कांग्रेस तथा वाम दलों सहित 12 दलों के समर्थन से कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के छह माह पूरे होने पर किसानों ने काला दिवस मनाया; वाहनों-घरों पर लहराया काला झंडा attacknews.in

 

नयी दिल्ली 26 मई । तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के छह महीना पूरा होने के मौके पर देशभर में किसानों ने बुधवार को काला दिवस के तौर पर मनाया।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने अपने वाहनों तथा घरों पर काले झंडे लगाकर केंद्रीय कृषि कानूूनों का विरोध किया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार के विरोध में पुतला दहन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को कृषि कानून वापस लेने होंगे। आज देशभर में लोग सरकार के खिलाफ काला झंडा हाथों में लेकर खड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहेंगे।

किसान के आंदोलन को आज कांग्रेस तथा वाम दलों सहित 12 राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया था।

अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार अनजान ने बताया कि अपराह्न तीन बजे तब की सूचनाओं के आधार पर 23 राज्यों में लगभग दो लाख से अधिक गांव में किसानों ने अपने घरों पर काले झंडे लगाकर मोदी सरकार की नीतियों का विरोध किया।

कई स्थानों पर केंद्र सरकार के पुतले तथा विभिन्न गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले भी जलाए गए। कुछ राज्यों में पुलिस के साथ झड़पे भी हुईं।

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में राज्य सरकारों ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे। कई शहरों में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच केंद्र सरकार की अर्थी को लेकर छीना झपटी भी हुईं और इस दौरान कुछ लोगों को चोटें भी आई हैं।

उल्लेखनीय है कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरने का आज छह महीना पूरा हो गया। साथ ही आज मोदी सरकार के भी सात साल पूरे हो गए। इसलिए किसानों ने आज काला दिवस मनाकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया।

किसानों ने बॉर्डर पर प्रदर्शन करते हुए मनाया काला दिवस

इधर  हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर किसानों ने बुधवार को काला दिवस मनाया।

कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर कई जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव, अभिमन्यु कोहाड़ के अनुसार कुंडली बॉर्डर के मुख्य मंच पर बुधवार को सबसे पहले बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई और महात्मा बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया गया। इसके बाद किसानों ने अपने वाहनों तथा ट्रैक्टर-ट्रालियों पर काले झंडे लगाए और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

शिवराज सिंह चौहान ने संबोधन में कहा: 1 जून से आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी, लेकिन तीसरी लहर भी रोकना जरुरी,सरकार कोविड केयर सेंटर बंद नहीं करेगी attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर काफी हद तक नियंत्रण में आने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि एक जून से आर्थिक गतिविधियां भी धीरे धीरे प्रारंभ की जाएंगी, लेकिन निकट भविष्य में कोरोना की तीसरी लहर रोकना भी जरुरी है।

श्री चौहान ने शाम को प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने बार बार जोर देकर कहा कि सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए रोड मैप बनाया है, लेकिन प्रत्येक नागरिक, धर्म गुरुओं और स्वैच्छिक संगठनों को भी कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की अपनी जिम्मेदारी निभाना है।

तीसरी लहर नहीं रोक पाए, तो फिर भयानक स्थिति बन जाएगी।

साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन कोरोना रोकने संबंधी अनुशासन का पालन करके हम इसे रोक सकते हैं।

श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं और सरकार अनुशासन तथा कोरोना संबंधी नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए कोरोना संक्रमण काबू रखने का क्रम रोकेगी नहीं।

लेकिन शादी विवाह, सार्वजनिक, धार्मिक और भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर अंकुश बेहद जरुरी हैं।

इस कार्य में धर्म गुरु और प्रभावी व्यक्ति अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।

सरकार कोविड केयर सेंटर बंद नहीं करेगी।

स्वास्थ्य संबंधी अन्य सुविधाएं भी और बढ़ाने का प्रयास रहेगा।

प्रतिदिन 70 हजार से अधिक टेस्टिंग जारी रखने का प्रयास भी होगा।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि आगामी कुछ समय तक काेरोना वायरस रहेगा ही और हमें उसके साथ रहकर अनुशासन के साथ जीने की आदत बनाना होगी।

