विपक्ष शासित राज्यों महाराष्ट्र, केरल , राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब एवं झारखंड में कोविड की 33 लाख से अधिक वैक्सीन हुई बरबाद attacknews.in

नयी दिल्ली, 06 जून । कोरोना के टीकाकरण को लेकर सत्ता पक्ष – विपक्ष की बहस के बीच सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि विपक्ष शासित नौ राज्यों में कोविड के 33.23 लाख टीके बरबाद हो गये हैं जबकि इन राज्यों में टीकाकरण की गति बहुत धीमी है। महाराष्ट्र एवं केरल में महामारी की दूसरी लहर जल्द आने के बावजूद राज्य सरकारों ने टीकाकरण को लेकर उदासीनता ही दिखायी।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 11.65 लाख, केरल में 6.33 लाख, राजस्थान में 4.76 लाख, आंध्र प्रदेश में 2.89 लाख, तेलंगाना में 2.25 लाख, दिल्ली में 1.82 लाख, छत्तीसगढ़ में 1.55 लाख, पंजाब में 1.43 लाख एवं झारखंड में 55 हजार टीके बरबाद हुए हैं।

दस्तावेजों में 45 वर्ष से अधिक आयु केे लोगों के टीकाकरण के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में मात्र 23 प्रतिशत, पंजाब में 32 प्रतिशत, तेलंगाना में 39 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र में 40-40 प्रतिशत, केरल में 49 प्रतिशत, दिल्ली में 50 प्रतिशत, राजस्थान में 64 प्रतिशत तथा छत्तीसगढ़ में 65 प्रतिशत आबादी को पहला टीका लगाया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के मामले में भी ये राज्य अन्य राज्यों से पीछे हैं।

उधर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए सवाल किया कि मोदी सरकार ने सितंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच देश में ऑक्सीजन बेड की संख्या 36 प्रतिशत, सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) की संख्या 46 प्रतिशत तथा वेंटीलेटर बेड 28 प्रतिशत कम क्यों किये थे।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य पर संसदीय समिति, सीरो सर्वेक्षण एवं विशेषज्ञों की चेतावनी के बावजूद सरकार क्यों आंखें मूंदे रही।

इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि श्रीमती वाड्रा को ये सवाल अपनी राज्य सरकारों से पूछने चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है, केन्द्र सरकार का नहीं।

श्री ठाकुर ने कहा कि यह देश के लिए बहुत दुखद अनुभव रहा कि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी नेताओं ने केवल एक व्यक्ति को घेरने के लिए दुनिया में देश को बदनाम करने का प्रयास किया तथा कोविड के टीके को लेकर अपने बयानों से भ्रम फैलाकर देशवासियों को मौत के मुंह में धकेलने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष ने थोड़ी सी भी जिम्मेदारी दिखायी होती तो कोरोना की इस दूसरी लहर में बड़ी संख्या में जानें बचायीं जा सकतीं थीं।

श्री ठाकुर ने कहा कि कोविड एक वैश्विक महामारी है और पूरी दुनिया में इससे मुकाबले के लिए प्रयास चल रहे हैं। इजरायल जैसे देश में विपक्षी नेता अपने तीखे विरोधों को ताक पर रख कर इस आपदा से मुकाबला कर रहे हैं लेकिन यहां विपक्षी नेताओं ने निहायत गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया।

उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने देश की क्षमता पर प्रश्नचिह्न लगाया और विदेशी वायरस को भारत का वायरस बताया। अफवाह फैला कर लोगों को खासकर आदिवासी एवं दलित ग्रामीणों को वैक्सीन से दूर रहने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश, शशि थरूर, आनंद शर्मा और स्वयं श्री राहुल गांधी ने अपने बयानों में ‘यू-टर्न’ लिये। एक अन्य पार्टी के नेता ने कोविड के वैक्सीन को भाजपा का टीका कह कर अपने समर्थकों को टीका नहीं लगवाने के लिए प्रेरित किया और बाद में खुद जाकर टीका लगवा आये।

श्री थरूर ने एक बार टीके को खतरनाक बताया और बाद में उसे मुफ्त लगाने की मांग की। श्री रमेश ने कोवैक्सीन के लिए मानकों काे बदले जाने का आरोप लगाया और फिर वैक्सीन की खरीद में मदद की गुहार भी लगायी। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टी एस सिंहदेव ने 30 अप्रैल को ऐलान किया कि उनका राज्य कोवैक्सीन को समर्थन नहीं देता है और 15 दिन के भीतर वे डेढ़ करोड़ कोवैक्सीन की खरीद का ऑर्डर भी दे देते हैं।

कांग्रेस शासित राजस्थान में वैक्सीन के कूड़ेदान में फेंके जाने तथा पंजाब में चार गुना दाम में बेच कर मुनाफाखोरी करने के उदाहरण भी भाजपा की ओर से दिये जा रहे हैं।

सरकार का कहना है कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन क्षमता बढ़ाई गयी है और वर्ष के अंत तक कुल 216 करोड़ टीके उपलब्ध होंगे जिससे देश की आबादी के अधिकांश हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा। दस्तावेजों के अनुसार देश ने कोविड की महामारी के बीच मेडिकल ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, रेमडेसिविर, वैक्सीन आदि के उत्पादन की क्षमता में चंद हफ्तों में ही कई गुना वृद्धि करने में सफलता पायी। विपक्ष को इसे देखना चाहिए।

भारत बायोटेक के साथ हैफकाइन बायोफार्मा “कोवैक्सिन” की 22.8 करोड़ खुराक का उत्पादन करेगी;वैक्सीन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र ने उठाये कदम attacknews.in

नईदिल्ली 2 जून । भारत बायोटेक के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व्यवस्था के तहत हैफकाइन बायोफार्मा कोवैक्सिन की 22.8 करोड़ खुराक का उत्पादन करेगी।

पूरी पात्र आबादी का जल्द से जल्द टीकाकरण करने के उद्देश्य से केंद्र की मदद से देश में घरेलू टीकों का उत्पादन लगातार तेज किया जा रहा है।

इस पहल के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग आत्मनिर्भर भारत 3.0 मिशन कोविड सुरक्षा के तहत तीन सार्वजनिक उद्यमों को मदद कर रहा है। ये उद्यम हैं:

  1. हैफकाइन बायोफर्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई,
  2. इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड, हैदराबाद और

  3. भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड, बुलंदशहर, उ.प्र।

हैफकाइन बायोफार्मा, 122 साल पुराने हैफकाइन इंस्टीट्यूट की एक शाखा के रूप में निकला महाराष्ट्र राज्य का सार्वजनिक संस्थान है जो भारत बायोटेक लिमिटेड, हैदराबाद के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व्यवस्था के तहत कोवैक्सिन टीका बनाने के लिए तैयारी कर रहा है। टीके का उत्पादन कंपनी के परेल स्थित कॉम्प्लेक्स में होगा।

