लखनऊ ,12 मार्च । उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने सहारनपुर में अवैध रुप से रह कर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त दो बांग्लादेशी नागरिकों को आज गिरफ्तार कर लिया।
एटीएस प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एटीएस को महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त हुई थी कि बाांग्लादेश का रहने वाला एक व्यकि भारत में अवैध रूप से रहकर देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। इस सूचना को विकसित करने पर यह बात प्रमाणित हुई कि तनवीर नामक एक व्यकि सहारनपुर में अपने अन्य साथियों के साथ रह रहा है और यहां देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। तनवीर अपने साथियों के साथ भारत से भाग कर बाांग्लादेश जाने की फिराक में है।
सहारनपुर में रह रहे बांग्लादेश के नागरिक उमर मुहम्मद उस्मानी व उसके बेटे तनवीर को गिरफ्तार किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि उमर ने पश्चिम बंगाल में अपना मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिया था। दोनों ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड व अन्य प्रपत्र हासिल कर लिए थे और खुद को भारतीय होने का दावा करते थे। एटीएस की टीम दोनों को शनिवार को लखनऊ स्थित कोर्ट में पेश करेगी।
आइजी एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया कि बांग्लादेश के एक नागरिक के यहां अवैध ढंग से रहने व देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की सूचना मिली थी। छानबीन में सामने आया कि सहारनपुर में तनवीर नाम का युवक रह रहा है, जिसकी गतिविधियां संदिग्ध हैं।
एटीएस ने शुक्रवार को सहारनपुर के थाना मंडी क्षेत्र से तनवीर व उसके पिता उमर मुहम्मद को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। पिता-पुत्र मूल रूप से बांग्लादेश के कोक्स बाजार के निवासी हैं। दोनों यहां सहारनपुर की नदीम कालोनी में मुजफ्फर मस्जिद के पास रह रहे थे। दोनों के विरुद्ध एटीएस थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। एटीएस ने उमर का भारतीय मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, तनवीर का आधार कार्ड व बांग्लादेश का नागरिक कार्ड, दो बांग्लादेशी सिम कार्ड व पंजाब नेशनल बैंक की चेकबुक बरामद की है।
एटीएस ने बीते दिनों ही अलीगढ़ से रोहिंग्या हसन उर्फ फारुख व उन्नाव से उसके भाई शाहिद को गिरफ्तार किया था। दोनों यहां पहचान बदलकर रह रहे थे और सिंडीकेट के तहत रोहिंग्या को सूबे के कई जिलों में लाकर बसाने व काम दिलाने की गतिवधियों में लिप्त थे।
एटीस ने दोनों भाइयों से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर छानबीन को आगे बढ़ाया था। सूत्रों का कहना है कि इसी कड़ी में हाथ लगी सूचनाओं के बाद सहारनपुर से अब बांग्लादेशी पिता-पुत्र की गिरफ्तारी हुई है।
सिंडीकेट से जुड़े हैं कई और के तार: एटीएस
अधिकारियों के अनुसार रोहिंग्या हसन जिस सिंडीकेट से जुड़ा है, उसमें शामिल कई लोगों से बांग्लादेशी उमर भी सीधे संपर्क में था। अब इनके आपसी कनेक्शन व अन्य सहयोगियों की तलाश की जा रही है। एटीएस उमर व उसके बेटे को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की भी तैयारी कर रही है।
पिछले साल भी 15 साल से देश में छिपे दो संदिग्ध आतंकी हुए थे गिरफ्तार, दुबई से जुड़ा रहा इनका कनेक्शन:
इससे पहले पिछले साल 17, नवम्बर 2020, को
यूपी पुलिस की ATS ने दो संदिग्ध आतंकियों को सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। शहर की मस्जिद के पास से स्पेशल टीम ने दोनों को कानून के शिकंजे में दबोच लिया. संदिग्ध आतंकी बांग्लादेश के रहने वाले है जो सगे भाई हैं. पुलिस के मुताबिक दोनों फर्जी दस्तावेजों के सहारे बीते डेढ़ दशक यानि 15 साल से भारत में छिपकर रह रहे थे।
विदेशी साजिश की आशंका
मस्जिद के पास स्थित घर से पकड़े गए दोनों संदिग्ध आतंकी इकबाल और फारुख लंबे समय से पुलिस के रेडार पर थे. जो अमेरिका और दुबई समेत कई देशों में रह रहे लोगो के सीधे संपर्क में थे. इनकी गतिविधियां भी संदिग्ध थीं लेकिन अब पुलिस को दोनों संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है. आशंका है कि दोनों भाई भारत के खिलाफ साजिश रचने वालों के संपर्क में थे. दोनों आरोपियों के पास से फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड समेत विदेशी संपर्कों के पुख्ता सबूत भी बरामद हुए हैं।
पहले भी हो चुकी थी गिरफ्तारी
पहले भी फर्जी दस्तावेज के मामले में दोनों भाई 2 साल की जेल काट चुके हैं. जेल से बाहर आने के बाद दोनों अपने वतन लौटने के बजाए भारत में एक्टिव थे और यूपी के सहारनपुर में रह रहे थे।