अन्यथा इसकी कीमत चुकाना होगी।

मध्यप्रदेश पिछले एक वर्ष से अधिक समय से कोरोना के प्रकोप को झेल रहा है, लेकिन मार्च के बाद अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर ने सभी 52 जिलों में जबर्दस्त तबाही मचायी और लोगों के बीच हाहाकार मच गया था।

मई माह के तीसरे सप्ताह से स्थितियां नियंत्रित होना प्रारंभ हुयी और अब औसत संक्रमण दर पांच प्रतिशत के अंदर आ गयी है।

यह दर 25 प्रतिशत को भी पार कर गयी थी।

कुछ जिलों में संक्रमण दर 50 प्रतिशत से भी अधिक थी।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश उस स्थिति से भी गुजरा है, जब अस्पतालों के सभी बिस्तर भरे थे।ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए दिन-रात एक करने पड़ रहे थे। कितने ही लोगों को ऑक्सीजन लगी, कुछ लोग वेन्टीलेटर पर चले गए और कुछ लोग तो इस दुनिया से ही चले गए। क्या हम इस कष्ट को फिर से देखना चाहते हैं। इसीलिए सावधानी की रखने की

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू धीरे-धीरे खोला जाएगा। कौनसी गतिविधि कब आरंभ होगी। यह ग्राम, वार्ड, ब्लाक, नगर और जिला स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ तय करेगी। अलग-अलग जिलों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग व्यवस्थाएँ होंगी। यह भी स्थानीय स्तर पर ही तय होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में संक्रमण नियंत्रण के लिए जन-समुदाय के सहयोग का मॉडल प्रभावी रहा है। आज बुद्ध पूर्णिमा है। प्रदेश को कोरोना मुक्त करने का संकल्प प्रदेशवासी लें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों के नाम जारी संदेश में कहा कि कहा है कि आज बुद्ध पूर्णिमा है। आज ही के दिन बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। भगवान बुद्ध ने कहा था- सर्वं दु:खं, दु:ख समुदय, दु:ख निरोध और दु:ख निरोध गामिनी प्रति पथ अर्थात दु:ख है़, दु:ख का कारण है और कारण का निवारण भी किया जा सकता है। हमें बुद्ध के बताए मध्यम मार्ग पर चलते हुए अनुशासित जीवन जीना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज कोरोना संकट ने मानवता को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है। कोरोना वायरस के फैलने के कारण का निवारण किया जा सकता है। प्रदेश में सरकार के प्रयास और सभी के सहयोग से कोरोना संक्रमण अब नियंत्रण की स्थिति में है। रिकवरी रेट 93.39 प्रतिशत है, लेकिन सावधानी रखना बहुत जरूरी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रकरणों संक्रमण में तेजी से गिरावट- शिवराज

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के प्रकरणों में तेजी से गिरावट आ रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि अब प्रदेश के 45 जिलों में कोरोना संक्रमण पॉंच प्रतिशत से कम है। संक्रमण की दृष्टि से प्रदेश का देश में 19 वाँ स्थान है। आगामी 31 मई तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण शून्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

कोरोना अनलॉक के लिए मंत्री समूह की बैठक 27 मई को

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में कोरोना कर्फ्यू को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए विचार-विमर्श हेतु मंत्री समूह की बैठक 27 मई को सुबह 11:30 बजे मंत्रालय में आहूत की गई है।

अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (गृह) अशोक अवस्थी ने बताया है कि बैठक के सम्बंध में मंत्री समूह के सभी मंत्रियों को आवश्यक सूचना भेज दी गई है।

डॉ. राजौरा ने बताया है कि बैठक में जून माह से कोरोना कर्फ्यू को सुनियोजित रूप से चरणबद्ध प्रक्रिया के अनुरूप समाप्त किए जाने पर चर्चा होगी।

