इलाहाबाद 29 दिसम्बर । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तीन और बाबाओं को फर्जी करार दे दिया। दिल्ली के वीरेंद्र दीक्षित उर्फ कालनेमि, बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती और इलाहाबाद की महिला संत त्रिकाल भवंता का नाम शामिल परिषद के उस प्रस्ताव में हैं, जिन्हें फर्जी माना गया है। इसके अलावा अलवर (राजस्थान) के फलाहारी बाबा को अदालत के निर्णय आने तक निलंबित किया गया है।
मठ बाघंबरी गद्दी में शुक्रवार को आयोजित 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों की बैठक में यह एलान किया गया।
परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में इस बैठक में सबने इस सूची पर सहमति जताई है। यह भी फैसला लिया गया है कि इन सभी साधु-संतों को संत समाज के किसी भी धार्मिक आयोजन में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वह माघ मेला हो अथवा कुंभ। बाबाओं के खिलाफ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इसके पहले परिषद 14 बाबाओं को फर्जी घोषित कर चुकी है।attacknews.in
अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के मुताबिक तीसरी सूची भी तैयार हो रही है जिसे जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। कथित संतों को लेकर किए गए फैसले के अलावा प्रयागराज मेला प्राधिकरण में अखाड़ों की अनदेखी पर भी नाराजगी जाहिर की गई। कुंभ में अखाड़ों को सुविधाएं देने को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए।
शुक्रवार को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ज्योतिष पीठ विवाद से किनारा करते नजर आए। उन्होंने कहा कि परिषद सभी संतों का सम्मान करता है।
बताया कि परिषद से जुड़े संत और पदाधिकारी स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के अवसर पर उनके साथ रहेंगे।attacknews.in
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, “हम जनता से अपील करते हैं कि लोग ऐसे बाबाओं से सतर्क रहे जो किसी परंपरा या संप्रदाय से नहीं हैं. साधु, संत, सन्यासी परंपरा, उदासीन परंपरा, नाथ परंपरा, वैष्णव संप्रदाय, शिव संप्रदाय आदि से आते हैं. वहीं फर्जी बाबाओं की कोई परंपरा या संप्रदाय नहीं है.”
इससे पहले 10 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं की पहली सूची जारी थी जिसमें 14 नाम शामिल थे. इनमें आशाराम बापू, गुरमीत राम रहीम, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरि, ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ओम नमः शिवाय बाबा, नारायण साई, रामपाल, कुश मुनि, मलखान गिरि और बृहस्पति गिरि शामिल थे.
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि इस बैठक में अखाड़ों ने मांग रखी है कि सरकार माघ मेला और कुंभ मेला के कार्यों पर नजर रखने के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की अगुवाई में एक निगरानी समिति का गठन करे. इस समिति में प्रत्येक अखाड़े से एक-एक सदस्य, प्रयागवाल सभा के पदेन अध्यक्ष, दंडी स्वामी के पदेन अध्यक्ष, आचार्य बाड़ा के पदेन अध्यक्ष और खाक चौक के पदेन अध्यक्ष इसके सदस्य बनाए जाएं.
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा गठित कुंभ मेला विकास प्राधिकरण में अखाड़ा परिषद के सदस्यों को शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि परिषद के सदस्यों ने यह भी प्रस्ताव रखा कि अलवर के फलाहारी बाबा पर लगाए गए आरोप के मद्देनजर अदालत का निर्णय आने तक उनको निलंबित किया जा रहा है.attacknews.in