भोपाल/उज्जैन/नईदिल्ली , नौ जुलाई । उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी और कुख्यात अपराधी विकास दुबे को उसके दो साथियों के साथ पुलिस ने बृहस्पतिवार की सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया है। प्रदेश के गृह मंत्री ने इसकी जानकारी दी ।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में मीडिया को बताया, ‘हमने दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। वर्तमान में वह उज्जैन पुलिस की हिरासत में है।’
उन्होंने कहा, ‘उसके दो साथियों – बिट्टू और सुरेश – भी महाकाल :मंदिर: से गिरफ्तार किए गये हैं।’
जब उनसे यह पूछा गया कि दुबे के बारे में जानकारी कैसे मिली, मिश्रा ने बताया, ‘प्रारंभिक दृष्टि में पता चला था कि वह पूजा करने के लिए गया है।’
उन्होंने कहा, ‘मंदिर परिसर में तैनात हमारे एक कांस्टेबल घनश्याम को शक हुआ । यह सब प्राइमरी बात है। इसको अंतिम न माने। उसको शक हुआ तो उसने अपने दूसरे साथी को बताया और उसके बाद चार कांस्टेबलों ने उसे (दुबे) एक तरफ बुलाकर बिठा लिया और उसके बाद उसे पुलिस हिरासत में लिया गया।’
यह पूछे जाने पर कि क्या मंदिर समिति के लोगों ने भी पहचान की थी और पुलिस को इसके बारे में बताया तो मिश्रा ने कहा, ‘बाद में सारे पहचान करते गये।’
उन्होंने कहा कि दुबे को गिरफ्तार करने पर मध्य प्रदेश पुलिस एवं मध्य प्रदेश के इंटेलिजेंस को एक बड़ी सफलता मिली है। उसकी गहराई में हम लगातार जाने की कोशिश कर रहे हैं।
जब उनसे सवाल किया गया कि अलर्ट के बाद वह कैसे मध्य प्रदेश आ सकता है, तो इस पर मिश्रा ने कहा, ‘अलर्ट के बाद ही पकड़ा गया है। रेल चलती हैं। बसें चलती हैं। साधन हैं।’
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में परस्पर बातें कर रहे हैं।
पुजारी एवं कुछ लोगों ने उसका चेहरा पहचाना और उसके बाद पुलिस को सूचना दी या पुलिस ने सीधे उसे गिरफ्तार किया के सवाल पर मिश्रा ने कहा, ‘इंटेलीजेंस की बात भी बताएंगे। पहले हमें इसके मर्म तक आने दो। बाकी चीजें बाद में बताएंगे, पहले पता करने दो।’
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से वह प्रारंभ से ही क्रूरता की हदें पार करता रहा है और उसने जो कृत्य किया वह बहुत निंदनीय और बहुत चिंतनीय था।
मिश्रा ने कहा कि उसको :विकास दुबे: जिंदा रहने का हक नहीं है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की पुलिस को हमने सूचना दे दी है और वह आ रही है। उन्होंने कहा कि दुबे को उत्तर प्रदेश की पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वारदात होने के बाद से ही हमने पूरे प्रदेश की पुलिस को अलर्ट किया था और इस मामले में पूरी निगाह रखी जा रही थी।
मंदिर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार होने से पहले दुबे आज सुबह महाकाल मंदिर के गेट पर पहुंचा था और मंदिर में वीआईपी गेट से प्रवेश करने के लिए मंदिर परिसर स्थित एक पुलिस पोस्ट के पास से 250 रूपये की रशीद भी कटवाई थी।
उन्होंने कहा कि बाद में वह पास के ही एक दुकान पर गया था और वहां से महाकाल मंदिर में चढ़ाने के लिए प्रसाद खरीदा था। इस दौरान इस दुकानदान ने उसे पहचान लिया और पुलिस को अलर्ट किया।
सूत्रों के अनुसार, ‘इसके बाद पुलिस ने उससे उसका नाम पूछा और उसने विकास दुबे बताया। इसके बाद महाकाल मंदिर परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों एवं निजी सुरक्षा गार्डों ने उसे पकड़ लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद एक सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि उसे पास के ही महाकाल पुलिस थाने में ले जाया गया।’ हालांकि, सुरक्षा कारणों से पुलिस यह नहीं बता रही है कि उसे कहां ले जाया गया है।
पुलिस जब महाकाल मंदिर के बाहर दुबे को पुलिस अपने वाहन में बिठा रही थी, तब वह जोर—जोर से चिल्ला रहा था, ‘मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला’ और एक पुलिसकर्मी उसे चांटा मार रहा था। इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन पुलिस को दी बधाई:
इसी बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए उज्जैन पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि जल्द ही मध्यप्रदेश पुलिस विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपेगी।
