Home / राष्ट्रीय / कोरोना संकट की राजनीति में फंसा पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी की मनमानी से हेकड़ी का राज्य बना , राज्यपाल को तो कुछ समझती ही नहीं, अब तो केंद्र के आदेशों को भी घोलकर पी रही हैं attacknews.in

कोरोना संकट की राजनीति में फंसा पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी की मनमानी से हेकड़ी का राज्य बना , राज्यपाल को तो कुछ समझती ही नहीं, अब तो केंद्र के आदेशों को भी घोलकर पी रही हैं attacknews.in

कोलकाता 28 अप्रैल।पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि यह समय राज्यपाल अथवा केंद्र सरकार से टकराव का नहीं है बल्कि मौजूदा स्थिति से निपटने का रास्ता निकालने का वक्त है।

श्री धनखड़ ने अपने ट्वीट में कहा, “हमारी जनता की चिंता हमारा विषय होना चाहिए, ना कि टकराव।”

कोरोना प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने आयी केंद्रीय टीम के दौरे के संदर्भ में उन्होंने कहा , “ यह समय राज्यपाल अथवा केंद्र सरकार से टकराव का नहीं है। मौजूदा समय को देखते हुए आगे का मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए।”

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोरोना वायरस के मामले पर कैबिनेट समिति का गठन किये जाने की घोषणा की और कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह राज्य सरकारों से परामर्श के बाद एक दीर्घकालिक, अल्पकालिक और मध्यावधि योजना तैयार करें। उन्होंने कहा, “ हम कोरोना वायरस मामले पर एक कैबिनेट समिति का गठन कर रहे हैं। इसमें मंत्री अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, चंद्रिमा भट्टाचार्य, फिरहाद हकीम और मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव शामिल होंगे । वे काेरोना से जुड़े मामलों को देखेंगे और मुझे रिपोर्ट करेंगे।”

सुश्री बनर्जी ने कहा, “ हम कोरोना वायरस को परास्त करना चाहते हैं और हर दिशानिर्देश का पालन करेंगे , लेकिन यह उचित ,पारदर्शी और बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के होना चाहिए। मेरे मुख्य सचिव और गृह सचिव केंद्रीय टीम के रोज सुबह तीन घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं कर सकते। वे फिर काम कब करेंगे।”

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा , “ हम कोटा से छात्रों को वापस ला रहे हैं और वृंदावन में फंसे लोगों की मदद कर रहे हैं। हम जितना कर सकते हैं उतना कर रहे हैं, लेकिन हमें धन की भी आवश्यकता है। अगर केंद्र सरकार सहायता नहीं करेगी, तो हमें धन कहां से मिलेगा?

जारी है,बंगाल में ममता और राज्यपाल के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर :

इससे पहले 24 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से उन्हें केवल नियुक्त किए गए अधिकारी बताये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि सुश्री बनर्जी लगातार राज्यपाल के पद को मनोनीत बता उसकी अनदेखी कर संविधान की मूल भावना का अपमान कर रही हैं।

श्री धनखड़ ने शुक्रवार को एक पत्र लिखकर यह बात कही। उन्होंने कहा, “संकट की इस घड़ी में पश्चिम बंगाल के लोगों के हितों और उनके कल्याण के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए, विशेष रूप से ऐसी स्थिति में जब हम कोविड-19 जैसी गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं।”

राज्यपाल ने सुश्री बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा, “ राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते मैं यह पूरे दृढ़ विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि कोविड-19 की चुनौती से निपटने में आप पूरी तरह से विफल रही हैं। मेरी ओर से किए गए संवाद का आपकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। आपने संविधान के अनुच्छेद-166 और 167 के तहत प्रदत्त राज्य सरकार के अधिकारों का उचित प्रयोग नहीं किया। राज्य और उसके लोगों को उन हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता जो संवैधानिक प्रक्रियाओं एवं क्रियाकलापाें से समझौता करने वाले हैं।”

दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को पांच पृष्ठों वाला एक पत्र लिखकर राज्यपाल की कड़ी आलोचना की थी।

सुश्री बनर्जी ने अपने पत्र में कहा था, “ ऐसा प्रतीत होता है कि आप भूल गए हैं कि मैं भारत के एक राज्य की चुनी हुई मुख्यमंत्री हूं। आप यह भी भूल गए हैं कि आप एक नियुक्त किए गए राज्यपाल हैं।”

आरोप- प्रत्यारोप के इस पूरे प्रकरण ने काफी तूल पकड़ लिया है।

ममता जनता का ध्यान भटकाने की रणनीति बना रही हैं: धनखड़

इसी बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य में कोरोनो वायरस ‘काेविड-19’ से निपटने में असफल रहने और जनता का इससे ध्यान भटकाने की रणनीति तैयार करने का आरोप लगाया है।

श्री धनखड़ ने शुक्रवार को कहा, “ मैं यह दृढ़ विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने में आप पूरी तरह से विफल रही हैं और अपनी विफलता छिपाने के लिए जनता का ध्यान भटकाने की रणनीति तैयार कर रही हैं।”

बंगाल में कोरोना के मामले बढ़ने पर असम ने सीमा पर बढ़ाई चौकसी

पश्चिम बंगाल में महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर असम ने अपने सीमावर्ती जिलों धुबरी और कोकराझार में निगरानी और चौकसी बढ़ा दी है।

असम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा शर्मा ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, “ पश्चिम बंगाल की स्थिति जैसे सामने आई है। हमें अपने सीमावर्ती जिलों धुबरी और कोकराझार में विशेष निगरानी की आवश्यकता है। हम सभी ने पश्चिम बंगाल की स्थिति की मीडिया रिपोर्ट देखी हैं।”

बंगाल में कोरोना संदिग्ध डॉक्टर की मौत, तीन दिन में दो स्वास्थ्यकर्मियों की गई जान

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संदिग्ध एक और स्वास्थ्यकर्मी की मौत का मामला सामने आया है जो पिछले तीन दिन में चिकित्साकर्मियों की कोरोना से संबंधित दूसरी मौत है।

आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण कोलकाता के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में कार्यरत 69 वर्षीय हड्डी रोग विशेषज्ञ कोविड-19 के संदिग्ध मरीज थे और साल्ट लेक स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें वेंटिलेंटर पर रखा गया। सूत्रों के अनुसार सोमवार रात उनकी मृत्यु हो गई। तीन दिन पहले भी इस जानलेवा विषाणु से यहां वरिष्ठ सरकारी चिकित्सक की मौत हुई थी।

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