भारत के हरेक राज्य में ऑक्सीजन से भरे टैंकरों को टोल प्लाजा पर नहीं भरना होगा कर attacknews.in

नयी दिल्ली 8 मई । सरकार ने देश में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन के संकट को देखते हुए ऑक्सीजन से भरे टैंकरों को टोल प्लाजा पर कर मुक्त कर दिया है।

सड़क परिवहन मंत्रालय ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा कि देश में कोविड पीड़ितों को ऑक्सीजन की कमी नहीं हो और समय पर सभी जरूरतमंदों को ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके इसके लिए टोल प्लाजा पर ऑक्सीजन टैंकरों को टोल कर से मुक्त किया गया है।

बयान में कहा गया है कि टोल प्लाजा पर अगले आदेश तक ऑक्सीजन टैंकरों को भी एंबुलेंस वाहनों की तरह उनके गंतव्य तक पहुंचने की छूट होगी और उनसे कोई कर नहीं लिया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की तीसरी लहर के संबंध में अधिकारियों को दिये निर्देश,कोरोना संक्रमित मरीजों के परिवहन के लिए पूरे प्रदेश के लिए एम्बुलेंस की स्वीकृति attacknews.in

भोपाल, 08 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निकट भविष्य में कोरोना की कथित तीसरी लहर की आशंका के बीच राज्य के अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

श्री चौहान ने कोरोना संबंधी कोर ग्रुप की उच्च स्तरीय बैठक में आज यहां यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के संबंध में अभी से कार्य किए जाएं। उन्होंने विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के भी निर्देश दिए, जो तीसरी लहर के संबंध में अध्ययन भी करेगी। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को लेकर राज्य में क्या आशंकाएं हैं और इससे निपटने के लिए क्या क्या तैयारियां और व्यवस्थाएं की जाना चाहिए, यह भी समिति बताएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मद्देनजर राज्य की स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं को और अधिक मजबूत बनाने की जरुरत है। राज्य में रेमडिसिविर इंजेक्शन के उत्पादन के भी प्रयास किए जाएं। ऑक्सीजन के संयंत्र भी लगाए जाएं, ताकि भविष्य की ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुदान देने का निर्णय लिया है और ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना के लिए निजी उद्यमियों को प्रेरित किया जाए।

ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड केयर सेंटर बनाये जाएंगे-शिवराज

सीहोर से खबर है कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रो में कोविड केयर सेंटर बनाये जाएंगे, जहां मरीजों के लिये सभी व्यवस्थाएं होंगी।

श्री चौहान आज यहां जिले के बुधनी में एकलव्य आवासीय विद्यालय परिसर में 300 बेड का कोविड केयर सेंटर की समीक्षा के दौरान यह बात कही।

उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक कोविड केयर सेंटर को 300 बेड्स के साथ शीघ्र शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस अस्थाई कोविड केयर अस्पताल के बनने से स्थानीय मरीजों को दूसरे शहर इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रेपिड रिस्पोंस टीम द्वारा मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी।

मध्यप्रदेश में दो लाख से अधिक कोरोना मरीजों तक पहुँची मेडिकल किट

इधर मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि अभी तक 52 जिलों में 2 लाख 44 हजार 57 मेडिकल किट वितरित की जा चुकी हैं।

श्री सिंह ने बताया है कि 18 अप्रैल से 7 मई के मध्य नगरीय क्षेत्रों में फ़ीवर क्लीनिक एवं होम डिलीवरी के माध्यम से 2 लाख 44 हजार 57 मेडिकल किट कोविड मरीज़ों को उपलब्ध कराई गई हैं।

उन्होंने जानकारी दी है कि 18 अप्रैल को 12 हजार 583, 19 अप्रैल को 16 हजार 914, 20 अप्रैल को 11 हजार 465, 21 अप्रैल को 10 हजार 327, 22 अप्रैल को 11 हजार 76, 23 अप्रैल को 11 हजार 17, 24 अप्रैल को 10 हजार 658, 25 अप्रैल को 9 हजार 497, 26 अप्रैल को 9 हजार 360, 27 अप्रैल को 9 हजार 705, 28 अप्रैल को 11 हजार 141, 29 अप्रैल को 9 हजार 347, 30 अप्रैल को 8 हजार 958, एक मई को 10 हजार 253 , 2मई को 9 हजार 112, 3 मई को 8 हजार 439, 4 मई को 9 हजार 301 , 5 मई को 8 हजार 455, 6 मई को 8 हजार 866 और 7 मई को 7 हजार 983 कोविड मरीजों को मेडिकल किट वितरित की गई हैं।

कोरोना संक्रमित मरीजों के परिवहन के लिए एम्बुलेंस की स्वीकृति:चौधरी

मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि कोविड संक्रमित मरीजों को अस्पताल ले जाने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लिए 200 अतिरिक्त एम्बुलेंस वाहन किराये पर लेने की स्वीकृति दी गई है।

डॉ. चौधरी ने बताया कि पूर्व में एम्बुलेंस वाहन को कोविड केयर सेंटर पर रखे जाने के निर्देश दिये गये थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में कोविड – 19 मरीजों के परिवहन के लिए प्रदेश के जिलों में 148 वाहन की स्वीकृति दी गई थी। इस प्रकार अब प्रदेश के जिलों में कोविड संक्रमित मरीजों के लिए 348 एम्बुलेंस वाहन से अस्पताल ले जाने के लिए उपलब्ध रहेंगे। इस संबंध में समस्त कलेक्टर एवं समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