हैफकाइन बायोफार्मा के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप राठौड़ ने कहा कि कंपनी का एक साल में कोवैक्सिन की 22.8 करोड़ खुराक का उत्पादन करने का प्रस्ताव है।

उन्होंने बताया कि “कोवैक्सिन के उत्पादन के लिए हैफकाइन बायोफार्मा को केंद्र द्वारा 65 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र सरकार द्वारा 94 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है”।

उन्होंने कहा कि “हमें आठ महीने का समय दिया गया है इसलिए काम को युद्ध स्तर पर अंजाम दिया जा रहा है। चिकित्सक से आइएएस बने राठौड़ ने बताया कि वैक्सीन उत्पादन प्रक्रिया में दो चरण शामिल हैं – दवा का पदार्थ बनाना और अंतिम दवा उत्पाद। दवा का पदार्थ बनाने के लिए हमें बायो सेफ्टी लेवल 3 (बीएसएल 3) सुविधा बनाने की जरूरत है, जबकि हैफकाइन में पहले से ही फिल फिनिश की सुविधा उपलब्ध है। बीएसएल 3 एक सुरक्षा मानक है जो ऐसी सुविधाओं पर लागू होता है जहां काम में रोगाणु शामिल होते हैं जो श्वसन मार्ग से शरीर में प्रवेश करके गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव तथा ‘ बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस कौंसिल की अध्यक्ष डॉ. रेणू स्वरूप कहती हैं कि “सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्ति का उपयोग करके वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने से हमारे देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के लिए टीकों की उत्पादन क्षमता वृद्धि का एक लंबा रास्ता तय होगा”’।

स्रोत:

· जैव प्रौद्योगिकी विभाग का पृष्ठभूमि नोट

· डॉ संदीप राठौड़, एमडी, हैफकाइन बायोफार्मा, मुंबई के साथ साक्षात्कार

मध्यप्रदेश में बुधवार को मिले कोरोना के 991 मरीज, 45 की मृत्यु;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,82,099 और मृतकों की संख्या 8157 हुई;#इंदौर जिले में  अभी तक संक्रमितों में 21 से 40 वर्ष के 41 फीसदी नागरिक शामिल attacknews.in

भोपाल, 02 जून । मध्यप्रदेश में आज 991 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।इस महामारी से आज भी 45 लोगों की मौत हुई है।

अब सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 17136 पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 79794 सैंपल की जांच में 991 कोरोना संक्रमित मिले है।जबकि 78,803 की रिपोर्ट निगेटिव रहे।

235 सैंपल रिजेक्ट हुए और संक्रमण दर आज 1़ 2 प्रतिशत पहुंच गयी।

राज्य में 991 नए मामले आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,82,099 हाे गयी।

राहत की खबर है कि इनमें से 7, 56,806 लोग कोरोना संक्रमण को मात देकर घर पहुंच चुके हैं।

इस संक्रमित महामारी ने राज्य में अब तक 8157 लोगों की जान ले चुका है।

वर्तमान में सक्रिय मामले अब घटकर 17,136 हो गए हैं।

राज्य के इंदौर जिले में 338, भोपाल में 191, ग्वालियर में 29, जबलपुर में 83, उज्जैन में 12, रतलाम में 19, सागर में 16, रीवा में 14, खरगोन में 13, बैतूल में 17 और धार में 11 नए मामले सामने आए।

#इंदौर जिले में कोरोना संक्रमितों में 21 से 40 वर्ष के 41 फीसदी नागरिक शामिल

मध्यप्रदेश के सर्वाधिक कोरोना से प्रभावित इंदौर जिले में कोरोना से अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा सामने आये संक्रमितों में सर्वाधिक संक्रमित 21 से 40 वर्ष आयु वर्ग के 41 फीसदी नागरिक शामिल है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार 24 मार्च 2020 को कोरोना के दस्तक देने के बाद से 31 मई 2021 तक कुल 150178 संक्रमित सामने आये है।

इनमें 21 से 40 वर्ष के 62738 संक्रमित शामिल है।

इसी क्रम में दूसरी सर्वाधिक प्रभावित आयु वर्ग श्रेणी 41 से 60 वर्ष की श्रेणी रही।

जिसके कुल 477896 संक्रमितों के मामले सामने आये है।

इसके बाद तीसरी प्रभावित आयु श्रेणी 61 से 80 वर्ष के वयोवृद्ध नागरिकों की रही है।

इस आयु के 19841 मामले कोरोना रोगियों के चिन्हित किये गए है।

चौथे क्रम पर कोरोना से पीड़ित होने वाले 11 से 20 वर्ष आयु वर्ग के नागरिक रहे है।

जिनकी संख्या 12729 के रूप में सामने आई है।

इसके अलावा 0 से 10 वर्ष 5316 बालक बालिकाएं तथा 81 से 100 वर्ष के 1768 रोगी कोरोना से संक्रमित पाए गए है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीएस सैत्या के अनुसार उक्त डेढ़ लाख से ज्यादा संक्रमितों में से उपचार के बाद 146141 अब तक स्वस्थ्य करार दिए गए है।

उपचार के दौरान दम तोड़ चुके संक्रमितों की संख्या 1347 दर्ज की गई है।

डॉ. सैत्या ने बताया जिले में एक्टिव केस यानी वर्तमान में उपचारत रोगियों की संख्या 3028 हैं।

भारत के टीकाकरण को लेकर मीडिया के कपोल कल्पित तथ्यों का खुलासा; सच्चाई यह है कि,मई 2021 में राज्यों को 79.45 मिलियन टीके दिए गए, 61.06 मिलियन उपयोग हो गये;16.22 मिलियन इस्तेमाल नहीं हुए attacknews.in

नईदिल्ली 2 जून । भारत सरकार इस वर्ष की 16 जनवरी से ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के तहत कारगर टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन करती रही है। टीके की खुराकों की उपलब्धता को कारगर बनाने के लिए केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं के निरंतर संपर्क में है और 1 मई 2021 से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खरीद के अलग-अलग विकल्प खोले हैं।

ऐसी कई निराधार मीडिया रिपोर्टें आई हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य में जनता के बीच गलत सूचना फैलाई है।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार ने जून के दौरान टीकों की 120 मिलियन खुराकों का वादा किया जबकि मई महीने में उपलब्ध कुल 79 मिलियन खुराकों में से केवल 58 मिलियन खुराकें दी गईं। यह रिपोर्ट तथ्यात्मक दृष्टि से गलत और निराधार है।

1 जून 2021 की सुबह 7:00 बजे के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 31 मई 2021 के बीच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा टीकों की कुल 61.06 मिलियन खुराकें दी गई हैं।राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के पास कुल 16.22 मिलियन शेष और इस्तेमाल नहीं की गईं खुराकें उपलब्ध थीं। 1 मई से 31 मई 2021 तक उपलब्ध कुल टीके की खुराकें 79.45 मिलियन थीं।

कुछ मीडिया रिपोर्टों ने असत्यापित हवालों के आधार पर भारत की टीकाकरण नीति की आलोचना की है। जनसंख्या भागों की प्राथमिकता पर सवाल उठाने वाली ये रिपोर्टें इस मामले की पूरी जानकारी से समर्थित नहीं हैं।

