जकार्ता 28 अगस्त । भारत के मंजीत सिंह और जिनसन जॉनसन ने 18वें एशियाई खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता की पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में कमाल का प्रदर्शन करते हुए देश को स्वर्ण और रजत पदक दिला दिए जबकि 4 गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम ने रजत पदक जीत लिया। 100 मीटर की रजत विजेता दुती चंद ने 200 मीटर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया लेकिन 400 मीटर की रजत विजेता हिमा दास फाल्स स्टार्ट के कारण अयोग्य घोषित की गयीं।
मिश्रित रिले टीम के रजत पदक के साथ भारत के एशियाई खेलों में 50 पदक पूरे हो गए। भारत ने पिछले एशियाई खेलों में कुल 57 पदक जीते थे। भारत के अब 9 स्वर्ण, 19 रजत और 22 कांस्य पदक हो गए हैं अौर वह पदक तालिका में 8वें स्थान पर है।
800 मीटर दौड़ में मंजीत ने आखिरी 25 मीटर में गजब का फर्राटा लगाया और चार एथलीटों को पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया। जॉनसन ने भी अंतिम मीटर में तेजी दिखाई और फोटो फिनिश में रजत पदक ले उड़े। 28 वर्षीय मंजीत का यह पहला एशियाई खेल स्वर्ण पदक है। केरल के जॉनसन ने भी अपना पहला एशियाई खेल पदक हासिल किया। जॉनसन इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में पांचवें स्थान पर रहे थे।
हरियाणा के मंजीत ने एक मिनट 46.15 सेकेंड का समय लिया जबकि जॉनसन ने एक मिनट 46.35 सेकेंड का समय लिया। बहरीन के अबुबकर अब्दल्ला एक मिनट 46.38 सेकेंड का समय लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
दिन की आखिरी स्पर्धा 4 गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम ने तीन मिनट 15.71 सेकेंड का समय लेकर रजत अपने नाम किया। भारतीय चौकड़ी में मोहम्मद अनस, अरोकिया राजीव, हिमा दास आैर एम आर पूवम्मा शामिल थे। बहरीन ने स्वर्ण और कजाखिस्तान ने कांस्य पदक जीता।
भारत को हालांकि महिलाओं की 200 मीटर स्पर्धा में खुशी और झटके दोनों मिले। 100 मीटर की रजत विजेता दुती चंद ने अपनी सेमीफाइनल रेस में शीर्ष स्थान हासिल कर फाइनल के लिये क्वालीफाई कर लिया जबकि 400 मीटर की रजत विजेता हिमा दास फाल्स स्टार्ट के कारण अयोग्य करार दे दी गयीं।
दुती ने 23.00 सेकंड का समय लिया जबकि 100 मीटर की स्वर्ण विजेता बहरीन की एडिडियोंग ओडियोंग 23.01 सेकंड का समय लेकर दूसरे स्थान पर रहीं। इस स्पर्धा की दूसरी सेमीफाइनल हीट में भारत को तब झटका लगा जब हिमा को गलत स्टार्ट के कारण बाहर हो जाना पड़ा।
महिलाओं की 5000 मीटर स्पर्धा में भारत की सूरिया लोगानाथन 15 मिनट 49.30 सेकेंड का समय लेेकर पांचवें और संजीवनी जाधव 15 मिनट 52.96 सेकेंड का समय लेेकर सातवें स्थान पर रहीं। महिलाओं की भाला फेंक स्पर्धा में अनु रानी 53.93 मीटर की निराशाजनक थ्रो के साथ छठे स्थान पर रहीं।
कुराश में महिलाओं ने जीता रजत:
भारत की पिंकी बलहारा ने 18वें एशियाई खेलों की कुराश प्रतियोगिता के महिलाओं के 52 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीत लिया जबकि मालाप्रभा यलप्पा जाधव को 52 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हारने के बाद कांस्य मिला।
पारंपरिक मार्शल आर्ट के इस खेल में पिंकी बलहारा ने लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुये स्वर्ण पदक मुकाबले में जगह बना ली जहां उनका सामना उज्बेकिस्तान की गुलनोर सुलेमानोवा से हुआ। कुराश उज्बेकिस्तान का पारंपरिक मार्शल आर्ट्स खेल है और सुलेमानोवा ने अपने अनुभव का पूरा फायदा उठाते हुए पिंकी को 10-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया। पिंकी को रजत से संतोष करना पड़ा।
19 साल की पिंकी ने राउंड 16 के मैच में ताइपे की चियावेन सोऊ को 5-0 से, क्वार्टरफाइनल में इंडोनेशिया की कुसुमावर्दनी सुसांती को 3-0 से और सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान की ओसुलुव अब्दुमाजीदोवा को 3-0 से हराया था लेकिन फाइनल में उनकी चुनौती टूट गयी।
मालाप्रभा सेमीफाइनल तक पहुंची लेकिन उन्हें गुलनोर से 0-10 से हार का सामना करना पड़ा और उन्हें इस मुकाबले में कांस्य पदक मिला।
पुरुषों के 66 किग्रा वर्ग में जतिन राउंड-16 में पराजित हो गये जबकि जैकी गहलोत राउंड 32 में हार गये।
पी वी सिंधू ने जीता रजत:
भारत को एशियाई खेलों के इतिहास में पहला बैडमिंटन स्वर्ण पदक दिलाने की उम्मीदें मंगलवार को पीवी सिंधू की चीनी ताइपे की ताई जू यिंग के हाथों शिकस्त के साथ टूट गयीं। हालांकि स्टार शटलर ने देश को एशियाड में पहला ऐतिहासिक रजत पदक जरूर दिला दिया।
18वें एशियाई खेलों में महिला एकल फाइनल में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी ताई के हाथों तीसरी वरीय सिंधू को लगातार गेमों में 13-21, 16-21 से 34 मिनट में शिकस्त मिली। इसी के साथ सिंधू एक बार फिर फाइनल की प्रेतबाधा से मुक्त नहीं हो पायीं और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
23 साल की सिंधू इस हार से फाइनल में लगातार पराजित होने का सिलसिला नहीं तोड़ सकीं जबकि उनसे भारी अपेक्षा थी। वह 2016 के रियो ओलंपिक, इस साल के राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में हारकर रजत पदक ही जीत पायी थीं और मंगलवार को एशियाई खेलों के फाइनल में भी उन्हें शिकस्त मिली।
सिंधू के रजत और सायना को कांस्य पदक मिलने से भारत का एशियाई खेलों के एकल मुकाबलों में पिछले 36 वर्षाें का व्यक्तिगत पदक सूखा समाप्त हो गया। सैयद मोदी ने आखिरी बार 1982 के नयी दिल्ली एशियाई खेलों में पुरूष एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था। भारत का इन खेलों में यह बैडमिंटन में दूसरा पदक है।
ताई ने इससे एक दिन पहले सायना नेहवाल को सेमीफाइनल में पराजित किया था जिससे सायना को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। ताई की सायना के खिलाफ यह लगातार 10वीं जीत थी और आज की जीत से उन्होंने सिंधू को लगातार छठी बार हरा दिया। सिंधू ने आखिरी बार ताई को रियो ओलंपिक के क्वार्टरफाइनल में हराया था। ताई अब तक दोनों भारतीय खिलाड़ियों को कुल 20 बार हरा चुकी हैं और उनसे सिर्फ छह बार हारी हैं।attacknews.in