पत्रकार विनोद दुआ को यह आदेश बचा ले गया: सुप्रीम कोर्ट ने 1962 के अपने फैसले में कहा था कि “सरकार के कार्यों की आलोचना के लिए एक नागरिक के खिलाफ राजद्रोह के आरोप नहीं लगाए जा सकते, क्योंकि यह भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अनुरूप है” attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन जून । उच्चतम न्यायालय ने पत्रकार विनोद दुआ के यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप में हिमाचल प्रदेश के एक स्थानीय भाजपा नेता द्वारा दर्ज करायी गई प्राथमिकी बृहस्पतिवार को रद्द करते हुए कहा कि 1962 का फैसला प्रत्येक पत्रकार को सुरक्षा का अधिकार देता है।

न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने हालांकि दुआ का वह अनुरोध अस्वीकार कर दिया कि जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक एक समिति अनुमति नहीं दे देती, तब तक पत्रकारिता का 10 साल से अधिक का अनुभव रखने वाले किसी मीडिया कर्मी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए।

पीठ ने कहा कि यह कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप होगा।

मीडिया कर्मियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पीठ ने कहा, ‘‘ केदार नाथ सिंह फैसले (भादंवि में राजद्रोह अपराध के दायरे पर 1962 का प्रसिद्ध आदेश) के तहत प्रत्येक पत्रकार सुरक्षा का हकदार है। ’’

भादंवि की धारा 124ए (देशद्रोह) की वैधता बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने 1962 के अपने फैसले में कहा था कि सरकार के कार्यों की आलोचना के लिए एक नागरिक के खिलाफ राजद्रोह के आरोप नहीं लगाए जा सकते, क्योंकि यह भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अनुरूप है।

पीठ ने पिछले साल छह अक्टूबर को दुआ का पक्ष सुनने के बाद याचिका पर आदेश को सुरक्षित रख दिया था।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 20 जुलाई को मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से दुआ को दिया गया संरक्षण अगले आदेश तक बढ़ा दिया था।

शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि दुआ को मामले के संबंध में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पूछे गए किसी अन्य पूरक प्रश्न का उत्तर देने की आवश्यकता नहीं है।

भाजपा नेता श्याम ने शिमला जिले के कुमारसैन थाने में पिछले साल छल मई को राजद्रोह, सार्वजनिक उपद्रव मचाने, मानहानिकारक सामग्री छापने आदि के आरोप में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दुआ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी और पत्रकार को जांच में शामिल होने को कहा गया था।

श्याम ने आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर कुछ आरोप लगाए थे।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पिछले वर्ष 14 जून को रविवार के दिन अप्रत्याशित सुनवाई करते हुए विनोद दुआ को अगले आदेश तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था, लेकिन उनके खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

दुआ ने न्यायालय से उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा है कि प्रेस की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकार है।

न्यायालय पत्रकार घटनाक्रम

उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपने यूट्यूब कार्यक्रम पर कथित रूप से टिप्पणी करने को लेकर वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले को रद्द करते हुए कहा कि 1962 का एक फैसला हर पत्रकार को सरंक्षण का हक देता है। इस मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है।

30 मार्च 2020: दुआ ने यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड करके 2019 में हुए पुलवामा हमले और 2020 में कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन को लेकर सरकार की आलोचना की।

छह मई: हिमाचल प्रदेश में दुआ के खिलाफ एक स्थानीय भाजपा नेता ने 36 दिन की देरी के बाद राजद्रोह और अन्य अपराधों का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई।

चार जून: दुआ के खिलाफ दिल्ली में भाजपा के एक प्रवक्ता ने एक और प्राथमिकी दर्ज कराई है।

10 जून: दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज प्राथमिकी की जांच पर रोक लगा दी।

12 जून: हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राजद्रोह मामले में दुआ को पूछताछ के लिए तलब किया।

13 जून: दुआ ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया।

14 जून: उच्चतम न्यायालय ने अगले आदेश तक हिमाचल प्रदेश पुलिस को दुआ को गिरफ्तार करने से रोक दिया, जांच रिपोर्ट मांगी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