उन्होंने बताया कि अनलॉक के साथ सामान्य जनजीवन बहाल किए जाने के लिए प्रस्तावित रणनीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मंत्री समूह द्वारा आवश्यक विचार विमर्श किया जाएगा ।

कोरोना संक्रमण की चपेट में आजम खान की हालत फिर बिगड़ी, आईसीयू में शिफ्ट attacknews.in

लखनऊ 26 मई । समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद मोहम्मद आजम खां की तबीयत बिगड़ने से उन्हे आईसीयू में एक बार फिर शिफ्ट कर दिया गया है।
सपा के 72 वर्षीय बुजुर्ग नेता और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को कोरोना संक्रमण के कारण पिछली नौ मई को लखनऊ के मेंदाता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल द्वारा बुधवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में बताया गया कि श्री खां के फेफड़ों में पोस्ट कोविड फाइब्रोसिस, कैविटी और चेस्ट इन्फेक्शन पाया गया जिसके बाद उन्हे दोबारा आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।

उनको 3-4 लीटर ऑक्सीजन रिक्वायरमेंट के साथ डाक्टरों की गहन निगरानी में रखा गया है।

चिकित्सकों के अनुसार श्री खां की तबीयत क्रिटिकल लेकिन नियंत्रण में है।

हालांकि उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम की स्थिति संतोषजनक है।

सुरक्षा बलों ने मध्य कश्मीर में गंदेरबल के नारानाग जंगल इलाके में घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया attacknews.in

श्रीनगर 26 मई ।सुरक्षा बलों ने बुधवार को मध्य कश्मीर में गंदेरबल के नारानाग जंगल इलाके में घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर सेना और पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू किया। इस दौरान ग्रेनेड , मेगजीन और एके 47 राइफल की 30 राउंड गोलियां तथा काफी संख्या में विस्फोटक बरामद किया गया।

जम्मू कश्मीर में आतंकियों के उत्पात को देखते हुए सुरक्षाबलों द्वारा उनके सफाए का काम भी जारी है। बीते दिनों ही जम्मू और कश्मीर में अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके के वेलू में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में लश्कर के तीन आतंकवादी फंसे हुए थे। बाद में इन तीनों को मार गिराया गया।

वहीं उससे पहले एलओसी से सटे पूंछ में पुलिस और सेना ने मिलकर आतंकवादियों पर बड़ी कार्रवाई की थी। यहां बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किया गया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने बड़े आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया। पुंछ में एक आतंकवादी ठिकाने से सुरक्षा बलों ने 19 हैंड ग्रेनेड बरामद किए थे।

उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी के गृह जिले के विश्वविद्यालय में भाई को नियुक्ति विवाद के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर पद से देना पड़ा इस्तीफा,अरुण द्विवेदी की नियुक्ति आर्थिक वर्ग से कमजोर कोटे के तहत हुई थी attacknews.in

 

लखनऊ 26 मई ।उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के गृह जिले सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में उनके भाई की नियुक्ति मामले में आज उस वक्त नया मोड़ आ गया और उनके भाई ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया ।

नियुक्ति के बाद से ही ये मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ था तथा सरकार विपक्ष के निशाने पर थी ।

मंत्री सतीश चन्द्र के भाई अरुण द्विवेदी की नियुक्ति आर्थिक वर्ग से कमजोर कोटे के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी।

मामला चर्चा में आया तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रमाण के आधार पर नियुक्ति देने की बात की थी, जबकि प्रदेश की कई हस्तियों ने प्रमाण पत्र के जांच की मांग की थी।

विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए करीब 150 आवेदन प्राप्त हुए थे।

जिसमें मेरिट के आधार पर चयनित दस आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।

उसमें मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी का नाम वरीयता सूची में दूसरे नंबर था।

सोशल मीडिया पर मंत्री के भाई को बधाई से सिलसिला शुरू हुआ, उसके बाद आलोचना होने लगी थी।