मुरैना में सरसों की बंपर पैदावार के बाद भी तेल की कीमत लगभग दोगुनी,शुद्ध सरसों तेल की कीमत आसमान पर attacknews.in

मुरैना, 08 मई । सरसों (पीला सोना) की खेती के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में सरसों की पैदावार इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में पच्चीस फीसदी अधिक होने के बाद भी शुद्ध सरसों तेल की कीमत आसमान पर है।

चंबल संभाग का मुरैना जिला सरसों की पैदावार के लिये देश-विदेश में अपनी अलग ही पहचान के लिये जाना जाता है।

लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार इसके तेल की कीमत दोगुने कीमत पर है।

इसके तेल की मांग देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी रहती है।

इसलिये पिछले वर्ष कोरोना महामारी के दौरान इसके तेल की कीमत 80 से लेकर 85 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी।

वहीं इस वर्ष इसकी कीमत बढ़कर 185 रुपये प्रति किलोग्राम पर है।

जानकारी के अनुसार तेल की कीमतें बढ़ने के पीछे का कारण यह है कि इस बार किसानों ने अपनी सरसों व्यापारियों को न बेचते हुए घर में ही स्टॉक कर रखी है, जिससे वे कोरोना महामारी जैसी आपदा में आगे चलकर इसे ऊंचे भाव पर बेच सकें।

इसी कारण इसके तेल के भाव आसमान पर जा पहुंचे हैं।

एक तेल मिल संचालक ने यहां बताया कि किसान अपनी सरसों को बेचने बाजार नहीं ला रहे हैं।

फिर भी कुछ तेल व्यवसाइयों द्वारा मिलावटी तेल को शुद्ध सरसों के तेल के नाम पर उपभोक्ताओं को ऊंचे भाव पर खुले तौर पर बेचा जा रहा है।

आंध्र प्रदेश में कडपा जिले के ममिलापल्ली गांव में जिलेटिन से भरे वाहन में विस्फोट से 10 खदान मजदूरों की मौत और दो अन्य गंभीर रूप से घायल attacknews.in

कडपा 08 मई । आंध्र प्रदेश में कडपा जिले के ममिलापल्ली गांव में शनिवार को जिलेटिन से भरे वाहन से जिलेटिन छड़ों को उतारते समय हुए विस्फोट से 10 खदान मजदूर कर्मियों की मौत हो गयी।

पुलिस ने कहा कि चूना पत्थर की खदान में विस्फोट के लिए बडवेल से भारी मात्रा में लायी गयी जिलेटिन की छड़ों को वाहन से उतारा जा रहा था, तभी अचानक विस्फोट हो गया। घटना में वाहन में सवार 10 खदान मजदूरों की मौत हो गयी तथा दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। विस्फोट इतना भीषण था कि मजदूरों के शव के अंग कुछ सौ मीटर दूरी तक बिखर गए।

जिस वाहन में जिलेटिन की छड़ें लाई गई थी विस्फोट के कारण वह लोहे के टुकड़े में बदल गया।

पुलिस अधीक्षक अम्बुराजन और अन्य अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया। मृतकों की पहचान के प्रयास किये जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि खदान का मालिक नागेन्द्र रेड्डी का पता नहीं चला है।

विस्फोट में जिन मजदूराें की मौत हुई उनकी पहचान प्रसाद (35), सुब्बा रेड्डी (40), बाला गंगुलू (35), ईश्वरैय्या (45), गांगी रेड्डी (50), लक्ष्मा रेड्डी (60) और अब्दुल (30) के रूप में हुई है।

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विस्व भूषण हरिचंदन ने खदान दुर्घटना में 10 मजदूरों की मौत और कई अन्य लोगों के घायल होने पर दुख और शोक व्यक्त किया। राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विस्फोट में घायलों का बेहतर उपचार कराया जाए और शोक संतप्त परिवार के परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।

इस बीच, मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने विस्फोट में मारे गए मजदूरों के प्रति शोक व्यक्त किया और अधिकारियों से घटना के बारे में पूछताछ की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।

पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कडप्पा जिले के मामिलपल्ले गांव में चूना पत्थर की खदान में विस्फोट में कई निर्दोष श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया और और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि चूना पत्थर की खदान में विस्फोट के लिए बडवेल से भारी मात्रा में लायी गयी जिलेटिन की छड़ों को वाहन से उतारा जा रहा था , तभी अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट का असर इतना तीव्र था कि मृतकों के शव के अंग कुछ सौ मीटर दूर तक बिखर गए।

मध्यप्रदेश में कोरोना की स्थिति से नरेन्द्र मोदी को शिवराज सिंह चौहान ने अवगत कराया,प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया attacknews.in

भोपाल, 08 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के प्रयासों में जुटी सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा कर राज्य की स्थिति से अवगत कराया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने दूरभाष पर श्री मोदी से चर्चा की और कोरोना के कारण मौजूदा हालातों के बारे में बताया। सूत्रों के अनुसार श्री मोदी ने राज्य सरकार के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मद का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।