सात जुलाई: उच्चतम न्यायालय ने मामले से संबंधित जांच रिपोर्ट दायर करने में विफल रहने पर हिमाचल प्रदेश पुलिस की खिंचाई की।

16 सितंबर: केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि दुआ के कार्यक्रम ने लोगों को महामारी के दौरान पलायन करने के लिए उकसाया।

सात अक्टूबर: उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।

तीन जून 2021: उच्चतम न्यायालय ने दुआ के खिलाफ राजद्रोह का मामला खारिज किया और कहा कि हर पत्रकार संरक्षण हकदार है।

केंद्र सरकार ने देशभर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम राशन कार्ड जारी करने के लिये विशेष अभियान चलाने की एडवाइजरी जारी की attacknews.in

नईदिल्ली 3 जून । कोविड-19 महामारी के मौजूदा हालात को मद्देनजर रखते हुये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत यह जरूरी हो गया है कि अत्यंत जोखिम वाले और आर्थिक रूप से सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की पहचान की जाये और उन्हें इस अधिनियम के दायरे में लाया जाये।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दो जून, 2021 को यह परामर्श जारी किया है कि वे एक विशेष अभियान शुरू करें, ताकि शहरी व ग्रामीण इलाकों की आबादी के अत्यंत जोखिम वाले और आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर वर्ग की पहचान हो तथा उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) राशन कार्ड दिये जायें। इस विशेष अभियान में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी-अपनी एनएफएसए सीमा के तहत बची गुंजाइश को पूरा करेंगे।

विभाग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे समाज के जोखिम वाले और अत्यंत कमजोर वर्ग तक पहुंचने के उपाय करें। इस वर्ग में बेघर लोग, कचरा बिनने वाले, फेरी वाले, रिक्शा चलाने वाले और अन्य लोग शामिल हैं। एनएफएसए के तहत पात्र व्यक्तियों/घरों की पहचान करने और उन्हें राशन कार्ड मुहैया कराने की जिम्मेदारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की है।

कमलनाध द्वारा मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने का कारण विंध्य क्षेत्र में पार्टी की स्थिति कमजोर बताने पर अजय सिंह उनकी हालत को कमजोर बता दिया attacknews.in

सतना, 03 जून । मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विंध्य अंचल को लेकर दिए गए कथित बयान और उस पर आज वरिष्ठ पार्टी नेता अजय सिंह की प्रतिक्रिया के बाद राज्य में कांग्रेस की राजनीति एक बार फिर गर्मा गयी है।

श्री सिंह ने विंध्य अंचल के सतना जिला मुख्यालय पर मीडिया से चर्चा के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पतन का ठीकरा विंध्य अंचल पर फोड़ना इस क्षेत्र का अपमान है।

विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता श्री सिंह ने कहा कि ये कहना सरासर गलत है अौर विंध्य अंचल का अपमान है।वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस अंचल से 12 विधायक थे, जो राज्य में किसी भी संभाग से नहीं आए थे।वर्ष 2018 के चुनाव में किसी को कहने की जरुरत नहीं है।

श्री सिंह ने कहा कि, गिनती (मतगणना) के कितने दिन पहले कौन बांधवगढ़ में डेरा डाले था और क्या क्या हुआ।विंध्य के लोगों के साथ षड़यंत्र हुआ था।इसके बावजूद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी।अब चल नहीं पायी।इसके लिए विंध्य क्षेत्र के लोगों के ऊपर ठीकरा फोड़ा जाए, उचित नहीं है।यहां के कार्यकर्ताओं और जनता का मनोबल ऐसी बातों से गिरता है।

श्री सिंह ने कहा कि इन मामलों में कोई भी व्यक्ति हो, थोड़ा संयम रखना चाहिए।चाहे श्री कमलनाथ हों, अजय सिंह हों या चाहे जो हों।

