मुस्लिम बहुल इलाके में कमल हासन ने नाथूराम गोडसे को भारत का पहला हिंदू उग्रवादी बताकर नया विवाद खड़ा किया attacknews.in

अरवाकुरिचि (तमिलनाडु), 13 मई । मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि आजाद भारत का पहला ‘‘उग्रवादी हिन्दू’’ था। वह महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के संदर्भ में बात कर रहे थे।

हासन की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश भाजपा ने उन पर ‘विभाजनकारी राजनीति’ करने का आरोप लगाया।

भाजपा ने भारत के निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए आदर्श आचार संहिता के ‘‘घोर उल्लंघन’’ के लिए हासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

हालांकि कांग्रेस और दिवंगत ई वी आर पेरियार का तर्कवादी संगठन द्रविड़ कषगम एमएनएम नेता के समर्थन में आए।

रविवार की रात एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हासन ने कहा कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं और जहां तिरंगे के ‘‘तीन रंग’’ बरकरार रहें। विभिन्न धर्मों के संदर्भ में उन्होंने तिरंगे के तीन रंगों का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुस्लिम बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं। आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है। वहीं से इसकी (उग्रवाद) शुरुआत हुई।’’

हासन ने कहा कि उन्होंने ‘‘स्वघोषित रूप से अपने आप को गांधी का पौत्र मान लिया है’’।

महात्मा गांधी की 1948 में हुई हत्या का हवाला देते हुए हासन ने कहा कि वह उस हत्या का जवाब खोजने आये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे भारतीय समानता चाहते हैं और चाहते हैं कि तिरंगे के तीन रंग बरकरार रहें। मैं अच्छा भारतीय हूं, गर्व से इसकी घोषणा करुंगा।’’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदरराजन ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या से पूरा देश सकते में था, लेकिन कोई इसको जायज नहीं ठहरा सकता। उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध के लिए गोडसे को फांसी दी गई थी।

उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है कि हासन ने मुस्लिम बहुल इलाके में ‘हिन्दू उग्रवाद’ शब्द का इस्तेमाल किया।

सौंदरराजन ने एक बयान में कहा, ‘‘हालांकि, वह नये तरह की राजनीति करने की बात करते हैं, लेकिन वह वोट बैंक की पुरानी, चालाकी भरी, जहरीली और विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि हासन का बयान ‘साम्प्रदायिक हिंसा’ भड़काने के बराबर है।

श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए हमलों के संदर्भ में भाजपा नेता ने पूछा कि ‘यह जानते हुए कि हमले मुसलमानों ने किए हैं’ क्या हासन जैसे लोगों ने उस पर टिप्पणी की। हमलों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल इलाके में हासन की यह टिप्पणी ‘‘चालाकी भरी और एजेंडा के तहत की गई है।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘इसलिए, ऐसे व्यक्ति के चुनाव प्रचार पर रोक लगनी चाहिए। पुलिस को इस सिलसिले में कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि तनाव बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।’’

समुदाय के चित्रण पर मुसलमानों की ओर से करोड़ों रुपये की लागत वाली फिल्म ‘विश्वरुपम’ की रिलीज अटकने पर देश छोड़कर जाने की हासन की धमकी पर चुटकी लेते हुए सौंदरराजन ने कहा, ‘‘यह बेहद खराब अभिनय है और अब वह देश के बारे में बात कर रहे हैं।’’

पार्टी ने हासन की टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग में भी एक शिकायत दर्ज करायी। पार्टी ने कहा कि ये टिप्पणियां अरवाकुरिचि के एक गांव में की गई जो मुस्लिम बहुल इलाका है।

भाजपा की विधि शाखा ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यब्रत साहू को दी शिकायत में कहा, ‘‘यह निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन है।’’ उसने हासन के खिलाफ ‘‘सख्त कार्रवाई’’ की मांग की।

अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने भी हासन की आलोचना करते हुए कहा कि कला और आतंकवाद दोनों का कोई धर्म नहीं है और पूछा कि क्या मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए गोडसे के धर्म का जिक्र किया गया।

प्रधानमंत्री पर बनी एक बायोपिक में नरेंद्र मोदी का किरदार निभाने वाले ओबेरॉय ने कहा कि किसी को भी देश को विभाजित नहीं करना चाहिए।

उन्होंने एक ट्वीट किया, ‘‘प्रिय कमल सर, आप बहुत बड़े कलाकार हैं। जैसे कला का कोई धर्म नहीं होता ठीक वैसे ही आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आप कह सकते हैं कि गोडसे आतंकवादी था लेकिन आपने हिंदू शब्द का इस्तेमाल क्यों किया? इसलिए कि आप मुस्लिम बहुल इलाके में वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे थे?’’

उन्होंने कहा, ‘‘कृपया सर इस देश को बांटे नहीं, हम सभी एक हैं जय हिंद…अखंड भारत, अविभाजित भारत।’’

हालांकि हासन को कांग्रेस और द्रमुक कषगम का समर्थन मिला जिनके नेताओं ने कहा कि उन्हें अभिनेता से नेता बने हासन की टिप्पणियों में कुछ भी गलत नहीं लगा।

टीएनसीसी अध्यक्ष के सी अलागिरी ने कहा कि वह हासन से ‘‘100 फीसदी’’ सहमत हैं जबकि डीके प्रमुख के वीरमणि ने कहा कि गोडसे आरएसएस से प्रशिक्षित था।

इस मुद्दे पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अलागिरी ने आरोप लगाया कि आरएसएस जैसे हिंदुत्व संगठन ‘‘विरोधी विचारों को कुचलने में विश्वास’’ करते हैं और उन्होंने भगवा संगठन की तुलना आईएस से करते हुए कहा कि इस्लामिक संगठन यहां तक कि अपने साथी मुसलमानों के भी विपरीत विचार बर्दाश्त नहीं करता।

अलागिरी ने कहा, ‘‘मैं उनका समर्थन करता हूं और ना केवल 100 फीसदी बल्कि 1000 फीसदी उनसे सहमति जताता हूं।’’

भाजपा और संघ परिवार के कटु आलोचक वीरमणि ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी भाजपा की भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ इतना ही नहीं बल्कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी महज जमानत पर है।’’

उन्होंने गोडसे पर हासन के बयान के लिए उनका समर्थन किया।

अरवाकुरिचि उन चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक है जहां 19 मई को उपचुनाव होने हैं। एनएनएम ने इस क्षेत्र से एस मोहनराज को खड़ा किया है।

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