नयी दिल्ली, 05 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज संसद में अयोध्या स्थित श्री रामजन्म स्थली पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट के गठन और विवादित स्थल पर केन्द्र द्वारा अधिगृहीत 67.703 एकड़ भूमि ट्रस्ट को हस्तांतरित करने की घोषणा की।
श्री मोदी ने लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही प्रश्नकाल से पहले एक संक्षिप्त वक्तव्य में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह भी फैसला हुआ है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी उसके हिस्से की ज़मीन आवंटित की जाएगी। राज्य सरकार को इस संबंध में अनुरोध भेज दिया गया है और उसने इसका पालन करने की सहमति भी व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए और इससे संबंधित अन्य विषयों के लिए एक वृहद योजना तैयार की है। उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का गठन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। यह भी फैसला हुआ है कि अयोध्या कानून के तहत अधिगृहीत 67.703 एकड़ भूमि जिसमें बाहरी एवं भीतरी आंगन शामिल हैं, नवगठित ट्रस्ट को हस्तांतरित किया जाये।”
उन्होंने कहा, “ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुस्तान में हर पंथ के लोग एक बृहद परिवार के सदस्य हैं। इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वो सुखी, स्वस्थ रहे, समृद्ध रहे, देश का विकास हो, इसी भावना के साथ मेरी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सिद्धांत पर चल रही है।
उन्होंने कहा, “नौ नवंबर को राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद सभी देशवासियों ने अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर विश्वास जताते हुए बहुत परिपक्वता का उदाहरण दिया था। मैं आज सदन में देशवासियों के परिपक्व व्यवहार की प्रशंसा करता हूं।”
श्री मोदी ने कहा, “हमारी संस्कृति, परंपराएं, हमें वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः का दर्शन देती हैं और इसी भावना के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं। इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी सदस्य मिलकर अयोध्या में श्रीराम धाम के जीर्णोद्धार के लिए, भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए, एक स्वर में अपना समर्थन दें।”
इस घोषणा के बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने कई बार मेजें थपथपा कर एवं हर्षध्वनि से इसका स्वागत किया जबकि विपक्ष के खेमे में खामोशी छायी रही।
‘न्यास’ की घोषणा का दिल्ली चुनाव से कोई लेनादेना नहीं : जावड़ेकर
सूचना एवं प्रसारण मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि ‘श्री राम जन्म भूमि कीर्तन क्षेत्र न्यास’ की घोषणा की ‘टाइमिंग’ का दिल्ली चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है तथा इससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है।
श्री जावड़ेकर ने यहाँ केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देने के क्रम में संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा “श्री राम जन्म भूमि कीर्तन क्षेत्र न्यास के गठन का फैसला अयोध्या के लिए है और चुनाव यहाँ दिल्ली में हो रहे हैं। इस फैसले का दिल्ली के चुनाव से कोई संबंध नहीं है।”
यह पूछे जाने पर कि उच्चतम न्यायालय द्वारा न्यास के गठन के लिए दिया गया तीन महीने का समय 09 फरवरी को समाप्त हो रहा था और दिल्ली में मतदान 08 फरवरी को होना है और ऐसे में सरकार आचार संहिता हटने का इंतजार कर 09 फरवरी को इसकी घोषणा कर सकती थी, श्री जावड़ेकर ने कहा “चुनाव सिर्फ दिल्ली में हो रहे हैं पूरे देश में नहीं।”
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य फैसलों के साथ श्री राम जन्म भूमि कीर्तन क्षेत्र न्यास के गठन को भी मंजूरी दी गयी। इसके साथ ही 67.703 एकड़ अधिगृहित भूमि भी न्यास को हस्तांतरित करने पर भी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी।
श्री जावड़ेकर ने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मस्जिद निर्माण के लिए निर्देशित पाँच एकड़ भूमि अयोध्या में ही दी जायेगी।