भाई की नियुक्ति को लेकर छिड़े विवाद पर मंत्री सतीश द्विवेदी ने भी सफाई दी थी।

उन्होंने कहा था कि जिसे भी इस बारे में आपत्ति हो वो जांच करवा सकता है।

भाई ने एक अभ्यर्थी के रुप में आवेदन किया और विवि ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए चयन किया।

इस मामले मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है।

मैं विधायक और मंत्री हूं लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति से मेरे भाई को आंकना उचित नहीं है।

अरुण द्विवेदी की पत्नी डॉ.विदुषी दीक्षित मोतिहारी जनपद के एमएस कॉलेज में मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि डॉ विदुषी की बहाली बीपीएससी के माध्यम से 2017 में हुई थी।

वे यहां मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

बताया जा रहा है कि सातवें वेतनमान के बाद उनका वेतन व अन्य भत्ता के साथ 70 हजार से अधिक है।

विवाद होने के बाद जांच में पता चला कि अरुण द्विवेदी का ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र 2019 में जारी हुआ था।

इसी प्रमाण पत्र पर उन्हें 2021 में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में नौकरी मिली।

यह प्रमाण पत्र केवल 2020 तक ही मान्य था।

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी व महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर सीधा निशाना साधा था।

उन्होंने कहा था कि यूपी सरकार के मंत्री आम लोगों की मदद करने से तो नदारद दिख रहे हैं लेकिन आपदा में अवसर हड़पने में पीछे नहीं हैं।

बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई नियुक्ति पा गए और लाखों युवा यूपी में रोजगार की बांट जोह रहे हैं लेकिन नौकरी ‘आपदा में अवसर’ वालों की लग रही है।

उन्होंने कहा था कि ये वही मंत्री हैं, जिन्होंने चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मारे गए शिक्षकों की संख्या को नकार दिया और इसे विपक्ष की साजिश बताया।

तमिलनाडु में मीडियाकर्मियों को 5,000 रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा:परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दस लाख रुपये की गयी attacknews.in

चेन्नई, 26 मई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मीडियाकर्मियों को कोविड फ्रंटलाइन कार्यकर्ता घोषित करने के कुछ ही बाद बुधवार को राज्य के सभी मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के लिए 5,000 रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि की घोषणा की।

श्री स्टालिन ने यहां एक बयान में कहा कि पिछली अन्नाद्रमुक सरकार ने मीडिया के लोगों को विशेष सहायता के रूप में 3,000 रुपये का भुगतान किया था। अब इसे बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि एक सरकारी आदेश जारी कर कोरोना से मरने वाले मीडियाकर्मियों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दी गयी है।

प्रियंका वाड्रा ने “जिम्मेदार कौन” अभियान में जवाहरलाल नेहरू को चेचक, पोलियो महामारी देश की वैक्सीन से मिटाने की बात कहकर नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया कि,आखिर दूसरे देशों से वैक्सीन मांगने की नौबत क्यों आयी attacknews.in

लखनऊ 26 मई । कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से सवाल किया है कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत आज दूसरे देशों से वैक्सीन माँगने की स्थिति में क्यों आ गया और सरकार इसे उपलब्धि की तरह क्यों प्रस्तुत कर रही है।

श्रीमती वाड्रा ने भाजपा सरकार को घेरने के लिये शुरू किये गये ‘जिम्मेदार कौन’ अभियान के तहत फेसबुक वाल पर पोस्ट किया कि पिछली 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से भाषण में कहा था कि उनकी सरकार ने वैक्सीनेशन का पूरा प्लान तैयार कर लिया है। देश के वैक्सीन उत्पादन और वैक्सीन कार्यक्रमों की विशालता के इतिहास को देखते हुए ये विश्वास करना आसान था कि मोदी सरकार इस काम को तो बेहतर ढंग से करेगी।

