खतरों के खिलाड़ी नरेन्द्र मोदी कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों और वामपंथियों के विरोध के बावजूद 2 दिनी बांग्लादेश यात्रा करेंगे;बांग्ला सरकार ने दौरे पर सुरक्षा खतरे से इंकार किया attacknews.in

ढाका, 21 मार्च । बांग्लादेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय दौरे पर किसी तरह के सुरक्षा खतरे से इंकार किया है और कहा है कि ‘‘कुछ’’ वामपंथी और कट्टरपंथी इस्लामी समूह उनकी यात्रा के खिलाफ हैं लेकिन इस बारे में ‘‘चिंता करने की जरूरत नहीं’’ है ।

प्रधानमंत्री मोदी 26- 27 मार्च को बांग्लादेश के दौरे पर जाएंगे और देश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह तथा इसके संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की जयंती में शिरकत करेंगे। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद किसी देश की उनकी यह पहली यात्रा होगी।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमीन ने शनिवार की रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उन्हें (मोदी) बांग्लादेश आमंत्रित कर गौरवान्वित हैं…लोग हमारे (सरकार के) साथ हैं।’’

मोमीन ने कहा, ‘‘केवल कुछ लोग इस दौरे का विरोध कर सकते हैं और उन्हें करने दीजिए। इस बारे में (प्रदर्शनों के) चिंतित होने की जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश लोकतांत्रिक देश है जहां लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है और सरकार इस बारे में चिंतित नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी ‘‘काफी कम संख्या’’ में हैं और वे ‘‘विचारों की अभिव्यक्ति’’ का लाभ ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के अलावा नेपाल, श्रीलंका, भूटान और मालदीव के राष्ट्र प्रमुख अलग-अलग समय पर समारोहों में शिरकत करेंगे।

मोमीन ने कहा कि दौरे पर आने वाली विदेशी हस्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने हरसंभव कदम उठाए हैं।

इस बीच बांग्लादेश के विदेश राज्यमंत्री शहरयार आलम ने विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े समूहों से कहा ‘‘मोदी का विरोध कर वे दोहरा मानदंड नहीं दिखाएं क्योंकि अपनी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने उनको खुश करने का प्रयास किया था।’’

मोदी अपने दौरे में शतखीरा और गोपालगंज जिलों में दो हिंदू मंदिरों में भी जाएंगे, जहां मुख्य रूप से हिंदू मतुआ समुदाय के लोग रहते हैं। इस समुदाय के अधिकतर लोग पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।

यह पूछने पर कि क्या मतुआ समुदाय के साथ मोदी की बातचीत का संबंध पश्चिम बंगाल के चुनावों से है तो आलम ने कहा, ‘‘अगर उनके दौरे का संबंध किसी तरह की राजनीति से है तो यह बांग्लादेश के लिए कोई मुद्दा नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि मोदी ढाका के बाहर विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे। वह हमारे अतिथि हैं और वह ढाका से बाहर जाना चाहते हैं। इससे हमारा पर्यटन क्षेत्र बढ़ेगा। इसलिए यह हमारे लिए अच्छी बात है।’’

पेंशन लेने वालों के लिए नये नियम घोषित: अब जीवन प्रमाण पत्र, संदेश एप, हाजिरी प्रणाली के लिये आधार नम्बर जरूरी नहीं: अधिसूचना जारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मार्च । सरकार ने पेंशन लेने वाले बुजुर्गों के लिये डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र पाने के संबंध में नये नियम अधिसूचित किये हैं। अब पेंशनरों को डिजिटल तौर पर जीवन प्रमाण पत्र लेने के लिये आधार को स्वैच्छिक बना दिया गया है।

सरकार ने बेहतर प्रशासन संचालन (सामाजिक कल्याण, नवोनमेष, ज्ञान) निमय 2020 मे तहत अपनी त्वरित संदेश समाधान वाली एप ‘संदेश’ और सार्वजनिक कार्यालयों में हाजिरी लगाने के लिये आधार प्रमाणीकरण को स्वैच्छिक कर दिया गया है।

इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा 18 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘जीवन प्रमाण के लिये आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी और इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिये वैकल्पिक तरीके निकालने चाहिये। इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन तथा यूआईडीएआई द्वारा समय समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा।’’

पेंशनरों के लिये जीवन प्रमाण पत्र की शुरुआत तब की गई जब कई बुजुर्गों को पेंशन लेने के लिये अपनी जीवित होने की सत्यता के लिये लंबी यात्रा कर पेंशन वितरित करने वाली एजेंसी के समक्ष उपलस्थित होना पड़ता था। या फिर वह जहां नौकरी करते रहे हैं वहां से उन्हें जीवन प्रमाणपत्र लाना होता था और उसे पेंशन वितरण एजेंसी के पास जमा काराना होता था। डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनरों को खुद लंबी यात्रा कर संबंधित संगठन अथवा एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की अनिवार्यता से निजात मिल गई।

लेकिन कई पेंशनरों ने अब इस मामले में शिकायत की है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई उठानी पड़ रही है अथवा उनके अंगूठे का निशान मेल नहीं खा रहा है। इसके लिये कुछ सरकारी संगठनों ने जहां 2018 में वैकल्पिक रास्ता निकाला था वहीं अब जारी अधिसूचना के जरिये आधार को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया है।

नरेन्द्र मोदी का दावा: देश व राज्यों के विभिन्न हिस्सों में लगातार सिमट रही कांग्रेस का ‘‘खजाना’’ अब खाली हो गया है, भरने के लिए किसी तरह सत्ता में आना चाहती है attacknews.in

बोकाघाट (गोलाघाट), 21 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दावा किया कि देश व राज्यों के विभिन्न हिस्सों में लगातार सिमट रही कांग्रेस का ‘‘खजाना’’ अब खाली हो गया है लिहाजा उसे भरने के लिए वह किसी भी कीमत पर सत्ता में लौटना चाहती है और इसके लिए वह किसी से भी समझौता कर सकती है।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब केंद्र व राज्य दोनों जगहों पर कांग्रेस की सरकारें थी तब असम को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया और उस दौर में राज्य के लोगों की ना यहां सुनवाई होती थी और ना ही केंद्र में सुनवाई थी।

उन्होंने दावा किया कि आज केंद्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार होने की वजह से असम विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब हाईवे बनाने पर दोगुनी क्षमता से काम हो रहा है क्योंकि राज्य सरकार भी असम को देश से जोड़ रही है और केंद्र सरकार भी। अब अवसंरचना की गति भी दोगुनी है, क्योंकि राज्य सरकार भी विकास में जुटी है और केंद्र सरकार भी। अब ‘हर सिर को छत’ और ‘हर घर जल’ जैसे काम भी दोगुनी क्षमता से हो रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में राजग सरकार ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ’’के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है लेकिन आज के कांग्रेस नेताओं को सिर्फ सत्ता से मतलब है, वह जैसे भी मिले।

उन्होंने कहा, ‘‘असल में कांग्रेस का खजाना अब खाली हो गया है, उसे भरने के लिए इन्हें किसी भी कीमत पर सत्ता चाहिए। कांग्रेस की दोस्ती सिर्फ कुर्सी से है। यही उसका कारोबार है। उसके पास ना तो कोई नेतृत्व है ना ही कोई दृष्टि है।’’

