नयी दिल्ली,16 जनवरी । मुख्यमंत्री की लगातार तीसरी बार शपथ लेने वाले अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा वह पूरी दिल्ली के सीएम और राजधानी के चौतरफा विकास को प्रतिबद्ध हैं उन्हें इस काम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आशीर्वाद’ की जरुरत है।
ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आज उपराज्यपाल अनिल बैजल के पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के बाद श्री केजरीवाल ने पहले संबोधन में कहा कि वह सभी के लिए काम करेंगे चाहे वे किसी भी दल और जाति-धर्म के हो।
अगले पांच साल के दौरान दिल्ली के चौतरफा विकास के लिए जनता की साथ मांगते हुए श्री केजरीवाल ने श्री मोदी के ‘आशीर्वाद’ की जरूरत बताई। उन्होंने ‘नये प्रकार की राजनीति’ के लिए दिल्ली की जनता को श्रेय देते हुए कहा कि अब पूरे देश की राजनीति बदल रही है।
श्री केजरीवाल के साथ उनके पुराने मंत्रिमंडल के छह मंत्रियों मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोट, इमरान हुसैन और राजेंद्र पाल गौतम ने भी शपथ ली।
मुख्यमंत्री ने इस बार चुनाव में मिली जीत का सेहरा जनता के सिर बांधते हुए कहा,“आज आपके बेटे ने तीसरी बार शपथ ली है और यह मेरी जीत नहीं है। इसका श्रेय आप सभी और दिल्ली के एक-एक नागरिक को है। यह एक जीत एक-एक मां, बहन, युवा, छात्र और परिवार की है। पिछले पांच साल के दौरान हमारा प्रयास रहा कि दिल्ली के एक-एक नागरिक की जिंदगी में खुशहाली हाे सकें। हमारी कोशिश रही कि किस तरह दिल्ली का खूब तेजी के साथ विकास हो। अगले पांच साल के दौरान भी हमारी यही कोशिश जारी रहेगी। सब लोग अपने गांव में फोन करके बता देना हमारा बेटा सीएम बन गया अब चिंता की कोई बात नहीं है।”
श्री केजरीवाल ने कहा कि चुनाव में उन्हें जिसने वोट दिया और जिसने नहीं दिया वह सभी के लिए बिना किसी भेदभाव के काम करेंगे। उन्होंने पूरी दिल्ली को साथ लेकर चलने का भरोसा देते हुए कहा,“ अभी चुनाव हुए कुछ लोगों ने आप पार्टी और कुछ ने भाजपा को वोट दिया। आज जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है तो मैं सबका मुख्यमंत्री हूं। मैं आप, भाजपा, कांग्रेस और अन्य सभी पार्टी वालों का भी मुख्यमंत्री हूं। पिछले पांच साल के दौरान मैंने किसी के साथ सौतेला व्यवहार नहीं किया। किसी का काम यह कहकर नहीं रोका कि तुम दूसरी पार्टी के हो। मैंने सबका काम किया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं सोचा कि यह मोहल्ला किस राजनीतिक के समर्थकों का है और किसका नहीं। उन्होंने कहा,“ मुझे पता चला यह मोहल्ला भाजपा वालों का है मैंने वहां भी काम कराया। मैं दिल्ली की दो करोड़ जनता से यह कहना चाहता हूं कि चुनाव संपन्न हो गये हैं। आपके जिसको वोट दिया अब आप सभी मेरा परिवार हो। आप चाहे किसी भी पार्टी के हो आप मेरे परिवार का हिस्सा हो, कभी कोई काम हो मेरे पास बेहिचक आना । सबका काम करुंगा चाहे कोई किसी पार्टी, किसी धर्म या जाति का हो।”
श्री केजरीवाल ने आगे दिल्ली का और विकास करने के लिए सभी का साथ मांगते हुए कहा कि राजधानी के लिए बहुत बड़े-बड़े काम करने हैं। उन्होंने कहा,“मैं अकेले बड़े-बड़े काम नहीं कर सकता और हम सब मिलकर काम करेंगे। चुनाव में राजनीति और एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी होती है। हमारे विरोधियों ने हमें जो कुछ कहा हमने उन्हें माफ कर दिया और आज मैं उनसे भी निवेदन करता हूं जो कुछ उठापटक हुई उसे भूल जाओ मैं सभी पार्टियों के साथ मिलकर दिल्ली का विकास करना चाहता हूं। मैं केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। मैं दिल्ली को दुनिया का सबसे अच्छा शहर बनाना चाहता हूं। मैंने पीएम को को भी न्योता भेजा था, वह कहीं और व्यस्त हैं, आ नहीं पाये, लेकिन मैं इस मंच से दिल्ली को आगे बढ़ाने के लिए पीएम का भी आशीर्वाद चाहता हूं।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली ने इस चुनाव में नयी राजनीति काम की राजनीति, स्कूल की राजनीति, अस्पताल की राजनीति, सस्ती बिजली की राजनीति, अच्छी सड़कों की राजनीति, भ्रष्टाचार मुक्त भारत की राजनीति और 21 वीं सदी की राजनीति।”
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में ‘हम होंगे कामयाब’ और ‘पूरे देश में बजा डंका’कविताएं गाईं और भारत माता के नारे वहां मौजूद पार्टी के समर्थकों और अन्य नागरिकों से लगवाए।
उन्होंने अंत में कविता का पाठ किया:–
जब भारत मां का हर बच्चा
अच्छी शिक्षाा पाएगा
जब भारत के हर बंदे को अच्छा इलाज मिल पाएगा
जब सुरक्षा और सम्मान
महिलाओं में आत्म विश्वास जगायेगा
जब किसान का पसीना उसके
घर में भी खुशहाली लाएगा
