रामपुर—गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), 25 दिसंबर । रामपुर प्रशासन ने पिछले सप्ताह नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले 28 लोगों को नोटिस भेजा है और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करने या भुगतान करने को कहा है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि रामपुर जिले में पुलिस प्रशासन ने लगभग 25 लाख रूपये के नुकसान का आकलन किया है। सभी लोगों को नोटिस मंगलवार को भेजा गया। पुलिस ने पहले कहा था कि नुकसान लगभग 15 लाख रूपये का है लेकिन अंतिम आकलन में यह 25 लाख रूपये निकला।
रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले 28 लोगों को नोटिस भेजा गया है। उन्हें जवाब के लिए सात दिन का समय दिया गया है। अगर उनका जवाब नहीं आता है तो सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उनसे धन की वसूली की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि रामपुर में बीते शनिवार हिंसक प्रदर्शन के दौरान 22 साल के एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गयी थी। कई स्थानीय लोग एवं पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस की एक मोटरसाइकिल सहित छह वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।
पुलिस के मुताबिक रामपुर में हिंसा के सिलसिले में अब तक 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 150 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया है।
गोरखपुर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल 33 लोगों को पुलिस ने नोटिस भेजा है। उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है जबकि 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर है। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के फोटो जारी किये हैं और ऐलान किया है कि उनके बारे सूचित करने वाले को इनाम दिया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अब तक 26 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। पुलिस की ओर से जारी फोटो के आधार पर अन्य कई लोगों को पकड़ा गया है। घर से भागे या फरार लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है।
कोतवाली क्षेत्राधिकारी वी पी सिंह ने बताया कि आरोपियों को नोटिस भेजकर संबंधित थाने पहुंचने को कहा गया है और यह भी कहा गया है कि वह गुरूवार तक अपना पक्ष रख दें। अगर वे नहीं आते हैं तो उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी।
जिला प्रशासन की एक टीम ने इस बीच आज हिंसा प्रभावित रेती, नक्खास और घंटाघर इलाकों का दौरा किया और हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान का जायजा लिया।
उधर आने वाले शुक्रवार को जुमे की नमाज के मददेनजर पुलिस प्रशासन एलर्ट है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए रिहर्सल भी किया जा रहा है।
कानपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामलों की जांच के लिए बुधवार को विशेष जांच टीम :एसआईटी: का गठन किया गया।
कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक :अपराध: करेंगे और इसमें पांच पुलिस अधिकारी शामिल होंगे ।
उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है । एसआईटी को चार मामले हस्तांतरित कर दिये गये हैं, जिनमें तीन मामले बेकनगंज थाने के और एक मामला बाबूपुरवा थाने का है ।
अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी दोषियों का पता लगाने के लिए आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों का प्रयोग करेगी क्योंकि दंगाइयों ने सोशल मीडिया और व्हाटसऐप का भरपूर इस्तेमाल किया था ।
एसएसपी अनंत देव तिवारी ने बताया कि बेकनगंज और बाबूपुरवा के थाना प्रभारियों को एसआईटी के साथ पूर्ण सहयोग करने के लिए कहा गया है ।
शनिवार को हिंसक प्रदर्शनकारियों ने यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था और पुलिस पर जमकर पथराव किया था ।
शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गयी थी । भीड को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पडे और लाठीचार्ज करना पडा ।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नागरिकता कानून के विरोध में बीते गुरूवार से ही हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गये थे । इस दौरान कम से कम 17 लोगों की मौत हो गयी । वाहनों को आग के हवाले किया गया और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लखनउ में बुधवार को उन लोगों की आलोचना की, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया ।
हिंसा के मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित
कानपुर (उत्तर प्रदेश) से खबर है कि,संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामलों की जांच के लिए बुधवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध शाखा) करेंगे। इसमें पांच पुलिस अधिकारी शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी को चार मामले हस्तांतरित कर दिये गये हैं, जिनमें तीन मामले बेकनगंज थाने के और एक मामला बाबूपुरवा थाने का है।
अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी दोषियों का पता लगाने के लिए आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग करेगी क्योंकि दंगाइयों ने सोशल मीडिया और व्हाटसऐप का भरपूर इस्तेमाल किया था।
एसएसपी अनंत देव तिवारी ने बताया कि बेकनगंज और बाबूपुरवा के थाना प्रभारियों को एसआईटी के साथ पूर्ण सहयोग करने के लिए कहा गया है।
सीएए विरोधी प्रदर्शनों में मारे गए बेकसूर लोगों के परिजनों की मदद करे योगी सरकार : मायावती
लखनऊ से खबर है कि, बसपा अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान राज्य में पिछले दिनों हुई हिंसा में मारे गये लोगों के बारे में सही जांच पड़ताल कर, बेकसूर लोगों के परिजन की मदद करने की मांग की है।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि सीएए और एनआरसी विरोधी हिंसा में उत्तर प्रदेश में मारे गए लोगों की सही जांच-पड़ताल की जाए और उनमें से जो लोग निर्दोष थे, उनके परिवार की मदद के लिए सरकार आगे आए, तो बेहतर होगा।
मालूम हो कि सीएए के खिलाफ प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में पिछले सप्ताह हुई हिंसा में कम से कम 17 लोग मारे गये थे।
मायावती ने पिछले दिनों यह भी कहा था कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली को अधिकृत किया है कि वह पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ प्रदेश भर में सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के पीड़ित परिवारों के घर जाएं और उन्हें सांत्वना दें कि इस दुःख की घड़ी में पार्टी उनके साथ है।
सीएए पर वोट की राजनीति कर रहा विपक्ष :नित्यानंद
समस्तीपुर में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विपक्ष पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी पार्टियां केवल वोट की राजनीति कर रही है।
श्री राय आज यहां पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जंयती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यह कानून नागरिकता देने वाला कानून है, न कि किसी का नागरिकता लेने वाला।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पाने की चाहत में कांग्रेस जैसे विपक्षी दल इस पर गलत अफवाह फैला कर देश को बदनाम कर रहे हैं।
सम्भल हिंसा के मामले में 48 उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई,150 के फोटो जारी
उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले में नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए बवाल में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अब तक 48 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधीक्षक जमुना प्रसाद ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 19 दिसम्बर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान जिले में हिंसा एवं आगजनी आदि के सिलिसले में कुल 12 मुकदमें दर्ज किए गये हैं। पुलिस ने 150 उप्रदवियों के फोटो जारी किए हैं । अभी तक 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 18 तमंचे और 109 कारतूस भी बरामद किए गये हैं। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट ड़ालने के आरोप में तीन के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई है।