कांग्रेस घोषणापत्र में किए गए पांच गारंटी के वादे का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 50 साल से ज्यादा असम पर राज करने वाले लोग आजकल राज्य की जनता को 5 गारंटी दे रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि असम के लोग इनकी रग-रग से वाकिफ हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों को झूठे वायदे करने की, झूठे घोषणापत्र बनाने की आदत पड़ गई है। कांग्रेस मतलब झूठे घोषणापत्र की गारंटी। कांग्रेस मतलब भ्रम की गारंटी। कांग्रेस मतलब अस्थिरता की गारंटी। कांग्रेस मतलब, बम, बंदूक और नाकेबंदी की गारंटी। कांग्रेस मतलब हिंसा और अलगाववाद की गारंटी। कांग्रेस मतलब भ्रष्टाचार और घोटालों की गारंटी।’’

प्रधानमंत्री ने राज्य की जनता से कांग्रेस को दूर रखने की अपील की और कहा कि खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वाली यह पार्टी असम, पश्चिम बंगाल और केरल में संप्रदाय के आधार पर बने दलों के साथ दोस्ती करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता के सामने इनको कुछ नहीं दिखता। झारखंड में, बिहार में, महाराष्ट्र में, जिनके साथ इनका गठबंधन है, वो पश्चिम बंगाल में इनके खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। केरल में ये वामपंथी दलों के विरोधी हैं और पश्चिम बंगाल में कुर्सी की आस में उन्हें गले लगाते हैं। इसी कारण अब कांग्रेस पर देश में कोई भरोसा नहीं कर रहा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते पांच साल में राजग ने असम के विकास को नई रफ्तार दी है और इस बार राजग के उम्मीदवारों को पड़ा हर वोट असम के तेज विकास के लिए वोट होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘राजग को मिलने वाली ताकत असम की आत्मनिर्भरता को ऊर्जा देगी। यहां उद्योग रोजगार के अवसरों को और बढ़ाएगा।’’

ज्ञात हो असम में भाजपा असम गण परिषद और युनाईटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी असम में कांग्रेस राज में यहां के लोगों के सामने राज्य को लूट से बचाने और दशकों से अशांत चल रहे इस राज्य में स्थायी शांति बहाल करने का सवाल था।

उन्होंने कहा, ‘‘आज राजग के शासनकाल असम पूरे सामर्थ्य के साथ नई बुलंदियां छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। आज असम में शांति स्थापित हुई है, स्थिरता आई है।’’

दुनिया में सबसे ताकतवर सेना चीन की, भारत चौथे स्थान पर :अगर कोई लड़ाई होती है तो समुद्री क्षेत्र में चीन, वायु क्षेत्र में अमेरिका और जमीनी लड़ाई में रूस जीतेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मार्च। रक्षा मामलों की वेबसाइट ‘मिलिट्री डायरेक्ट’ द्वारा रविवार को जारी एक अध्ययन के अनुसार दुनिया में सबसे ताकतवर सेना चीन की है जबकि भारत चौथे स्थान पर है।

अध्ययन में कहा गया है, ‘‘सेना पर भारी भरकम पैसा खर्च करने वाला अमेरिका 74 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके बाद 69 अंकों के साथ रूस तीसरे और 61 अंकों के साथ भारत चौथे तथा 58 अंकों के साथ फ्रांस पांचवें नंबर पर है। ब्रिटेन 43 अंकों के साथ नौवें स्थान पर है।’’

अध्ययन में कहा गया है कि बजट, सक्रिय एवं असक्रिय सैन्य कर्मियों की संख्या, वायु, समुद्री, जमीनी तथा परमाणु संसाधन, औसत वेतन और उपकरणों की संख्या समेत विभिन्न तथ्यों पर विचार करने के बाद ‘सेना की ताकत सूचकांक’ तैयार किया गया।

इसमें कहा गया है कि चीन के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। उसे सूचकांक में 100 में से 82 अंक मिले हैं।

अध्ययन के अनुसार, ‘‘बजट, सैनिकों और वायु एवं नौसैन्य क्षमता जैसी चीजों पर आधारित इन अंकों से पता चलता है कि किसी काल्पनिक संघर्ष में विजेता के तौर पर चीन शीर्ष पर आएगा।’’

बेवसाइट में कहा गया है कि अमेरिका दुनिया में सेना पर सबसे अधिक 732 अरब डॉलर खर्च करता है। इसके बाद चीन दूसरे नंबर पर है और वह 261 अरब डॉलर तथा भारत 71 अरब डॉलर खर्च करता है।

अध्ययन में कहा गया है कि अगर कोई लड़ाई होती है तो समुद्री लड़ाई में चीन जीतेगा, वायु क्षेत्र में लड़ाई में अमेरिका और जमीनी लड़ाई में रूस जीतेगा।

दाऊद इब्राहिम,विजय माल्या हो या नीरव मोदी भारत में कानून से बचकर भागने वाले लोगों के लिए ब्रिटेन सुरक्षित पनाहगाह क्यों है; ब्रिटेन भागे अपराधियों पर प्रकाश डालती किताब का विमोचन attacknews.in

लंदन, 21 मार्च । भारतीय नागरिकों के प्रत्यर्पण के कुछ हाई-प्रोफाइल और साथ ही कम चर्चित मामलों पर एक नयी किताब में यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि भारत में कानून से बचकर भागने वाले लोगों के लिए ब्रिटेन सुरक्षित पनाहगाह क्यों है।

‘एस्केप्ड : ट्रू स्टोरीज ऑफ इंडियन फ्यूजिटिव्स इन लंदन’ नाम की किताब का सोमवार को विमोचन हुआ। इसमें ऐसे 12 मामलों का उल्लेख किया गया है जिनमें भारत में वांछित कथित अपराधियों पर कर्ज न चुकाने से लेकर हत्या तक के मुकदमे चल रहे हैं।

यह किताब लंदन के पत्रकारों और अध्ययनकर्ताओं दानिश तथा रूही खान ने लिखी है। इस किताब में किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या और हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामलों का भी जिक्र है जिन पर भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोप लगे हैं। साथ ही इसमें पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी रवि शंकरन तथा संगीतकार नदीम सैफी समेत कुछ ऐतिहासिक मामलों का भी उल्लेख है।

दानिश खान ने कहा, ‘‘इन 12 मामलों को व्यक्तियों के खिलाफ लगे आरोपों की महत्ता के तौर पर चुना गया है क्योंकि उनके मामलों की सुनवाई में दिलचस्प दलीलें रखी गईं और रोचक फैसले सुनाए गए।’’

लंदन में पत्रकार के तौर पर हाल के अदालती मामलों की रिपोर्टिंग करने वाले दंपति ने कहा कि उन्होंने अपने खुद के विचार और की गई रिपोर्टिंग के बारे में लिखा है। साथ ही उन्होंने ब्रिटिश अभिलेखों, अखबारों के पुराने रिकॉर्ड और संसदीय रिपोर्टों को खंगाला।

प्रत्यर्पण के कुछ पुराने मामलों में दाऊद इब्राहिम, इकबाल मिर्ची का भी जिक्र है जिन्होंने उस समय लंदन में पैर जमाए जब अंडरवर्ल्ड डॉन के लिए पश्चिम एशिया पसंदीदा स्थान था और यह उनके लिए सही साबित हुआ क्योंकि वह भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ाई जीत गए।