कोविड-19 के लिए वैक्सीन दिए जाने को लेकर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) का गठन अगस्त 2020 में लाभार्थियों की प्राथमिकता, खरीद, टीका चयन और इसकी डिलीवरी सहित वैक्सीन परिचय के सभी पहलुओं पर निर्देश देने के लिए किया गया था।

भारत में कोविड-19 टीकाकरण के लिए लाभार्थियों की प्राथमिकता उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य की समीक्षा, विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) के प्रस्तावित दिशा-निर्देशों और अन्य देशों में अपनाए गए व्यवहारों के आधार पर तय की गई है।

भारत में कोविड टीकाकरण का प्राथमिक उद्देश्य हैः

· स्वास्थ्य सेवा की रक्षा महामारी अनुक्रिया प्रणाली के हिस्से के रूप में करना।

· कोविड-19 के कारण मृत्यु को रोकना और बीमारी के कारण उच्चतम जोखिम और मृत्यु दर की चपेट में आने वाले व्यक्तियों की रक्षा करना।

इसी के अनुसार अपने देश में टीकाकरण अभियान का क्रमिक रूप से विस्तार किया गया है ताकि स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) के साथ शुरू होने वाले प्राथमिकता वाले समूहों को शामिल किया जा सके, इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स (एफएलडब्ल्यू), फिर 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों और 20 चिन्हित रोगों के साथ 45-59 वर्ष की आयु वाले लोगों को शामिल किया जा सके।

बाद में 1 अप्रैल 2021 से 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्ति कोविड-19 टीकाकरण के लिए पात्र थे।

इस तरह के दृष्टिकोण के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। पंजीकृत एचसीडब्ल्यू के बीच 81 प्रतिशत से अधिक पहली खुराक कवरेज और पंजीकृत एफएलडब्ल्यू में पहली खुराक के लगभग 84 प्रतिशत का कवरेज मिला है जिससे दूसरी लहर के बीच स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, निगरानी और रोकथाम गतिविधियों में शामिल इन समूहों की रक्षा की जा रही है।45 वर्ष और उससे ऊपर के आयु वर्ग में 37 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक दी गई है जबकि इस समूह के पात्र 32 प्रतिशत लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी गई है।

अब 1 मई, 2021 से 18 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के सभी नागरिक टीका के पात्र हैं। 1 मई, 2021 को एक ‘उदारीकृत मूल्य निर्धारण और त्वरित राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति’ को अपनाया गया जो कोविड-19 टीकारण अभियान के चालू चरण-III का निर्देशन कर रही है। इस रणनीति के अंतर्गत प्रत्येक महीने किसी भी निर्माता की कुल केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा मंजूर टीके की 50 प्रतिशत खुराक भारत सरकार द्वारा खरीदी जाएगी।भारत सरकार पहले की तरह ही इन खुराकों को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निशुल्क उपलब्ध कराती रहेगी।शेष 50 प्रतिशत खुराकें राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें से राज्यों का हिस्सा आनुपातिक आधार पर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड -19 के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए कई सहायता और सुविधाओं की घोषणा की attacknews.in

नयी दिल्ली 29 मई । सरकार ने कहा है कि वह कोरोना महामारी के कारण अपने माता पिता को खो देने वाले बच्चों के साथ खड़ी है और उनका भविष्य उज्जवल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड -19 के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की जिसमें इन बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में चर्चा की गयी।

महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए बैठक में कई सुविधाओं की घोषणा की गयी। इन उपायों की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और देश बच्चों की सहायता एवं सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगा ताकि वे मजबूत नागरिक के रूप में उभरें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो।

प्रधानमंत्री ने कहा , “ ऐसे कठिन समय में एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उनमें एक उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाएं। कोविड-19 के कारण माता-पिता दोनों या माता-पिता में से जीवित बचे या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता को खोने वाले सभी बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दी जाएगी। ” बच्चों को यह सहायता पीएम केयर्स फंड के जरिये दी जायेगी।

इन घोषणाओं के तहत पीएम केयर्स 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एक योजना के माध्यम से योगदान देगा।

यह कोष:18 वर्ष की आयु से अगले पांच वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए मासिक वित्तीय सहायता या छात्रवृति देने के लिए उपयोग किया जाएगा, और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर, उसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए एकमुश्त के रूप से कोष की राशि मिलेगी।

इसके अलावा 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए सहायता की घोषणा की गयी है। बच्चे को नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा।

सरकार 11 -18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए,बच्चे को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे कि सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिलाया जाएगा। यदि बच्चे को अभिभावक / दादा-दादी / विस्तारित परिवार की देखरेख में रखा जाना है, तो उसे निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला किसी निजी स्कूल में होता है तो पीएम केयर्स से आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी। पीएम केयर्स वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा।

मौजूदा शिक्षा ऋण के मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों / उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने में बच्चे की सहायता की जाएगी। इस ऋण पर लगने वाले ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।

विकल्प के रूप में ऐसे बच्चों को केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्नातक / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शिक्षण शुल्क / पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए पीएम केयर्स एक समकक्ष छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।

ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा। अठारह वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।

मध्यप्रदेश में शनिवार को मिले 1640 कोरोना मरीज, 68 की मौत,अबतक संक्रमितों की संख्या 7,77,349 और मृतकों की संख्या 7,959 हुई attacknews.in

भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,640 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7,77,349 तक पहुंच गयी।

राज्य में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से 68 और व्यक्तियों की मौत हुई है जिन्हें मिलाकर प्रदेश में अब तक इस बीमारी से 7,959 लोगों की जान जा चुकी है।

यह जानकारी मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शनिवार को कोविड-19 के 504 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 324 एवं जबलपुर में 94 नये मामले आये।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 7,77,349 संक्रमितों में से अब तक 7,38,491 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 30,899 मरीजों का इलाज चल रहा है।

उन्होंने कहा कि शनिवार को कोविड-19 के 4,995 रोगी स्वस्थ हुए हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दर घटकर अब 2़ 5 से घटकर 2़ 1 प्रतिशत पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के जांचे गये 75,933 सैंपल में 1,640 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

जबकि 74,293 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव मिला है और 1562 कोरोना टेस्ट रिजेक्ट हुए है।

आज पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 2़ 1 प्रतिशत दर्ज की गयी।

पिछले 24 घंटों में 4995 मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या अब 30899 हो गई है।

प्रदेश में अब तक 7,77,349 लोग संक्रमित हो चुके है।

इनमें से अब तक 7,38491 लोग ठीक होकर घर पहुंच चुके है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7959 लोगों की जान ले चुका है।

आज 68 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

राज्य के इंदौर में 504 एवं भोपाल में 324 नए प्रकरण आए हैं।

इसके अलावा जबलपुर(94), ग्वालियर (64), सागर में 58 नये मरीज मिले है।

शेष जिलों में 1 से लेकर 38 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना को लेकर शनिवार की स्थिति

