टीवी अभिनेत्री रुबिना दिलैक ने गायक राहुल वैद्य को पछाड़कर रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ का ’14वां’ सीजन जीतकर बनी विजेता attacknews.in

मुंबई, 21 फरवरी । टीवी अभिनेत्री रुबिना दिलैक ने गायक राहुल वैद्य को पछाड़कर रियलिटी शो ” बिग बॉस” का 14वां सीजन जीत लिया है।

दिलैक ने “छोटी बहू” और “शक्ति- अस्तित्व के एहसास की” में काम किया है।

कार्यक्रम के मेज़बान अभिनेता सलमान खान ने मुंबई के फिल्मसिटी में कार्यक्रम के सेट पर विजेता का ऐलान किया।

दिलैक (33) अपने अभिनेता-पति अभिनव शुक्ला के साथ कार्यक्रम में दिखाए जाने वाले घर में गई थी। वह अक्टूबर में इस कार्यक्रम की शुरुआत से ही दर्शकों की पसंद रहीं।

दिलैक और वैद्य के अलावा अंतिम दौर में पहुंचने वालों में अभिनेत्री निक्की तम्बोली, अली गोनी और राखी सावंत थीं।

तम्बोली तीसरे स्थान पर रहीं जबकि गोनी चौथे स्थान पर रहे।

पुड्डुचेरी कांग्रेस को बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले करारा झटका, एक और विधायक ने दिया इस्तीफा,नारायणसामी सरकार का संकट बरकरार attacknews.in

पुड्डुचेरी, 21 फरवरी । पुड्डुचेरी में सत्तारूढ़ कांग्रेस के बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले रविवार को पार्टी को करारा झटका देते हुए एक और विधायक के. लक्ष्मीनारायणन ने इस्तीफा दे दिया।

राजभवन निवार्चन क्षेत्र से विधायक एवं मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के संसदीय सचिव लक्ष्मीनारायणन ने विधानसभा अध्यक्ष वी. शिवकोलोंथु को अपना त्याग पत्र सौंप दिया। वह कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पांचवें विधायक हैं और अब पार्टी के पास केवल नौ विधायक बच गये हैं और एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन हासिल है।

विपक्ष में एआईएनआरसी को सात, अन्नाद्रमुक को चार और भाजपा के तीन विधायक (मनोनीत सदस्य) हैं। पड्डुचेरी में विधानसभा की कुल 33 सीटें हैं, जिनमें से 30 पर चुनाव होता है, जबकि तीन मनोनीत सदस्य होते हैं। वर्तमान में छह सीटें खाली हैं। कांग्रेस ने 2016 के विधानसभा चुनावों में 15 सीटें जीती थीं।

विलियानुर के विधायक ए. नमशिवायम, ओस्सुडू के विधायक थेपैंथन, यनम विधायक मल्लादि कृष्ण राव, कामराज नगर के विधायक जॉन कुमार (इस्तीफा) और राजभवन के विधायक के. लक्ष्मीनारायण के इस्तीफे तथा बाहौर के विधायक धनवेलु के अयोग्य घोषित होने के कारण छह सीटें खाली हैं।

सूत्रों के अनुसार, श्री लक्ष्मीनारायण एन आर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

गौरतलब है कि उप राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को 22 फरवरी यानी सोमवार को विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। विपक्ष के नेता एन. रंगासामी के साथ अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता ए. अनबाझगन और वी. सामीनाथन (भाजपा के मनोनीत सदस्य) ने 18 फरवरी को उप राज्यपाल से मुलाकात कर मांग की थी कि प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गयी है और अपनी वैधता खो दी है लिहाजा उसे बहुमत साबित करने का निर्देश दिया जाये।

इंदौर में कमलनाथ बाल-बाल बचे:स्थानीय कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल का हालचाल जानने डीएनएस अस्पताल पहुँचने पर लिफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने पर गंभीर हादसा होने से टला attacknews.in

शिवराज ने फोन पर कमलनाथ की कुशलता जानी

भोपाल, 21 फरवरी । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के एक निजी अस्पताल में लिफ्ट में सवार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके साथियों के कथित तौर पर गिरने की घटना के पश्चात फोन पर पूर्व मुख्यमंत्री की कुशलता के बारे जानकारी ली।

श्री चौहान ने शाम की घटना के बाद ट्वीट में लिखा है ‘इंदौर के निजी अस्पताल में लिफ्ट में सवार पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी और अन्य साथियों के गिरने की जानकारी मिली। फोन पर उनका कुशलक्षेम पूछा। ईश्वर की कृपा से सभी सकुशल हैं। इंदौर कलेक्टर को इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं।’

