CBSE की 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के बारे में अंतिम निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद वर्तमान स्थिति और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं के बारे में अंतिम निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद वर्तमान स्थिति और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को सरकारी सूत्रों ने दी।

सूत्रों ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से और विचार व सुझाव लेने को कहा था। इसके बाद रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी।

डिजिटल माध्यम से आयोजित इस बैठक में सिंह के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे के अलावा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों व सचिवों ने भी हिस्सा लिया था।

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने 21 मई को एक बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें उन्हें शिक्षा मंत्रालय की ओर से परीक्षाओं के बारे में किए शिक्षकों और अभिभावकों के साथ किए गए विचार-विमर्श और परीक्षा संपन्न कराने के विकल्पों के बारे में अवगत कराया गया था।

सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा और उनके भविष्य को देखते हुए सरकार को कोई फैसला लेना है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को सभी राज्यों और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने और सलाह-मश्विरा करने को कहा था।

एक सूत्र ने बताया, ‘‘अंतिम निर्णय व्यापक विमर्श की प्रक्रिया पर आधारित होगा और इस दौरान वर्तमान परिस्थितियों और छात्रों के भविष्य को देखते हुए सबसे अच्छा विकल्प अपनाया जाएगा।’’

रविवार की बैठक के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा था कि बारहवीं कक्षा की बोर्ड की लंबित परीक्षा कराने के संबंध में राज्यों के बीच व्यापक सहमति है और इस बारे में जल्द सुविचारित एवं सामूहिक निर्णय एक जून तक लिया जाएगा।

बोर्ड ने दो विकल्पों का प्रस्ताव किया, जिसमें अधिसूचित केंद्रों पर 19 प्रमुख विषयों की नियमित परीक्षा लेने या छात्रों के पंजीकरण वाले स्कूलों में लघु अवधि की परीक्षा लेने की बात कही गई।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकारों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव भेजने का आग्रह किया।

वहीं, सूत्रों ने दावा किया कि ज्यादातर राज्य दूसरे विकल्प के पक्ष में है जबकि कुछ राज्य इनके मिले-जुले स्वरूप की बात कह रहे हैं ।

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं और 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था। ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं।

इसी तरह, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों ने भी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।

मध्यप्रदेश में।रविवार को कोरोना से 75 की मृत्यु,सामने आए 3375 नए मामले;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,64,338 और मृतकों की संख्या 7558 हुई attacknews.in

भोपाल, 23 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के आज औसतन 4़ 2 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ 3375 नए मामले सामने आए और 75 संक्रमितों की मृत्यु हो गयी।वर्तमान में एक्टिव केस घटकर 57,766 पर आ गए हैं।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 79083 सैंपल की जांच में 3375 पॉजिटिव पाए गए और 75708 नेगेटिव रहे।

136 सैंपल रिजेक्ट हुए।

इस तरह औसत संक्रमण दर 4़ 2 प्रतिशत रही।

अप्रैल माह में औसत संक्रमण दर 25 प्रतिशत को पार कर गयी थी।

बुलेटिन के अनुसार 3375 नए मामलों के साथ अब तक कुल 7,64,338 व्यक्ति संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 7558 की जान जा चुकी है।

वहीं 7587 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं और अब तक कुल 6,99,014 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 57, 766 है और सबसे अधिक सक्रिय मामले इंदौर में 9684 तथा भोपाल में 9084 हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 4644 तथा जबलपुर में 2240 है।

आज भी राज्य में सबसे अधिक मामले इंदौर जिले में 829 और भोपाल जिले में 577 मिले।

इसके अलावा ग्वालियर में 110, जबलपुर में 186 और रतलाम में 110 मिले।

इसके अलावा सागर जिले में सबसे अधिक 10 और जबलपुर में 09 मौत दर्ज की गयीं।

वहीं इंदौर में 06, भोपाल में 04 और ग्वालियर में 07 मृत्यु दर्ज की गयीं।

कमलनाथ ने कहा:हम पुलिस FIR से डरने वाले नहीं हैं;रोनी सूरत बनाकर ड्रामेबाज़ी व मुद्दों से ध्यान भटकाने की बजाय शिवराज सिंह चौहान प्रदेश हित में मेरे सवालों का जवाब दे attacknews.in

भोपाल, 23 मई। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने आज कहा कि वे राज्य की जनता के प्रति भी जवाबदेह हैं और जनता के हितों के लिए लड़ते रहेंगे।

