भाजपा में ज्यादातर प्रदेश अध्यक्ष सर्वसम्मति से ही बने हैं। पार्टी ने हर बार चुनाव और टकराव को टाला है। इस बार चुनाव होंगे या फिर सर्वसम्मति से किसी नेता की इस पद पर ताजपोशी की जाएगी, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन बीजेपी प्रमुख के लिए उक्त नेताओं की दावेदारी भी चर्चा में हैं।
शाह तय करेंगे विजयवगर्गीय की भूमिका
इधर, विजयवर्गीय प्रदेश के कद्दावर और जनाधार वाले नेता माने जाते हैं। मंत्री पद छोड़कर उन्होंने खुद संगठन का हाथ थामा है। संगठन क्षमता में माहिर और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के विजयवर्गीय नजदीकी हैं। ऐसे में शाह के रूख पर ही विजयवर्गीय की अगली भूमिका तय होना या न होना निराधार करेगा। प्रदेश के परिवहन मंत्री सिंह भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गुडबुक में हैं, लेकिन उनके सरकार में रहने या संगठन की कमान संभालने का फैसला भी मुख्यमंत्री पर ही निर्भर करेगा। इसके अलावा जबलपुर के सांसद राकेश सिंह का नाम भी इस पद के लिए प्रमुखता से चर्चा में है।
संगठन की कसौटी पर उतरे हैं चौहान
फिलहाल, सियासी समीकरण चौहान के पक्ष में ज्यादा नजर आ रहे हैं। दरअसल वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली पसंद हैं। सीएम चौहान और बीजेपी प्रमुख चौहान ने परस्पर तालमेल के साथ कईं चुनाव और उपचुनाव जीते हैं। जबकि नगरीय निकाय चुनाव में तो एकतरफा पार्टी का परचम फहराया है। यूं भी चौहान को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का शेष कार्यकाल मिला है। इस लिहाज से उनकी दावेदारी ज्यादा मजबूत मानी जा रही है।