श्री चौहान ने श्री मोदी को बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की दर (पॉजीटिविटी रेट) घट रही है। स्वस्थ होने वालों की संख्या (रिकवरी रेट) के बढ़ने के संबंध में भी उन्होंने प्रधानमंत्री को जानकारी दी। कोरोना के बढ़े हुए संक्रमण को रोकने के लिए हाल ही में राज्य सरकार की ओर से किए गए प्रयासों के बारे में श्री चौहान ने बताया। किल कोरोना अभियान, कोरोना कफर्यू, कोरोना वॉलेंटियर्स, आइसोलेशन सेंटर, कोविड सेंटर, अस्थायी अस्पतालों के निर्माण और इससे जुड़ी अन्य जानकारियां भी श्री चौहान ने साझा की।

श्री चौहान ने रेमडिसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की उपलब्धता और राज्य में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भी श्री मोदी को बताया।

चौहान ने प्रधानमंत्री को बताया कि सरकार और जन-समुदाय के सक्रिय प्रयासों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर लगातार घट रही है, जो घट कर 17.43 प्रतिशत हो गई है। रिकवरी दर भी लगातार बढ़ रही है, जो 30 अप्रैल को 82.88 प्रतिशत थी, आज 8 मई को बढ़कर 83.53 प्रतिशत हो गई है।

श्री चौहान ने प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए अभिनव प्रयासों को प्रधानमंत्री के साथ साझा किया। श्री मोदी ने प्रदेश सरकार के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए केन्द्र द्वारा हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।

श्री चौहान ने किल कोरोना अभियान, कोरोना कर्फ्यू, कोरोना वालेंटियर्स, आईसोलेशन सेंटर, प्रदेश में बने कोविड केयर सेंटर, अस्थायी कोविड अस्पतालों के निर्माण के लिए सरकार के प्रयास, जन-जागरूकता अभियान और योग से निरोग अभियान की प्रगति के बारे में बताया।

मुख्यमंत्री ने श्री मोदी से रेमडेसिविर इंजेक्श, ऑक्सीजन की उपलब्धता और इनकी आपूर्ति के बारे में तथा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किये जा रहे नये ऑक्सीजन उत्पादक प्लांट के संबंध में विस्तार से चर्चा की। साथ ही प्रदेश में चल रहे कोविड वैक्सीनेशन की प्रगति पर भी चर्चा की।

अमेरिकी कंपनियां भारत को कोविड19 महामारी के प्रकोप का सामाना करने मे अधिकाधिक सहायता सामग्री भेजने में जुटी attacknews.in

वाशिंगटन, आठ मई ।अमेरिकी कंपनी जगत भारत को कोविड19 महामारी के प्रकोप का सामाना करने में मदद के लिए सहायता सामग्री बढ़ाने में लगा है।

कंपनियां यहां से वेंटिलेटर और अक्सीजन कंसेंटेटर आदि भोजने में जुटी हैं ताकि वहां तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों की प्राण रक्षा में मदद हो सके। भारत में इस समय हर दिन चार लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जा रहे है। अस्पताल खाट और आक्सीजन सहायाता की कमी से जूझ रहे हैं।

थर्मो फिशर ने शनिवार को यूनाइटेड एयरलाइन की मदद से भारत के लिए आवश्यक सहायता सामग्री की एक खेप रवाना की। कंपनी ने कहा कि, ‘ हम विनम्रता के साथ कोविड19 का सामाना करने के भारत के अपने साथियों वहां के लोगों की यह सहायता करना चाहते हैं।’ कंपनी की ओर से भेजी गयी सामग्री में 46 लाख वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम ट्यूब भी हैं जो वयरल के नमूनों को सूखने से और सूक्षम जीवाणुओं के प्रदूषण से बचाती हैं।

भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीदारी एवं मंच के अध्यक्ष मुकेश अघी ने इस मदद के लिए कंपनी के प्रति आभार जताया।

अमेरिकन एयरलाइन्स ने कहा कि वह रेडक्रास के साथ मिल कर पूरी दुनिया में कोविड19 से बचाव में लोगों की मदद कर रही है।

कंपनी एमवे ने अमेरिकी वाणिज्य मंडल के नेतृत्व में काम कर रहे एक न्यास को 5 लाख डालर का चंदा दिया है। इससे भारत को 1000 वेंटिलेटर और 25,0000 आक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें भेजी जाएंगी। कंपनी के मुख्य अधिशासी मिलिंद पंत ने कहा, ‘एमवे के वैश्वि परिवार का मन-मस्तिष्क इस समय भारत पर लगा है।’

डेविड एंड कैरॉल फेमिली फाउंडेशन ने भी ढाई लाख डालर की सहायता की घोषणा की है।

अमेरिका इंडिया फाउंडेशन ने कहा है कि उसे भारत में कोविड19 चिकित्सा सुविधाओं में सहायता के लिए चुब चैरिटेबल फाउंडेशन से 5 लाख रुपये की मदद मिली है। इससे अस्पतालों को 100 सुविधाओं से सुसज्जित पोर्टेबल खाट उपलब्ध कराए जाएंगे।

भारत में कोविड19 की दूसरी लहर में नित नए मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए अमेरिका की सरकार, कंपनियां और यहां के लोग भारत के लिए राहत सामग्री भेजने में बराबर जुटे हैं।

अमेरिका की 45 से अधिक बड़ी कंपनियां और उनके मुख्य अधिशासी अधिकारी अमेरकी इस उद्येश्य से गठित एक कार्यबल में शामिल हैं। इसका गठन अमेरिकी वाणिज्य उद्योगमंडल और बिजनस राउंडटेबल नाम के कंपनी संघों ने अमेरिका-भारत व्यावसायिक परिषद और अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच ने किया है।

