नयी दिल्ली, तीन अगस्त । विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ ही संगठन अब भारत को ‘‘राम राज्य’’ बनाने की दिशा में काम करेगा तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदायों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित करेगा।
उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व करने वाली विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का मिशन भगवान राम के जन्मस्थान पर केवल मंदिर निर्माण का नहीं था, बल्कि यह ‘‘राम राज्य’’ स्थापित करने का भी मिशन है।
कुमार ने कहा, ‘‘श्रीराम के शासन में कोई निर्धनता और कोई बीमारी नहीं थी। विहिप अब अधिक ध्यान ‘राम राज्य’ स्थापित करने पर केंद्रित करेगी जो समानता पर आधारित सौहार्दपूर्ण समाज होगा जहां प्रत्येक व्यक्ति के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार होगा। हर कोई भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और आजीविका को लेकर आश्वस्त होगा।’’
विहिप नेता ने कहा कि जब तक समाज शबरी और निषादराज को अंगीकार नहीं करेगा और जब तक ‘‘ऊंच-नीच’’ का भेद नहीं मिटेगा, तब तक ‘राम राज्य’ नहीं आ सकता।
उन्होंने कहा कि सरकार के अतिरिक्त, समाज के सभी तबकों को लक्ष्य प्राप्ति के लिए मिलकर काम करना होगा। विहिप इसके लिए अभियान शुरू करेगी।
कुमार ने कहा, ‘‘विहिप खास तौर पर अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के बीच अपने कार्य का विस्तार करेगी और उन्हें बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य तथा आय अर्जित करने वाली सुविधाएं उपलब्ध कराने के अपने प्रयासों को तेज करेगी।’’
उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए संगठन को सरकार तथा लोगों के बीच ‘‘सेतु’’ के रूप में काम करना चाहिए।
कुमार ने सामाजिक सौहार्द को ‘राम राज्य’ का आवश्यक पहलू करार देते हुए कहा कि भगवान राम ने अपने 14 साल के वनवास में लगातार इसके लिए काम किया।