नयी दिल्ली, 23 नवंबर । चुनाव आयोग ने अखिल भारतीय अन्नाद्रमुक पलानीस्वामी गुट को वास्तविक अन्नाद्रमुक पार्टी करार देते हुए, दो पत्ती.चुनाव चिन्ह उसे आवंटित कर दिया है।
आयोग के इस फैसले से शशिकला गुट का करारा झटका लगा है।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री जे जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक में वर्चस्व को लेकर लडाई शुरू हो गयी और उनकी करीबी सहयोगी श्रीमती शशिकला पार्टी की महासचिव बन गयी।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि एआईएडीएमके पार्टी का दो पत्तियों वाला चुनाव चिन्ह मुख्यमंत्री ई पलानीसामी- ओ पन्नीरसेल्वम के गुट का ही रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शशिकला गुट चुनाव समिति के फैसले के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में केस फाइल कर सकते हैं।एआईएडीएमके के एक वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मैत्रेयन ने कहा, ‘हम हार्ड कॉपी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त से मौखिक रूप से जानकारी मिली है कि दो पत्ते का प्रतीक हमें आवंटित कर दिया गया है।
तमिलनाडु के सीएम के पलानीस्वामी ने फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘चुनाव आयोग ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है। हम प्रसन्न हैं। इसके लिए बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने हमें समर्थन दिया था।’
विरोधी गुटों के द्वारा भाजपा के साथ नजदीकी का आरोप लगाए जाने को लेकर पलानीस्वामी ने इसका खंडन करते हुए कहा कि, ‘यह गलत है। तथ्य और साक्ष्य हमारे पक्ष में थे। विधायक, सांसद और पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन हमारे साथ था।
ज्ञातव्य है कि दोनों गुओं में पार्टी के चुनाव चिह्न दो पत्ती को लेकर संघर्ष चल रहा था।
दोनों ही गुट पार्टी के चुनाव चिह्न पर अपना दावा कर रहे थे। शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण ने चुनाव चिह्न और पार्टी पर नियंत्रण पाने की भी कोशिशें की थीं। ज्ञातव्य है कि पूर्व सीएम जयललीता की मौत के बाद पार्टी में फूट पड गई और पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गई। attacknews