आखिर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन यूनिट व 1952 में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे को स्थापित कर भारत के वैक्सीन कार्यक्रम को एक उड़ान दी थी। हमने सफलतापूर्वक चेचक, पोलियो आदि बीमारियों को शिकस्त दी।
इन उपलब्धियों को जानकर देश निश्चिंत था कि वैक्सीन की समस्या नहीं आएगी मगर कड़वी सच्चाई है कि महामारी की शुरूआत से ही, भारत में वैक्सीन आम लोगों की जिंदगी बचाने के औज़ार के बजाय प्रधानमंत्री के निजी प्रचार का साधन बन गई। इसके चलते आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत अन्य देशों से वैक्सीन के दान पर निर्भर हो गया है और वैक्सिनेशन के मामले में दुनिया के कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया है। आज भारत की 130 करोड़ की आबादी के मात्र 11 प्रतिशत हिस्से को वैक्सीन की पहली डोज़ और तीन फीसदी को फुल वैक्सीनेशन नसीब हुआ है। श्री मोदी के टीका उत्सव की घोषणा के बाद पिछले एक महीने में वैक्सीनेशन में 83 प्रतिशत की गिरावट आयी है।

श्रीमती वाड्रा ने कहा कि विश्व के बड़े-बड़े देशों ने पिछले साल ही उनकी जनसँख्या से कई गुना वैक्सीन आर्डर कर लिए थे मगर मोदी सरकार ने पहला आर्डर जनवरी 2021 में दिया वह भी मात्र एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन का जबकि हमारी आबादी 130 करोड़ है। इस साल जनवरी-मार्च के बीच में मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज दी। कई देशों को मुफ़्त में भेंट भी की। जबकि इस दौरान भारत में मात्र 3.5 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगी।

सरकार ने एक मई से 18-44 आयुवर्ग की लगभग 60 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन देने के दरवाजे खोले लेकिन मात्र 28 करोड़ वैक्सीन के आर्डर दिए जिससे केवल 14 करोड़ जनसँख्या को वैक्सीन लगाना संभव है। सरकार को इस बारे में देश की जनता को जवाब देना चाहिये।

टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ में NSUI द्वारा दर्ज मामले में पुलिस द्वारा जारी दूसरे नोटिस पर भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पेश नही हुए एक सप्ताह का फिर समय मांगा attacknews.in

रायपुर 26 मई। टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दर्ज करवाए मामले में पुलिस द्वारा जारी दूसरी नोटिस पर भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा आज पेश नही हुए और पूछताछ के लिए जारी नोटिस पर जवाब देने क लिए एक सप्ताह का फिर समय मांगा है।

रायपुर के सिविल लाईन थाने के प्रभारी को श्री पात्रा के अधिवक्ता ने पुलिस को आज भेजे ईमेल में आज पेश होने पर असमर्थता जताते हुए पूछताछ में शामिल होने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।अधिवक्ता ने इसके साथ ही पुलिस से पूछताछ के बिन्दु लिखित में देने का अनुरोध किया है जिससे कि लिखित में जवाब दिया जा सके।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने मार्च और अप्रैल के महीनों में कोरोना से हजारों मौतों के आंकड़े छुपाने से इंकार करके कहा कि;कोरोना से 5 हजार के पार मौतें हुई बाकी अन्य कारणों से मरे attacknews.in

