नयी दिल्ली, 11 अप्रैल । केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक एल्युमिनियम फॉइल निर्माण फर्म द्वारा 1400 करोड़ रुपये की कर्ज अदायगी में कथित चूक से संबंधित मामले में मुंबई में छह स्थानों पर छापे मारे।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने 2004 से 2012 के बीच इंडियन ओवरसीज बैंक, मुंबई के नेतृत्व में नौ बैंकों से लिये गये कर्ज में कथित रूप से चूक पर पारिख एल्युमिनेक्स के खिलाफ नौ अलग अलग मामले दर्ज किये हैं।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों और फर्जी बैलेंस शीट के आधार पर यह कोष हासिल किया।
उन्होंने कहा कि ऋण को डूबा हुआ कर्ज (एनपीए) घोषित किया गया जिससे परिसंघ को 1446 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने ऋण कोष के एक बड़े हिस्से को मुखौटा कंपनियों के माध्यम से अन्य कंपनियों को भेजा और मुंबई के कमलेश कानूनगो समूह, कीर्ति केडिया समूह और जे के शाह समूह को भुगतान दिखाया गया।
यह भी आरोप है कि कमलेश कानूनगो समूह को मशीनरी और कच्चा माल के लिए झूठे भुगतान के रूप में 468 करोड़ रुपये, निर्माण कार्य के लिए कीर्ति केडिया समूह को 513 करोड़ रुपये जबकि वित्तीय ब्रोकरेज के लिए जे के शाह समूह को 110 करोड़ रुपये दिये गये।
अधिकारियों ने कहा कि कंपनी के खिलाफ 2017 में दर्ज पहले मामले के आधार पर, इन तीनों कंपनियों के कार्यालयों और उनके प्रमोटरों के आवासों पर छापे मारे गये। ये छापेमारी इस सप्ताह की शुरुआत में प्रारंभ हुई थी और यह बुधवार रात को खत्म हुई।
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