संयुक्त राष्ट्र, 30 जनवरी । संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में की गई नृशंस हत्या में शामिल लोगों को बरी किए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधों की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है।
कराची में 2002 में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने ब्रिटेन में जन्मे अलकायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में बरी किये जाने के खिलाफ दाखिल अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को भी रिहा करने का आदेश दिया।
शेख को बरी किए जाने संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा, ‘‘इस प्रकार के अपराधों के लिए जवाबदेही तय किया जाना महत्वपूर्ण है।’’
अमेरिकी पत्रकार के परिवार ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि न्याय का पूरी तरह से मजाक बना दिया गया है।
अमेरिका ने भी इस फैसले की आलोचना की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने पर्ल के परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने की नए बाइडन प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बातचीत की और अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों की जवाबदेही तय किए जाने पर चर्चा की। ब्लिंकन ने पाकिस्तान से अपील की कि वह पर्ल के हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करे।
अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल मोंटी विल्किंसन ने उमर शेख को बरी किए जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की रिहाई डेनियल पर्ल के परिवार, दुनियाभर में आतंकवाद के अन्य पीड़ितों और न्याय का अपमान है।’’
वर्ष 2002 में कराची में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने शुक्रवार को बताया कि ब्लिंकन ने पर्ल के हत्यारों को बरी करने के पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर अमेरिका की चिंता दोहराई।
प्राइस ने टेलीफोन पर हुई इस बातचीत की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ब्लिंकन और कुरैशी ने इस बात पर चर्चा की कि अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और अन्य लोगों की जवाबदेही कैसे तय की जा सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा दोनों मंत्रियों ने अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सहयोग कायम रखने एवं क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सहयोग की महत्ता तथा हमारे व्यापारिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को विस्तार देने की क्षमता पर चर्चा की।’’
इस बीच, पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने ‘‘डैनियल पर्ल मामले संबंधी हालिया घटनाक्रम’’ पर चर्चा की और कुरैशी ने ‘‘रेखांकित किया कि यह महत्वपूर्ण और आपसी हित में होगा कि कानूनी माध्यमों से न्याय सुनिश्चित किया जाए।’’
बयान में बताया गया कि कुरैशी ने ब्लिकंन को अमेरिकी विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने की बधाई दी और विभिन्न मामलों में आपसी हितों पर आधारित अमेरिका के साथ समग्र साझेदारी को लेकर पाकिस्तान की प्रतिबद्धता रेखांकित की।
बयान के अनुसार, कुरैशी ने ब्लिंकन से कहा कि राजनीतिक समाधान के जरिए अफगानिस्तान में शांति स्थापना दोनों देशों के हितों के अनुकूल है।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा में कमी, संघर्ष विराम और एक समावेशी राजनीतिक समाधान के लिए काम करना आवश्यक है।
बयान के अनुसार, कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और वह शांति स्थापना के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
इसमें बताया गया कि कुरैशी और ब्लिंकन ने दोनों देशों के द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाने तथा क्षेत्र में एवं उससे परे भी आपसी हितों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करते रहने पर सहमति जताई।
इससे एक दिन पहले, ब्लिंकन ने पर्ल के अपहरण एवं उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बरी किए जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा था कि यह फैसला आतंकवाद के पीड़ितों का अपमान है।
उन्होंने पाकिस्तान से अपील की थी कि वह पर्ल के हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करे।
पाकिस्तानी अदालत ने पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में शेख को बरी किये जाने के खिलाफ दाखिल अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया।
पाकिस्तानी अदालत ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को भी रिहा करने का आदेश दिया।