श्री सिंह ने कहा कि, कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं, जिनके बोलने से तकलीफ हो जाती है और भाजपा तो ऐसे मौकों की तलाश ही करती रहती है।हम क्यों उन्हें (भाजपा) मौका दें।

गौरतलब है कि श्री कमलनाथ हाल ही में सतना जिले के मैहर की यात्रा पर पहुंचे थे।वहां पर उन्होंने कथित तौर पर एक बयान में कहा है कि हम विंध्य में कमजोर हैं।विंध्य में ऐसा रिजल्ट (विधानसभा चुनाव नतीजे) नहीं होता, तो हमारी सरकार बनी रहती।विधायकों की सौदेबाजी से हमारी सरकार नहीं गिरी।
विंध्य का जो रिजल्ट आया, 31 में से 20 सीटें आयीं।अगर ऐसी हालत नहीं होती तो हमारी सरकार रहती।

श्री कमलनाथ के इस कथित बयान के संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

मध्यप्रदेश में वैज्ञानिक पद्धति से होगा 12 वीं का आंतरिक मूल्यांकन;उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा की परीक्षाएं ओपन बुक पद्धति से होंगी,स्नातक अंतिम,स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा जून में होंगी attacknews.in

भोपाल, 03 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं नहीं होंगी, परन्तु जो विद्यार्थी चाहेंगे बाद में परीक्षा दे सकेंगे। आंतरिक मूल्यांकन का काम वैज्ञानिक पद्धति से होगा तथा शिक्षा मंत्रियों का समूह विषय विशेषज्ञों से चर्चा कर इसकी प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लेगा।

श्री चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की परीक्षाएं गत वर्ष के अनुसार ही होंगी।

बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा आदि उपस्थित थे। बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया तथा स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार वी.सी.से शामिल हुए।

उच्च शिक्षा की परीक्षाएं गत वर्ष अनुसार ओपन बुक पद्धति से होंगी। निर्धारित तिथि व समय पर विद्यार्थी को ऑनलाइन प्रश्न पत्र प्राप्त होगा, जिसका उत्तर वह घर बैठे ही उत्तर पुस्तिका में लिखकर नजदीकी संग्रहण केंद्र में जमा करा देगा। जिन विद्यार्थियों के घर पर इंटरनेट सुविधा नहीं होगी उन्हें नजदीकी शिक्षा संस्थान में परीक्षा देने की सुविधा दी जाएगी।

स्नातक तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा जून 2021 में होंगी तथा परिणाम जुलाई में आएगा। इसी प्रकार स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई में होंगी तथा परिणाम अगस्त तक आएगा। प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों में स्नातक कक्षाओं में कुल 14 लाख 88 हजार 958 तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में 3 लाख 08 हजार 117 परीक्षार्थी हैं।

तकनीकी शिक्षा विभाग की सभी परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी तथा ओपन बुक पद्धति पर आधारित होंगी। परीक्षार्थी ऑनलाइन ही उत्तर लिखेंगे। समय 2 घंटे होगा। मूल्यांकन में 50 फीसदी पिछले सेमेस्टरों तक अर्जित सीजीपीए का अधिभार मान्य किया जाएगा। परीक्षाएं जून एवं जुलाई में होंगी तथा परिणाम 10 दिन में आ जाएंगे। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में कुल 1 लाख 87 हजार 811 परीक्षार्थी हैं।

दिल्ली में अप्रैल -मई कोरोना की दूसरी लहर में 55,750 मौतें; 34,750 के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद भी आंकड़ा 9,916 दिया, 21,000 से ज़्यादा मौतों का कोई हिसाब नहीं attacknews.in

दिल्ली सरकार कोरोना मौत पर श्वेत पत्र जारी करे: भाजपा

नयी दिल्ली, 03 जून । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मांग की है कि दिल्ली सरकार कोरोना से हुई मौतों पर श्वेत पत्र जारी करे।