जब हर भारत वासी
जीवन की मूलभूत सुविध पायेगा
जब धर्म जाति से उठकर
हर भारत वासी भारत को आगे बढ़ायेगा
तब ही अमर तिरंगा
आसमान में शान में लहराएगा
केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की
इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यहां रामलीला मैदान में लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के छह मंत्रियों को पद की शपथ दिलायी।
पिछले सप्ताह संपन्न हुये दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने शानदार जीत दर्ज की थी। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधासभा में पार्टी के 62 विधायक जीते हैं।
पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया और अन्य मंत्रियों गोपाल राय, सत्येन्द्र जैन, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेन्द्र पाल गौतम ने भी केजरीवाल के साथ नवगठित सरकार के मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में आप के हजारों समर्थक सुबह दस बजे से ही पहुंच गये थे। रामलीला मैदान में भारी भीड़ को देखते हुये सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
बैजल ने सबसे पहले 12 बजकर 15 मिनट पर केजरीवाल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। इसके बाद सिसोदिया सहित अन्य मंत्रियों ने एक एक कर शपथ ग्रहण की।
इससे पहले रविवार को सुबह केजरीवाल ने टि्वटर पर दिल्लीवासियों से ‘‘अपने बेटे’’ को आशीर्वाद देने के लिए शपथ ग्रहण समारोह में आने का अनुरोध किया था।
आम आदमी पार्टी (आप) ने केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उनके साथ मंच साझा करने के लिए विभिन्न वर्गों के उन 50 लोगों को आमंत्रित किया है जिन्होंने पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार के कार्यों में विशेष सहयोग दिया।
शपथ ग्रहण समारोह में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया था, हालांकि प्रधानमंत्री का रविवार को बनारस में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होने के कारण वह उपस्थित नहीं हो सके। उनके अलावा दिल्ली के भाजपा सांसदों और विधायकों को भी आमंत्रित किया गया ।
आप के संस्थापक इस बार हुए दरकिनार:
गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल के दौरान श्री केजरीवाल का केन्द्र सरकार के साथ भिन्न मुद्दों को लेकर टकराव रहा।
इस बार शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर मौजूद नहीं रहने वालों में श्री केजरीवाल के करीबियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री और जाने-माने अधिवक्ता शांति भूषण, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, कवि कुमार विश्वास और पत्रकारिता छोड़कर राजनीति के क्षेत्र में उतरे और फिर वापस पुराने पेशे में लौटे आशुतोष के अलावा कई अन्य लोग नजर नहीं आए।
आप की नींव डालने में श्री केजरीवाल के सहयोगी रहे कवि कुमार विश्वास भी मंच पर इस बार मौजूद नहीं थे।
श्री केजरीवाल के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कुमार विश्वास का दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर मतभेद हो गया था और उसके बाद से वह लगातार मुख्यमंत्री के तौर तरीकों पर उंगली उठाते रहे हैं। श्री कुमार विश्वास को बाद में पार्टी की राजस्थान इकाई के प्रमुख से भी हटा दिया गया था।
श्री यादव भी आप की स्थापना के मुख्य कर्ता-धर्ता रहे थे लेकिन बाद में उनके संबंध श्री केजरीवाल से बहुत खराब हो गये और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
आप की स्थापना के मुख्य किरदारों में शामिल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री शांति भूषण और उनके पुत्र प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाल दिया गया। पत्रकार से राजनेता बने आशुतोष प्रारंभ में श्री केजरीवाल के प्रबल प्रशंसक रहे लेकिन बाद में पार्टी या सरकार में कोई अहम पद नहीं मिलने से वह भी आप को अलविदा गये। इसके अलावा आशीष खेतान और प्रोफेसर कुमार आनंद तथा कई अन्य बड़े नेताओं ने भी पार्टी छोड़ दी।
इस बार शपथ ग्रहण समारोह में अलग नजारा यह था कि विभिन्न क्षेत्रों के 50 से अधिक लोग जिनमें सफाई कर्मचारी, ऑटो रिक्शा ड्राइवर, छात्र, शिक्षक, डाक्टर और मजदूर आदि शामिल हैं, उन्हें मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होने का न्योता दिया था।
श्री केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा गया था लेकिन वह अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं। इसके अलावा विपक्ष के किसी नेता को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं भेजा गया था।