लेखकों ने कहा कि उन्होंने किताब में इस पर प्रकाश डालने की कोशिश की है कि कैसे मिर्ची ने बंबई के मोहल्लों से उठकर लंदन में अपना साम्राज्य खड़ा किया।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने स्पष्ट किया:”हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि इंजीनियरिंग में दाखिले के लिये गणित, भौतिकी, रसायन नहीं चाहिए,यह जरूरी विषय हैं” attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मार्च । अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने स्पष्ट किया कि इंजीनियरिंग में दाखिले के लिये गणित, भौतिकी और रसायन शास्त्र महत्वपूर्ण बने रहेंगे । उन्होंने यह भी कहा कि कम्प्यूटर साइंस, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी जैसे सहयोगी विषय लेने वाले छात्रों को इंजीनियरिंग में नामांकन की अनुमति देने के मकसद से दिशानिर्देशों में विकल्प दिया गया है।

अनिल सहस्त्रबुद्धे ने बताया, ‘‘ हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि इंजीनियरिंग में दाखिले के लिये गणित, भौतिकी, रसायन नहीं चाहिए । यह जरूरी विषय हैं । ’’

उन्होंने कहा कि भौतिकी, गणित के बिना कोई भी इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी कर ही नहीं सकता।

एआईसीटीई के अध्यक्ष ने कहा कि इंजीनियरिंग में दाखिले के लिये गणित, भौतिकी और रसायन शास्त्र महत्वपूर्ण बने रहेंगे ।

सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप, छात्रों में बहु-विषयक दृष्टिकोण को विकसित करने की जरूरत महसूस की गई जिसकी वजह से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रवेश से संबंधित विषयों के बारे में स्थिति स्पष्ट करना जरूरी था।

उन्होंने कहा कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद परिषद ने अनुमोदन प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए जो वास्तव में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को उनकी पसंद के अनुरूप विकल्प प्रदान करते हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में एआईसीटीई ने स्नातक स्तर पर इंजीनियरिंग संकाय में दाखिले के लिये प्रवेश स्तर के दिशानिर्देशों में बदलाव करते हुए 11वीं एवं 12वीं कक्षा में गणित एवं भौतिकी नहीं पढ़ने वाले छात्रों को नामांकन के लिये पात्र बताया था ।

हालांकि, इससे पहले इंजीनियरिंग में दाखिले के लिये छात्रों को हाई स्कूल के स्तर पर भौतिकी, गणित की पढ़ाई करना जरूरी था ।

अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि ये बदलाव किसी राज्य या इंजीनीयरिंग कालेजों के लिये अनिवार्य नहीं हैं और न ही जेईई या सीईटी जैसी परीक्षाओं के संदर्भ में कोई बाध्यता हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ पहले की तरह ही गणित, भौतिकी, रयायन शास्त्र विषय में जेईई, सीईटी जैसी प्रवेश परीक्षा जारी रहेगी । ’’

एआईसीटीई के अध्यक्ष ने कहा ‘‘ बहरहाल, नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बाद जब 10+2 की प्रणाली खत्म्र होगी, 5+3+3+4 का प्रारूप होगा और कला, विज्ञान तथा कामर्स संकाय वर्तमान स्वरूप में नहीं रहेंगे, तब छात्रों के बीच बहु-विषयक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एक व्यवस्था के संदर्भ में यह बात कही गई है । ’’

उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर साइंस, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी जैसे सहयोगी विषय लेने वाले छात्रों को इंजीनियरिंग में नामांकन की अनुमति देने के मकसद से दिशानिर्देशों में विकल्प दिया गया है।

दिशानिर्देशों को लेकर भ्रम के बारे में पूछे जाने पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि अगर किसी छात्र का स्कूल के स्तर पर कोई कोर्स छूट गया है तब इसे पूरा करने के लिये कालेज पूरक कोर्स या ब्रिज कोर्स पेश कर सकते हैं ।

ओ री चिरैया कहां तू चली गई:अब भी उपयुक्त कदम नहीं उठाया तो गौरैया की बातें दादी नानी की कहानियों तक ही सीमित रह जायेंगी;पिछले 40 साल में गौरैया की संख्या में करीब 60 प्रतिशत की कमी आई attacknews.in

मेरठ/इटावा 21 मार्च । बढ़ती आबादी के दबाव में छोटे और पक्के मकानों ने गौरैया के घरौंदे को इस तरह नुकसान पहुंचाया कि वह आज लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है और उसकी चहचहाहट सुनने के लिये कान तरसने लगे हैं।

आम जुबान में गौरैया या चिरैया के नाम से जाने जानी वाली इस घरेलू चिड़िया ने इंसानों के साथ जीना सीख लिया था। साथ रहने से उसकी खाने पीने और अपनी आबादी बढ़ाने की तमाम जरूरतें जो पूरी हो रही थीं।

ग्यारह हजार साल के इस साथ में उस समय से विकट स्थिति आ गई जब तेजी से बढ़ती इंसानी आबादी की वजह से लोगों के रहने सहने का ढंग बदलने लगा।

इसके नतीजे में छोटे पक्के मकानों ने बड़े और कच्चे मकानों की जगह ले ली।

आंकड़े बताते हैं कि पिछले 40 साल में गौरैया की संख्या में करीब 60 प्रतिशत की कमी आई है।

विश्व गौरेया दिवस पर संस्था हरितिमा की ओर से यहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हॉल में गौरैया संरक्षण पर एक कार्यक्रम किया गया।

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक एनके जानू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गौरैया संरक्षण के लिये एक कार्य योजना की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि सिर्फ घोंसले बनाने से ही काम नहीं चलेगा बल्कि उनके लिये दाने और पानी की भी व्यवस्था की जानी चाहिये।

श्री जानू ने कहा कि अगर अब भी उपयुक्त कदम नहीं उठाया गया तो गौरैया की बातें दादी नानी की कहानियों तक ही सीमित रह जायेंगी।

उन्होंने कहा कि इस छोटी चिड़िया के लुप्त होने से हमारा पारिस्थितिकी तंत्र पूरी तरह बिगड़ जायेगा।

इस अवसर पर बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री साइंटिस्ट, मुम्बई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा रजत भार्गव ने आवाहन किया कि आज हमें नन्हीं गौरैया को इस धरा पर चहकने के लिये एक आदर्श वातावरण देने का संकल्प लेना चाहिये।

इस अवसर पर डा भार्गव की एक पुस्तक ‘ओ री चिरैया’ का विमोचन भी किया गया।

संकटग्रस्त गौरैया चिड़िया का सबसे बड़ा संरक्षक बना इटावा

इधर गौरैया चिड़िया भले ही देश दुनिया से गायब नजर आ रही हो लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा में घर घर मे गौरैया की मौजूदगी ने हर किसी को बेहद खुश कर दिया है।

ऐसा कहा जा रहा है कि गौरैया चिड़िया को लेकर हर ओर उनके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की पहल का व्यापक असर कही अगर देखना है तो फिर इटावा आना पड़ेगा ।