गुरुवार को यहां आभासी माध्यम से संबोधित एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली में कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा, “किस प्रकार से सैंकड़ों लोगों की मृत्यु होती है और किस प्रकार से इन आंकड़ों को छुपाया जाता है और कोई भी इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। इस प्रकार का एक चित्रण दिल्ली की सरकार हम सबके सामने रखने का प्रयास कर रही है।”

उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई के दो महीने कोरोना की दूसरी लहर के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण रहे। इस बीच 34,750 मृत्यु प्रमाण पत्र दिल्ली के तीन नगर निगम द्वारा जारी किए गए हैं, इतनी बड़ी तादाद में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा दिया आंकड़ा सिर्फ 9,916 है।

श्री पात्रा ने कहा कि खबरों के अनुसार दिल्ली में 21,000 हजार से ज़्यादा ऐसी मृत्यु हुई है जिनका कोई हिसाब नहीं। ये किन लोगों की मृत्यु हुई है, जिनकी जानकारी दिल्ली सरकार नहीं देना चाहती है। कोरोना से मृत्युदर पूरे भारत में सर्वाधिक दिल्ली में है और दूसरे स्थान पर पंजाब है। दिल्ली में यह 2.9 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय दर 1.3 प्रतिशत है। इसका मतलब दिल्ली में यह दोगुने से भी अधिक है।

उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समय कोविड की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, श्री केजरीवाल ने जानबूझकर अपनी सरकार की साख को बचाने के लिए दिल्ली में कोविड जांच की संख्या को कम कर दिया।

श्री पात्रा ने कहा कि श्री केजरीवाल ने कहा था कि हम दिल्ली में ऑक्सीजन को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे। आज वह शराब की ‘होम डिलीवरी’ कर रहे हैं लेकिन अफसोस कि वह दवाओं और ऑक्सीजन की ‘होम डिलीवरी’ में सफल नहीं हुए।
उन्होंने पूछा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मौतों के आंकड़े कम क्यों दिखाए? श्री केजरीवाल ने ऑक्सीजन ऑडिट क्यों मना किया था? आखिर श्री केजरीवाल की सरकार ने कोरोना की टेस्टिंंग कम क्यों की? अब तक एक भी अस्पताल क्यों नहीं बनवाए?

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भी श्री केजरीवाल ने झूठ बोला और दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन को स्टोर करने की व्यवस्था भी नहीं की।

उत्तराखंड के रामनगर में पुलिस ने सैक्स रैकेट का भंडाफोड़ कर चार महिलाओं समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया attacknews.in

 

नैनीताल, 03 जून । उत्तराखंड के रामनगर में पुलिस ने बुधवार देर रात को अनैतिक देह व्यापार (सैक्स रैकेट) का भंडाफोड़ कर चार महिलाओं समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।

रामनगर थाना में तैनात वरिष्ठ उपनिरीक्षक जयपाल ने बताया कि चोरपानी क्षेत्र में लंबे समय से अनैतिक देह व्यापार की शिकायत मिल रही थी।

क्षेत्र के लोगों की ओर से पुलिस में इस मामले की मौखिक शिकायत की गयी थी।

लोगों का आरोप था कि इससे क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है।

इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की तो शिकायत सही निकली।

आरोपियों को पकड़ने के लिये एसओजी और पुलिस की एक टीम का गठन किया गया।

टीम ने पहले ग्राहक बनकर सैक्स रैकेट चलाने वाले सरगना रोहित और शंकर से बात की और पांच हजार रुपये में मामला तय हो गया।

इसी दौरान देर रात पुलिस की दूसरी टीम ने मौके पर छापा मारकर कुल नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार लोगों में रोहित और शंकर के अलावा हर्षित, मुनीष तथा इरशाद शामिल हैं।

इनके अलावा इस धंधे में शामिल चार महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है।

सभी काशीपुर और चोरपानी क्षेत्र की रहने वाली हैं।

पुलिस को पता चला कि आरोपी ग्राहक से 2500 रुपये वसूलते थे और उस राशि का बराबर बांट लेते थे।

