बेंगलुरु, 26 जुलाई । कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के नेता बी एस येद्दियुरप्पा (76) राज्य की राजनीति में काफी सक्रिय हैं और इसी का परिणाम है कि वह चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने हालांकि अभी तक एक बार भी अपने मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं किया है और तीनों बार उन्हें किसी ना किसी वजह से पद छोड़ना पड़ा।
श्री येद्दियुरप्पा का जन्म 27 फरवरी 1943 में कर्नाटक राज्य में सिद्दलिंगप्पा और पुट्टतायम्मा के घर में हुआ था। जब वह महज चार साल के थे तभी इनकी माता का स्वर्गवास हो गया था। इनकी पत्नी का नाम मित्रदेवी है जिनसे वर्ष 1967 में उन्होंने विवाह किया और इस विवाह से इन्हें दो बच्चे हैं।
श्री येद्दियुरप्पा ने कर्नाटक में ही अपनी पढ़ाई पूरी की और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के छात्र रहे थे।
काफी कम लोगों को पता है कि श्री येद्दियुरप्पा राजनेता बनने से पहले एक क्लर्क थे और इन्होंने समाज कल्याण विभाग और वीरभद्र शास्त्री की शंकर चावल मिल में क्लर्क के तौर पर अपनी सेवाएं दी थी। वहीं मिल की मालिक की बेटी यानी मित्रदेवी से इन्होंने विवाह किया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद ये राजनीति में आए और संघ ने इन्हें शिकारीपुर इकाई का सचिव बनाया। संघ का सचिव बनने के कुछ सालों बाद वर्ष 1975 में इन्हें शिकारीपुरा की नगर पालिका का अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 1983 में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा।
वर्ष 1983 में इन्होंने भाजपा की ओर से शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा का चुना लड़ा और ये इस सीट से छह बार जीत चुके हैं। साथ में ही श्री येद्दियुरप्पा विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका कई बार निभा चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले भी वह विपक्ष के नेता रहे थे।
काफी सालों तक कर्नाटक की राजनीति में रहने के बाद पहली बार वर्ष 2007 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि मात्र सात दिनों में सरकार गिर गई।
वर्ष 2008 में एक बार फिर से वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री चुने गए. लेकिन कानूनी रूप से बैंगलोर और शिमोगा में भूमि सौदों से मुनाफा के विवादों में घिरने के कारण इन्हें वर्ष 2011 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
वर्ष 2018 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने लेकिन बहुमत साबित नहीं करने के चलते पद फिर छोड़ना पड़ा और वह इस बार केवल दो दिनों तक ही इस पद पर रहे थे।
श्री येद्दियुरप्पा का कर्नाटक राज्य की राजनीति में काफी अहम रोल है और राज्य में भाजपा को मजबूत करने अहम भूमिका है। पिछले साल राज्य विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने येद्दियुरप्पा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और 105 सीट हासिल कर बहुमत से मामूली दूर रह गई। इसके बाद कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) की एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई में गठबंधन सरकार बनी । सत्ता हाथ से निकल जाने के बाद श्री येद्दियुरप्पा शांत नहीं रहे और कई बार ‘ऑपरेशन लोटस’ जैसे कई अभियान भी चलाये। गठबंधन सरकार के 14 माह भी पूरे नहीं हुए कि कई दोनों दलों के कई विधायक बागी हो गए और इस्तीफा दे दिया । कई दिन तक चले नाटक के अंत में जब सरकार में शामिल दोनों दलों के 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार विधान सभा में अल्पमत में आ गयी और कुमारस्वामी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा ।
दो सौ चौबीस सदस्यीय विधानसभा में 105 विधायकों के साथ श्री येद्दियुरप्पा सदन में अपना बहुमत साबित करने को लेकर आशान्वित हैं। इसबीच विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा देने वाले तीन विधायकों को अयोग्य करार देकर श्री येद्दियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
आज दिनभर चलें घटनाक्रम में कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई आर वाला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बी एस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता देते हुए उन्हें एक सप्ताह के भीतर विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने को कहा।
श्री येदियुरप्पा ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार 23 जुलाई को सदन में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाई थी और मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था।
श्री वाला ने भाजपा नेता को सरकार बनाने का न्यौता दिया। श्री येदियुरप्पा ने आज शाम राजभवन के ग्लास हाउस में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल ने श्री येदियुरप्पा से 31 जुलाई से पहले विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने को कहा है।
विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के तीन विधायकों को दल बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किए जाने के बाद 225 सदस्यीय सदन में सदस्यों की संख्या 222 रह गई है। इनमें एक विधायक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और एक मनोनीत है जिसे वोट देने का अधिकार है।
भाजपा को सदन में उसके 105 और एक निर्दलीय विधायक के साथ वर्तमान में 106 विधायक का समर्थन है। कांग्रेस और जेडीएस के सदस्यों की संख्या क्रमश 64 और 34 है। इसमें बागी विधायक भी शामिल हैं।
श्री येदियुरप्पा के सदन में बहुमत सिद्ध कर देने की उम्मीद है।
इस तरह 76 वर्षीय बुकंकरे सिद्दालिंगप्पा येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
नड्डा ने कहा- भाजपा स्थिर सरकार देगी-
नईदिल्ली से खबर है कि कांग्रेस..जद(एस) सरकार को गिराने के लिये ‘‘दल बदल को बढ़ावा देने’’ के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि वहां सरकार आंतरिक कारणों से गिरी और भाजपा राज्य में स्थिर सरकार देगी ।
नड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ वह सरकार :कांग्रेस..जद(एस): आंतरिक कारणों से, अपने भार से गिर गई । भाजपा स्थिरता का पर्याय है और हम जहां भी जाते हैं, स्थिरता लाते हैं । ’’ भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के दूसरे कार्यकाल के 50 दिन पूरे होने के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे ।
भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा की उम्र 75 वर्ष से अधिक होने से संबंधित सवालों के जवाब को हालांकि वह :नड्डा: टाल गए ।
उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि येदियुरप्पा राज्य में भाजपा विधायक दल के नेता हैं और यह स्वाभाविक है कि वह मुख्यमंत्री पद के लिये पार्टी की पसंद बने ।
उन्होंने कहा कि आप देखें कि वह नेता है, वह विधायक दल के निर्वाचित नेता हैं और इसी के अनुरूप वह शपथ ले रहे हैं ।
उन्होंने कहा ‘‘ विपक्ष के नेता के तौर पर वह ठीक हैं लेकिन जब वह शपथ लेने जाते हैं तब उनकी उम्र की बात की जाती है…ऐसे नहीं चलता । ’’ attacknews.in