ढाका, 31 दिसंबर । बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाले गठबंधन ने रविवार को हुए आम चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया है। हालांकि विपक्ष ने चुनाव को ‘‘ढोंग’’ बताते हुए खारिज किया जिसमें 18 व्यक्तियों की मौत हो गई और 200 से अधिक अन्य घायल हो गए।
चुनाव आयोग के सचिव हेलालुद्दीन अहमद ने बताया कि सत्ताधारी अवामी लीग नीत महागठबंधन ने 300 सदस्यीय संसद में 288 सीटें जीती हैं।
उन्होंने बताया कि विपक्षी नेशनल यूनिटी फ्रंट (यूएनएफ) को सात सीटें मिली हैं जबकि अन्य को तीन सीटें मिली हैं।
अहमद ने बताया कि एक संसदीय क्षेत्र में मतदान स्थगित कर दिया गया जबकि एक अन्य सीट का परिणाम एक उम्मीदवार की मौत के चलते घोषित नहीं किया गया।
विपक्षी नेशनल यूनिटी फ्रंट ने चुनाव आयोग से चुनाव को तत्काल रद्द करने और ‘निष्पक्ष अंतरिम सरकार’ के तहत नये सिरे से चुनाव कराने की मांग की।
बीडीन्यूज24 डॉट कॉम की खबर के अनुसार, मोर्चा के प्रमुख और वरिष्ठ वकील कमाल हुसैन ने बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़े का हवाला देते हुए चुनाव को ‘ढोंग’ बताया।
हुसैन ने कहा, ‘‘हमारे पास सूचना है कि लगभग सभी सेंटरों पर धोखाधड़ी हुई है। (आपको चुनाव आयोग) यह चुनाव तत्काल रद्द करना चाहिए। हम तथाकथित परिणामों को खारिज करते हैं और एक निष्पक्ष सरकार के तहत नये चुनाव की मांग करते हैं।’’
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) महासचिव मिर्जा फखरूल इस्लाम आलमगीर ने चुनावों को ‘क्रूर मजाक’ बताया। वह पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अनुपस्थिति में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव से साबित हुआ है कि किसी दल की सरकार के तहत मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव से साबित हुआ है कि पांच वर्ष पहले चुनाव से दूर रहने का बीएनपी का निर्णय गलत नहीं था।
नेशनल यूनिटी फ्रंट (एनयूएफ) में विपक्षी दल जैसे बीएनपी, गोनो फोरम, जातीय समाजतांत्रिक दल-जेएसडी, नागरिक ओइक्या फ्रंट और कृषक श्रमिक जनता लीग घटक शामिल हैं।
11वें आम चुनाव में प्रचंड जीत के बाद हसीना का लगातार तीसरी बार और कुल मिलाकर चौथी बार प्रधानमंत्री बनना तय है।
सत्ताधारी गठबंधन का इस चुनाव में प्रदर्शन 2008 से अच्छा है जब उसे 263 सीटें मिली थीं।
12 वर्षों से सत्ता से बाहर रहने वाली बीएनपी ने 2014 में 10वें आम चुनाव का बहिष्कार किया था। बीएनपी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है।
चुनाव आयोग के सचिव अहमद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बांग्लादेश के इतिहास में बड़ी घटना है क्योंकि 11वें संसदीय चुनाव एक राजनीतिक सरकार के तहत बहुत ही निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘अवामी लीग को मेरी शुभकामनाएं हैं।’’
इन नतीजों के बाद जहां शेख हसीना चौथी बार देश की प्रधानमंत्री बनेंगी वहीं उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी करार दिये जाने के बाद ढाका जेल में अनिश्चित भविष्य का सामना कर रही हैं। वह कथित तौर पर आंशिक रूप से लकवाग्रस्त भी हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि उसे हिंसा की खबरों के बीच पूरे देश से उम्मीदवारों से 100 से अधिक शिकायतें मिली हैं।
‘डेली स्टार’ की खबर के अनुसार चुनाव संबंधी हिंसा में एक सुरक्षाकर्मी सहित कम से कम 18 व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि 200 अन्य घायल हो गए।
पूरे बांग्लादेश में रविवार को सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक 300 संसदीय सीटों में से 299 के लिए वोट डाले गए।
चुनाव आयोग ने दक्षिण पश्चिम गोपालगंज सीट के पूर्ण नतीजे की पुष्टि की। वहां पर शेख हसीना ने दो लाख 29 हजार 539 मत हासिल करके जीत दर्ज की जबकि विपक्षी बीएनपी के उम्मीदवार को मात्र 123 वोट मिले।
चुनाव के लिए पूरे देश में हजारों सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों सहित 600,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी जिसमें 10.41 करोड़ लोग मतदान करने के लिए पात्र थे।
attacknews.in