इंदौर की घटना अनुसार वहां के एक निजी अस्पताल की लिफ्ट उस वक्त दुर्घटनाग्रस्त होकर रुक गई, जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और अन्य कांग्रेस नेता उसके अंदर मौजूद थे। गनीमत रही कि इस घटना में किसी को चोट भी नहीं आई।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि हादसा आज शाम को उस वक्त हुआ श्री कमलनाथ, स्थानीय कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल का हालचाल जानने डीएनएस अस्पताल पहुँचे। यहां पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, इंदौर शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल समेत आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ तीसरे माले पर चढ़ते समय लिफ्ट किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से बन्द हो गयी। इसी वक्त इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण बंद होने की संभावित वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

घटना के बाद लिफ्ट में सवार श्री कमलनाथ और अन्य सभी लोगों को बाहर निकाला गया। लिफ्ट में सवार सभी लोग स्वस्थ हैं।

उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि हादसा कमलनाथ की सुरक्षा में चूक है। उन्होंने घटना को साजिश बताते हुए कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये। घटना की जानकारी लगते ही मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे।

अधिकारियों का प्रथम दृष्टया मानना है कि घटना का कारण लिफ्ट में अतिरक्त भार होना रहा। जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

मध्यप्रदेश में 98वीं समन्वय.समिति की बैठक में राज्यपाल ने समस्त कुलपतियों को नई नियुक्तियों की प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता के साथ साक्षात्कारों की रिकार्डिग कराये जाने और विद्यार्थियों को मार्कशीट और प्रमाण-पत्र ऑनलाइन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये attacknews.in

भोपाल, 21 फरवरी । मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि कार्यों में पारदर्शिता, नीति नियम का अक्षरश: पालन सुनिश्चित किया जाए।

श्रीमती पटेल आज राजभवन में 98वीं विश्वविद्यालय समन्वय समिति की बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयीन परीक्षा प्रक्रिया पूर्ण होते ही विद्यार्थियों मार्कशीट और प्रमाण-पत्र ऑनलाइन उपलब्ध कराएं, जिससे विद्यार्थियों को उच्च अध्ययन अथवा रोजगार संबंधी आवेदनों में किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा भी मौजूद थे।

श्रीमती पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह गरिमामय और भव्यता के साथ होना चाहिए। समारोह की समस्त गतिविधियों के लिये निश्चित प्रक्रिया निर्धारित कर आयोजित करने के निर्देश दिये। निर्माण कार्यों को पूरा करने के साथ ही एजेन्डा अनुसार समय-सीमा में पालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।

उन्होंने विद्यार्थियों के हितों के अनुसार व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाये कि किसी एक स्थान पर फीस जमा कर देना विद्यार्थी के पाठ्यक्रम और संस्थान के विकल्पों के चयन में बाधक नहीं हो। इसके लिए प्रवेश के समय शुल्क केन्द्रिकृत बैंक खाते में जमा कराने संबंधी व्यवस्था का परीक्षण किया जाये।

श्रीमती पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के अनुरुप आत्म-निर्भर बनाने की पहल की जाये। उन्होंने उत्तरप्रदेश के चिकित्सा और तकनीकी विश्वविद्यालय के द्वारा किए गए आपसी समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों विश्वविद्यालय अपने-अपने संसाधनों के आधार पर उपकरणों के निर्माण, मरम्मत और संसाधनों के उपयोग आदि के कार्य एक-दूसरे से करा रहे हैं।

उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों को कृषि एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ आपसी समझौते पर कार्य करने के लिए कहा।

उन्होंने विश्वविद्यालयों के कार्यक्रमों में छात्रों की सहभागिता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों का यह दायित्व है कि विद्यार्थी को जिम्मेदार नागरिक बनाये। परिसर और बाहर के आयोजनों में विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाये। ऐसी गतिविधियों को वार्षिक कैलेंडर में स्पष्ट रुप से उल्लेखित करें।

राज्यपाल ने कहा कि कुलपति टीम बनाकर कार्य करें। अनुभवी अधीनस्थ लोगों का सहयोग लें और उन्हें दायित्व सौंपे कि छात्र प्रतिनिधियों के साथ निरंतर संवाद के कार्यक्रम हों।

उन्होंने कहा कि स्ववित्त पोषण योजना में नये पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी होने चाहिए। पाठ्यक्रमों की स्वीकृति, संचालन, संकाय की नियुक्ति और वेतन आदि व्यवस्थाओं में एकरूपता बनाई जायें। उन्होंने नई नियुक्तियों की प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता के साथ और सभी साक्षात्कारों की रिकार्डिग भी कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने विश्वविद्यालयों में अच्छे नवाचारों को निरंतर किये जाने पर जोर दिया।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए तालमेल के साथ कार्य करें। उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर नवाचार के साथ प्रयास करें, तभी वर्तमान समय की चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि जरूरत विश्वविद्यालयों के बीच पारस्परिक समन्वय और सामंजस्य बनाकर एक दूसरे की मदद करने की है। प्रदेश की सकल पंजीयन दर को और अधिक बेहतर बनाने के लिए नियोजित तरीके से प्रयास करने होंगे। दूरस्थ शिक्षा केन्द्रों की स्थापना प्रदेश के महाविद्यालयों में की गई है, ऐसे प्रयास विश्वविद्यालयों द्वारा भी किए जाना चाहिए।