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों को लेकर शनिवार को रात्रि में राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार स्थिति इस प्रकार है।

जिला…….संक्रमित…मृत्यु…ठीक हुए

इंदौर…….136391…1253…119110

भोपाल……112226…838….96708

ग्वालियर….50918…471…..41846

जबलपुर……46537…512…41145

उज्जैन…….17108….159….13785

रतलाम……15953…256…11968

रीवा………14806……71…..12069

सागर………14574…203….12317

खरगौन…….12942…199..11129

बैतुल………11834…158….9754

धार……….11626…120….9655

शिवपुरी……11358..63….8754

विदिशा……10998…151…10133

सतना……..11226…90….9103

नरसिंहपुर….10571…63…8903

होशंगाबाद…9838…97…8252

शहडोल…..9284…104..7925

सीहोर…….9229….49…..7837

कटनी ……8852…..79….7744

रायसेन……8395..144…6927

सीधी……..8351…58….6731

बालाधाट….8298..51…7079

अनुपपुर…..8113..62…6553

बडवानी….8101…70…7120

सिंगरौली…8083..63..6369

राजगढ……7867…110..6455

मंदसौर…..7858…69…6524

मुरैना……..7697…58….6779

झाबुआ……7523…45…6882

नीमच…….7397…84…6283

छतरपुर…..7219…73…6451

दमोह…….7117….120…5440

देवास…….6090…42…6502

पन्ना………6683…36….5851

दतिया…….6611….72…5556

टीकमगढ़….6548….93…..5772

छिदंवाडा….6369….115..5923

सिवनी…….6256…26…5410

शाजापुर……5850…49…5001

उमरिया…….5626 …53…4361

मंडला…….4901…16….4194

गुना……….4779….44…4028

हरदा……..4794….67…4021

डिण्डोरी…..4113…23…3438

खंडवा……3953…89…3645

श्योपुर…….3660…49….3007

निवाडी…….3461…34….2891

अलीराजपुर…3414…44….3192

अशोकनगर….3396….21…2970

आगर मालवा….3013…29…2502

भिंड……….2814….19….2500

बुरहानपुर…….2462….35…2182

योग……724279…6913…617396

1 जून को कोरोना कर्फ्यू से मुक्त हुआ मध्यप्रदेश: समस्त खुलने और बंद रहने वाली इन गतिविधियों के लिए गृह विभाग ने नए दिशानिर्देशों का पत्र समस्त कलेक्टरों को भेजा attacknews.in

एक जून से मध्यप्रदेश में कोरोना कर्फ्यू में ढील संबंधी दिशानिर्देश जारी, शुरू होंगी आर्थिक गतिविधियां

भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते लगभग पौने दो माह के बाद कोरोना कर्फ्यू में एक जून से रियायत देने संबंधी नए दिशानिर्देश आज राज्य सरकार ने जारी करने के साथ ही आर्थिक गतिविधियां खोलने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम राज्य की जनता को सोशल मीडिया के माध्यम से संबोधित किया।

श्री चौहान ने साथ ही आम लोगों से कोरोना संक्रमण पर आगे भी काबू पाने के लिए सभी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में कोरोना फिर से हम सभी को अधिक परेशान कर सकता है।

दूसरी आेर राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने नए दिशानिर्देशों के संबंध में समस्त कलेक्टरों को संबोधित तीन पेज का पत्र और दिशानिर्देशों को परिशिष्ट के रूप में विस्तार से भेजा है।

इस पत्र में कहा गया है कि नए दिशानिर्देश एक जून से 15 जून के बीच प्रभावी रहेंगे और पत्र में दिए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किए जाने की अपेक्षा की गयी है।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंधित गतिविधियां राज्य के सभी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों पर लागू होंगे।

इसमें कहा गया है कि प्रदेश के गांवों को तीन जोन में चिंहाकित किया गया है।

जहां कोविड 19 के शून्य एक्टिव केस हैं, उन ग्रामों को ग्रीन ग्राम सभा तथा जहां चार या चार से कम एक्टिव केस हैं, वहां ग्रामों को यलो ग्राम में चिंहाकित किया गया है।

जिन गांवों में कोरोना के एक्टिव केस पांच या पांच से अधिक हैं, उन्हें रेड ग्राम के रूप में चिंहाकिंत किया गया है।

इन गांवों तथा नगरीय क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन और कंटेनमेंट जोन बनाकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ही गतिविधियां हो सकेंगी।

डॉ राजौरा की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जिन नगरीय क्षेत्रों में पॉजिटिविटी दर का साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से अधिक है, किंतु 15 जून के पूर्व साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से कम हो जाता है, तो वहां भी रियायतें देने में उदारता रहेगी। लेकिन यदि पाजिटिविटी रेट का साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से कम है और वहां 15 जून के पहले साप्ताहिक औसत 5 प्रतिशत से अधिक हो जाता है, तो वहां प्रतिबंध बढ़ाए जाएंगे। लेकिन प्रतिबंध बढ़ाने के पहले राज्य के गृह विभाग से सलाह लेना आवश्यक है।

पत्र में कलेक्टरों से कहा गया है कि वे यह निर्देश समस्त ग्राम, वार्ड, ब्लाक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स को प्रेषित कर उनकी सहमति एवं सुझाव 30 मई तक प्राप्त करें। इसी दिन यानी कल ही जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में विचार कर निर्णय लिया जाए। इसके बाद 31 मई को प्रतिबंधात्मक आदेश का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। यदि इस परिपत्र के दिशानिर्देशों से भिन्न कोई निर्णय लेना आवश्यक है तो गृह विभाग से सहमति प्राप्त करने के उपरांत ही आदेश जारी किए जाएंगे। यह समस्त कार्रवाई 31 मई तक पूर्ण करने के लिए कहा गया है।

दिशानिर्देशों के अंत में कहा गया है कि यह दिशानिर्देश 15 जून तक प्रभावशील रहेंगे।

जिला प्रशासन कोविड 19 के प्रोटोकाल का जिले में पालन सुनिश्चित कराएगा।

इनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सभी सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन और मेले आदि, जिनमें जनसमूह एकत्रित होगा, प्रतिबंधित रहेंगे।

स्कूल कॉलेज शैक्षणिक प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान में ऑनलाइन क्लासेस चलती रहेंगी।

सभी सिनेमाघर, शापिंग मॉल, स्वीमिंग पूल, थियेटर, पिकनिक स्पाट, ऑडिटोरियम सभागृह आदि भी बंद रहेंगे।

धार्मिक और पूजास्थलों पर एक समय में चार से अधिक व्यक्ति मौजूद नहीं रह सकेंगे।

अत्यावश्यक सेवाएं देने का कार्य करने वाले कार्यालयों को छोड़कर शेष कार्यालय 100 प्रतिशत अधिकारियों और 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित किए जाएंगे।

अत्यावश्यक सेवाओं में जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व, पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय, सार्वजनिक परिवहन, कोषालय, पंजीयन सम्मिलित हैं।

