बदायूं ,08 जनवरी । उत्तर प्रदेश की बदायूं जिला पुलिस ने आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी 50 हजार रुपये के इनामी महंत को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस अधीक्षक ( देहात) सिद्धार्थ वर्मा ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में फरार मुख्य आरोपी महंत सत्य नारायण को बृहस्पतिवार देर रात उघैती क्षेत्र के मवेली गांव में उसके एक अनुयायी के घर से गिरफ्तार किया गया ।
बदायूं के तत्कालीन थाना प्रभारी एवं हल्का इंचार्ज के खिलाफ धारा 166A के तहत मुकदमा
बदायूं के उघैती क्षेत्र के एक गांव में मंदिर गई एक महिला के साथ हैवानियत के बाद हत्या किए जाने के मामले में उघैती थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी एवं हलका इंचार्ज पर लापरवाही बरतने और अधिकारियों को घटना की सूचना देने में देरी करने के अपराध में धारा 166A के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया है ।
बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने आज कहा कि उघैती थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह एवं हलका इंचार्ज अमरजीत सिंह ने घटना के 17 घंटे बाद अधिकारियों को अवगत कराया।
प्रशासनिक प्रणाली और बदजुबानी को माफ नहीं करेंगी महिलायें: प्रियंका
उत्तर प्रदेश के बदायूं में बलात्कार के बाद हत्या की घटना को लेकर महिला आयोग की एक सदस्य के बयान की भर्त्सना करते हुये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि महिलायें इस प्रशासनिक प्रणाली और बदजुबानी को माफ नहीं करेंगी।
श्रीमती वाड्रा ने शुक्रवार को अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट किया “ क्या इस व्यवहार से हम महिला सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगे। महिला आयोग की सदस्य बलात्कार के लिए पीड़िता को दोषी ठहरा रही हैं। बदायूं प्रशासन को ये चिंता है कि इस केस का सच सामने लाने वाली पीड़िता की पोस्टमार्टम लीक कैसे हुई।”
उन्होने चेतावनी भरे लहजे में कहा “याद रखिए कि इस समय एक और भयावह बलात्कार के मामले में मुरादाबाद की पीड़िता मौत से जंग लड़ रही है। महिलाएं इस प्रशासनिक प्रणाली को व इस बदजुबानी को माफ नहीं करेंगी। ”
महिला आयोग सदस्या ने दिया था यह बयान:
गौरतलब है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने गुरुवार को बदायूं में पीड़ित परिवार के घर का दौरा किया था और पुलिस अधिकारियों से जानकारी हासिल की थी। बाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होने कहा था कि यदि शाम के समय महिला मंदिर जाते समय परिवार के किसी सदस्य को साथ ले जाती तो इस जघन्य वारदात को टाला जा सकता था। हालांकि उन्होने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिये। उन्होंने कहा थाा कि मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुयी है। अगर पुलिस सक्रिय होती तो यह घटना नहीं हो सकती थी।
होगी SIT से जांच:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार शाम हुयी इस घटना की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दिये हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी समेत सभी तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में संबधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष को निलंबित किया गया है।