प्रिंट मीडिया ने पिछले वित्तीय वर्ष में 5.13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की और इस दौरान 5423 नए रजिस्ट्रेशन किए गए। ‘Press in India 2015-16’ रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 31 तक कुल पब्लिकेशंस की संख्या 1,10,851 तक पहुंच गई। इनमें हिन्दी में सबसे ज्यादा और उसके बाद अंग्रेजी में पब्लिकेशंस रजिस्टर्ड हुए हैं
रिपोर्ट के अनुसार, इनमें हिन्दी अखबार और पत्रिकाओं की संख्या 44,557 थी जबकि अंग्रेजी में पब्लिकेशंस की संख्या 14,083 थी!सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू द्वारा एक कार्यक्रम में जारी की गई इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रजिस्टर्ड हुए कुल पब्लिकेशंस 1,10,851 में दैनिक (dailies) और पाक्षिक-साप्ताहिक (bi-tri weeklies) की संख्या 16136 रही जबकि अन्य पीरियडिकल्स (periodicities) शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ भी मौजूद थे।
इस रिपोर्ट के अनुसार, यदि प्रसार संख्या (circulations) की बात करें तो हिन्दी पब्लिकेशंस की संख्या रोजाना सबसे ज्यादा 31,44,55,106 प्रतियां (copies) रही जबकि अंग्रेजी में यह संख्या 6,54,13,443 और उर्दू में 5,17,75,006 प्रतियां रहीं। बंगाल में ‘आनंद बाजार पत्रिका’ (Anand Bazar Patrika) की सबसे ज्यादा बिक्री 11,50,038 प्रतियां रही।
दूसरा सबसे ज्यादा प्रसार संख्या वाला अखबार ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times), दिल्ली रहा। इसकी प्रसार संख्या 9,92, 239 रही। वहीं7,36,399 कॉपियों के साथ हिन्दी दैनिक ‘पंजाब केसरी’ (Punjab Kesari), जालंधर का सर्कुलेशन सबसे ज्यादा रहा। इसके अलावा मल्टी एडिशन में दैनिक अखबार की बात करें तो 46,14,939 कॉपियों के साथ ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) हिन्दी रहा।
रिपोर्ट के अनुसार, मल्टी एडिशन डेली में ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ (The Times of India) का सर्कुलेशन दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 44,21,374 और ‘द संडे टाइम्स ऑफ इंडिया’(The Sunday Times of India) 8,02,466 सुर्कलेशन के साथ सबसे ज्यादा बिकने वाली पीरियडिकल्स (periodical) रहा।
पब्लिकेशंस की संख्या के मामले में 2015-16 के आखिर में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर (16,984 पब्लिकेशंस), महाराष्ट्र दूसरे नंबरी पर (15,260पब्लिकेशंस) और 12,482 पब्लिकेशंस के साथ दिल्ली तीसरे नंबर पर रही।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान 15 पब्लिकेशंस जब्त किए गए जबकि 22 पब्लिकेशंस अपंजीकृत (deregistered) किए गए। वहीं27,445 पब्लिकेशंस ने अपने वार्षिक स्टेटमेंट (Annual Statements) जमा कराए।