इस कार्यबल ने अब तक भारत को 25,000 आक्सीजन कंसंट्रेटर और 1000 वेटिलेटर भेजने की घोषणा की है। गूगल, डेलाइट , माइक्रोसाफ्ट, वालमार्ट , बोइंग और मास्टरकार्ड जैसे बड़े अमेरिकी व्यावसायिक प्रतिष्ठान भारत को कोविड सहायता भेजने में हाथ बंटा रहे हैं।

अमेरिका की सरकारी एजेंसी यूएसयेड अब तक भारत को छह विमानों में स्वास्थ्य सेवाओं में काम आने वाली सामग्री भेज चुकी है।

जो बाइडन सरकार ने अभी भारत को 10 करोड़ डालर की सहायता देने की घोषणा की है और उम्मीद है कि समीक्षा के बाद राष्ट्रपति इस राशि को और बढ़ा सकते हैं।

इस समय भारतीय मूल के अमरीकी भी भारत को सहायता भेजने में बढ़ चढ़ कर आगे आ रहे हैं।

दक्षिण अफ्रीका में 2020 में कोविड19 संकट के बावजूद वाहनों का सर्वाधिक आयात भारत से हुआ attacknews.in

जोहानीसबर्ग , आठ मई । दक्षिण अफ्रीका में 2020 में कोविड19 संकट के बावजूद सबसे अधिक वाहन आयात भारत से किया गया। यह जानकारी वाहन बाजार के बारे में एक ताजा रपट में सामने आयी है।

दक्षिण अफ्रीका के वाहन बाजार के एक मंच आटोमोटिव इंडस्ट्री एक्सपोर्ट काउंसिल की ताजा आटोमोटिव एक्सपोर्ट मैन्यूअल रपट में यह जानकारी दी गयी है। इसमें कहा गया है कि दुनिया के कई प्रतिष्ठित वाहन निर्माताओं ने भारत को प्रवेश श्रेणी और छोटे वाहनों के विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है।

भारत से दक्षिण अफ्रीका में मंगाए गए अधिकतर वाहन इसी श्रेणी के रहे। इस वर्ग में फाक्सवैगन की छोटी कार पोलो ही है जो 2020 में दक्षिण अफ्रीका में भी बनायी जा रही थी।

रपट के अनुसार भारत से दक्षिण अफ्रीका में 2020 के दौरान 87,953 वाहन मंगाए गए जो देश में आयातित कुल यात्री कारों और हल्के वाणिज्यक वाहनों का 43.2 प्रतिशत था।

पर देश में इस दौरान इस वर्ग में सबसे अधिक बिकने वाले 10 ब्रांडों में 9 स्थानीय रूप से विनिर्मित ब्रांडों के वाहन थे। यहां के लोग पिकअप को चलाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसमें वाणिज्यिक और दूर सैर-सपाटे के लिए उपायोगी वाहन -दोनों प्रकार के वाहनों की सुविधा होती है।

महिंद्रा (साउथ अफ्रीका) के मुख्य अधिशासी राजेश गुप्ता ने कहा यह अच्छी खबर है। उन्होंने कहा , ‘ भारत और दक्षिण अफ्रीका के संबंध प्रगाढ़ रह हैं और बढ़ रहे हैं। न केवल दोनों देशों का आपसी व्यापार बढ़ रहा बल्कि दक्षिण अफ्रीका इस महाद्वीप के अन्य बाजारों भारतीय माल के लिए प्रवेशद्वार का काम कर रहा है।

महिंद्रा के पिक-अप वाहनों की गिनती यहां के स्थानीय बाजार में तीन साल से सबसे तेजी से बिकने वाले वाहनों में है।

बंगाल में दोहरे-इंजन वाली सरकार बनाने के लिए केंद्र सरकार ने भारत को बर्बादी की कगार पर धकेल दिया, छह महीनों में कोई काम नहीं किया,वे बंगाल पर कब्जा जमाने रोज यहां आते थे attacknews.in

कोलकाता, आठ मई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि देश में कोविड-19 संकट केंद्र के पिछले छह महीनों में ‘‘कोई काम न करने’’ का नतीजा है क्योंकि केंद्रीय मंत्री और नेता बंगाल पर ‘‘कब्जा करने के लिए’’ रोज राज्य में आ रहे थे।

बनर्जी विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के विधायक बिमान बंदोपाध्याय के तीसरी बार अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित होने के बाद बोल रही थीं।

सांप्रदायिक उकसावे वाली गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा चुनाव जीतने में नाकाम रहने के बाद हिंसा भड़का रही थी।

बनर्जी ने निर्वाचन आयोग में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, ‘‘मैं चुनौती दे सकती हूं कि अगर निर्वाचन आयोग ने सीधे-सीधे उनकी मदद न की होती तो वे (भाजपा) 30 सीटें भी नहीं जीत पाते। इस चुनाव में निर्वाचन आयोग के सामने कुछ स्थानों पर छेड़छाड़ हुई।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘अब वे (भाजपा) जनादेश को स्वीकार नहीं कर सकते और फर्जी वीडियो पोस्ट करके हिंसा भड़का रहे हैं।’’