फ्रैंडस कालौनी मुहाल मे रहने वाले वकील विक्रम सिंह यादव के घर गौरैया चिडिया नेे लाॅकडाउन के दरम्यान दो अंडे दिये । जिनमे से अब बच्चे बाहर आ चुके है । बच्चों की सुरमयी चहचहाट से गदगद विक्रम ने कहा कि वो बेहद खुश इस बात से बने हुए है कि उनका परिवार गौरैया संरक्षण की सही भूमिका अदा कर रहा है ।
अखिलेश सरकार में गौरैया के संरक्षण की दिशा में चलाए गए प्रदेश व्यापी अभियान का यह असर हुआ लोगो को यह समझ आ गया कि गौरैया गायब हो रही है । उसको बचाने की दिशा में घोसले आदि लगाने से भी काफी कुछ बदलाव हुआ है । आज उन्ही घोसले मे दो सैकडा के आसपास घरो मे गौरैया अंडे देने के बाद बच्चे दे रही है ।

रिजर्व बैंक ने जारी किए आंकड़े:कोरोना महामारी से लाखों लोग बेरोजगार,बड़ी संख्या में लोगों का वेतन घटा,परिवारों पर कर्ज बढ़कर जीडीपी के 37.1 प्रतिशत और बचत घटकर 10.4 प्रतिशत पर attacknews.in

मुंबई, 21 मार्च । कोरोना वायरस महामारी के एक साल के दौरान भारतीय परिवारों पर कर्ज का बोझ बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में परिवारों पर कर्ज बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 37.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है। वहीं, इस दौरान परिवारों की बचत घटकर 10.4 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई है।

महामारी की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोगों का वेतन घटा है। इस वजह से लोगों को अधिक कर्ज लेना पड़ा है या फिर अपनी बचत से खर्चों को पूरा करना पड़ा है।

आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही में कुल ऋण बाजार में परिवारों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 1.30 प्रतिशत बढ़कर 51.5 प्रतिशत पर पहुंच गई।

रिजर्व बैंक के मार्च बुलेटिन के अनुसार महामारी की शुरुआत में लोगों का झुकाव बचत की ओर था। इस वजह से 2020-21 की पहली तिमाही में परिवारों की बचत जीडीपी के 21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, लेकिन दूसरी तिमाही में यह घटकर 10.4 प्रतिशत रह गई।

हालांकि, यह 2019-20 की दूसरी तिमाही के 9.8 प्रतिशत से अधिक है।

रिजर्व बैंक के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सामान्य रूप से जब अर्थव्यवस्था ठहरती है या उसमें गिरावट आती है, तो परिवारों की बचत बढ़ती है। वहीं जब अर्थव्यवस्था सुधरती है, तो बचत घटती है, क्योंकि लोगों का खर्च करने को लेकर भरोसा बढ़ता है। इस मामले में पहली तिमाही में परिवारों की बचत जीडीपी के 21 प्रतिशत पर पहुंच गई। उस समय सकल घरेलू उत्पाद में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी। उसके बाद दूसरी तिमाही में जीडीपी की गिरावट कम होकर 7.5 प्रतिशत रह गई। वहीं लोगों की बचत घटकर 10.4 प्रतिशत पर आ गई।

रिजर्व बैंक ने कहा कि कुछ इसी तरह का रुख 2008-09 में वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भी देखने को मिला था। उस समय परिवारों बचत जीडीपी के 1.70 प्रतिशत बढ़ी थी। बाद में अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ बचत भी घटने लगी।

बुलेटिन में कहा गया है कि परिवारों का ऋण से जीडीपी अनुपात 2018-19 की पहली तिमाही से लगातार बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में परिवारों का कर्ज जीडीपी के 37.1 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो पहली तिमाही में 35.4 प्रतिशत था। कुल ऋण बाजार में परिवारों का कर्ज का हिस्सा भी दूसरी तिमाही में 1.3 प्रतिशत बढ़कर 51.5 प्रतिशत पर पहुंच गया।

इमरान खान और बुशरा बीबी के कोरोना पाजिटिव होने के बाद पाकिस्तान ने 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगाया attacknews.in

इस्लामाबाद, 21 मार्च । पाकिस्तान ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए दक्षिण अफ्रीका, रवांडा और तंजानिया समेत 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है।

पाकिस्तान में रविवार को कोविड-19 संक्रमण के 3667 नए मामले सामने आए जिसके बाद मुल्क में कुल मामले 6.26 लाख से अधिक हो गए हैं।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के स्वरूप के उभरने के बाद नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) ने देशों की नई सूची अधिसूचित की है जिनमें राष्ट्रों कों ए, बी और सी श्रेणी में बांटा गया है और सी श्रेणी के 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है।

इन 12 देशों पर यह यात्रा प्रतिबंध 23 मार्च से पांच अप्रैल तक लागू रहेगा।

बोत्सवाना, ब्राज़ील, कोलंबिया, कोमोरोस, घाना, केन्या, मोज़ाम्बिक, पेरू, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और ज़ाम्बिया को सी श्रेणी में रखा गया है।

सीएए ने कहा कि यह अस्थायी उपाय पाकिस्तान में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए किया जा रहा है।

सीएए ने अपनी सी श्रेणी को अपडेट किया है और ब्रिटेन को सी से बी श्रेणी में कर दिया है।

उसने कहा है कि ए श्रेणी के देशों से अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वालों को पाकिस्तान आने से पहले कोविड-19 की पांच करने की जरूरत नहीं है।

ए श्रेणी में ऑस्ट्रेलिया, भूटान, चीन, फिजी, जापान, कजाकिस्तान, लाओस, मंगोलिया, मॉरिटानिया, मोरक्को, म्यांमा, नेपाल, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और वियतनाम को रखा गया है।

अधिसूचना में कहा गया है कि जो देश ए और सी श्रेणी में नहीं हैं, उन्हें बी श्रेणी में रखा गया है।

इस बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने बताया कि पिछले एक दिन में संक्रमण के कारण 44 लोगों की मौत हुई है जिसके बाद मृतक संख्या 13,843 पहुंच गई है। मुल्क में अबतक 5.81 लाख से अधिक लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं जबकि 2900 मरीजों की हालत नाजुक है।

प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी शनिवार को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इससे दो दिन पहले उन्होंने कोविड रोधी टीका लगवाया था।

सस्ती हुई दवाएं:राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने पेटेंट रहित मधुमेह रोधी दवाओं सहित 81 दवाओं के  मूल्य निर्धारित किए attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मार्च ।राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने पेटेंट रहित मधुमेह रोधी दवाओं सहित 81 दवाओं का मूल्य निर्धारित कर दिया है।

एनपीपीए ने वॉकहार्ट की ‘इंसुलिन ह्यूमन इंजेक्शन, 200 आईयू/एमएल’ और ‘70 प्रतिशत आइसोफेन इंसुलिन ह्यूमन सस्पेंशन प्लस 30 प्रतिशत इंसुलिन ह्यूमन इंजेक्शन 200 आईयू/एमएल’ का खुदरा मूल्य 106.65 रुपये प्रति एमएल (जीएसटी को छोड़कर) और मेसर्स टॉरंट फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की ‘प्रासुग्रेल हाइड्रोक्लोराइड 10 एमजी (फिल्म कोटेड) प्लस एस्पिरिन 75 एमजी (एंट्रिक कोटेड) कैप्सूल’ की कीमत 20.16 रुपये प्रति कैप्सूल (जीएसटी को छोड़कर) तय कर दी है ।

