता है तो कई प्रकार की मनगढ़ंत बातें करता है और ईवीएम पर भी सवाल उठाने लगता है।”
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