उन्होंने प्रशासन को हिंसा और साम्प्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय बलों के कर्मी आरटी-पीसीआर कोविड-19 जांच कराए बिना चुनावों के दौरान राज्य में तैनात थे जिससे यह संक्रमण फैला।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि केंद्र ने पिछले छह महीनों में काम नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में दोहरे-इंजन वाली सरकार बनाने के लिए उन्होंने भारत को बर्बादी की कगार पर धकेल दिया। पिछले छह महीनों में केंद्र सरकार ने कोई काम नहीं किया और वे बंगाल पर कब्जा जमाने के लिए रोज यहां आते थे।’’

गौरतलब है कि कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार कर रहा था।

बनर्जी ने टीकाकरण किए जाने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता नयी संसद इमारत, प्रधानमंत्री आवास और प्रतिमाओं पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय टीकाकरण करने की होनी चाहिए।

वहीं, विपक्षी भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।

गोवा हवाई अड्डे से मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओें की निर्बाधित आपूर्ति जारी;सबसे छोटा राज्य होने के बावजूद कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 24 घंटे एक प्रवेश द्वार की तरह काम कर रहा है attacknews.in

नईदिल्ली 8 मई । भारतीय विमान पत्तन, गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और इसके अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओें की निर्बाधित आपूर्ति को सुगम बनाने के जरिये कोविड-19 से लड़ने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।

गोवा हवाई अड्डे ने इससे पहले कुल 2.15 एमटी के इनबाउंड कार्गो तथा 3.96 एमटी के आउटबाउंड कार्गो के साथ कोविड-19 से लड़ने में भारत की सहायता करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच देश के सुदूर क्षेत्रों में मेडिकल के अनिवार्य कार्गो के परिवहन के लिए लक्षित 8 लाइफलाइन उडान फ्लाइट को पूरा किया था।

गोवा हवाई अड्डे ने जनवरी तथा फरवरी 2021 के बीच गोवा राज्य के लिए कोविड टीकों के 3लॉट तथा पड़ोसी कर्नाटक राज्य के लिए 1लॉट का भी प्रबंधन किया था।

यह अभियान अभी समाप्त नहीं हुआ है और गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओें अर्थात कोविड टीके, फैबीफ्लू दवाइयां, कोविड-19 टेस्टिंग किट तथा अन्य अनिवार्य वस्तुओं की निर्बाधित आपूर्ति के द्वारा कोविड-19 द्वारा उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के अपने मिशन को और सुदृढ़ बनाया है।

गोवा हवाई अड्डे ने इनबाउंड कार्गो के एक हिस्से के रूप में महामारी के दूसरे चरण में गोवा राज्य में कोविड टीकों की आवाजाही को सुगम बनाया है और बेहद कम समय में स्वास्थ्य अधिकारियों को खेपों की त्वरित एक्जिट तथा सुपुर्दगी सुनिश्चित की है।

  1.    चेन्नई से 18.04.2021 को कोविड टीकों (कोविशील्ड) के 13बॉक्‍स प्राप्त किए। 
    
  2.    मुंबई से 30.04.2021 को कोविड टीकों (कोविशील्ड) के 9बॉक्‍स प्राप्त किए।   
    
  3.    दिल्ली से 23.04.2021 को 122 किग्रा कोविड-19 टेस्टिंग किट्स प्राप्त किए।
    

इनबाउंड कार्गो के अतिरिक्त, गोवा हवाई अड्डे ने देश के विभिन्न हिस्सों अर्थात अहमदाबाद, बंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, कोलाकाता, लखनऊ, जयपुर, हैदराबाद, इंदौर, नागपुर आदि में आउटबाउंड कार्गो के एक हिस्से के रूप में ग्लेनमार्क की फैबीफ्लू दवा की आपूर्ति को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अप्रैल, 2021 महीने में आउटबाउंड कार्गो के एक हिस्से के रूप में गोवा हवाई अड्डे से फैबीफ्लू की कुल 31,9555 किग्रा दवाइयां लेकर उड़ान भरी।

फैबीफ्लू का उपयोग हल्के से मध्यम कोविड संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है। सबसे छोटा राज्य होने के बावजूद गोवा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति पर रहने के जरिये उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है और गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 24 घंटे एक प्रवेश द्वार की तरह काम कर रहा है।

इसके अतिरिक्त, गोवा हवाई अड्डा गोवा सरकार के सहयोग एवं मदद से एएआई के कर्मचारियों तथा उनके आश्रित परिवारजनों, एयरलाइंस, एजेन्सियों और हवाई अड्डे पर कार्यरत अन्य अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं के लिए टीकाकरण शिविरों का आयोजन करने का प्रयास कर रहा है।

कोरोना टीकाकरण ऑनलाइन बुकिंग पर कोविन सिस्टम ने एप्लीकेशन में “चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड” शुरू किया ,अब पुष्टिकरण के बाद ही लगाया जाएगा टीका attacknews.in

कोविड 19 टीकाकरण के तीसरे चरण का अपडेट

कोविन डिजिटल प्लेफार्म में एक नया सेक्योरिटी फीचर जोड़ा गया

ऑनलाइन अड़चनों को कमतर करने के लिये “4 डिजिट सेक्योरिटी कोड”

नई दिल्ली 8 मई । यह बात ध्यान में आई है कि कुछ नागरिकों ने कोविन पोर्टल के जरिये टीकाकरण के लिये बुकिंग/अपॉइंटमेंटतो लिया, लेकिन निर्धारित दिन टीका लगवाने नहीं जा पाये। ऐसा होने पर भी उन्हें एसएमएस मिल जाता है कि टीके की खुराक उन्हें दी जा चुकी है। जांच करने पर पता चला कि टीकाकरण करने वालों की गलती के कारण ऐसी गलत सूचना चली जाती है, जबकि व्यक्ति को टीका नहीं लगा होता, यानी टीकाकरण करने वाले गलती से ऐसा डाटा डाल देते हैं।