ये नई कीमतें 17.03.2021 से लागू हो गई हैं। दोनों दवाएं क्रमशः 132.50 रुपये प्रति एमएल और 27.26 रुपये प्रति कैप्सूल की एमआरपी पर बिक रही थीं। इस मूल्य नियंत्रण के साथ, एनपीपीए ने जनता को उचित कीमत पर दवाओं की उपलब्धता का फिर से भरोसा दिलाया है।

एनपीपीए ने स्वदेशी स्तर पर शोध एवं विकास के माध्यम से विकसित नई दवा आपूर्ति व्यवस्था के क्रम में ‘औषध मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ), 2013 के पैरा 32 के अंतर्गत संबंधित कंपनियों को उक्त उल्लिखित फॉर्म्यूलेशंस के लिए’ पांच साल की अवधि के लिए कीमत तय करने की छूट दी थी। छूट की अवधि के दौरान मूल्य नियंत्रण लागू नहीं था।

एनपीपीए ने 10 मार्च को हुई बैठक में पेटेंट रहित मधुमेह रोधी दवा सहित मौजूद विनिर्माताओं द्वारा लॉन्च की जाने वाली 76 नई दवाओं की खुदरा कीमत भी निर्धारित कर दी है, जिससे मरीजों को पेटेंट समाप्त होने का लाभ पहुंचाने का रास्ता साफ हो गया है।

इसके अलावा, एनपीपीए ने एक संक्रमण रोधी फॉर्म्यूलेशन पोविडोन आयोडीन 7.5 प्रतिशत स्क्रब और थॉयराइड से संबंधित बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली लेवो-थायरॉक्सिन 37.5 एमजी टैबलेट नाम के दो अनुसूचित फॉर्म्यूलेशन का अधिकतम मूल्य तय कर दिया है, जिससे उनकी वर्तमान कीमत में खासी कमी आ गई है।

अनुसूचित फॉर्म्यूलेशन के वर्तमान अधिकतम मूल्य में संशोधन थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित है, जिसे प्राधिकरण द्वारा ही मंजूरी दी गई थी। संशोधित कीमतें अप्रैल, 2021 से लागू हो जाएंगी।

शिक्षक को अपनी ही नाबालिग छात्रा से प्रेम होने के बाद शादी नहीं हुई तो दोनों पहुंच गए आत्महत्या करने और पहाड़ी की ऊंचाई देखकर बदल गया छात्रा का मन, फिर पुलिस ने धर दबोचा attacknews.in

अजमेर 21 मार्च । राजस्थान में अजमेर की गंज थाना पुलिस ने एक ट्यूशन टीचर द्वारा अपनी नाबालिग शिष्या का अपहरण एवं दोनों के आत्महत्या करने के प्रयास के मामले में आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश कर दिया हैं।

गंज थाना प्रभारी धर्मवीर सिंह के अनुसार गत 15 मार्च को फाईसागर निवासी ने कक्षा नौ की अपनी पंद्रह वर्षीय नाबालिग बेटी के शाम तक घर नहीं लौटने पर मामला दर्ज कराया था। बाद में पता चला कि उसी दिन से उसका ट्यूशन टीचर राहुल (29) भी फरार है। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने दोनों को बोराज पहाड़ी पर से दबोचने में सफलता प्राप्त की और दोनों के पास से सुसाइड नोट भी मिला जिसमें उन दोनों से पहाड़ी से कूदकर आत्महत्या करने की ठान रखी थी लेकिन पहाड़ी की ऊंचाई देखकर नाबालिग छात्रा का मन बदल गया जिससे आत्महत्या के प्रयास विफल हो गए।

शिक्षक को हुआ नाबालिग छात्रा से प्रेम, शादी नहीं हुई तो दोनों पहुंच गए आत्महत्या करने:

अजमेर के इस शिक्षक को अपनी ही नाबालिग छात्रा से प्रेम हो गया। जब दोनों की शादी नहीं हुई तो वह छात्रा को अगवा कर फरार हो गया।

शादी न होने के कारण उन दोनों ने सामूहिक जान देने का प्रयास किया हलांकि उसमें दोनों सफल नहीं हो पाए । पुलिस ने उन दोनों को पकड़ लिया है। छात्रा अपने पिता के घर है। शिक्षक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

आपको बता दें इस मामले की चारों तरफ चर्चा हो रही है। गंज थाना अंतर्गत 15 मार्च को हुए अपहरण के मामले में पुलिस को अहम कामयाबी मिली है।

बताया जा रहा है कि ट्यूशन टीचर ने नाबालिग छात्रा का अपहरण कर लिया था। लेकिन वो जल्द ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अजमेर पुलिस ने ट्यूशन टीचर बोराज की पहाड़ियों से ढूंढ़ निकाला। 15 मार्च को गंज थाना अंतर्गत ट्यूशन टीचर द्वारा नाबालिग छात्रा का अपहरण कर ले जाने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

ऐसा बताया गया की स्पेशल टीम की मदद से दो दिनों के अथक प्रयास व तकनीकी सहायता के आधार पर ट्यूशन टीचर और नाबालिग छात्रा को बरामद करने में कामयाबी प्राप्त कर ली।

सीओ दरगाह रघुवीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने खुदकुशी करने का प्लान बनाया था, लेकिन नाबालिग द्वारा पीछे हटने से यह प्लान कामयाब नहीं हो सका। इस बीच, ठीक समय पर पहुंची पुलिस ने बोराज की पहाड़ियों से दोनों को ढूंढ निकाला।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख और पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के बीच सचिन वाजे द्वारा करोडों रुपयों की वसूली और मुकेश अंबानी को टारगेट करने के मामले खुलने की आंच उद्धव सरकार के लिए संकट का संकेत attacknews.in

मुंबई 21 मार्च । मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने शनिवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि वह (देशमुख) एंटिलिया बम कांड में गिरफ्तार सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे से बारों तथा हुक्का पार्लर्स से हर महीने सौ करोड़ रुपये की उगाही करवाना चाहते थे।

इस सिलसिले में श्री सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आठ पृष्ठ की चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने खुद को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया है।

उधर, श्री सिंह की चिट्ठी को लेकर श्री देशमुख ने उनपर (श्री सिंह) पर पलटवार किया है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख विस्फोटकों से लदी एसयूवी मामले और मनसुख हिरेन की मौत के मामले में कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए उन पर ऐसे झूठे आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने श्री मुकेश अंबानी (एसयूवी मामले) में सचिन वाजे की भागीदारी के रूप में खुद को बचाने के लिए झूठे आरोप लगाए हैं।

मनसुख हिरेन की मौत मामले में अब तक की गई जाँच से स्पष्ट हो रहा है और सूत्र भी सिंह की ओर की ओर इशारा कर रहे हैं।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को कहा कि वह भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिये मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराएंगे।

इससे पहले, राकांपा नेता देशमुख ने ट्वीट कर सिंह के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बार, रेस्त्रां और अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिये कहा था।

