पटना, 27 नवंबर । बिहार विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के आरोपों और कटाक्षों पर अपने स्वभाव के विपरीत बिफर पड़े।
कुमार को चार कार्यकाल के दौरान पद पर रहते हुए संयत बरतने और धीर-गंभीर स्वभाव का माना जाता है लेकिन शुक्रवार को वह खड़े होकर सदन में चिल्लाए कि ‘झूठ बोल रहे हैं यह।’
राजद के 31 वर्षीय नेता ने अपने करीब एक घंटे के भाषण में कुमार पर कई निजी हमले किए और आरोप लगाए लेकिन मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं बोला। जद (यू) के नेता और संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी जब बयान दे रहे थे तब तेजस्वी ने बीच में टोका जिस पर मुख्यमंत्री बिफर पड़े।
यादव ने अपने भाषण में हत्या के एक मामले का जिक्र किया जिसमें कुमार के आरोपी होने की बात कही , साथ ही उन्होंने कुमार पर जेएनयू के एक छात्र द्वारा साहित्यिक चोरी के आरोप का जिक्र किया जिसे पटना के एक थिंक टैंक ने प्रकाशित किया और मुख्यमंत्री ने उसे प्रस्तावित किया। इसके अलावा सृजन घोटाले में भी उनपर आरोप का जिक्र किया जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। चौधरी ने इन सभी आरोपों से इंकार किया।
यादव अपनी सीट पर खड़े हुए और कहा ,‘‘ यह गंभीर मामला है जिसे मैंने तथ्यों के आधार पर उठाया है। क्या यह सच नहीं है कि मुख्यमंत्री को हत्या के एक मामले में जुर्माना भरना पड़ा था।’’
युवा नेता की बात पर मुख्यमंत्री खड़े हुए और तेज़ आवाज़ में बोले कि वह (तेजस्वी) झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘मैं आसन को चुनौती देता हूं कि बयान की सत्यता की जांच की जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए। मैं चुपचाप इसलिए सुन रहा हूं कि वह मेरे दोस्त के बेटे हैं जिन्हें मैं अपना भाई मानता हूं।’’
कुमार ने गुस्से में कहा ,‘‘क्या उन्हें पता है कि उनके पिता (लालू प्रसाद) किस तरह से मुख्यमंत्री बने? क्या वह भूल गए कि उन्हें उपमुख्यमंत्री किसने बनाया? मैंने उनसे रास्ता इसलिए अलग कर लिया कि चीजों का जवाब देने की मेरी सलाह को वह नहीं मानते थे।’’
कुमार ने सदन में हंगामे के बीच कहा ,‘‘जब मैं उनसे (यादव) चीजों को स्पष्ट करने के लिए कहता था तो वह नहीं करते थे क्योंकि वह नहीं कर सकते थे। अब उनके खिलाफ आरोपपत्र भी दायर हो गया है। आप (यादव) क्या बकवास कर रहे हैं? क्या मैं आपको नहीं जानता हूं?’’
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने 30 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दी।
बाद में सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कुमार ने सरकार की ओर से राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब दिया ।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी आकांक्षाएं पूरी करने का हक है लेकिन मार्यादा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
तेजस्वी ने नीतीश के खिलाफ की निजी टिप्पणी, जमकर हुआ हंगामा
इससे पहले सत्रहवीं बिहार विधानसभा के पहले सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की निजी टिप्पणी के कारण सदन में जमकर हंगामा हुआ ।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक और पूर्व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया और उसका अनुमोदन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राणा रणधीर सिंह ने किया । दोनों नेताओं के वक्तव्यों के बाद जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बोलने का मौका मिला तब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एक के बाद एक कई निजी हमले किए । वहीं, गंभीरता से बातों को सुन रहे मुख्यमंत्री को नेता प्रतिपक्ष की भाषा पर हंसी भी आई ।
दूसरी ओर जदयू और भाजपा के सदस्यों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई । इसको लेकर पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई । इस पर सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नेता प्रतिपक्ष से संयमित भाषा का इस्तेमाल करने और निजी बातों की बजाए विकास की बातों पर चर्चा करने का आग्रह किया लेकिन श्री यादव नहीं माने और लगातार निजी हमला करते रहे। सत्ता पक्ष की ओर से हो रही टोका-टोकी से नाराज श्री यादव ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “आप ऐसा करेंगे तो हम सदन चलने देंगे क्या, किसी को भी बोलने का मौका नहीं देंगे ।”
सभा अध्यक्ष श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई निजी टिप्पणियों और असंसदीय शब्दों को कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया । इसके बाद ही सत्ता पक्ष के सदस्य शांत हुए और फिर उसके बाद नेता प्रतिपक्ष का भाषण शुरू हुआ । भोजनावकाश का समय हो जाने के कारण सभा की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित करते हुए सभाध्यक्ष ने कहा कि जब सभा की कार्यवाही फिर से शुरू होगी तब नेता प्रतिपक्ष अपना भाषण जारी रखेंगे ।
इससे पूर्व सुबह 11 बजे सभा की कार्यवाही शुरू होते ही राजद, कांग्रेस, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सदस्य कृषि बिल वापस लेने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गए। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष के आग्रह पर विपक्ष के सदस्य कुछ देर के बाद ही अपनी-अपनी सीटों पर लौट गए ।