इस अड़चन को दूर करने और नागरिकों को असुविधा से बचाने के लिये, कोविन सिस्टम ने कोविन एप्लीकेशन में “चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड” शुरू करने का फैसला किया है, जो आठ मई, 2021 से शुरू हो जायेगा। अब पुष्टिकरण के बाद लाभार्थी को अगर टीकाकरण का पात्र पाया जाता है, तो टीका लगाने के पहले, टीका लगाने वाला व्यक्ति लाभार्थी से चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड पूछेगा। उसके बाद उस अंक को कोविन सिस्टम में सही तौर पर दर्ज कर दिया जायेगा।

यह नया फीचर केवल उन लोगों के लिये लागू होगा, जिन्होंने टीकाकरण के लिये ऑनलाइन बुकिंग करवा रखी होगी। सफलतापूर्वक बुकिंग कर लेने के बाद लाभार्थी को एसएमएस के जरिये चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड भेज दिया जायेगा। इस बाबत पावती को भी मोबाइल पर दिखाया जा सकता है।

इससे यह सुनिश्चित होगा कि जिन नागरिकों ने ऑनलाइन बुकिंग करवाई है, उनकी टीकाकरण स्थिति को सही-सही सिस्टम में दर्ज कर लिया जाये। उनके सेंटर का नाम, समय, तिथि, आदि सिस्टम में दर्ज हो जायेगा। यह सुविधा केवल उन्हीं सेंटरों पर मिलेगी, जहां के लिये बुकिंग करवाई गई है। इससे फर्जी लोगों को दूर रखने और कोविन की सुगमता के बेजा इस्तेमाल को रोका जा सकेगा।

नागरिकों के लिये सलाह –

सलाह दी जाती है कि सभी नागरिक अपनी अपॉइंटमेंट स्लिप और/या अपना पंजीकृत मोबाइल, जिस पर एसएमएस आया है, को अपने साथ रखें, ताकि टीकाकरण की प्रक्रिया को सही तौर पर दर्ज करने के लिये चार अंकों वाले सेक्योरिटी कोड की सहायता ली जा सके।

यह भी सलाह दी जाती है कि सेक्योरिटी कोड को टीका लगाने वाले या कोड की पुष्टिकरण करने वाले को टीका लगाने से पहले बता दिया जाये। यह डिजिटल प्रमाणपत्र बनाने के लिये जरूरी है, जो टीका लगने के बाद दिया जाता है।

नागरिकों को टीका लगाने वाले व्यक्ति को सेक्योरिटी कोड देना होगा, ताकि सेक्योरिटी कोड के साथ टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया दर्ज की जा सके। इसके बाद ही डिजिटल प्रमाणपत्र मिलेगा।

सारी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद नागरिकों को एसएमएस भेजा जायेगा। पुष्टिकरण का यह एसएमएस इस बात का प्रमाण है कि टीकाकरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो गई और डिजिटल प्रमाणपत्र बन गया है। अगर किसी को एसएमएस नहीं मिलता, तो उसे सम्बंधित टीकाकरण केंद्र से संपर्क करना चाहिये।

कोविड-19 संक्रमण का मुकाबला करने के लिए आयुष मंत्रालय ने पॉली हर्बल औषधि “आयुष-64” और काबासूरा कुडिनीर को संक्रमित रोगियों को वितरित करने का देशव्यापी अभियान शुरू किया attacknews.in

आयुष मंत्रालय का आयुष64 और काबासुरा कुडिनीर के राष्ट्रव्यापी वितरण का अभियान शुरू

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का मुकाबला करने के लिए मंत्रालय की नई पहल

मुख्य फोकस अस्पताल के बाहर के कोविड-19 रोगी

नईदिल्ली 8 मई । देश में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर का मजबूती से मुकाबला करने के लिए आयुष मंत्रालय ने आज से अपनी पॉली हर्बल औषधि आयुष-64 और काबासूरा कुडिनीर को कोविड-19 संक्रमित रोगियों (जो अस्पताल में भर्ती नहीं हैं) को वितरित करने के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया। इन दवाओं की उपयोगिता और प्रभावशीलता बहु-केंद्रीय क्लीनिकल परीक्षणों के माध्यम से साबित हो चुकी है।

श्री किरेन रिजिजू, युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और आयुष मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) द्वारा शुरू किए गए इस अभियान द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि दवाएँ पारदर्शी तरीके से ज़रूरतमंदों तक पहुँचे। अभियान में मुख्य सहयोगी के रूप में सेवा भारती संस्था साथ जुड़ी है।

कोविड के लक्षणविहीन, हल्के और मध्यम संक्रमण के इलाज में कारगर इन औषधियों के देशव्यापी वितरण की एक व्यापक रणनीति बनाई गई है जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके लिए आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में काम करने वाले विभिन्न संस्थानों के व्यापक नेटवर्क का उपयोग किया जाएगा और यह सेवा भारती के देशव्यापी नेटवर्क द्वारा समर्थित होगा।