देशमुख ने एक बयान में सिंह से यह भी पूछा कि वह इतने लंबे समय तक क्यों चुप रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाए गए सिंह सचिन वाजे प्रकरण में अपने आपको बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”सिंह द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और मैं उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराउंगा।”

देशमुख ने कहा, ”मुकेश अंबानी मामले और मनसुख हिरन मौत मामले में सचिन वाजे की संलिप्तता के बारे में पता चल चुका है और जांच की आंच परम बीर सिंह तक पहुंचने वाली है। इसी आशंका के चलते उन्होंने ये आरोप लगाए हैं।”

उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों से लदा एक वाहन पाए जाने से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद इस हफ्ते की शुरूआत में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सिंह का तबादला कर होमगार्ड में भेज दिया गया था। सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में सिंह ने कहा कि देशमुख ने वाजे से कहा था कि उन्होंने बार, रेस्त्राओं और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रूपये की वसूली करने का लक्ष्य रखा है। इनमें से आधी रकम शहर में चल रहे 1,750 बार, रेस्त्राओं और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठानों से वसूले जाने हैं।

इस बीच, भाजपा ने सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार की ”आपराधिक मानसिकता” वाली सरकार को एक मिनट के लिये भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने देशमुख से तत्काल इस्तीफा देने और केन्द्रीय एजेंसी या अदालत की निगरानी में मामले की जांच कराने की मांग की।

अनिल देशमुख ने कहा कि परमबीर सिंह के द्वारा महाविकास गठबंधन सरकार को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश है.

गौरतलब है कि पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव को जो विस्फोटक चिट्ठी लिखी है, उससे महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा धमाका शुरू हो गया है।

एक एक बिंदु पर पेश की सफाई

अनिल देशमुख ने कहा कि मैं निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा और आप देखेंगे कि परमबीर सिंह झूठ कैसे बोल रहे हैं.

  • सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद इतने दिनों तक चुप क्यों बैठे थे परमबीर सिंह? उसने उसी समय अपना मुंह क्यों नहीं खोला?
  • यह महसूस करने के बाद कि आपको कल 17 मार्च को पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया जाएगा, 16 मार्च को परमबीर सिंह ने एसीपी  को फोन किया. पाटिल से व्हाट्सएप चैट से कुछ सवाल पूछे गए और उन्हें अपेक्षित जवाब मिले।

यह परमबीर सिंह की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था. इस चैट के माध्यम से, श्री. परमबीर सिंह व्यवस्थित रूप से सबूत इकट्ठा करना चाहते थे. इस चैट से उत्तर प्राप्त करते समय आप देख सकते हैं कि परमवीर सिंह कितने अधीर थे. परमबीर सिंह को बार-बार एसीपी पाटिल ने पूछा है. इसका क्या मतलब है?

  • 18 मार्च को मैने लोकमत कार्यक्रम के दौरान बताया था कि कुछ गंभीर आरोपों के कारण परमबीर सिंह को पद से हटा दिया गया था.इसके बाद परमबीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए 19 मार्च को फिर से व्हाट्सएप पर हुई बातचीत के साक्ष्य बनाने की कोशिश की
  • पुलिस विभाग में हर कोई जानता है कि सचिन वेज़ और एसीपी संजय पाटिल परम बीर सिंह के बहुत करीब हैं. 16 साल के लिए निलंबित वज़े को बहाल करने का निर्णय परमवीर सिंह ने अपने हाथों में लिया।

  • परमबीर सिंह के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं साबित करना. मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर रहा हूं.

  • परमबीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए ये झूठे आरोप लगाए हैं.

  • अगर सचिन वज़े कहते हैं कि उन्होंने फरवरी में परमबीर सिंह से मुलाकात की और उन्हें यह सब बताया, तो उन्होंने इसे उसी समय क्यों नहीं कहा? इतने दिन चुप क्यों रहे?

  • यह पता चलने के बाद कि हम विस्फोटक मामले में मुश्किल में पड़ सकते हैं, परमबीर सिंह ने इस तरह के झूठे आरोप लगाकर सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश की है।

  • यह विस्फोट मामले में जांच और मनसुख वीरेन की संदिग्ध मौत को रोकने के लिए परमबीर सिंह द्वारा रची गई साजिश है.

  • –  मुख्यमंत्री को परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।

    शिक्षिका का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार के प्रयास की घटना से राजस्थान में गर्माई राजनीति,48 घंटे के अंदर पुलिस ने मुख्य आरोपी वैन चालक को पकड़ा attacknews.in

    जयपुर 21 मार्च ।नागौर के खुनखुना इलाके की एक महिला शिक्षिका के साथ हुए दुष्कर्म के प्रयास और मारपीट के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को राउंडअप कर लिया । जिसके नाम नरेंद्र है। घटना के 48 घंटे बाद आरोपी को राउंडअप किया गया। आरोपी की तलाश के लिए पुलिस की स्पेशल टीमें बनाई गईं थी। जो घटना के बाद से ही लगातार आरोपी की तलाश में जुटी थी।वहीं, पीड़िता फिलहाल जयपुर में भर्ती है।

    दरअसल, शनिवार को शिक्षिका को वैन ड्राइवर ने सीकर छोड़ने के बहाने दुष्कर्म का प्रयास किया। साथ ही मारपीट की। महिला को इतनी बुरी तरीके से पीटा गया कि खून बहने से वह बेहोश हो गई।

    ये है मामला

    पुलिस के अनुसार खुनखुना थाना क्षेत्र के एक गांव में मिडिल स्कूल की शिक्षिका जो रविवार के अवकाश को लेकर शनिवार को अपने गांव सीकर जाने के लिए रवाना हुई थी। सीकर में महिला की एक सहेली की शादी भी थी, उसे उस शादी में भी शामिल होना था। इस दौरान उसी गांव के एक वैन चालक नरेंद्र ने कहा कि वो भी सीकर की तरफ ही जा रहा है। उक्त गांव से 12 किमी दूर वैन चालक ने गलत रास्ते पर डाला तो महिला शिक्षिका ने विरोध करना शुरू कर दिया। एक तलाई में वैन चालक आरोपी नरेंद्र ने वैन को रोककर वैन से निकल कर अपने मित्रों को फोन कर बुलवा लिया। गैंग रेप का प्रयास करने लगे।

    महिला द्वारा युवकों का विरोध करने पर महिला के साथ मारपीट कर कपड़े फाड़ दिए और सिर में कांच की बोतलनुमा वस्तु से प्रहार किया, जिससे सिर में काफी चोट आई। विरोध करने और लोगों के आने की भनक लगते ही तीनों युवक मारपीट कर महिला को एक खड्डे में डालकर भाग गए।

    अध्यापिका दुर्व्यवहार मामले के दोषियों को सख्त सजा दिलाई जायेगी-डोटासरा

    इधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि नागौर जिले में एक सरकारी अध्यापिका के साथ हुई लूट एवं दुष्कर्म प्रयास की घटना के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जायेगी।

    श्री डोटासरा ने शुक्रवार शाम घटना में घायल सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती अध्यापिका की कुशलक्षेम पूछने के बाद पीड़ित परिवार को आश्वस्त करते हुए यह बात कही। वह अस्पताल जाकर पीड़िता से मिले और उनके परिवार एवं चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

    उन्होंने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि इस मामले में दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।

