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Continue to Chatपत्रकार विनोद दुआ को यह आदेश बचा ले गया: सुप्रीम कोर्ट ने 1962 के अपने फैसले में कहा था कि "सरकार के कार्यों की आलोचना के लिए एक नागरिक के खिलाफ राजद्रोह के आरोप नहीं लगाए जा सकते, क्योंकि यह भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अनुरूप है" attacknews.in https://attacknews.in/supreme-court-cancelled-fir-against-journalist-vinod-dua-allegedly-traitor/