आयुष मंत्रालय द्वारा विभिन्न स्तरों पर किये जा रहे प्रयासों को कारगर बनाने के लिए तथा इस तरह की पहल के लिए रणनीति तैयार करने और विकसित करने के लिए वरिष्ठ विशेषज्ञों के एक समूह के साथ एक अंतःविषयक आयुष अनुसंधान और विकास कार्य बल पहले से ही काम कर रहा है। कोविड-19 के दुष्प्रभाव को घटाने और प्रबंधन में आयुष हस्तक्षेप की भूमिका का आकलन करने के लिए कई नैदानिक (क्लीनिकल), पर्यवेक्षणीय अध्ययन भी किए गए हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल: आयुर्वेद और योग के एकीकरण’ के लिए एक अंतःविषयक समिति भी स्थापित की है जिसकी अध्यक्षता ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉ. वी.एम. कटोच तथा विशेषज्ञों के समूह ने की है।

कोविड-19 के खिलाफ जारी इस जंग में आयुष मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों में आयुर्वेद और योग पर आधारित कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल भी शामिल है जिसका उद्देश्य आम जनता को इन प्रणालियों की ताकत का लाभ उठाने में मदद प्रदान करना है।

इसके अलावा, कोविड-19 की इस दूसरी लहर के उभार के दौरानमंत्रालय ने आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और साथ ही कोविड-19 रोगियों के लिए होम आइसोलेशन के दौरान आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार स्वयं की देखभाल के लिए निवारक उपाय साझा किये हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान एथिकल प्रैक्टिसेज पर आयुष चिकित्सकों के लिए सलाह-सहायिका भी जारी की है।

ज्ञात हो कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान आयुष-64 और काबासुरा कुडिनीर कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के रोगियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं। देश के प्रतिष्ठित शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पाया है कि आयुष-64, जो कि आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) द्वारा विकसित एक पॉली हर्बल दवा है, हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण के उपचार में मानक देखभाल के लिए सहायक के रूप में उपयोगी है।

उल्लेखनीय है कि आयुष-64 प्रारंभ में मलेरिया के लिए 1980 में विकसित की गई थी और अब इसे कोविड-19 के लिए पुनरुद्देशित किया गया है। आयुष मंत्रालय तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान मंत्रालय (CSIR) के सहयोग ने हाल ही में कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के रोगियों में आयुष 64 की सुरक्षा और प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यापक बहु-केंद्र क्लीनिकल परीक्षण कार्य पूरा किया है। इसके अलावा सिद्ध पद्धति के औषधीय काढ़े काबासुरा कुडिनीरकोभी आयुष मंत्रालय के तहत कार्यरत केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (CCRS) ने कोविड-19 रोगियों में इसकी प्रभावकारिता का अध्ययन करने के लिए क्लिनिकल परीक्षणों द्वारा जांचा और तथा हल्के से मध्यम कोविड-19 संक्रमण के रोगियों के उपचार में उपयोगी पाया।

आयुष -64 और काबासुरा कुडिनीर के उत्साहवर्धक परिणामों के आधार पर लक्षणविहीन, हल्के से मध्यम COVID-19 संक्रमण में मानक देखभाल के लिए सहायक के रूप में, आयुष मंत्रालय इन औषधियों के वितरण के लिए इस राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ कर रहा है ताकि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 संक्रमण के मरीजों को इन औषधियों का सही लाभ मिल सके और उन्हें अस्पतालों के चक्कर लगाने की नौबत ही न आने पाए।

मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 20 व्यक्तियों और ऑक्सीजन बेचने वालों के विरुद्ध रासुका के प्रकरण दर्ज,मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं पर कार्रवाई attacknews.in

भोपाल 7 मई । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के इलाज में आवश्यक इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी और ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाही की जा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त 20 व्यक्तियों और ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर इंदौर जिले में 9 व्यक्तियों, उज्जैन जिले में 8 व्यक्तियों, जबलपुर जिले में 2 व्यक्तियों और ग्वालियर जिले में एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। इसी प्रकार ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका का प्रकरण दर्ज किया गया है।

61 स्वास्थ्य संस्थाओं/व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई

कोरोना मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं/व्यक्तियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है। इनसे 7 लाख 34 हज़ार रुपये की राशि मरीजों के परिजनों को वापस दिलाई गई है। इनमें से दो संस्थाओं का लाइसेंस निरस्त किया गया है तथा 22 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।

अस्पताल द्वारा वसूली गई अधिक राशि परिजनों को वापस कराई

भोपाल जिले में 9 प्रकरणों में 2 लाख 8 हज़ार, जबलपुर जिले में 3 प्रकरणों में 1 लाख 10 हजार, ग्वालियर जिले में 18 प्रकरणों में 1 लाख 15 हजार, बैतूल जिले में 2 प्रकरणों में 53 हजार तथा हरदा जिले में एक प्रकरण में अस्पताल द्वारा वसूली गई अधिक राशि 25 हजार रूपये मरीज के परिजनों को वापस करवायें गये हैं। इसी प्रकार भोपाल जिले में 3, इंदौर जिले में 7, जबलपुर में 3, ग्वालियर में 3, उज्जैन में 2, विदिशा, शाजापुर, सागर और गुना जिले में 1-1 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।