श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उन पर हमले के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्होंने तो संकट के दौर में सरकार का सहयोग किया है, लेकिन उनकी जवाबदेही जनता के प्रति भी है। वे झूठे आरोपों की परवाह नहीं करते हैं और किसी भी एफआईआर से डरने वाले नहीं हैं।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में श्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संकटकाल के दौरान मौत के आकड़े दबाएं और छिपाएं जाएं, यह सहन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने दोहराया कि सरकार को तीन माह के दौरान हुयी मौतों के मामले में जानकारी सार्वजनिक करना चाहिए।

श्री कमलनाथ ने कहा कि श्री चौहान ने उन पर ‘भारतीय कोविड’ शब्द का असत्य आरोप लगाया है। उन्होंने जो कहा है वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों और विभिन्न देशों के प्रमुखों के बयान के आधार पर कहा है। जिस कोरोना को पहले चीन का वायरस कहा जाता था, अब केंद्र सरकार की नाकामी के कारण अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में और कई देशों में इसे भारतीय कोरोना वेरिएंट कहा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि वे देशवासियों को वास्तविकता बता रहे हैं, तो इसमें गलत क्या हैं।इसके पहले आज यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस के समक्ष पहुंचा और इसी मामले में श्री कमलनाथ के खिलाफ शिकायत की। दल ने एक शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया है कि श्री कमलनाथ ने जो बातें कहीं हैं, वे देशहित में नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई होना चाहिए।

रोनी सूरत बनाकर ड्रामेबाज़ी व मुद्दों से ध्यान भटकाने की बजाय मुख्यमंत्री शिवराज जी प्रदेश हित में मेरे सवालों का जवाब दे –

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आरोपो पर पलटवार करते हुए कहा कि रोनी सूरत बनाकर ड्रामेबाज़ी व मुद्दों से ध्यान भटकाने की बजाय शिवराज जी प्रदेश हित में मेरे सवालों का जवाब दे।

-देश,प्रदेश की जनता मोदी जी , शिवराज जी और भाजपा की सच्चाई जानती है कि जब भी देश और प्रदेश के सामने कोई संकट आये, समस्याएं आये उनसे जनता का ध्यान मोड़ने की राजनीति करें , झूठे मुद्दों को हवा दो।

-जब देश और प्रदेश में हजारों लोग बेमौत मारे जा रहे हैं ,तब देश का प्रधानमंत्री आंसू बहाने का नाटक कर रहा है और मुख्यमंत्री “रोनी सूरत” बना कर ड्रामेबाज़ी कर मुझसे जवाब मांग रहे हैं ?

-बेहतर हो शिवराज जी आप मध्य प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता के मुखिया हैं , कोरोना के इस संकटकाल में आप उनकी चिंता करें ,उनके स्वास्थ्य की रक्षा सुनिश्चित करें ,ब्लेक फ़ंगस के इलाज व इंजेक्शन की कमी दूर करे ,जिसमें आप अभी तक असफल साबित हुए हैं , कांग्रेस और विपक्ष से तो आप बाद में निपट लेना।आपने पिछले 16 वर्ष किया ही क्या है सिर्फ़ राजनीति- भाषण व झूठी घोषणाएँ ?

-हेड-लाइन मैनेजमेंट का काम बाद में कर लेना शिवराज सिंह जी।

-पूरा प्रदेश जानता है कि कोरोना के संकट काल में आप कितनी चैन की नींद सोए रहे , आप तो मेरी सरकार के समय कोरोना को डरोना बताकर मेरा मज़ाक़ उड़ाते थे ?जनता-इलाज-ऑक्सीजन-जीवन रक्षक दवाइयों व इंजेक्शन के लिए दर-दर भटकती रही और आप और आपकी सरकार संकट के इस दौर में सिर्फ चैन की नींद सोए रहे ?

-सत्याग्रह आग्रह ,मेरा मास्क-मेरा अभियान ,शारीरिक दूरी के गोले बनाना ,प्रचार रथ पर बैठकर बीच बाजारों में निकल जाना ,संकट के दौर में आपकी इन नौटंकीयों को प्रदेश के हर नागरिक ने देखा है।

-प्रदेश के कई जिलों में कई लोगों ने ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ा है और आपने आज तक उन पीड़ितों से मिलने की हिम्मत नहीं दिखायी है , इन घटनाओं पर आज तक किसी जांच की घोषणा नहीं की है ? आप जवाब दे कि प्रदेश में बेड-इलाज-ऑक्सीजन-इंजेक्शन के अभाव में कितने लोगों ने दम तोड़ा है ?