जयपुर, 26 मई । राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना से पिछले दो महीनों में ही पांच हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि इससे पहले तेरह महीनों में लगभग तीन हजार मरीजों की मृत्यु हुई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के अनुसार गत वर्ष मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में कोरोना से 7911 मौतें हुई हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविड-19 से अप्रैल और मई में अब तक सर्वाधिक 5093 मौतें हुई हैं। इससे पूर्व के पिछले वर्ष मार्च से गत मार्च तक तेरह महीनों में 2818 मौतें हुईं। इनमें गत वर्ष अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर एवं नवम्बर के चार माह में 1632 मौतें हुई और शेष नौ महीनों केवल 1186 कोरोना मरीजों की जान गई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में कोविड से होने वाली हर एक मौत का रिकॉर्ड रखा जाना सुनिश्चित कर रही है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ की कोई संभावना नहीं है। हमारा कोविड की पहली लहर के समय से ही प्रयास रहा है कि पॉजिटिव मामले से लेकर मृत्यु तक आंकड़ों में स्पष्टता रहे। किसी स्तर पर कोई हेर-फेर नहीं हो, इस संबंध में निचले स्तर तक सख्त निर्देश दिए गए हैं। हमें आंकड़ों की नहीं प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान एक बड़ा प्रदेश है, जिसकी जनसंख्या करीब आठ करोड़ है। ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में कोविड के अतिरिक्त अन्य बीमारियों, दुर्घटनाओं, आयु एवं अन्य कारणों से मौतें होना स्वाभाविक है। ऐसी मौतों को कोविड से जोड़ना उचित नहीं है।

उन्होंने बताया कि प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों के कारण प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले मृत्यु दर कम रही है और गत वर्ष मार्च से लेकर अब तक प्रदेश में कोरोना से 7911 मौतें हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को प्रदेश में लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में विफल बताते हुए कोरोना संक्रमित मौतों के वास्तविक आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था।

राजस्थान में मौतों के आंकड़े छुपाने की परंपरा नहीं-गहलोत

इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट किया है कि राज्य में मौतों की संख्या छिपाने की परम्परा नहीं है। हमें आंकड़ों की नहीं, प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है। हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ समाज के सभी वर्गों के सहयोग से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है।

श्री गहलोत ने प्रदेश भाजपा के कोरोना के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाने के बाद यह बात कही।

उन्होंने निर्देश दिए है कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यु के मामलों की ऑडिट कराएं, ताकि कोविड और नॉन कोविड मौतों की वास्तविकता का पता चले और कोविड पीड़ित परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के संबंध में निर्णय लिया जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की युवा आबादी के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार के साथ समन्वय सहित सभी स्तर पर प्रयास करें, ताकि वैक्सीनेशन का काम तेजी से आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण टीकाकरण संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव में मदद करेगा।

मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 93़ 3 प्रतिशत हुआ; शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि;आगामी 1 जून से कोरोना कर्फ्यू में क्रमिक रियायतें देकर अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थितियां निरंतर नियंत्रण की ओर बढ़ने के बीच आगामी एक जून से कोरोना कर्फ्यू में क्रमिक रियायतें देकर अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ट्वीट के जरिए लिखा है ‘मेरे प्रिय भाइयों बहनों, भांजे भांजियों, कोविड के विरुद्ध मध्यप्रदेश जीत की ओर तेजी से अग्रसर है। जीवन को पटरी पर लाने के लिए 01 जून से अनलॉक की प्रक्रिया के लिए आपके सुझाव आमंत्रित हैं। आप 31 मई तक मप्र सरकार के पोर्टल, व्हाट्एप या ईमेल के माध्यम से भी अपने अमूल्य विचार हमसे साझा कर सकते हैं।’

इस बीच सोमवार से कम संक्रमण वाले झाबुआ, अलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड जिलों में कोरोना कर्फ्यू में रियायत देने का कार्य प्रारंभ हुआ है। इनके अनुभव के आधार पर भी अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य में सभी 52 जिलों में पिछले माह से कोरोना कर्फ्यू लागू हैं और उक्त पांच जिलों के अलावा शेष सभी में 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा।

वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहां मीडिया से कहा कि राज्य में आज कोरोना संक्रमण के 2189 नए मामले आए और 7486 व्यक्ति स्वस्थ हुए। स्वस्थ होने वालों की दर (रिकवरी रेट) बढ़कर 93़ 3 प्रतिशत हो गयी है और संक्रमण दर 3़ 11 प्रतिशत है। मात्र तीन जिले भोपाल, इंदौर और सागर ऐसे हैं, जहां पर संक्रमण दर 05 प्रतिशत से ऊपर है। शेष जिलों में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से कम है।