कालाबाजारी और अवैध विक्रय नहीं हो, इसके लिये प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किये गये हैं। औषधि निरीक्षकों द्वारा निरंतर निरीक्षण किये जा रहे हैं। एम.आर.पी. से अधिक मूल्य पर बिक्री एवं कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण के प्रयास किये जा रहे हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति एवं वितरण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण केवल अस्पताल एवं संस्थाओं में हो, ऐसी व्यवस्था की गई है, ताकि अस्पतालों में भर्ती मरीजों को सुगमता से इंजेक्शन उपलब्ध हो सकें।

ओडिशा में सप्ताहांत लॉकडाउन के कारण 11 जोड़ी विशेष ट्रेन स्थगित;कोरोना के संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए यह फैसला किया गया attacknews.in

भुवनेश्वर, 07 मई । ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) ने ओडिशा सरकार की ओर से सप्ताहांत लाॅकडाउन किए जाने के साथ अपनी 11 जोड़ी स्पेशल ट्रेन सेवाओं को रद्द करने का फैसला किया है।

ईसीओआर सूत्रों ने बताया कि ओडिशा में सप्तांहांत लॉकडाउन और कोरोना के संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए यह फैसला किया गया है और इसी कारण आठ से 16 मई तक चलने वाली विशेष ट्रेन सेवाओं की 11 जोड़ी ट्रेन रद्द करने का निर्णय लिया गया है।

उन्होेंने कहा कि रद्द की गई स्पेशल ट्रेनें 08456/08455 भुवनेश्वर-केंदुझारगढ़-भुवनेश्वर स्पेशल, 08428/08427 पुरी-अंगुल-पुरी स्पेशल, 08412/08411 भुवनेश्वर-भद्रक-भुवनेश्वर स्पेशल, 08432/08431 पुरी-कटक-पुरी स्पेशल, 08438/08437 कटक-भद्रक-कटक स्पेशल, 08461/08462 कटक-पारादीप-कटक स्पेशल, 08454/08453 कटक-भद्रक-कटक स्पेशल, 08528/08527 विशाखापट्टनम-रायपुर-विशाखापट्टनम स्पेशल, 08433/08434 भुवनेश्वर-पलासा-भुवनेश्वर स्पेशल, 08301/08302 रायगडा संबलपुर-रायगढ़ दोनों दिशाओं से चलने वाली विशेष ट्रेन शामिल हैं।

इसी तरह 02892/02891 भुवनेश्वर-भुवनेश्वर-भुवनेश्वर स्पेशल भुवनेश्वर से 8,9,15 और 16 मई को बंगरीपोसी और 9,10,11 और 17 मई को दूसरी ओर से चलने वाली विशेष ट्रेन रद्द रहेगी।

ईसीओआर सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की वृद्धि के मद्देनजरी चार विशेष ट्रेनों की सेवाओं को भी रद्द कर दिया गया है।

मध्यप्रदेश में 75 लाख किसानों के खाते में जमा हुए ₹ 1500 करोड़,शिवराज सिंह चौहान ने कहा: राज्य में किसान मित्र सरकार है,किसान की फसल के एक-एक दाने का उपार्जन किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 07 मई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में किसान मित्र सरकार है। किसान की फसल के एक-एक दाने का उपार्जन किया जाएगा। उपार्जन और ऋण वापसी की अंतिम तिथियाँ बढ़ा दी गई हैं। किसान को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

श्री चौहान आज 75 लाख किसानों के बैंक खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 1500 करोड़ रुपए सिंगल क्लिक से जमा कर वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा किसानों को मुख्यमंत्री निवास से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसानों और किसान संगठनों से अपील की है कि कोरोना के विरुद्ध चल रही लड़ाई में सहयोग करें। संक्रामक रोग होने के कारण सरकार अकेले दम पर नहीं जीत सकती। इस अवसर पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल भी प्रदेश के किसानों सहित वेब लिंक से जुड़े।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सरकार किसान मित्र सरकार है। खरीफ फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत का वितरण सरकार द्वारा किया गया है। फसल बीमा की राशि भी किसानों के खातों में शीघ्र जमा होगी। सरकार का पूरा प्रयास है कि किसान परेशान नहीं हो।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि सारा देश और दुनिया कोविड के संकट से जूझ रही है। सरकार का राजस्व भी आधा रह गया है। कोविड रोगियों के उपचार पर भारी धनराशि व्यय हो रही है। मरीजों का उपचार सरकार की प्राथमिकता और धर्म है। सरकार उसका पालन कर रही है। ऐसी कठिन परिस्थतियों में भी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। राज्य सरकार विकट परिस्थतियों के बावजूद किसानों के साथ लगातार खड़ी है। उनके कल्याण के कार्य कर रही है। आगे भी यह कार्य होगे, जिनका उल्लेख समय पर किया जाएगा

मध्यप्रदेश में 10वीं और 12वीं की प्रेक्टिकल परीक्षाएँ स्थगित attacknews.in

भोपाल, 07 मई । माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित 10वीं, 12वीं, 12वीं (व्यावसायिक), डिप्लोमा इन प्री-स्कूल एजुकेशन और शारीरिक शिक्षा पत्रोपाधि की मई माह में आयोजित होने वाली प्रेक्टिकल परीक्षाएँ स्थगित कर दी गई हैं।

प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किये गये हैं।

वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए और 15 मई, 2021 तक प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू होने के कारण यह परीक्षाएँ स्थगित की गई हैं।

स्थगित प्रेक्टिकल परीक्षाओं के आयोजन की आगामी तिथि पृथक से घोषित की जायेगी।