-संकट के समय आप और आपकी सरकार मैदान से पूरी तरह से गायब रहे , बैठकों की नौटंकी करते रहे ,आज तीन माह आप प्रदेश की जनता की सुध लेने निकले है , जब हज़ारों लोग प्रदेश में दम तोड़ चुके है ? इस सच्चाई को तो आपकी पार्टी के ही कई नेताओं ने भी समय-समय पर जनता के बीच में उजागर किया है।

-हमने तो संकट के दौर में आपकी सरकार का सहयोग किया है लेकिन हमारी जवाबदारी प्रदेश की जनता के प्रति भी है।हम उनको मरता नहीं छोड़ सकते हैं ,हम आपके झूठ पर मुहर नहीं लगा सकते हैं।हम जनता के हित के लिये लड़ते रहेंगे , हमें आपके झूठे आरोपो की परवाह नहीं है।आपकी किसी भी FIR से हम डरने वाले नहीं है।

-आप प्रदेश में मौत के आंकड़े दबाए व छुपाए ,हम यह सहन नहीं करेंगे।बेहतर होता कि आप मुझ पर झूठे आरोप लगाने के बजाय , मेरी चुनौती स्वीकार कर प्रदेश के मुक्तिधामो व कब्रिस्तानो में इन तीन माह में हुई मौत के आंकड़े को ,रजिस्टर को सार्वजनिक करते ,उस पर तो आपने एक शब्द भी नहीं बोला ?

-आपकी योजनाओं की सच्चाई मै जनता को ना बताऊँ ?

-आप मुझ पर जो भारतीय कोविड शब्द का झूठा आरोप लगा रहे हैं ,उसकी सच्चाई आपको बता दूँ कि मैंने जो कहा है वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों व विभिन्न देशों के प्रमुखों के बयान के आधार पर कहा है कि जिस कोरोना को पहले चीन का वायरस कहा जाता था ,अब केंद्र सरकार की नाकामी व निकम्मेपन के कारण और हमारे देश की वर्तमान हालत को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में और कई देशों में इसे भारतीय कोरोना वैरीअंट कहा जा रहा है ,हमारे देश के कई छात्रों को ,नौकरी करने वालों का कई देशों में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है ,उड़ानों पर प्रतिबंध लग गया है।यदि मैं देशवासियों को वास्तविकता बता रहा हूं तो इसमें गलत क्या है ? भारत को महान बनाने की बात करने वालों ने आज भारत को विश्व भर में बदनाम कर दिया है।
-पूरा प्रदेश देख रहा है कि प्रदेश में कोविड की इस महामारी में किस प्रकार आपकी पार्टी से जुड़े हुए लोग बेड-इंजेक्शन-जीवन रक्षक दवाइयां व उपकरणों की कालाबाजारी में पकड़े जा रहे हैं , आपदा में अवसर तलाश रहे है ?

-आप तो जवाब दें कि प्रदेश में ऑक्सीजन,इलाज,बेड ,जीवन रक्षक दवाइयों व उपकरणों के अभाव में जितनी भी मौतें हुई है ,उसका दोषी कौन है ? उसके लिए कौन जिम्मेदार है ? आप पर तो समाज द्रोह , राज्य द्रोह की कार्यवाही होना चाहिये ?

-जब डब्ल्यूएचओ सहित तमाम मीडिया रिपोर्टों ने कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी अक्टुबर माह में ही दे दी थी तो आपने प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता ,उत्पादन ,इलाज ,बेड व जीवन रक्षक दवाइयों का पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किया ? आपकी प्रदेश में एक वर्ष से सरकार है ,आप प्रदेश की जनता को भगवान भरोसे छोड़ राजनीति में लगे रहे ,पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार में व दमोह उपचुनाव में लगे रहे हैं और प्रदेश की जनता से आज माफी मांगने की बजाय ,मुझसे सवाल कर रहे हैं ?

-आज प्रदेश में हर वर्ग परेशान है ,किसान परेशान है ,आप बताएं कि संकटकाल में आपने उनके लिए क्या किया ?