डॉ यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा को विस्तारित करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाएँ। उन्होंने विश्वविद्यालय के वित्तीय स्रोतों को बढ़ाने के लिए नई सोच के साथ पीपीपी मॉडल की दिशा में भी प्रयास किए जाने की बात कही।

उच्च शिक्षा मंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय स्रोतों में वृद्धि के लिए किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए, आय के स्रोतों को विस्तारित करने की जरूरत बताई। उन्होंने विश्वविद्यालय की परीक्षा, फीस और विभिन्न व्यवस्थाओं में एकरूपता के लिए समन्वय बनाकर कार्य करने पर बल दिया।

बैठक में प्रदेश के समस्त शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

गिरीश गौतम होंगे मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष;निर्विरोध निर्वाचन के लिए कमलनाध ने सहमति दी,बजट सत्र सोमवार सुबह 11 बजे प्रारंभ होगा attacknews.in

भोपाल, 21 फरवरी । मध्यप्रदेश विधानसभा के नए अध्यक्ष सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक गिरीश गौतम होंगे।

विधानसभा के बजट सत्र के एक दिन पहले आज यहां श्री गौतम की ओर से अध्यक्ष पद के लिए नामांकनपत्र सचिवालय में दाखिल किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, श्री राजेंद्र शुक्ला और अन्य नेता भी मौजूद थे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद के लिए कोई नामांकनपत्र दाखिल नहीं किया गया है। अब राज्य के विंध्य क्षेत्र के निवासी श्री गाैतम का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय है।

नामांकनपत्र दाखिले के बाद श्री चौहान ने मीडिया से कहा कि रीवा जिले की देवतालाब विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री गौतम विधानसभा के संचालन का दायित्व संभालेंगे। हम सबने मिलकर तय किया है कि हमारे वरिष्ठ विधायक संसदीय ज्ञान के जानकार श्री गौतम विधानसभा के अध्यक्ष होंगे।

उन्होंने कहा कि श्री गौतम अपनी कर्मठता, निष्पक्षता और सबको साथ लेकर चलने की क्षमता के आधार पर अध्यक्ष पद को सुशोभित करेंगे। उन्होंने श्री गौतम काे अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज उनका नामांकनपत्र भी दाखिल हो चुका है।

दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं विपक्ष के नेता कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए कहा कि हमने संवैधानिक व्यवस्थाओं में विश्वास व्यक्त करते हुए अध्यक्ष पद का निर्वाचन निर्विरोध तरीके से करवाने में पूर्ण सहयोग प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने भाजपा पर संसदीय परंपराओं में विश्वास नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों से अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष को और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की चली आ रही परंपरा को उसने ही तोड़ा था।

पिछले वर्ष मार्च में राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते कांग्रेस सरकार का पतन हो गया था और भाजपा पंद्रह माह बाद फिर से सत्ता में आ गयी थी। इसके बाद तत्कालीन अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने त्यागपत्र दे दिया था और प्रोटेम स्पीकर के रूप में श्री रामेश्वर शर्मा ने शपथ ग्रहण की थी। श्री शर्मा प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी अब तक निभाते आए हैं। कल से प्रारंभ हो रहे बजट सत्र के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होगी और श्री गौतम नए अध्यक्ष बनेंगे।

श्री चौहान के अलावा भाजपा के अन्य नेताओं ने भी श्री गौतम को पहले से ही बधाई दी हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से

कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार सुबह 11 बजे प्रारंभ होगा।

सत्र की शुरुआत में अध्यक्ष के निर्वाचन का कार्य संपन्न कराया जाएगा। इसके बाद राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा। छब्बीस मार्च तक प्रस्तावित सत्र के दौरान लगभग 22 बैठक होने की संभावना है। इस दौरान वित्त वर्ष 2021 22 के लिए वार्षिक बजट पेश किए जाने के साथ ही पारित कराया जाएगा।

संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से कहा कि बजट सत्र कोविड संबंधी गाइडलाइन का पालन करते हुए सदस्यों की पूर्ण उपस्थिति के साथ चलेगा। वार्षिक बजट दो मार्च को पेश होने की संभावना है।