इसके अतिरिक्त भी अत्यावश्यक सेवाओं के बारे में कलेक्टर तय कर सकेंगे।

दिशानिर्देशों में प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियों की सूची भी जारी की गयी है।

हालाकि इनमें कोरोना के सक्रिय केस के आधार पर क्षेत्रों का वर्गीकरण किया गया है।

इसके अनुसार सभी प्रकार के उद्योग एवं औद्योगिक गतिविधियां चालू रह सकेंगी।

इस कार्य के लिए संबंधित उद्योगों के कर्मचारियों को वैध परिचय पत्र रखना होगा।

उद्योगाें के कच्चे माल और तैयार माल के आवागमन पर किसी प्रकार की रोक नहीं होगी।

अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, मेडिकल इंश्योरेंस कंपनीज, अन्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं, पशु चिकित्सा अस्पताल चालू रह सकेंगे।

केमिस्ट, राशन दुकानें, किराना दुकानें, फल और सब्जियां, डेयरी, दुग्ध केंद्र, आटाचक्की, पशुआहार की दुकानें पूरे दिन के लिए खुली रखी जा सकेंगी।

पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी खुली रहेंगी।

सभी कृषि गतिविधियों की अनुमति रहेगी।

बैंक, बीमा कार्यालय और एटीएम प्रारंभ होंगे।

प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा केबल ऑपरेशंस को अनुमति रहेगी।

सभी प्रकार के सामान की आवाजाही बिना किसी रोकटोक के जारी रहेगी।

सार्वजनिक परिवहन, निजी बसों और ट्रेनों के माध्यम से कोरोना के दिशानिर्देशाें के अंतर्गत अनुमति रहेगी।

ऑटो ईरिक्शा में दो सवारी, टैक्सी तथा निजी चार पहिया वाहनों ड्रायवर तथा दो यात्रियों को मॉस्क के साथ यात्रा करने की अनुमति रहेगी।

इसके अलावा प्रतिबंध से मुक्त गतिविधियों और कोविड 19 प्रोटोकॉल एवं कोविड उपयुक्त व्यवहार (अनुशासन) के संबंध में भी विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए ।

मुरैना कोरोना कर्फ्यू 4 जून तक बढ़ा

इधर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि मुरैना जिले में लगातार 3 दिन से कोरोना के केस बढ़ रहें है। इसलिये जिले में जनता के हितों को ध्यान में रखते हुये 1 जून से अनलाॅक किया जाना उचित नहीं।

जिला स्तरीय क्राइसेस मैनेजमेन्ट ग्रुप की बैठक में मुरैना जिले में कोरोना कर्फ्यू 4 जून को प्रातः 6 बजे तक रखने का निर्णय लिया गया है।

मध्यप्रदेश के 5% से अधिक तथा 5% से कम संक्रमण जिलों के लिए अनलॉक की पृथक गाइड लाइन होगी,संक्रमण बढ़ा तो पुन: लागू होंगे प्रतिबंध attacknews.in

भोपाल, 29 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 01 जून से प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है।

अनलॉक के संबंध में मंत्री समूहों द्वारा दी गई अनुशंसाओं को सभी क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों को भिजवा दिया गया है। इनपर 30 मई को शाम तक सभी क्राइसिस मैनेजमेंट समूह चर्चा कर अनलॉक प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लेकर 31 मई को जनसामान्य को अवगत करा देंगे।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में ‘अनलॉक’ के संबंध में प्रभारी मंत्रियों, प्रभारी अधिकारियों, कमिश्नर,आई.जी., कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों से चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 5 फीसदी से अधिक संक्रमण वाले तथा 5 फीसदी से कम संक्रमण वाले जिलों के लिए अनलॉक की पृथक-पृथक गाइड लाइन होगी। प्रदेश के इंदौर, भोपाल, सागर तथा मुरैना जिलों में 5 फीसदी से अधिक संक्रमण है। यदि कही भी संक्रमण बढ़ता है तो प्रतिबंध पुन: लागू किए जाएं।

प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान एक जून से खुलेंगे-शाह

मध्यप्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि कोरोना काल में प्रदेश के सभी बंद राष्ट्रीय उद्यान एक जून से 30 जून तक के लिये खोले जायेंगे।

श्री शाह ने बताया है कि कोरोना के चलते नेशनल पार्कों में जिन गाइडों,जिप्सी ड्राइवर आदि व्यक्तियों को रोजगार की दिक्कत महसूस की जा रही थी, उन्हें अब रोजगार मिलेगा। पर्यटन गतिविधियों को संचालित करने के दृष्टिगत भी यह निर्णय लिया गया।

शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके नेता असत्य और भ्रम फैलाकर कोरोना से निपटने में व्यस्त राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं attacknews.in

भोपाल, 29 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नेता असत्य और भ्रम फैलाकर कोरोना संकटकाल से निपटने में व्यस्त राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है।

श्री चौहान ने एक बयान में कहा कि वे और उनकी सरकार जनता के साथ मिलकर कोरोना नियंत्रण के प्रयासों में लगे हुए हैं। हमारी कोशिश है कि हम परिस्थितियों को जल्द से जल्द सामान्य बना दें। हम जनता के साथ मिलकर प्रयासों में लगे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन कांग्रेस झूठ बोलकर मध्यप्रदेश में आग लगाना चाहती है।

श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के झूठ का स्तर तो देखिए। कल मैहर में प्रेस को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपने बयान में कह रहे हैं ‘अभी मैं रामचंद्र अग्रवाल जी से मिलकर आया हूं। उन्होंने मुझे बताया कि उनकी मृत्यु रेमडेसिविर इंजेक्शन से हुई है।’

श्री चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि अब मृत्यु के बाद स्वर्गीय रामचंद्र अग्रवाल श्री कमलनाथ को बता रहे हैं कि उनकी मृत्यु नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस का स्तर कितने नीचे चला गया है।

उन्होंने कहा कि इस दल का प्रयास है कि एेन केन प्रकारेण प्रदेश में आग लगाओ और सरकार को बदनाम करो। ऐसी कांग्रेस से सावधान रहने और प्रदेश को बचाने की जरूरत है।

मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 95 प्रतिशत हुयी – शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कोरोना की स्थिति में सुधार के बावजूद हम सबको अतिसतर्क रहना है।

श्री चौहान ने यहां अपने वीडियो संदेश में कहा कि राज्य में कल लगभग 76,000 टेस्ट किए गए, जिनमें से 1640 नए संक्रमित मिले। औसत संक्रमण दर (पॉजीटिविटी रेट) 2़ 1 प्रतिशत पर आ गयी है। इसी तरह स्वस्थ होने वालों की संख्या (रिकवरी रेट) बढ़कर 95 प्रतिशत हो गयी है।

