जकार्ता 02 सितंबर । इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबंग में 18वें एशियाई खेलों का रविवार को खुशनुमा यादों, भावुक माहौल और चार साल बाद चीन के हांगझाओ में फिर से मिलने के वादे के साथ समापन हो गया।
इंडोनेशिया ने 1962 के बाद 2018 में एशियाई खेलों का सफल आयोजन कर यह साबित किया कि वह भविष्य में बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
जकार्ता के ऐतिहासिक गेलाेरा बंग कार्नो स्टेडियम में झिलमिलाती रोशनी, कर्णप्रिय संगीत और खूबसूरत नृत्यों के साथ इन खेलों का समापन हो गया। 45 देशों के एथलीटों ने 15 दिनों तक चले मुकाबलों के बाद एक-दूसरे को गले लगाकर भावभीनी विदाई दी। विजेता एथलीटों के गले में उनके पदक शोभायमान हो रहे थे।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इन खेलों के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति विडोडो और इंडोनेशिया के लोगों को इन खेलों के सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई दी।
एशियाई ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष शेख अहमद अल-फहद ने खेलों के समापन की घोषणा की और एशियाई खेलों के ध्वज को नीचे उतारा गया। एशियाई खेलों की मशाल को शेख अहमद को लौटाया गया जिन्होंने इसे चीन की ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष को सौंपा जहां 2022 में अगले एशियाई खेलों का आयोजन होगा। चीन की तरफ से अगले खेलों की तैयारियों के लिए झलक भी दिखाई गयी, चीन का ध्वज फहराया गया और चीन का राष्ट्रगान बजाया गया।attacknews.in