    सरकारी कर्मियों की फर्जी आईडी से उनके जीपीएफ की करोडों की धनराशि फर्जी खातों मे स्थानांतरित: सरकारी कर्मचारियों ने ही खेला गबन का यह खेल;5 गिरफ्तार attacknews.in

    गोण्डा, 21 मार्च । उत्तर प्रदेश मे गोण्डा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र में भारतीय स्टेट बैंक मे फर्जी खातों का संचालन कर जीपीएफ के नाम पर करीब दस करोड़ का सरकारी गबन करने वाले अंतर्जनपदीय जालसाज गिरोह का पर्दाफाश कर पांच लोगों को आज गिरफ्तार कर एक करोड़ अठ्ठावन लाख पचहत्तर हजार की धनराशि , लैपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाइल फोन व सरकारी कर्मचारियों की फर्जी आईडी बरामद की है ।

    पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने आज यहां मीडियाकर्मियों को बताया कि नवाबगंज मे भारतीय स्टेट बैंक की शाखा मे चल रहे कुछ खातों मे संदिग्ध तौर से आरहित हो रही बड़ी धनराशि की मिली सूचना पर खातों की गहन पड़ताल करायी गयी ।

    उन्होनें बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि सरकारी कर्मियों की फर्जी आईडी इस्तेमाल कर उनके जीपीएफ के नाम पर पिछले कई वर्षों से करीब छ्ह करोड़ के सरकारी धन को फर्जी खातों मे स्थानांतरित कर निकाला जा चुका था ।

    3 सरकारी कर्मचारी शामिल

    जांच के दौरान चकबंदी विभाग गोरखपुर में तैनात अरुण वर्मा व जनपद बस्ती के हरैया तहसील में तैनात लेखपाल राजेश पाठक और पटखौली थाना नवाबगंज गोंडा निवासी स्टेट बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र संचालक नान मून मौर्य व मुरावन पुरवा वजीरगंज गोंडा स्टेट बैंक के लाइफ इंश्योरेंस एजेंट अरुण श्रीवास्तव निवासी इमलिया गुरदयाल कोतवाली नगर गोंडा तथा प्रदीप दुबे निवासी पूरे परसदा तरबगंज गोंडा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें अरुण वर्मा व राजेश पाठक की करोड़ों रुपए की अचल संपत्ति को भी पुलिस ने चिन्हित कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

    पुलिस ने चिन्हित की आरोपियों की संपत्ति

    अरुण वर्मा के पास जनपद गोरखपुर के बुध विहार कॉलोनी तारामंडल में लगभग ढाई करोड़ का मकान, 4 एकड़ जमीन जिसकी अनुमानित कीमत 2 करोड़ है। एक ज्वैलरी शाप स्थित आजाद चौक में 60 लाख निवेश, दो प्लाट नौसड़ गोरखपुर अनुमानित कीमत 50 लाख और राजेश पाठक के पास से 30 कमरो का हास्टल अनुमानित कीमत 3 करोड़, जनपद अयोध्या देवकाली में एक मकान अनुमानित कीमत 50 लाख, अयोध्या में प्लाट अनुमानित कीमत 20 लाख, कोल्हमपुर जमीन अनुमानित कीमत 20 लाख, शाहपुर में जमीन अनुमानित कीमत 12 लाख समेत कई संपत्तियां चिन्हित की हैं।

    गोपनीय सूचना पर शुरु हुई जांच

    पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय को गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि जनपद गोंडा के नवाबगंज स्थित भारतीय स्टेट बैक के कुछ खाता धारकों के खातों में सन्दिग्ध तौर पर धनराशि स्थानांतरित हो रही है, जिसमें नवाबगंज क्षेत्र के ग्राहक सेवा केन्द्र के संचालक की संलिप्तता है। इस गोपनीय सूचना की जांच एसओजी टीम के माध्यम से करायी गई। सूचना प्रमाणित होने पर थाना नवाबगंज में धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि व 66, 66डी आईटी एक्ट पंजीकृत किया गया। पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी निरीक्षक नवाबगंज व एसओजी की संयुक्त टीम को प्रकरण का अनावरण करते हुए संलिप्त अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी करने के निर्देश दिये थे।

    गिरफ्तार हुए ये अभियुक्त

    जिसके क्रम में थाना नवाबगंज व एसओजी टीम द्वारा सरकारी कर्मचारियो की कूटरचित आईडी बनाकर जीपीएफ के नाम पर फर्जी तरीके से पैसा गबन करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों अरुण वर्मा पुत्र स्व. मोहन लाल निवासी ग्राम भरबलिया बुजुर्ग आजाद चौक थाना रामगढ ताल जनपद गोरखपुर (एकाउन्टेन्ट चकबन्दी विभाग गोरखपुर), राजेश पाठक पुत्र केदारनाथ पाठक निवासी ग्राम कोल्हमपुर विशेन पठकौली थाना नवाबगंज जनपद गोंडा (लेखपाल हरैया तहसील बस्ती), नानमून मौर्या पुत्र रामकेवल मौर्या निवासी गेड़सर मुरावन पुरवा थाना वजीरगंज जनपद गोंडा हाल पता कोल्हमपुर थाना नवाबगंज जनपद गोंडा (ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक वजीरगंज), अरुण श्रीवास्तव पुत्र रामलोचन श्रीवास्तव निवासी ग्राम इमलिया गुरदायाल थाना कोतवाली नगर जनपद गोंडा (एजेन्ट एसबीआई लाईफ एन्शोरेन्स) व प्रदीप दुबे पुत्र दुर्गा प्रसाद दुबे निवासी पुरे परसदा पोखरा थाना तरबगंज जनपद गोंडा (ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक) को गिरफ्तार किया गया।

    कर्मचारी की फर्जी आइडी, फर्जी जीपीएफ बिल से करते थे हेराफेरी

    एसपी शैलेश कुमार पाण्डेय ने न्यूजट्रैक को बताया कि ने बताया कि अरुण वर्मा चकबन्दी विभाग गोरखपुर में चकबन्दी विभाग में एकाउन्टेण्ट के पद पर तैनात है, जिसके द्वारा अपने साथी कर्मचारी पुनीत श्रीवास्तव के साथ मिलकर फर्जी सरकारी कर्मचारियों की लैपटाप व वेबसाइट के माध्यम से कई आईडी बनाई गयी व फर्जी जीपीएफ बिल बनाकर विगत कई वर्षाे में करोडों रुपये जनपद गोंडा, गोरखपुर व देवरिया के कई खातों में अपने साथी बस्ती जिले में लेखपाल के पद पर कार्यरत राजेश पाठक व एसबीआई ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक नानमून मौर्या के माध्यम से स्थानांतरित कर लिये।

    जिनमें से पुलिस टीम द्वारा अब तक 45 खातों को चिन्हित किया जा चुका है। उक्त खातों में विगत तीन वर्षाे में छह करोड रुपयों से ज्यादा का स्थानांतरण इस गिरोह द्वारा किया जा चुका है। अभियुक्त अरुण वर्मा, राजेश पाठक व गिरोह के अन्य सदस्यों द्वारा विगत दस वर्षाे में इस फर्जी वाडे से कई करोड रुपयो की सम्पत्ति अर्जित की गयी है, जिनको चिन्हित कर सीज करने की कार्यवाही प्रचलित है।

