मैसुरू, 30 मार्च। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के गढ़ मैसुरू में आज कहा कि उनका‘‘ समय’’ पूरा हो चुका है और अगर उन्हें लगता है कि वे भाजपा एवं आरएसएस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल कर भगवा विचारधारा को फैलने से रोक सकते हैं, तो वह गलतफहमी में हैं।
शाह ने विधानसभा चुनाव से पहले आज कर्नाटक के दौरे के चौथे चरण की शुरूआत की।
उन्होंने आज पुराने मैसूर क्षेत्र से अपने दौरे की शुरुआत करते हुए कहा कि12 मई को होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव में क्षेत्र से सिद्धरमैया और जनता दल सेक्यूलर( जेडीएस) को पुराने मैसूर क्षेत्र से‘‘ अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा’’ लगेगा।
भाजपा की‘ नव शक्ति समावेश’ रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यहां कहा, ‘‘ कहा जाता है कि भाजपा यहां( पुराने मैसूर क्षेत्र में) थोड़ी कमजोर है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का काम देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि सिद्धरमैया जी और जेडीएस को इस( पुराने) मैसूर क्षेत्र से अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा लगेगा।’’
पिछले चुनाव में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।
अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान शाह मैसूर, चामराजनगर, मांड्या और रामनगर जिलों का दौरा करने वाले हैं। वोक्कालिगा समुदाय का प्रभाव क्षेत्र माने जाने वाले इन चार जिलों की कुल26 विधानसभा सीटों में से भाजपा2013 के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।
इसके अलावा, यह मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का गृह क्षेत्र है। सिद्धरमैया मैसूर के रहने वाले हैं।
पुराने मैसूर में मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की अगुवाई वाली जेडीएस के बीच माना जा रहा है।
इस हफ्ते की शुरूआत में दावणगेरे में अपनी जुबान फिसलने की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सिद्धरमैया के भ्रष्टाचार का जिक्र करते वक्त अपने संबोधन में गलती कर दी थी, लेकिन राज्य की जनता ऐसी गलती नहीं करेगी, क्योंकि वह सिद्धरमैया के शासन को अच्छी तरह जानती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ सिद्धरमैया और राहुल गांधी सिद्धरमैया के भ्रष्टाचार के बारे में बोलते वक्त मुझसे हुई गलती पर काफी खुश थे। मैंने गलती की थी, लेकिन कर्नाटक के लोग ऐसी गलती नहीं करेंगे, क्योंकि वे सिद्धरमैया सरकार को बहुत अच्छी जान गए हैं।’’
दावणगेरे में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सिद्धरमैया सरकार को‘‘ सबसे भ्रष्ट’’ बताने की कोशिश में उन्होंने‘‘ येदियुरप्पा’’ सरकार का जिक्र कर दिया था।
बहरहाल, भाजपा सांसद प्रहलाद जोशी की ओर से गलती की तरफ ध्यान दिलाने के बाद शाह ने अपनी गलती सुधार ली थी।
भाजपा अध्यक्ष ने सिद्धरमैया पर कन्नड़ के मशहूर कवि कुवेंपू या मशहूर इंजीनियर सर एम विश्वेश्वरैया की‘‘ जयंती’’ ना मनाकर कर्नाटक की अस्मिता के साथ खेलने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘ सिद्धरमैया को वोट हासिल करने की खातिर केवल टीपू सुलतान( मैसूर के18 वीं सदी के शासक) की जयंती मनाना याद रहता है।’’
शाह ने मैसुरू के वाडियार शाही परिवार से भी मुलाकात की।
वह पूर्व शाही परिवार से उनके निजी महल में मिले। इससे उनके भाजपा में शामिल होने या समर्थन करने की अटकलों को भी बल मिला है।
हालांकि वडियार राजवंश के27 वें राजा यदुवीर ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनके किसी पार्टी में शामिल होने की संभावनाएं नहीं हैं और वह सामाजिक कार्य के जरिये जनता के साथ अपना संबंध बनाए रखेंगे।
शाह ने साथ ही कहा कि उनकी पार्टी कर्नाटक में सत्ता में आने पर आरएसएस एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं के हत्यारों को पकड़ने की तमाम कोशिशें करेगी और उन्हें कठोरतम सजा देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं राज्य के लोगों से कहना चाहूंगा कि सिद्धरमैया का समय पूरा हो चुका है। येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा के अगली सरकार का गठन करने के साथ ही वह( आरएसएस एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं के) हत्यारों को दुनिया के किसी भी कोने से पकड़ लाने की तमाम कोशिशें करेगी।’’
शाह मार्च, 2016 में मारे गए भाजपा के कार्यकर्ता राजू के परिवारवालों से मिलने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ उन्हें जेल भेजा जाएगा और कड़ी सजा दी जाएगी।’’
शाह ने कहा, ‘‘ राजनीति में हिंसा के लिए जगह नहीं होती। अगर सिद्धरमैया और उनकी सरकार को लगता है कि वे हमारी विचारधारा को फैलने से रोक सकते हैं, तो वे गलतफहमी का शिकार हैं।’’
लिंगायत समुदाय तक पहुंचने की भाजपा की कोशिशें जारी रखते हुए शाह आज यहां के सुत्तूर मठ में समुदाय के एक प्रमुख संत से भी मिले।
शाह ने संत से मिलने के बाद ट्विटर पर लिखा, ‘‘ श्री सुत्तूर मठ के श्री शिवरात्रि देशीकेंद्र महास्वामीजी से मैसूरू में आशीर्वाद लिया।’’
उन्होंने अपने तीसरे चरण की यात्रा के तहत26 मार्च को तुमकुरू में सिद्धगंगा मठ के111 वर्षीय श्री शिवकुमार स्वामी से आशीर्वाद लिया था जो कि लिंगायत समुदाय के एक पूजनीय संत हैं।
लिंगायत संतों के साथ भाजपा अध्यक्ष की मुलाकात को लिंगायतों/ वीरशैवों तक पहुंचने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है जो संख्या एवं राजनीति की दृष्टि से राज्य में ताकतवर हैं और भाजपा के लिए एक बड़ा मतदाता आधार हैं।attacknews.in