अयोध्या, 03 नवम्बर । अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि मामले का फैसला आने से पहले राममंदिर के प्रस्तावित मॉडल के अनुसार प्रथम तल की निर्माण सामग्री लगभग तैयार कर ली गयी है।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने रविवार को बातचीत में कहा कि राम मंदिर का निर्माण शुरू करने से पहले का लगभग 65 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। जैसे ही मंदिर का निर्माण शुरू होगा वैसे ही दूसरे तल के लिये पत्थरों का तराशना शुरू हो जायेगा।
विहिप के मीडिया प्रभारी ने बताया कि राम मंदिर में लगने वाले पत्थर की आयु एक हजार वर्ष है जिसका प्रयोगशाला में परीक्षण भी किया जा चुका है। कई दशकों तक चले मुकदमे के बाद अब कुछ ही दिनों में देश-दुनिया के चर्चित मामले का फैसला आने वाला है।
उन्होंने बताया कि अयोध्या से 1384 किलोमीटर दूर गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाले चन्द्रकांत भाई सोमपुरा ने राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया था जिसे श्रीरामजन्मभूमि न्यास के कार्यशाला में रखा गया है। इसका दूसरा मॉडल विश्व हिन्दू परिषद मुख्यालय कारसेवकपुरम् में भी रखा गया है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा “ जब हमने मंदिर का मॉडल तैयार किया था तब पत्थरों की कीमत आज के मुकाबले बहुत कम थी। तब पचास रुपये प्रति वर्ग फुट पत्थर मिलता था लेकिन आज उसी पत्थर की कीमत पांच सौ रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया है। जितना लम्बा और चौड़ा पत्थर लेंगे उतनी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। ”
विश्व हिन्दू परिषद के मीडिया प्रभारी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिये ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका है। सिर्फ पत्थरों की फिटिंग करनी बाकी है। नींव तैयार करने के बाद अगले छह महीने में ग्राउंड फ्लोर के पत्थर लगा दिये गये हैं। इस तरह काम शुरू होने के बाद ढाई से तीन साल में पूरा मंदिर तैयार हो जायेगा।
उन्होंने बताया कि मंदिर का मॉडल चन्द्रकांत भाई सोमपुरा ने बनाया है और वह अभी तक सौ से ज्यादा मंदिर बना चुके हैं। लंदन पीट्सबर्ग में सर्व धर्म मंदिर, बैंकाक में विष्णु मंदिर और अमेरिका में जैन मंदिर बनाया है। सोमनाथ का मंदिर चंद्रकांत भाई सोमपुरा के दादा प्रभाशंकर जी सोमपुरा ने डिजाइन किया था और उन्हें पद्मश्री भी मिला था।