नयी दिल्ली, 22 फरवरी । भारतीय क्रिकेट का काम देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप मुकाबले पर कोई भी फैसला नहीं लेने का निर्णय किया लेकिन कहा कि वह आईसीसी और अन्य सदस्यों से आग्रह करेगा कि ऐसे देश के साथ संबंध तोड़ दिये जायें जो आतंकवाद का गढ़ है।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद ओल्ड ट्रैफर्ड में पाकिस्तान के खिलाफ 16 जून को होने वाले विश्व कप मुकाबले का बहिष्कार करने की मांग की जा रही है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे।
मैच के संबंध में बढ़ती अटकलबाजियों को खत्म करने के लिये हुई बैठक में सीओए ने इस मामले पर बातचीत की लेकिन अभी कोई फैसला नहीं किया है।
सीओए प्रमुख विनोद राय ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘सोलह जून तक की तारीख अभी बहुत दूर है। हम बाद में इस पर सरकार की सलाह के बाद फैसला करेंगे। ’’
यह पूछने पर कि इस मुद्दे पर खिलाड़ियों से सलाह ली गयी है तो राय ने नहीं में जवाब दिया।
राय ने कहा, ‘‘आईसीसी को ईमेल में हमने इस आंतकी हमले के बारे में अपनी चिंतायें व्यक्त कर दी हैं। हम उन्हें खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों की सुरक्षा के बारे में बतायेंगे कि इसकी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। ’’
उन्होंने संकेत दिया कि इस मामले को दुबई में होने वाली बोर्ड की तिमाही बैठक में उठाया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा, हमें ऐसे देश से संबंध तोड़ देने चाहिए जहां से आतंकवाद पैदा होता है। हम उचित मंच पर अपनी चिंता जतायेंगे। ’’
आईसीसी की बैठक 26 फरवरी से दो मार्च तक आयोजित होगी।
विश्व संस्था को भेजा गया ईमेल पीटीआई के पास है, इसमें बीसीसीआई ने कहा कि वह विश्व कप में जा रहे भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा के बारे में चिंतित है।
इस पत्र के अनुसार, ‘‘बीसीसीआई को आगामी आईसीसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों की सुरक्षा का डर है जिसमें क्रिकेट विश्व कप 2019 शामिल है। आईसीसी के ज्यादातर सदस्यों (जिसमें ब्रिटेन भी शामिल है) ने इस आंतकवादी हमले की निंदा की है और भारत के प्रति एकजुटता दिखायी है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई को भरोसा है कि आईसीसी और ईसीबी खिलाड़ियों, मैच अधिकारियों और भारतीय क्रिकेट के प्रशंसकों को आगामी विश्व कप में कड़ी सुरक्षा प्रदान करेगा। ’’
राय ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। हम सरकार से जो भी सलाह मशविरा करेंगे, वो बाद में करेंगे। कृपया इस बात को समझिये कि हमारे पास अभी तीन महीने का समय है। सरकार जो कुछ कहेगी, हम उसका पालन करेंगे। हम काल्पनिक परिस्थितियों पर टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि हम अभी फैसले पर नहीं पहुंचे हैं। ’’
यह पहले से निश्चत है कि सीओए इस संबंध में कोई फैसला नहीं करेगा क्योंकि आईसीसी नियमों के अनुसार पाकिस्तान को प्रतिबंधित नहीं कर सकता।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर हम विश्व कप से पाकिस्तान को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव पारित करने की कोशिश करें तो हम शक्ति परीक्षण में कभी भी जीत नहीं सकते। हमारे पास अभी आईसीसी में इतने मत नहीं हैं। बल्कि आईसीसी अध्यक्ष शंशाक मनोहर के पास अपनी व्यक्तिगत क्षमता में इस समय बीसीसीआई से ज्यादा मत हैं। ’’
यह भी दीगर है कि बीसीसीआई अधिकारी इसलिये भी चिंतित हैं कि इस कदम से वह 2021 चैम्पियंस ट्राफी और 2023 विश्व कप की मेजबानी अधिकार भी गंवा सकता है।
सीनियर आफ स्पिनर हरभजन सिंह, पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन और सौरव गांगुली जैसे भारतीय क्रिकेटरों ने इस मैच के बहिष्कार की मांग की थी।
वहीं महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर की राय इनसे अलग है जिन्होंने कहा कि भारत को मैच का बहिष्कार करके पाकिस्तान को अंक नहीं देने चाहिए। उन्होंने हालांकि द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध जारी नहीं रखने की नीति पर कायम रहने की वकालत की थी।
इसके अलावा सीओए ने एक अन्य फैसले में उत्तराखंड क्रिकेट में गुटों से एक साथ मिलकर महासंघ बनाने का आग्रह किया।
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