नयी दिल्ली, 7 मार्च : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि आध्यात्म भारत की ताकत है और दुर्भाग्य से कुछ लोग इसे धर्म से जोड़ देते हैं।
भारत योगदा सत्संग समाज :वाईएसएस: के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आध्यात्म की यात्रा की दिशा में योग पहला कदम है ।
मोदी ने कहा कि विश्व भारत की तुलना उसकी आबादी, जीडीपी या रोजगार दर के आधार पर करता है लेकिन दुनिया ने भारत के अध्यात्म को न कभी जाना और न ही उसे मान्यता दी ।
उन्होंने कहा, ‘‘ आध्यात्म भारत की ताकत है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कुछ लोग आध्यात्म को धर्म से जोड़ देते हैं। आध्यात्म और धर्म दोनों एक दूसरे से अलग हैं। ’’ प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में योगी परमहंस की प्रशंसा की जो अपने संदेश के प्रसार के लिए भारत से बाहर गए लेकिन सदैव भारत से जुड़े रहे ।
उल्लेखनीय है कि परमहंस ने 1917 में वाईएसएस की स्थापना की थी ।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर एक विशेष डाक टिकट जारी किया ।
मोदी ने इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम के शब्दों का स्मरण किया जिसमें उन्होंने महसूस किया था कि आध्यात्म भारम की ताकत है और यह प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि देश के आध्यात्म को हमारे साधु, संतों ने मजबूती प्रदान की है |