चौहान ने दुबे के उज्जैन में गिरफ्तार होने एवं उसके द्वारा उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर दर्शन करने पर ट्वीट किया, ‘जिनको लगता है कि :उज्जैन में: महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धुल जाएँगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख्श्ने वाली नहीं है…विकास दुबे की गिरफ़्तारी के लिए उज्जैन पुलिस को बधाई।’
चौहान ने अगले ट्वीट में लिखा, ‘मैंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से बात कर ली है। शीघ्र आगे की कानूनी कार्रवाई की जायेगी।’
उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश पुलिस, विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपेगी।’
विपक्ष का आरोप:
इसी बीच, कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री पी सी शर्मा ने दुबे की गिरफ्तारी पर भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए भोपाल में मीडिया को बताया, ‘यह शरण एवं सरेंडर का खेल है।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘मध्य प्रदेश इस तरह से गैंगस्टर का चारागाह बन गया है। कहीं न कहीं उसमें भाजपा के नेताओं से उत्तर प्रदेश में संबंध रहे थे। इसलिए अभी तक वह बचता रहा। निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश के भाजपा के नेताओं से भी उसके संबंध रहे होंगे। इसीलिए आखिर में वह उज्जैन आया।’
शर्मा ने बताया, ‘इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए कि वहां :कानपुर: से दुबे मध्य प्रदेश कैसे आया और उसके उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के किन—किन नेताओं से संबंध थे।’
जब उनसे सवाल किया गया कि आप सीधे तौर पर आरोप लगा रहे हैं कि मध्य प्रदेश के भाजपा नेता उसे संरक्षण दे रहे हैं, तो इस पर शर्मा ने कहा, ‘मध्य प्रदेश आया कैसे? शरण एवं सरेंडर का खेल है ये। कहीं न कहीं उसको शरण दी गई थी और बाद में उसको उज्जैन में सरेंडर करवाया होगा। इसकी जांच होनी चाहिए।
उज्जैन में गिरफ्तार उत्तरप्रदेश के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को शराब कंपनी के मैनेजर ने उज्जैन बुलाया था, पूरे परिवार को हिरासत में लिया:
कुख्यात गैंगस्टर एवं 5 लाख के ईनामी बदमाश विकास दुबे को आज सुबह महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था।
इस मामले में यह जानकारी मिली है कि इसके मित्र तथा शराब कंपनी के मैनेजर ने उसे उज्जैन बुलाया था तथा उसकी मदद की थी।
आज दोपहर में पुलिस ने सागर कंपनी के मैनेजर आनंद तिवारी तथा उसके पूरे परिवार को हिरासत में ले लिया है तथा उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है।
आनंद तिवारी यूपी का रहने वाला बताया जाता है और विकास दुबे से उसकी नजदीकियां थीं तथा अपुष्ट सूत्रों ने उसकी रिश्तेदारी होना भी बताई है।
नागझिरी स्थित निवास को भी सील किया गया है। सागर कंपनी में पिछले कई वर्षों से कार्यरत रहते हुए यह उज्जैन में ही था। इसी ने विकास दुबे को उज्जैन बुलाया।
विकास दुबे के राजनीतिक और पुलिस संरक्षकों को भी मिले सजा : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को कहा कि कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के राजनीतिक और पुलिस संरक्षकों को भी सख्त सजा होनी चाहिए।
सुश्री मायावती ने एक ट्वीट श्रृंखला में कहा कि जनता को विकास दुबे के माफिया संरक्षकों के गिरफ्तार होने का इंतजार है।
प्रियंका ने की कानपुर हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कानपुर हत्याकांड की पड़ताल में सरकार को असफल बताते हुए मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो-सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
श्रीमती वाड्रा ने गुरुवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि इस घटना से जुड़े तथ्यों से साबित होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की ठीक तरह से पड़ताल करने में असफल रही है और मामले में मिलीभगत हुई है।
उन्होंने कहा “कानपुर के जघन्य हत्याकांड में उत्तर प्रदेश सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई।”
मामले में मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए श्रीमती वाड्रा ने कहा “अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है। तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं।”
उन्होंने मामले की व्यापक जांच की मांग करते हुए कहा ” उत्तर प्रदेश सरकार को मामले की सीबीआई जांच करा सभी तथ्यों और संरक्षण के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए।”