लखनऊ/इलाहाबाद 18 मार्च। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके द्वारा फर्जी बाबा घोषित किए गए स्वामी चक्रपाणि महाराज ने महंत नरेन्द्र गिरी समेत अखाड़ा परिषद के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है।
चक्रपाणि ने अपने नोटिस में दावा किया है कि अखाड़ा परिषद ऐसी पंजीकृत संस्था नहीं है, जो किसी भी संत को संत या फर्जी की उपाधि दे सकती है। यह पूरी तरह से मानहानि की श्रेणी में आता है।
बता दें कि बीते शुक्रवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अपनी बैठक में फर्जी बाबाओं की तीसरी सूची जारी करते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज और कल्कि फाउंडेशन के संस्थापक और कांग्रेस के सदस्य आचार्य प्रमोद कृष्णम को फर्जी बाबा घोषित कर दिया था। परिषद ने कहा कि यह दोनों बाबा किसी संन्यासी परंपरा से नहीं आते।
अखाड़ा परिषद पहले भी 10 सितंबर और 19 दिसंबर को फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी कर चुका है, जिसमें संत आसाराम, राधे मां, सच्चिदानंद गिरी, गुरमीत राम रहीम, निर्मल बाबा समेत करीब 20 से ज्यादा बाबाओं को फर्जी करार दे चुका है।
तीसरी सूची में अपना नाम आने पर स्वामी चक्रपाणि ने अखाड़ा परिषद और महंत नरेंद्र गिरी को ही फर्जी करार दे दिया था।
उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद का कोई पंजीकरण नहीं है। ऐसे में वे ही अखाड़ा परिषद और उसके महंत नरेंद्र गिरी को संत समाज से बाहर कर देंगे।
इसके बाद अब स्वामी चक्रपाणि ने अपने वकील राजेश रैना की ओर से अखाड़ा परिषद को 11 करोड़ रुपये का मानहानी नोटिस भेजा है।
इस नोटिस में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के साथ-साथ पंचदशनाम जूना अखाड़ा हनुमानघाट वाराणसी के महंत हरि गिरि, पंचायती अखाड़ा बड़ उदासीन महानिर्वाण कृष्ण नगर कीट गंज इलाहाबाद के महंत राजेंद्र दास को भी आरोपी बनाया गया है।
स्वामी चक्रपाणि की ओर से भेजे गए नोटिस में दावा किया गया है कि अखाड़ा परिषद पंजीकृत संस्था नहीं है, जो किसी भी संत को संत या फर्जी की उपाधि दे रही है। यह पूरी तरह से मानहानि की श्रेणी में आता है।attacknews.in