पुलिस आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई में जुट गयी है।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जूनियर डाक्टर की हड़ताल को अवैधानिक करार देते हुए सभी डाक्टरों को 24 घंटों में काम लौटने के आदेश दिये;सरकार ने भी जूनियर डॉक्टर्स को चेताया attacknews.in

 

जबलपुर/भोपाल , 03 जून । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जूनियर डाक्टर की हड़ताल को अवैधानिक करार देते हुए सभी जूनियर डाक्टरों को 24 घंटों में काम लौटने के आदेश दिये हैं।

मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक तथा न्यायाधीश सुजय पाॅल की युगलपीठ ने प्रदेशव्यापी जूनियर डाॅक्टरों की हडताल को अवैध करार दिया है।

युगलपीठ ने जूनियर डाॅक्टरों को 24 घंटो में काम पर लौटने के आदेश दिये हैं।

निर्धारित समय सीमा पर जूनियर डाॅक्टर हड़ताल समाप्त कर काम पर नहीं लौटते है तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।

युगलपीठ ने कोरोना महामारी काल में जूनियर डाॅक्टर के हडताल पर कहा है कि विपत्तिकाल में जूनियर डाॅक्टर की हडताल को किसी प्रकार से प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता है।

जबलपुर स्थित सिविल लाइन निवासी अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह ने जूनियर डाॅक्टर की प्रदेशव्यापी हडताल के खिलाफ याचिका दायर किया था।

आवेदन में कहा गया था कि चिकित्सा संघ द्वारा प्रदेशव्यापी हडताल के खिलाफ साल 2014 में उक्त याचिका दायर की थी।

जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 25 जुलाई 2018 को जारी अपने आदेश में चिकित्सा सेवा को अतिआवष्यक सेवा घोषित किया था।

अत्यावश्यक सेवा संधारण के तहत चिकित्सा सेवा के कर्मचारी सामुहिक अवकाश तथा हडताल पर नहीं जा सकते है।

उक्त आदेश के बाद भी प्रदेश के जूनियर डाॅक्टर 31 मई से हडताल पर है।

उन्होंने कोरोना वार्ड में भी अपनी सेवा प्रदान करना बंद कर दी है।

याचिका में बताया गया कि कोरोना महामारी में जूनियर डाॅक्टरों की हडताल के कारण स्वास्थ सेवाएं प्रभावित हो रही।

ऐसे में पूर्व में पारित आदेश का परिपालन नहीं करने पर हडतालरत जूनियर डाॅक्टरों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाये।

इसके अलावा उनके खिलाफ इंडियन मेडिकल काउसिंल रेगुलेशन 2002, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये।

सरकार को ओपीडी तथा स्वास्थ सेवा सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिये जाये।

याचिका पर आज हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने जूनियर डाॅक्टर मेडिकल एसोसिएशन को हड़ताल वापस लेने के लिए दोपहर ढाई बजे तक का समय प्रदान किया।

सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये।

सरकार ने एक तरह से चेताया जूनियर डॉक्टर्स को:

इधर मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) की हड़ताल के बीच आज यहां राज्य के चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत बरबड़े ने कहा कि आवश्यक सेवा अधिनियम (एस्मा) और आपदा प्रबंधन अधिनियम प्रत्येक नागरिक पर एकरूप में लागू होते हैं।

श्री बरबड़े ने यहां मीडिया से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर्स मुख्य रूप से छात्र हैं और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करते हैं। साथ ही मरीजों को भी देखने का कार्य करते हैं। उन्होंने जूनियर डॉक्टर्स के हित में उठाए गए सरकारी कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि स्टाइपेंड में बढ़ोत्तरी के संबंध में भी सरकार आगे बढ़ रही है। उनकी चिकित्सा सुविधाएं बढ़ायी गयी हैं।

पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को कुछ शर्तों के साथ सवा लाख शिक्षकों की बहाली की इजाजत दी attacknews.in

पटना 03 जून।पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को कुछ शर्तों के साथ सवा लाख शिक्षकों की बहाली की इजाजत दे दी है ।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने गुरुवार को नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को कुछ शर्तों के साथ सवा लाख शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत दे दी ।