इसके पहले प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की अध्यक्षता में विधानसभा में सर्वदलीय बैठक हुयी, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, श्री मिश्रा, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह और विपक्षी दल के अन्य विधायक भी मौजूद रहे। बैठक में मुख्य रूप से सदन के सुचारु रूप से संचालन के संबंध में चर्चा हुयी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कल से प्रारंभ होने वाला बजट सत्र पंद्रहवीं विधानसभा का आठवां सत्र है। सत्र के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। कोरोना संबंधी गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा। इस वजह से मीडिया का प्रवेश भी सीमित किया गया है।

सूत्राें के अनुसार अभी तक विधानसभा सचिवालय को 2815 तारांकित प्रश्नों, 2576 अतारांकित प्रश्नों, 40 अशासकीय संकल्पों, 18 स्थगन प्रस्तावों, ध्यानाकर्षण की 157 सूचनाएं, शून्यकाल की 52 सूचनाएं, 20 विधेयकों और 11 याचिकाओं की सूचनाएं प्राप्त हुयी हैं।

पूर्वी लद्दाख के और भी क्षेत्रों से पीछे हटेगी चीनी सेना:भारत-चीन की 10वें दौर की सैन्य वार्ता करीब 16 घंटों चली,हॉट स्प्रिंग्स,गोगरा,देप्सांग से सैनिकों की वापसी पर ध्यान केंद्रित किया गया attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 फरवरी । पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को और विस्तार देने के लिये 10वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान भारत और चीन ने व्यापक चर्चा की। वार्ता करीब 16 घंटे चली। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्डो सीमा बिंदु पर कोर कमांडर स्तरीय वार्ता शनिवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई और रविवार तड़के दो बजे खत्म हुई।

सूत्रों ने कहा कि वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देप्सांग जैसे गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

वार्ता के बारे में हालांकि अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

यह बातचीत दोनों सेनाओं के पैंगांग सो (झील) के उत्तरी व दक्षिणी किनारों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से सैनिकों व हथियारों की वापसी के पूरा होने के दो दिन बाद हुई।

माना जा रहा है कि भारत ने बातचीत के दौरान क्षेत्र में तनाव कम करने के लिये हॉट स्प्रिंग्स,गोगरा और देप्सांग जैसे इलाकों से वापसी प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया।

सूत्रों ने शनिवार को कहा था कि बातचीत के दौरान व्यापक प्राथमिकता क्षेत्र में तनाव में कमी लाने की है। भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि क्षेत्र में तनाव कम करने के लिये गतिरोध वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी जरूरी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को चरणबद्ध, समन्वित व प्रमाणिक तरीके से हटाने का समझौता हो गया है।

उन्होंने कहा था कि समझौते के अनुरूप चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटाकर पैंगांग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ क्षेत्र की पूर्व दिशा की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा था कि भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी शिविर धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा।

सिंह ने कहा था कि इसी तरह का कदम पैंगांग झील के दक्षिणी तट क्षेत्र में उठाया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के सैनिक समझौते के मुताबिक अपने ठिकानों पर वापसी की है।

सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी।

शनिवार को हुई वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे थे जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। वहीं, चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन कर रहे थे जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं।

संसद में दिये अपने बयान में रक्षा मंत्री ने कहा था कि इस पर सहमति बनी है कि पैंगांग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक अन्य सभी मुद्दों के समाधान के लिए बुलाई जाएगी।

इसके कुछ दिन बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि देप्सांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा समेत अन्य लंबित “समस्याओं” को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आगामी वार्ता में उठाया जाएगा।

दोनों देशों के बीच पिछले साल पांच मई को पैंगांग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था और फिर हर रोज बदलते घटनाक्रम में दोनों पक्षों ने भारी संख्या में सैनिकों तथा घातक अस्त्र-शस्त्रों की तैनाती कर दी थी। दोनों पक्षों की बीच हालांकि गतिरोध दूर करने के लिये इस दौरान सैन्य व कूटनीतिक बातचीत का दौर भी जारी रहा।

पिछले साल चीनी सेना ने फिंगर 4 और फिंगर 8 के इलाके केबीच कुछ बंकर और अन्य ढांचे बना लिये थे और भारतीय गश्ती दल को फिंगर 4 से आगे नहीं जाने दे रहे थे जिसका भारतीय सेना ने कड़ा प्रतिरोध किया था।

नौ दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेषकर पैंगांग झील के उत्तरी क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था। वहीं, चीन ने पैंगांग झील के दक्षिणी छोर पर सामरिक महत्व की चोटियों से भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर दे रहा था। गतिरोध के लगभग पांच महीने बाद भारतीय सैनिकों ने कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर क्षेत्र में मुखपारी, रेचिल ला और मगर हिल क्षेत्रों में सामरिक महत्व की कई पर्वत चोटियों पर तैनाती कर दी थी।