श्री चौहान ने कहा कि इसके अलावा 4995 मरीज स्वस्थ हुए हैं। डिंडोरी जिले में एक भी नया प्रकरण नहीं आया है। उन्होंने इसके लिए वहां के प्रशासन की सराहना की। कुल 52 में से 23 जिलों में दस दस से कम प्रकरण दर्ज किए गए। मुरैना जिले में चिंता की बात है। वहां पर प्रकरण 48 से बढ़कर 75 हुए हैं। वहां के नागरिक कोरोना कर्फ्यू संबंधी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।

श्री चौहान ने कहा कि इंदौर, भोपाल, रतलाम, सागर और अनूपपुर जिलों में सात दिनों की औसत संक्रमण दर 5 प्रतिशत के आसपास है। यहां पर भी चिंता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन स्थितियों के बावजूद पूरे प्रदेश को अतिसतर्क रहना है और कोराेना वायरस के संक्रमण को फैलने से पूरी तरह रोकना है।

“नमक के पानी से गरारे” द्वारा कोरोना की जांच करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की मंजूरी मिली,इस आरटी-पीसीआर विधि से 3 घंटे में मिलेगा परिणाम attacknews.in

नमक के पानी से गरारे, कोई स्वैब नहीं, सरल, तेज और सस्ता

तीन घंटे के भीतर परिणाम मिल जाएगा, ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है

नईदिल्ली 28 मई ।वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने के बाद से ही भारत अपने यहाँ इसकी जांच (परीक्षण) के बुनियादी ढांचे और क्षमता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहा है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) के वैज्ञानिकों ने इस कड़ी में एक और कीर्तिमान बना लिया है जिसके अंतर्गत जिसमें कोविड-19 के नमूनों के परीक्षण के लिए ‘नमक के पानी से गरारे (सलाइन गार्गल) आरटी-पीसीआर विधि’ ढूंढ ली गयी हैI

एक विधि से कई लाभ : सरल, तेज़, आरामदायक और किफायती:

नमक के पानी से गगारे (सेलाइन गार्गल) की इस विधि से कई प्रकार के लाभ एक साथ मिलते हैंI यह विधि सरल, तेज, लागत प्रभावी, रोगी के अनुकूल और आरामदायक है और इससे परिणाम भी जल्दी मिलते हैंI न्यूनतम बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को देखते हुए यह विधि ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।

पत्र सूचना कार्यालय से बातचीत में राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसन्धान संस्थान (एनईईआरआई) में पर्यावरण विषाणु विज्ञान प्रकोष्ठ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कृष्णा खैरनार ने कहा कि : “स्वैब संग्रह विधि के लिए समय की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, चूंकि इस तकनीक में सम्भावित संक्रमितों जांच के दौरान कुछ असुविधा का सामना भी करना पढ़ सकता है जिससे वे कभी-कभी असहज भी हो सकते। साथ ही इस प्रकार से एकत्र किए गए नमूनों को एकत्रीकरण केंद्र और जांच केंद्र तक ले जाने में भी कुछ समय लगता है। वहीं दूसरी ओर, नमक के पानी से गरारे (सेलाइन गार्गल) की आरटी-पीसीआर विधि तत्काल, आरामदायक और रोगी के अनुकूल है। नमूना तुरंत ले लिया जाता है और तीन घंटे में ही परिणाम मिल जाएगा।”

रोगी स्वयं ही अपना नमूना एकत्र कर सकता है:

डॉ. खैरनार के अनुसार यह विधि गैर-आक्रामक और इतनी सरल है कि रोगी स्वयं नमूना एकत्र कर सकता है।

उन्होंने कहा कि, “नाक से और मुंह से नासोफेरींजल और ऑरोफरीन्जियल स्वैब एकत्र करने जैसी संग्रह विधियों के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है और इनमें समय भी लगता है। इसके विपरीत, नमक के पानी से गरारे (सेलाइन गार्गल) की आरटी-पीसीआर विधि में नमक के पानी (सेलाइन वाटर) से भरी एक साधारण संग्रह ट्यूब का उपयोग किया जाता है। रोगी इस घोल से गरारे करता है और उसे ट्यूब के अंदर डाल देता है। संग्रह ट्यूब में यह नमूना प्रयोगशाला में ले जाया जाता है जहां इसे कमरे के तापमान पर एनईईआरआई द्वारा तैयार एक विशेष बफर घोल (सौल्युशन) में रखा जाता है। इस घोल को गर्म करने पर एक आरएनए टेम्प्लेट तैयार किया जाता है, जिसे आगे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) के लिए संसाधित किया जाता है। नमूना एकत्र करने और उसे संसाधित करने की यह विशेष विधि हमें आरएनए निष्कर्षण की दूसरी अन्य महंगी ढांचागत आवश्यकता के स्थान पर इसका प्रयोग करने के लिए सक्षम बनाती है। लोग इससे स्वयं का परीक्षण भी कर सकते हैं, क्योंकि इस विधि अपना नमूना (सैम्पल) खुद ही लिया जा सकता है।” यह विधि पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इसमें अपशिष्ट उत्पादन कम से कम होता है।

ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में परीक्षण के लिए वरदान:

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि परीक्षण की यह अनूठी तकनीक ऐसे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभप्रद सिद्ध होगी जहां अभी तक बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं एक बाधा के रूप में सामने आ सकती हैं। इस गैर-तकनीक को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की मंजूरी मिल गई है। साथ ही एनईईआरआई से कहा गया है कि वह देश भर में इसके प्रयोग में मदद करने के लिए अन्य परीक्षण प्रयोगशालाओं को प्रशिक्षित आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंI

नागपुर नगर निगम ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है, जिसके बाद एनईईआरआई में स्वीकृत परीक्षण प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण शुरू हो गया है।

“पूरे भारत में लागू करने की आवश्यकता”

एनईईआरआई में पर्यावरणीय विषाणुविज्ञान प्रकोष्ठ (एनवायरनमेंटल वायरोलॉजी सेल) के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और लैब-तकनीशियनों ने विदर्भ क्षेत्र में बढ़ते कोविड-19 संक्रमणों के बीच इस रोगी-अनुकूल तकनीक को विकसित करने के लिए अनथक प्रयास किए हैं।

डॉ. खैरनार और उनकी टीम को उम्मीद है कि इस पद्धति को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप तेजी से और अधिक नागरिक-अनुकूल परीक्षण होंगे, और महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूती मिलेगी I

बजाज हेल्थकेयर ने कोविड-19 रोगियों में ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोगी दवा पॉसाकोनाजोल पेश की attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मई । बजाज हेल्थकेयर ने शुक्रवार को कोविड-19 रोगियों में म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज में उपयोगी दवा पॉसाकोनाजोल की पेशकश की है।

बाजार हेल्थकेयर ने शेयर बाजार को बताया कि कंपनी को खाद्य एवं दवा प्रशासक (एफडीए) गांधी नगर, गुजरात से म्यूकोर्मिकोसिस के इलाज के लिए पॉसाकोनाजोल के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है।

कंपनी ने बताया कि वह जून 2021 के पहले सप्ताह से अपना व्यावसायिक उत्पादन शुरू करेगी।