खण्डपीठ ने वैसे दिव्यांग शिक्षक अभ्यर्थियों को आवेदन करने की छूट दी है जो विज्ञापन की तिथि यानी वर्ष 2019 में विज्ञापन की तिथि को आवेदन करने के योग्य थे ।

ऐसे उम्मीदवार अब जारी होने वाली अधिसूचना की तिथि से पंद्रह दिनों के भीतर आवेदन कर सकते हैं।

इससे पूर्व राज्य के महाधिवक्ता ललित किशोर ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने नियुक्ति में चार प्रतिशत का लाभ दिव्यांग उम्मीदवारों को देने की याचिकाकर्ताओं की एक बड़ी मांग मान ली है ।

राज्य सरकार ने दिव्यांगों को चार फीसदी आरक्षण देने के संबंध में प्रावधानों का अनुपालन कर दिया है और उसी प्रकार से सारी चयन प्रक्रिया की जायेगी।

उच्च न्यायालय ने इसके बाद याचिकाओं का निष्पादन करते हुए शिक्षकों की बहाली पर लगाई गई रोक हटा दी ।

उत्तरप्रदेश के डीएसपी ने पहले विवाह को छुपाकर मुस्लिम महिला पत्रकार से निकाह करने के लिए इस्लाम कबूला और इसे भी छुपाया,जांच की मांग attacknews.in

लखनऊ,03 जून । भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे अमिताभ ठाकुर और उनकी समाजसेवी पत्नी डॉ0 नूतन ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के एक डिप्टी एसपी पर इस्लाम कबूल कर धोखे से दूसरी शादी करने के गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जांच कराने मांग करते हुए अधिकारियों को पत्र लिखा है।

इस संबंध में ठाकुर दम्पति ने आज पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि खुद को डिप्टी एसपी की दूसरी पत्नी बताने वाली एक महिला ने उन्हें बताया कि वह पत्रकार हैं तथा पूर्व में रायबरेली में तैनात रहे एक डिप्टी एसपी की दूसरी पत्नी हैं।

डीएसपी ने लगभग तीन वर्ष पूर्व उससे शादी की और वह कई स्थानों पर पति-पत्नी के रूप में रहे। डिप्टी एसपी ने उससे लम्बे समय तक अपनी पहली पहली शादी को छिपाया। पहली शादी 10-12 साल पहले की थी और उनके बड़े-बड़े बच्चे होने की जानकारी मिली।

ठाकुर दम्पति ने पत्र में लिखा कि डिप्टी एसपी ने मात्र शादी के लिए पहले इस्लाम कबूल किया और फिर निकाह किया।

साथ ही रजिस्ट्रार के कार्यालय में भी शादी की।

जब सब जानने के बाद पीड़ित महिला ने तलाक देने को कहा तो डिप्टी एसपी ने साफ इंकार कर दिया।

डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को इस संबंध में भेजी अपनी शिकायत में अमिताभ तथा नूतन ने कहा कि यदि ये आरोप सही हैं तो यह अत्यंत ही गंभीर श्रेणी का कदाचार है।

अतः उन्होंने इन तथ्यों की जांच कराते हुए नियमानुसार विधिक तथा प्रशासनिक कार्रवाई का अनुरोध किया है।

केन्द्र सरकार और असम के कार्बी विद्रोही संगठन के बीच अगले हफ्ते किसी भी समय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं attacknews.in

गुवाहाटी,03 जून । असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा ने कहा है कि केन्द्र सरकार और कार्बी विद्रोही संगठन के बीच अगले हफ्ते किसी भी समय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।

श्री शर्मा ने कहा“ संबंधित पक्षों के बीच अंतिम बातचीत जारी है और यह समझौता अगले हफ्ते किसी भी समय हो सकता है।”

उन्होंने बताया कि हाल ही उनकी नयी दिल्ली यात्रा के दौरान इस मसले पर केन्द्रीय गृह सचिव और इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई थी।

