नयी दिल्ली, 19 जून। आठ राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों के लिए आज हुए उपचुनाव में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ज्योतिरादित्य सिंधिया विजयी घोषित किए गये जबकि आंध्र प्रदेश में चारों सीटें वाईएसआर कांग्रेस ने जीती हैं। गुजरात में चार सीटों के लिए हुए चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के तीनों उम्मीदवार जीत गये जबकि कांग्रेस के दो में से एक उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा।
गुजरात में भाजपा की रमिला बारा, नरहरि अमीन और अभय भारद्वाज की जीत हो गयी। कांग्रेस प्रत्याशी शक्तिसिंह गोहिल भी विजयी घोषित हुए जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी को हार का सामना करना पड़ा। गुजरात में चार सीटों के लिए पांच प्रत्याशी होने से एक की हार निश्चित थी। गुजरात में जीत के लिए 35 मतों की जरुरत थी। आधिकारिक सूचना के अनुसार श्रीमती बारा और श्री भारद्वाज को 36-36 और श्री अमीन को 35.98 (प्रथम वरीयता के 32 तथा बाकी द्वितीय वरीयता के) तथा श्री गोहिल को भी 36 मत मिले। श्री सोलंकी को प्रथम वरीयता के मात्र 30 मत ही मिल सके और कुल मिला कर 32 से कम मत मिलने से उनकी हार हो गयी।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए द्विवार्षिक चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी तथा कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह निर्वाचित घोषित किए गए। राज्य में मतों की गिनती के बाद श्री सिंधिया और श्री सोलंकी तथा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को निर्वाचित घोषित किया गया। मध्यप्रदेश में कुल 206 मतदाताओं (विधायकों) ने वोट डाले जिनमें भाजपा के 107, कांग्रेस के 92, बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायक शामिल रहे। वहीं कांग्रेस के एक अन्य प्रत्याशी फूल सिंह बरैया राज्यसभा नहीं पहुंच सके। श्री दिग्विजय सिंह लगातार दूसरी बार राज्यसभा जा रहे हैं, वहीं श्री सिंधिया और श्री साेलंकी पहली बार उच्च सदन राज्यसभा के लिए चुने गए हैं।
राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिये हुए चुनाव में कांग्रेस के दो और भाजपा का एक उम्मीदवार विजयी हुआ है।राजस्थान में कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल को 64 और नीरज डांगी को 59 मत मिले। इसी प्रकार भाजपा के राजेंद्र गहलोत को 54 मत मिले। भाजपा के दूसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत 20 मतों पर ही सिमट गये। भाजपा का एक मत खारिज भी हुआ। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही भाजपा ने संख्या बल नहीं हाेते हुए भी अपने दूसरे उम्मीदवार के रूप में ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतार दिया था। इससे कांग्रेस ने बाड़ेबंदी शुरु करके विधायकों को एक होटल में ठहराया दिया था। इनमें कांग्रेस विधायकों के साथ ही निर्दलीय तथा बसपा से कांग्रेस में आये विधायक एवं भाजपा के दो विधायक भी शामिल थे। मतदान में राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल बीमार होने के चलते मतदान नहीं कर सके जबकि माकपा के गिरधारी लाल महिया ने मतदान में भाग नहीं लिया।
आंध्रप्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के उप मुख्यमंत्री पिल्ली सुभाष चन्द्र बोस, मोपिदेवी वेंकटरमण, अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी और परिमल नटवानी विजयी घोषित किये गये हैं। राज्य सभा चुनाव में इन चार सीटों की जीत के साथ ही वाईएसआर कांग्रेस की उच्च सदन में सांसदों की संख्या छह हो गई है। आंध्र में विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के उम्मीदवार वरला रमैया को हार को सामना करना पड़ा क्योंकि विधानसभा में तेदेपा के 23 विधायक होने के बावजूद उन्हें केवल 17 वोट मिले। जन सेना पार्टी के एकमात्र विधायक आर. वारा प्रसाद ने वाईएसआरसीपी के उम्मीदवार पिल्ली सुभाष चंद्र बोस को अपना पहला वोट दिया। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू और अन्य ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के उम्मीदवार डॉ. वानवई रॉय खरलुखी को राज्य सभा सदस्य के रूप में चुन लिया गया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के केनेडी खैरेम को 20 मतों से पराजित किया। इस जीत के साथ एनपीपी अब संसद के दोनों सदनों में मेघालय का प्रतिनिधित्व करेगी जिसमें अगाथा संगमा तुरा से लोकसभा सदस्य हैं।
एनपीपी मेघालय प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. खरलुखी मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार के सर्वसम्मत उम्मीदवार थे।
झारखंड में राज्यसभा की दो सीट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा ( झामुमो) सुप्रीमो शिबू सोरेन तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश निर्वाचित घोषित किए गए।