राहुल गांधी ने कहा:सच्चाई यह है कि सरकार और नरेन्द्र मोदी को कोरोना की समझ नहीं और आज तक समझ नहीं आई ,कोरोना को के तीन-चार तरीके हैं,इनमें से लॉकडाउन एक हथियार है attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मई । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित तौर पर धीमी गति होने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से ‘नौटंकी’ की और अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, उस कारण कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर ‘झूठ बोलने’ के बजाय सच्चाई देश को बतानी चाहिए तथा विपक्ष के सुझावों को सुनना चाहिए क्योंकि विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है।

राहुल गांधी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोरोना संकट को लेकर हमने सरकार को एक के बाद एक सलाह दी, लेकिन सरकार ने हमारा मजाक बनाया। प्रधानमंत्री ने समय से पहले यह घोषित कर दिया कि कोरोना को हरा दिया गया है। सच्चाई यह है कि सरकार और प्रधानमंत्री को कोरोना की समझ नहीं है और आज तक समझ नहीं आई है।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कोरोना एक बदलता हुआ वायरस है। इस वायरस को जितना समय आप देंगे, जितनी जगह देंगे यह उतना ही खतरनाक बनता जाएगा। मैंने पिछले साल कहा था कि कोरोना को समय और जगह मत दीजिए।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कोरोना को रोकने के तीन-चार तरीके हैं। इनमें से एक तरीका टीकाकरण है। लॉकडाउन एक हथियार है, लेकिन यह अस्थायी समाधान है। सामाजिक दूरी और मास्क भी अस्थायी समाधान है। टीका स्थायी समाधान है। अगर आप तेजी से टीका नहीं लगाते हैं तो वायरस बढ़ता जाएगा।’’

उन्होंने कहा , ‘‘कुछ ही समय पहले मैंने देखा कि विदेश मंत्री ने कहा कि हम ‘टीका कूटनीति’ कर रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज स्थिति क्या है? देश के सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीका लगाया गया। यानी 97 फीसदी लोगों को कोरोना पकड़ सकता है। इस सरकार ने कोरोना के लिए दरवाजा खुला छोड़ रखा है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अमेरिका ने अपनी आधी आबादी को टीका लगा दिया। ब्राजील जैसे देश ने आठ-नौ फीसदी लोगों को टीका लगा दिया। हम टीका बनाते हैं, लेकिन हमारे यहां सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीका लगा है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दूसरी लहर प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने जो नौटंकी की, अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की, उसका कारण दूसरी लहर है।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगाह किया कि अगर मौजूदा गति से टीकाकरण हुआ तो और भी लहर आएगी क्योंकि वायरस का स्वरूप बदलता जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस मृत्यु दर की बात की जा रही है वो झूठ है। यह झूठ सरकार फैला रही है। यह राजनीतिक मामला नहीं है, यह देश के भविष्य और देश के लोगों की जान बचाने का मामला है। विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है। विपक्ष उनको रास्ता दिखा रहा है।’

राहुल गांधी ने देश और जनता का अपमान किया: भाजपा

इधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार करते हुए कहा है कि श्री गांधी ने देश और जनता का अपमान किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को यहाँ संवाददाता सम्मेलन में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता के साथ मिलकर कोविड का सामना कर रहे हैं, तब श्री गांधी ऐसे प्रयासों के लिए ‘नौटंकी’ शब्द का उपयोग करते हैं। यह देश और जनता का अपमान है। हम ‘नौटंकी’ जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे क्योंकि उनकी नौटंकी जनता ने कब की बंद कर दी है।”

उन्होंने कहा, “पहले तो कांग्रेस को वैक्सीन पर भरोसा नहीं था, कांग्रेस ने टीके को लेकर आशंकाये व्यक्त की। यहां तक कि कांग्रेस के एक नेता ने इसे ‘मोदी वैक्सीन’ कहा था। कोवैक्सीन को लेकर श्री गांधी ने भ्रम फैलाया। श्री गांधी कहते हैं कि 2024 तक सभी को वैक्सीन लगेगी, हम कहते हैं इस वर्ष के अंत तक सभी को टीका लग जाएगा।”

श्री जावड़ेकर ने कहा कि श्री गांधी को वैक्सीन की चिंता है तो पहले अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों पर ध्यान दें। राजस्थान में आए दिन बलात्कार हो रहे हैं। हाल ही में एक एंबुलेंस का इस्तेमाल दुष्कर्म करने के लिए किया गया। एक महिला सांसद पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। श्री गांधी को देश को उपदेश देने की बजाए अपने शासित राज्य पर ध्यान देना चाहिए।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया:राज्य में 1 करोड़ वैक्सीन के डोज के लिए ग्लोबल टेण्ड आमंत्रित किये गये हैं इसके अलावा 5 करोड़ और डोज की व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे हैं attacknews.in

सीहोर, 28 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में कोरोना की दूसरी लहर काफी हद तक नियंत्रण में आने का जिक्र करते हुए आज फिर दोहराया कि इसे अब भी हल्के में नहीं लें। इससे सावधान रहेंगे, ताे कुछ नहीं होगा, लेकिन जरा सी भी लापरवाही नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक साबित होगी।

श्री चौहान ने सीहाेर जिला मुख्यालय कोरोना संबंधी स्थिति की समीक्षा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अब भी कोरोना की तीसरी लहर रोकना बड़ी चुनौती है। यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं है। यदि लोगों ने सावधान रहते हुए शासन प्रशासन की ओर से निर्धारित दिशानिर्देशों का पूर्ण पालन किया। बाहर निकलने पर मॉस्क लगाएं। दूरी बनाए रखें। सेनीटाइज करें और कोराेना को रोकने के लिए निर्धारित अन्य आचार संहिता का पूर्ण पालन करें। यदि किसी को जरा सी भी सर्दी, खांसी हुयी, तो वे तत्काल अस्पताल पहुंचकर जांच और इलाज प्रारंभ कराएं।

श्री चौहान ने प्रशासन को भी निर्देश दिए कि वे भी बीमार व्यक्तियों के बारे में तुरंत सजग रहकर उनकी जांच कराएं और उनके संक्रमित पाए जाने पर उन्हें कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराएं। सरकार इस तरह के सेंटर बंद नहीं करेगी। इसके अलावा अधिक से अधिक टेस्टिंग भी जारी रखी जाए। वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से जारी रहे। ये सब उपाय कर हम कोरोना को नियंत्रित रख सकते हैं।

उन्होंने दोहराया कि यदि इन सब नियमों का पालन नहीं किया गया, तो तीसरी लहर को रोकना संभव नहीं हो पाएगी और इसकी कीमत सबको चुकाना पड़ सकती है।

श्री चौहान ने कहा कि हम सबको राज्य में अभूतपूर्व तबाही मचाने वाली दूसरी लहर के प्रकोप से सबक लेना चाहिए। इसने अप्रैल और मई माह के दौरान कितनी तबाही मचायी। हमें ऑक्सीजन और दवा इत्यादि के लिए कितना परेशान होना पड़ा, यह किसी से छिपा नहीं है। इसके मद्देनजर हम सबको लगातार सतर्क रहकर कोरोना के साथ रहने की अादत डालना होगी। इसी स्थिति में बाजार बेहतर ढंग से संचालित किए जा सकते हैं।