उन्होंने कहा कि असम सरकार ने अपनी तरफ से इस समझौते के लिए सहमति दे दी है। यह समझौता कार्बी संगठन , केन्द्र सरकार और असम सरकार के बीच होगा।

गोण्डा में विस्फोट से धराशायी मकान मामले में ATS ,बम निरोधक दस्ता व स्पेशल फोरेंसिक टीमें समेत कई एजेंसियाें ने शुरु की जांच,सिलेंडर फटने के नहीं मिले अवशेष attacknews.in

 

गोण्डा, 02 जून । उत्तर प्रदेश में गोण्डा-अयोध्या से सटी सीमा पर वजीरगंज क्षेत्र के टिकरी गांव में मंगलवार देर रात दो मंजिला मकान में हुये शक्तिशाली विस्फोट की जांच के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ता(एटीएस) ,बम निरोधक दस्ता व स्पेशल फोरेंसिक टीमें समेत कई जांच एजेंसियाें ने गोण्डा पहुंचकर जांच शुरु कर दी।

देवीपाटन मंडल के पुलिस महानिरीक्षक डा.राकेश सिंह नें बुधवार को यहां बताया कि विस्फोट की घटना की जांच के लिये लखनऊ से एटीएस, अयोध्या से बम निरोधक दस्ता और गोरखपुर से स्पेशल फोरेंसिक टीमों को बुलाया गया है । उन्होंनें बताया कि मलबा पड़ा होने के कारण फिलहाल सिलेंडर के अवशेष नहीं मिल सके है ।

उत्तर प्रदेश में गोण्डा जिले के वजीरगंज क्षेत्र में विस्फोट के कारण मकान गिरने से कम से कम आठ लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि सात अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये।

जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने बुधवार को बताया कि टिकरी गांव के एक दो मंजिला मकान में बीती रात जबरदस्त धमाका हुआ और मकान की छत भरभरा कर ढह गयी। इस हादसे में घर मे सो रहे लोग दब गये । मौके पर पहुंचे पुलिस के जवानों नें ग्रामीणों संग मिलकर मलबा हटवाया और एक एक करके आठ शवों संग सात घायलों को बाहर निकलवा लिया ।

उन्होनें बताया कि घरेलू सिलेंडर ब्लास्ट से हुई घटना मे मकान की दीवार कच्ची होने के कारण छत ढह गयी । हादसे में करने वालों की पहचान नुरूल हसन के पुत्र शमशाद (23),मिराज (11), निसार अहमद (35),पुत्री रवीना बानो (38), निसार की पत्नी सायरुन निशा (37), पुत्री नूरी शबा (12) , पुत्र शहबाज अहमद (15) के अलावा आरिफ शेख के दो वर्षीय पुत्र मोहम्मद शोएब के तौर पर की गयी है।

वहीं गंभीर रूप से घायल इरशाद अहमद (32),रिहान (10),मोहम्मद जैद (8), मोहम्मद निजाम (10), गुलनाज (18),अनीसा (28) और नुरुल हसन (60) का उपचार चल रहा हैं । उन्होनें बताया कि पीड़ितों को सरकारी सहायता दी जायेगी । डीएम ने कहा कि घटना कि फोरेंसिक जांच जारी हैं ।

धोखे से अश्लील वीडियो बनाकर देहशोषण करने के बाद वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर किया अनेक बार बलात्कार ,पुलिस प्रकरण दर्ज attacknews.in

 

श्रीगंगानगर,02 जून ।।राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में नोहर थाना पुलिस ने एक निजी बस के चालक और परिचालक पर एक युवती का धोखे से अश्लील वीडियो बनाकर देहशोषण करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

पुलिस के अनुसार चुरू जिले में सरदारशहर थाना क्षेत्र की पीड़िता ने बताया है कि वह नोहर के एक संस्थान में कोचिंग कर रही है।

वह कोचिंग करने के लिए इस निजी बस से आया जाया करती थी।इसी दौरान चालक और परिचालक से उसकी जान पहचान हो गई।