    राजस्थान में रिश्वत के बदले लगातार बलात्कार करने वाले बलात्कारी पुलिस अधिकारी कैलाश बोहरा को बर्खास्त करने की तैयारी attacknews.in

    जयपुर, 21 मार्च । राजस्थान में गृह विभाग ने आज निलंबित आरपीएस कैलाशचंद बोहरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है।

    आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राजस्थान पेंशन नियम 1996 के नियम 53(1) अन्तर्गत 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अथवा 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके राजकीय कार्मिक को उसकी अक्षमता के आधार पर लोकहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने का प्रावधान के तहत श्री बोहरा को तत्काल अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।

    उल्लेखनीय है कि नियम के अनुसार राजकीय कर्मचारी को सेवा से पृथक करने से पूर्व सुनवाई का अवसर दिया जाना आवश्यक है।

    श्री बोहरा के इस प्रकरण को समग्र रूप से देखते हुए सीसीए नियम 19 की कार्यवाही विचाराधीन रखते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।

    अनिवार्य सेवानिवृत्ति के पश्चात सीसीए नियमों में कार्यवाही जारी कर नियमों के तहत बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाएगी।

    चूंकि श्री बोहरा ने 24 वर्ष 7 माह की सेवा पूर्ण की है एवं 52 वर्ष की आयु भी पूरी कर चुके हैं।

    अतः ऎसी परिस्थिति में अनिवार्य सेवानिवृत्ति होने के बाद बर्खास्तगी की कार्यवाही शुरू होगी।

    श्री बोहरा को पिछले दिनों अपने कार्यालय में महिला से रिश्वत के रूप में अस्मत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किये गये।

    इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था और उन्हें बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

    जयपुर में कैलाश बोहरा को रिश्वत में युवती से अस्मत मांगने के मामले में एसीबी ने गिरफ्तार किया था। रविवार को आरपीएस अफसर कैलाश बोहरा को ऑफिस में आपत्तिजनक हालत में एसीबी ने पकड़ लिया। दुष्कर्म केस की जांच के बहाने आरोपी अफसर 30 साल की पीड़िता को बार-बार ऑफिस बुलाता था। पहले उसने जांच के लिए रिश्वत मांगी, आरोप है कि बाद में उसने पीड़िता से अस्मत मांग कर उसे परेशान करना शुरू कर दिया।परेशान होकर पीड़िता ने एसीबी से पूरे मामले की शिकायत की।

    कैलाश बोहरा जयपुर शहर (पूर्व) जिले की महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में बतौर प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त तैनात है।

    6 मार्च को युवती ने कैलाश बोहरा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।इसमें बताया था कि उसने जवाहर सर्किल थाने में एक युवक व अन्य लोगों के खिलाफ बलात्कार, धोखाधड़ी सहित 3 मुकदमे दर्ज करवाए थे। इन मुकदमों की जांच महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में एसीपी कैलाश बोहरा कर रहे हैं।

    पीड़ित युवती का आरोप है कि तीनों मुकदमों में कार्रवाई की एवज में जांच अधिकारी कैलाश बोहरा ने पहले उससे रिश्वत मांगी।जब उसने रुपये नहीं दिए तो जांच के नाम पर ऑफिस बुलाने लगा।आखिर में रिश्वत के रूप में इस अधिकारी ने युवती के साथ नाजायज हरकतें करनी चाही।युवती ने यह भी आरोप लगाया कि ACP कैलाश बोहरा उसे ऑफिस टाइम के बाद भी मिलने के लिए दबाव डालता था।

    एसीबी की जयपुर देहात इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरोत्तम लाल वर्मा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया।गत रविवार को कैलाश बोहरा ने युवती को डीसीपी कार्यालय स्थित अपने सरकारी ऑफिस में बुलाया. कैलाश बोहरा जानता था कि छुट्‌टी का दिन होने की वजह से आज यहां स्टॉफ मौजूद नहीं होंगे।

    युवती के डीसीपी कार्यालय पहुंचने पर कैलाश ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया. जिसके बाद एसीबी की टीम वहां पहुंच गई और कैलाश बोहरा को महिला के साथ गिरफ्तार कर लिया।एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में आरोपी कैलाश बोहरा के निवास एवं अन्य ठिकानों की तलाशी की गई ।

    अब जयपुर में रिश्वत के बदले रेप पीड़िता से उसकी अस्मत मांगने वाले ACP कैलाश बोहरा अब एसीबी की गिरफ्त में है।

    कौन है कैलाश बोहरा?

    आरोपी कैलाश बोहरा साल 1996 में बतौर सबइंस्पेक्टर राजस्थान पुलिस में भर्ती हुए थे।वे जयपुर के बजाज नगर, सदर, शिवदासपुरा सहित कई अन्य थानों में इंस्पेक्टर रहे हैं।करीब दो साल पहले ही कैलाश बोहरा पुलिस इंस्पेक्टर से पदोन्नत होकर RPS अधिकारी बने।उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज था और सीबीआई जांच चल रही थी. ऐसे में अपने प्रमोशन के लिए वह कोर्ट भी गए थे।

    RPS में प्रमोशन के बाद बोहरा की पहली पोस्टिंग पुलिस मुख्यालय की सिविल राइट्स ब्रांच में हुई. कुछ महीने पहले ही उसकी जयपुर कमिश्नरेट के पूर्व जिले में महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) के तौर पर नियुक्ति हुई।

    क्या है मामला?

    दुष्कर्म केस की जांच के बहाने आरोपी अफसर 30 साल की पीड़िता को बार-बार ऑफिस बुलाता था. पहले उसने जांच के लिए रिश्वत मांगी, बाद में पीड़िता के साथ गलत हरकत करने की कोशिश शुरू कर दी।

    दरअसल, पीड़िता ने एक युवक व अन्य के खिलाफ जयपुर में शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने, धोखे से गर्भपात कराने का केस दर्ज कराया था. इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की एवज में एसीपी उसकी अस्मत मांग रहा था. परेशान होकर पीड़िता ने एसीबी से पूरे मामले की शिकायत की।

    ACP बोहरा ने मुकदमा दर्ज करवाने वाली 30 वर्षीय युवती को रविवार के दिन बुलाया. कैलाश बोहरा ने अपनी नीच सोच को अंजाम देने के लिए सुरक्षित जगह जयपुर कमिश्नरेट के डीसीपी पूर्वी का सरकारी दफ्तर चुना. इसी भवन में ग्राउंड फ्लोर पर महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट का ऑफिस है. इसमें सहायक पुलिस आयुक्त कैलाश बोहरा खुद बैठता है. रविवार को छुट्‌टी का दिन था. एसीपी को पता था कि आज ऑफिस बंद होने से स्टॉफ नहीं आता।

    ऐसे में वह निजी कार लेकर सिविल ड्रेस में ऑफिस पहुंचा।खुद ही ऑफिस का लॉक खोला. इसके बाद पीड़िता के ऑफिस पहुंचने पर उसे अपने कमरे में ले गए. जहां युवती को अंदर बुलाकर दरवाजा बंद कर लिया. तबतक पहले से ही तैयार एसीबी ने अफसर को रंगे हाथों दबोच लिया।