श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में कोरोना के इलाज संबंधी पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। अब हम सभी धीरे धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहे हैं। हम लोगों को भी कोरोना के साथ रहने की आदत डालना चाहिए। इसके अलावा सभी लोग कोरोना का टीका भी लगवाएं।

उन्होंने देश में कोरोना वैक्सीन जल्दी विकसित होने की बात करते हुए कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं, जिनके मजबूत इरादों के कारण यह संभव हो सका।

मरीज को ले जाने के लिए अधिक राशि वसूलने पर एंबुलेंस की सेवाएं तीन माह निलंबित attacknews.in

 

छिंदवाड़ा, 26 मई ।मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक मरीज से निर्धारित दर से अधिक धनराशि वसूल करने के मामले में परिवहन विभाग ने एंबुलेंस संचालक से 17 हजार रुपए वापस करने और एंबुलेंस की सेवाएं तीन माह के लिए निलंबित करने के आदेश दिए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार परिवहन विभाग के कल यहां इस संबंध में शिकायत का निराकरण करते हुए यह आदेश दिया। शिकायत के अनुसार जिले के परासिया से एक मरीज को 19 मई को नागपुर ले जाने के लिए एंबुलेंस संचालक ने 29 हजार रुपए लिए थे। यह राशि निर्धारित दर से अधिक प्रतीत होने पर अब्दुल नाम के व्यक्ति ने परिवहन विभाग में शिकायत की। जिला परिवहन कार्यालय ने शिकायत का निराकरण करते हुए एंबुलेंस संचालक पवन माहोरे को आदेश दिया कि वह 17 हजार रुपए वापस करे।

सुबोध कुमार जायसवाल ने सीबीआई प्रमुख का कार्यभार संभाला attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 मई ।भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1985 बैच के अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक का कार्यभार बुधवार को संभाल लिया।

सीबीआई के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जांच एजेंसी मुख्यालय पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्री जायसवाल का स्वागत किया।

कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से मंगलवार को देर शाम जारी एक अधिसूचना के अनुसार, नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी श्री जायसवाल को देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई का निदेशक नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

श्री जायसवाल इससे पहले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीअीईएसएफ) के महानिदेशक पद पर कार्यरत थे। वह मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक भी रह चुके हैं। श्री जायसवाल ने खुफिया ब्यूरो और रिसर्च एनालिसिस विंग (रॉ) में भी अपनी लंबी सेवाएं दी हैं।

सीबीआई के निदेशक का पद फरवरी के पहले सप्ताह से खाली था। तत्कालीन निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला की सेवानिवृत्ति के बाद एजेंसी के कार्यकारी निदेशक प्रवीण सिन्हा अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाल रहे थे।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के निदेशक के चयन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक हुई थी।

पीएम केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष से देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र किए जा रहे हैं स्थापित: संयंत्र के नज़दीक ही कोविड सेंटर भी तैयार किए जाएँगे attacknews.in

शिमला, 26 मई ।केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कोरोना आपदा की दूसरी लहर को देखते हुये प्रधानमंत्री केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जाएंगे।

श्री ठाकुर ने आज यहां एक वक्तव्य में कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर देशभर में मरीजों को ऑक्सीज़न की जरूरत बढ़ी है तथा केंद्र सरकार युद्धस्तर पर इसे उपलब्ध करा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री केयर और सार्वजनिक उपक्रम कोष से देशभर में 1500 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं।ऑक्सीजन संयंत्र के नज़दीक ही कोविड सेंटर भी तैयार किए जाएँगे।

मरीजों को जल्द ऑक्सीज़न मुहैया कराने के लिये सरकार वायुसेना और ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेल का सहारा ले रही है।गत दो सप्ताह से राज्यों को मांग के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में युद्धस्तर पर काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा “केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने एक सुगम और व्यवस्थित तंत्र के जरिए विश्व समुदाय की ओर से आने वाली सहायता को राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में तेजी से वितरित करने के लिए निर्बाध रूप से सहयोग किया है।

