ज्योतिषाचार्य आशीष ममगई की भविष्यवाणी: भाजपा मध्यप्रदेश में 105 से 115 सीटें जीतकर सत्ता के करीब रहेगी attacknews.in

मध्यप्रदेश में भाजपा की लगभग 50 से 60 सीटों के डाउनफाल के साथ भाजपा सरकार बनाने के करीब रहेगी

ज्योतिषाचार्य आशीष ममगाईं भोपाल

पहले वक्री शनि, फिर वक्री गुरू और ऐन चुनाव के समय गुरू के अस्त होने से हो सकता है उपरोक्त असर

ज्योतिषीय भाषा में अगर समझें, तो मध्यप्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव बहुत दिलचस्प होने जा रहा है। एक ओर जहां वर्तमान सरकार पर वक्रि शनि का खासा प्रभाव रहा। जैसे-तैसे वक्रि शनि के गौचर से मुक्ति मिली, तो वक्रि गुरू का गौचर आन पडा, वक्रि गुरू से पैदा हुए हालात सुधरे, तो अब ऐन चुनाव के टाईम पर गुरू अस्त हो चले हैं। उल्लेखनीय है कि अपने इस फलादेशरूपी लेख में हम ब्रह्यांड के दो बेहद प्रभावशाली ग्रहों क्रमशः गुरू एवं शनि की चर्चा कर रहे हैं। दोनों ही ग्रह राजनीति को सीधे तौर पर प्रभावित करने की खासी क्षमता रखते हैं। अतः गत वर्ष तथा वर्तमान वर्ष एवं समय में ग्रहों के द्वारा लगातार बनी अलग-अलग स्थितियों के चलते मध्यप्रदेश में भाजपा को 105 से 115 सीटें तक प्राप्त हो सकती हैं। उल्लेखनीय है कि गत चुनावों में मध्यप्रदेश में भाजपा को 230 में से 165 सीटें प्राप्त हुई थीं।

फलेशबेक

ग्रहों के दिलचस्प खेल को समझने के लिए आपको फलेशबेक में ले चलते हैं। बात ज्यादा पुरानी नहीं, बल्कि गत वर्ष की ही है। जब 2017 के मध्य शनि वक्रि हुए थे और उनके शत्रु मंगल का उनसे दृष्टि संबंध बन रहा था। ज्योतिष में यह दोनों तथ्य काफी होते हैं तिल का ताड बनाने में। और दरअसल हुआ भी कुछ यूं ही। जब अपनी मांगों को लेकर पहले महाराष्ट् फिर मध्यप्रदेश में किसान सरकार के खिलाफ लामबद्ध हुए। उपरोक्त योग ने आंदोलन को बडा रूप दे दिया। आंदोलनकारियों ने कई लीटर दूध एवं सब्जि-फल सडकों को फेंक दिए, कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया, तब किसानों को नियंत्रित करने के लिए मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को लाठी, आंसूगैस तथा गोली चालान तक का निर्णय लेना पडा था। बदले में कई किसान घायल हुए, कुछेक की मौतें भी हो गई थीं। गतवर्ष का यह प्रकरण इस चुनाव में किसानवर्ग का वोट कम कर सकता है।

मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की चंद्रराशि कुंभ बनती है। कुंभलग्न के लिए शनि लग्न सहित द्वादश भाव के स्वामी कहलाए। फलित ज्योतिष में द्वादश भाव हानी एवं व्यय को दर्शाता है। तो इस हिसाब से उपरोक्त वक्रि शनि के गौचर का संबंध चैहान साहब के कर्मक्षेत्र से जुड गया था। अतः भाजपा सरकार ने किसानों को नियंत्रित करने के लिए कठोर निर्णय लेने पडे थे। ज्योतिष में कृषि अथवा किसान का सीधा संबंध शनिग्रह से होता है और उल्लेखनीय है कि उपरोक्त अवधि में सरकार की चिंता का कारण भी उपरोक्त वर्ग बना।

यह तो बात हुई वक्रि शनि के परिणाम की। अब बात करते हैं गुरू के वक्रि होने के परिणामों की। वर्ष 2018 के प्रारंभिक माह मार्च से गुरू तुला राशि में वक्रतत्व को प्राप्त हुए थे। शिवराजजी की कुंभराशि पर वक्रि हुए गुरू का प्रभाव अष्टमभाव के निकट भाग्यभाव पर पड रहा था। गुरूग्रह ब्राह्नाण जाति एवं जातक की वाणी के कारक ग्रह माने जाते हैं। इस ग्रह के उपरोक्त भाव एवं राशि में वक्रि होने का ही असर था कि शिवराजजी जैसे मधुरभाषी एवं अपनी वाणी से सभी वर्गों को साधने का हुनर रखने वाले मुख्यमंत्री, ऐसे शब्द कह गए कि ब्राह्नाण वर्ग उनसे खासे नाराज हो गए। तात्कालिक आधार पर सपाक्स पार्टी की नींव भी लगभग इस प्रकरण से और मजबूत हुई। तात्कालिक अस्त गुरू फिर से ऐसे संकेत दे रहा है कि ब्राह्नाण वर्ग का साथ भाजपा को कम मिल सकता हैै।

उपरोक्त बातें तो हुई शिवराज बतौर मुख्यमंत्री के निर्णय, वाणी पर ग्रहों के प्रभाव की। लेकिन जब बात भाजपा पार्टी की आती है, तो केन्द्र की भाजपा सरकार के निर्णयों का प्रभाव इस चुनाव में मध्यप्रदेश में अवश्य ही होगा। देखने वाली बात यह होगी कि जीएसटी, नोटबंधी जैसे राष्ट्हितैशी मजबूत निर्णय को प्रदेश की जनता किस हद तक समझ पाईं। निश्चित रूप से इन दो मुददों का असर भी मध्यप्रदेश के चुनाव पर पडेगा।

तात्कालिक सूर्यादि ग्रहों के कारण मिलेंगे पक्ष के वोट-
शिवराजजी के लिए अच्छी खबर यह है कि उनके लिए ग्रहों का तात्कालिक गौचर खूब सपोर्ट करता दिख रहा है। विशेष रूप से दशमभाव में सूर्यबुधादि योग, साथ में गुरू की युति इन्हें सरकारी बाबू, बुद्धिजीवी, पत्रकार एवं खासकर बुजर्गों का बढत मत दिलाएगी। हालांकि एक अन्य स्टडी के अनुसार, तात्कालिक गुरू के अस्त होने के कारण बुद्धिजीवी एवं बुजुर्ग अपना निर्णय अंतिम समय में बदल भी सकते हैं। भाग्यभाव में तुला का शुक्र इन्हें महिलाओं का सर्वाद्धिक बोट दिलवाकर भाग्य संवारने में मदद करती दिख रही है। हालांकि षष्टम में प्रतिस्पर्धियों से विजयश्री दिलाने वाला राहू का योग भी बना हुआ है।

नोटा का प्रतिशत बढेगा-

एक अन्य ज्योतिषीय आकलन के अनुसार गत चुनाव की अपेक्षा नोटा का प्रतिशत बढता हुआ दिखाई दे रहा है।

दशमस्थ गुरू दे सकते हैं केन्द्र का पद-

एक ज्योतिषीय संभवना के तहत, शिवराजजी के लिए अगले एक वर्ष में केन्द्र में बडा पद अथवा अतिरिक्त जिम्मेदारी मिलने का योग भी दिखाई दे रहा है।

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