श्री चौहान ने बार बार आम लोगों और प्रशासन से अनुरोध किया कि वे कोरोना की तीसरी लहर नहीं आने देने के लिए पूरा प्रयास करें। यह हम सबके, परिवार, समाज, गांव, कस्बे, शहर, प्रदेश और देश के हित में रहेगा। हम कोरोना कर्फ्यू बहुत लंबे समय तक नहीं लगा सकते हैं। इससे आर्थिक गतिविधियां रुकती हैं और गरीब तथा छोटे मोटे व्यवसाय करने वाले भी प्रभावित होेते हैं।

उन्होंने वैक्सीनेशन पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में एक करोड़ वैक्सीन के डोज की व्यवस्था करने के लिए वैश्विक स्तर पर निविदाएं आमंत्रित की गयी हैं। इसके अलावा पांच करोड़ और डोज की व्यवस्था के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि वैक्सीन लगने के बाद कोरोना नहीं होगा, लेकिन यदि वैक्सीन के बाद भी किसी को कोरोना होगा, उसे नुकसान अधिक नहीं होगा। उनका भाषण सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोगों ने भी सुना।

मध्यप्रदेश की 22 हजार 813 ग्राम पंचायतों में से 20 हजार 565 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त; शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि,प्रदेश में तीसरी लहर न आए ऐसे प्रयास किए जाएँ attacknews.in

भोपाल 27 मई ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में इस तरह के प्रयास किए जाएँ कि कोरोना की तीसरी लहर आए ही नहीं। किल-कोरोना अभियान-4 में अधिक से अधिक टेस्ट किए जाएँ, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाए तथा माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए जाएँ। एक-एक मरीज की पहचान कर उन्हें नि:शुल्क मेडिकल किट प्रदान करने का कार्य निरंतर जारी रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण का मूलमंत्र है जनता की भागीदारी। गाँव, कस्बों और शहरों के क्राइसिस मैनेजमेंट समूह निरंतर सक्रिय रूप से कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की 22 हजार 813 ग्राम पंचायतों में से 20 हजार 565 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान उपस्थित थे।

तीसरी लहर के संबंध में अध्ययन करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना की तीसरी लहर के संबंध में देश-दुनिया में अध्ययन करें। विशेषज्ञों के साथ चर्चा करें तथा उसके अनुसार पूरी तैयारी करें। स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर बेहतर बनाया जाए।

1977 नए प्रकरण

प्रदेश में 1977 नए प्रकरण आए हैं। प्रदेश की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 4% तथा आज की पॉजिटिविटी रेट 2.8% है। पिछले 24 घंटों में 6888 मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक्टिव मरीजों की संख्या 38327 हो गई है।

दो जिलों में ही 100 से अधिक नए प्रकरण

प्रदेश के दो जिलों इंदौर एवं भोपाल में ही 100 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 533 एवं भोपाल में 409 नए प्रकरण आए हैं। इसके अलावा तीन जिलों जबलपुर(99), सागर (96) तथा ग्वालियर (51) में 50 से अधिक प्रकरण हैं।

46 जिलों में 5 प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी दर

प्रदेश के 46 जिलों में 5% से कम पॉजिटिविटी दर है। छह जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर इंदौर (8.1%), भोपाल (7.7%), सागर (7%), रतलाम (6.1%), अनूपपुर (6.6%) तथा रीवा में (5.2%) है।

खरगोन जिले को बधाई

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खरगोन जिले में कोरोना संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित किए जाने के लिए खरगौन जिले की पूरी टीम को बधाई दी। यहाँ आज की पॉजिटिविटी दर 2.1% है और 25 नए प्रकरण आए हैं। नीमच में भी स्थिति बेहतर है। आज की पॉजिटिविटी दर 3.7% है और 19 नए प्रकरण आए हैं। बड़वानी जिले में भी कोरोना पर अच्छा नियंत्रण है। यहाँ की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 0.7% और आज की पॉजिटिविटी दर 0.6% है। आठ नए प्रकरण हैं। धार जिले में भी संक्रमण नियंत्रित है, यहां की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 3.9% है।

2500 इंजेक्शन प्राप्त, 6100 का अलॉटमेंट

प्रदेश में ब्लैक फंगस के उपचार के लिये 6100 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का अलाटमेंट मिला है और 2500 इंजेक्शन प्राप्त हो चुके हैं। इंजेक्शन प्रदेश के प्रत्येक जिले को भिजवाए जा रहे हैं। इसी के साथ इसकी टैबलेटस भी प्राप्त हो रही हैं। प्रदेश में वर्तमान में इस रोग के 1061 मरीज हैं।

प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत करता है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राणायाम से फेफड़े मजबूत होते हैं। स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग के साथ मिलकर योग एवं प्राणायाम का प्रशिक्षण सभी इच्छुक व्यक्तियों को देने की व्यवस्था करे। वर्तमान में ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम के अंतर्गत होम आइसोलेशन और कोविड केअर सेंटर्स आदि में योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

गृह मंत्रालय ने राज्यों में कोरोना महामारी से निपटने के दिशा निर्देशों में कोई ढील नहीं देते हुए आगामी 30 जून तक सख्ती से लागू करने को कहा attacknews.in

नयी दिल्ली 27 मई ।केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे कोरोना महामारी से निपटने में किसी तरह की ढील नहीं बरतें और पहले से जारी दिशा निर्देशों और उपायों को आगामी 30 जून तक सख्ती से लागू करें।

गृह मंत्रालय ने गुरूवार को जारी एक आदेश में कहा है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए उसके द्वारा गत 29 अप्रैल को और केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गत 25 अप्रैल को जारी दिशा निर्देश देश भर में आगामी 30 जून तक लागू रहेंगे।

केन्द्रीय गृह सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि सख्त नियमों , दिशा निर्देशों तथा उपायों के चलते देश के दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश भर में संक्रमण के मामलों में कमी का रूख है ।

उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों में कमी का रूझान होने के बावजूद सक्रिय मामलों की संख्या अभी काफी ज्यादा है इसलिए कड़े दिशा निर्देशों और उपायों को लागू रखना महत्वपूर्ण है। राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश स्थिति का आंकलन करने के बाद उचित समय पर और धीरे धीरे स्थानीय स्तर पर इनमें ढील देने के बारे में विचार कर सकते हैं।

उन्होंने कहा है कि इसे ध्यान में रखते हुए राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश जिला प्रशासनों को जरूरी निर्देश दे सकती हैं।

उन्होंने कहा है कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को महामारी से निपटने के लिए किये जाने वाले उपायों तथा इससे संबंधित दिशा निर्देशों के बारे में व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करना चाहिए जिससे कि सभी लोगों को इनकी जानकारी मिल सके।