27 अप्रैल से लेकर अब तक कुल मिलाकर 17,755 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, 16031 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 13,449 वेंटिलेटर, 6.9 लाख रेमडिसिविर के टीके सड़क और हवाई मार्ग के जरिए भेजे जा चुके हैं।

उत्तरप्रदेश में अपहरण करके जंगल ले जाकर नाबालिग से सामूहिक बलात्कार, तीन आरोपी गिरफ्तार, किशोरी को भेजा अस्पताल attacknews.in

सुलतानपुर,26मई । उत्तर-प्रदेश में सुलतानपुर जिले के वल्दीराय क्षेत्र में बुधवार को एक किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है।
इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया जबकि पीड़िता को जांच और इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा दिया ।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक बल्दीराय क्षेत्र में सुबह घर से निकली एक किशोरी को तीन युवकों ने दबोच लिया और जंगल में लेगए।

किशोरी का आरोप है कि उन्होंने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और फरार हो गए।

घटना के बाद किशोरी घर पहुंची और परिजनों को उसने आप बीती बताई।

परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही बल्दीराय इलाके के पुलिस उपाधीक्षक राजाराम चौधरी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़िता को जिला महिला अस्पताल भेजा।

उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में मामला दर्ज कर पुलिस ने तीनों आरोपी को विरधौरा गांव के मोड़ के पास गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपियों में इलियास निवासी अरवल, शिवकुमार निवासी गौरा बरामऊ और सुजीत सरोज निवासी विरधौरा शामिल हैं।

गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया।

अ भा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी और शिष्य आनंद गिरी के बीच चल रहा संपत्ति विवाद का पटाक्षेप ,पैर पकड़कर माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में दिए बयान को वापस लिया attacknews.in

प्रयागराज,26 मई । साधु संतो की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी और उनके शिष्य योग गुरू आनंद गिरी के बीच पिछले कई दिनों से चल रहा संपत्ति विवाद का पटाक्षेप हो गया।

परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने आज यहां बताया कि आनंद गिरि ने उनके पैर पकड़कर माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस लिया ले लिया।

आनंद गिरी ने बताया कि परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी के साथ सभी प्रकार के पिछले विवदों को लेकर बुधवार को यहां बैठक हुई।

बैठक में उन्होंने अपने गुरू पर लगाये सभी आरोपों को पैर पकड़कर मांगी माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस लिया ले लिया।

उन्होंने कहा कि गुरू शिष्य परंपरा को बनाये रखने के लिए भवावेश में जो भी गलत बयान दिया उसको वापस लेता हूं, क्षमा मांग रहा हूं।

उन्होंने कहा कि साथ ही साथ अखाड़ा एवं पंच परमेश्वर से भी क्षमा प्रार्थी हूं।अत: अपने गुरू की कृपा में हमेशा बना रहूंगा।

महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा,“शिष्य आनंद गिरी द्वारा किये गये सभी कृत्यों की माफी मांग लेने पर संत हृदय एवं गुरू परंपरा “ क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को अपराध” के उच्च् मानदंडों के कारण माफ करता हूं।” उन्हे आगामी गुरू पूर्णिमा पर आश्रम में आकर गुरू की पूजा करने की इजाजत देता हूं।

महंत नरेंद्र गिरि ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी एवं बड़े हनुमान मंदिर में आनंद गिरी के आने पर लगाई पाबंदी हटाई और उनपर लगाए आरोपों को भी वापस लिया।

मठ की तरफ से जारी एक विडियो आंनंद गिरी को अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी से पैर पकड़कर अपनी गलत बयानी पर माफी मांगते दिखाया गया है।

गौरतलब है कि 14 मई को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से स्वामी आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने पर निष्कासित होने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई हुई थी, जिसके बाद गुरु शिष्य के बीच बढ़ गया था।

विवाद इस कदर बढ़ गया था कि आनंद गिरी सोशल मीडिया पर लगातार अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयान दे रहे थे।