युवती के अनुसार इसी जान पहचान के चलते चालक उपेंद्रसिंह निवासी रातूसर और परिचालक कैलाश गुर्जर निवासी दुधवा ने उसे धोखे से एक दिन नोहर में कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय के पास एक मकान में ले गए।उसे कोई नशीली वस्तु खिलाकर अश्लील वीडियो बना लिया।

वीडियो को सार्वजनिक कर देने की धमकी देकर कैलाश ने अनेक बार दुष्कर्म किया।

पुलिस के मुताबिक विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किए गए इस मामले की जांच भादरा के डीएसपी सुनील झाझडिया कर रहे हैं।

पीड़िता का मेडिकल चेकअप करवाया गया है।दोनों आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मी भी नहीं डाल सकेंगे हथियारों के साथ फोटो;अपलोड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश attacknews.in

झुंझुनूं, 02 जून । राजस्थान में पुलिसकर्मियों सहित लोग अब हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर अपना फोटो अपलोड नहीं कर पाएंगे।इसके लिए पुलिस महकमे ने आदेश जारी किए हैं।

जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने आदेश जारी कर सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सअप या अन्य सोशल मीडिया मंच पर हथियार समेत फोटो अपलोड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

श्री त्रिपाठी ने बताया कि कोई भी पुलिस अधिकारी कर्मचारी सोशल मीडिया पर वर्दी या सादा वस्त्रों में हथियार समेत फोटो अपलोड कर रखी है वे अविलंब हटाने को कहा गया है।

यदि फिर भी कोई पुलिस अधिकारी कर्मचारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हथियार समेत फोटो मिलने पर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने सोशल मीडिया पर निगरानी शुरू कर दी है।

इसको लेकर साइबर सैल का गठन किया गया है।

जनता में भय न हो इसको लेकर पुलिस महकमे ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई की तैयारी शुरु कर दी है।

अब कोई भी युवा या व्यक्ति सोशल मीडिया पर आपराधिक गैंग के सदस्यता लेने या शेयर करने पोस्ट डालते है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दिलीप कुमार , राज कपूर के पैतृक आवासों को संग्रहालय में बदलेगा पाकिस्तान;संग्रहालय निदेशालय ने इनका अधिग्रहण किया attacknews.in

इस्लामाबाद, 02 जून । पाकिस्तान सरकार ने महान ख्यातिलब्ध भारतीय फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार और राजकपूर के यहां स्थित पैतृक आवासों को संग्रहालय में बदलने के लिए इनका अधिग्रहण कर लिया है।

पाकिस्तान के समाचारपत्र डान की रिपोर्ट के मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पेशावर के उपायुक्त द्वारा दोनों संपत्तियों के स्वामित्व के हस्तांतरण की अधिसूचना जारी करने के बाद पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय ने मंगलवार को इनका अधिग्रहण कर लिया।

प्रांतीय सरकार ने पिछले वर्ष सितम्बर में इन संपत्तियों को संग्रहालय में बदलने की अपनी योजना की घोषणा की थी।

निदेशक (पुरातत्व) डॉ अब्दुल समद ने कहा कि निदेशालय ने दोनों संपत्तियों के मौजूदा स्वामियों से मालिकाना हक लेने के बाद इसे प्रांतीय सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि मोहल्ला खुदाद स्थित दिलीप कुमार के पुश्तैनी आवास की कीमत 72 लाख रुपये तथा ढाकी दलगरण इलाके में राज कपूर की हवेली की कीमत 11.5 करोड़ रुपये है।

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा अब 25 जुलाई को होगी attacknews.in

 

भोपाल, 02 जून । मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा (2020) अब 25 जुलाई रविवार को आयोजित होगी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए और समग्र परिस्थितियों का मूल्यांकन करते हुए एवं अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा (2020) की तिथि 20 जून को परिवर्तित करते हुए नवीन तिथि 25 जुलाई (रविवार) निर्धारित की गई है।