-लेकिन आप यह सब नहीं करेंगे ,आप तो देशद्रोह-राष्ट्रद्रोह की बात कर मुद्दों से भटकाने का काम करेंगे जिसमें आप माहिर है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की 22 मई को उज्जैन में मीडिया से चर्चा –

-आज मै महाकाल दर्शन करने आया हूँ , प्रदेशवासियो को कोरोना महामारी से मुक्ति मिले , उनके स्वास्थ्य, समृद्धि व ख़ुशहाली समृद्धि की कामना के लिए आया हूँ।

-आज प्रदेशवासी सरकार के भरोसे नहीं , भगवान भरोसे है।

  • किस तरह हमारा भारत आज भाजपा सरकार के कारण विश्व भर में बदनाम हो रहा है।पहले चीन का कोरोना कहा जाता था ,आज पूरे विश्व में सारी मीडिया रिपोर्ट ने इसका नाम भारतीय वैरीअंट कोरोना लिख दिया है।कई देशों के प्रमुख इसे भारतीय वैरीअंट के नाम से पुकार रहे हैं।हमारे देश के कई छात्र व जो नौकरी कर रहे है वो वापस नहीं जा पा रहे है।कुछ भारतीय जो विदेशों में टैक्सी चलाते हैं ,उनकी टैक्सी में लोग बैठने को तैयार नहीं है ? यह जो भारत महान बनाने की बात बाद करते थे , उनकी असलियत सामने आ रही है ?

-आज सरकार कोरोना से नहीं लड़ रही है , आलोचना से लड़ रही हैं , मीडिया के लोगों को भी दबाया जा रहा है ,उन पर भी प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं।
-यह आज इमेज मैनेजमेंट में लगे हैं।

-मोदी जी खुद को विश्वगुरु बताते थे ,कहते थे कोरोना की लड़ाई हम जीत गयें ? 6.60 लाख वैक्सीन का निर्यात कर दिया ? आज देशवासी वैक्सीन के लिये भटक रहे है ?

-हमारा छोटा-मध्यमवर्गीय व्यापारी ,किसान युवा ,बेरोजगार नौजवान परेशान है ,अर्थव्यवस्था चौपट है। कई लोगों ने अपनो को खोया है और आगे आने वाला आर्थिक प्रभाव प्रदेश और देश को कहां ले जाएगा , हमें उसकी भी चिंता है ?

-मैंने कल ही प्रश्न पूछा था कि कोरोना के मौत के आंकड़े क्यों दबाए-छुपाए जा रहे हैं ?मैंने कल ही कहा था कि कितने शव मुक्तिधाम-कब्रिस्तान में आये है ,इसका रिकॉर्ड दे दीजिए ,जनता खुद फैसला कर लेगी?

-आज जनता के पास इलाज के पैसे नहीं ,लोग बर्बाद हो गए , शव के अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं , अब वह क्या मृत्यु के प्रमाण पत्र के लिए दर-दर भटकेगी ?

-मेने प्रदेश के सभी 52 जिलों से जानकारी बुलायी है , जिसमें एक लाख 27 हज़ार शव मार्च और अप्रैल में मुक्तिधाम और कब्रिस्तान में पहुंचे है।मेरे हिसाब से उसमें से 80% की मृत्यु कोविड से हुई।

-शिवराज जी ने कहा कि जिनकी कोरोना से मृत्यु हुई , उन्हें एक लाख की अनुग्रह राशि देंगे।मैंने कहा एक लाख नहीं 5 लाख दीजिए और किस सर्टिफिकेट पर आप देंगे , किस आधार पर देंगे , यह भी बताइये ?
आप जो भी शपथ पत्र दे कि मेरे परिवार के सदस्य की मृत्यु कोरोना से हुई है , उसे 5 लाख दीजिये।यह सिर्फ घोषणा कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं ,इस सच्चाई को प्रदेश की जनता को समझना है।

-आज किसान के साथ कितना अन्याय हो रहा है ,गेहूं खरीदी में उसके साथ क्या हो रहा है ,छोटे व्यापारियों का क्या हो रहा है ,इन सब की मुझे चिंता है ,मैंने महाकाल मंदिर में दर्शन कर सभी की ख़ुशहाली की प्रार्थना की है।

-आज हमारे सामने दो चुनौती है ,पहली टेस्टिंग के अभाव में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है ,रिपोर्ट 5 -6 दिन में आ रही है , दूसरी वैक्सीन की कमी की ? 18 से 44 वर्ष की घोषणा जब हुई ,जब पश्चिम बंगाल मैं आखिरी चरण का चुनाव था ,युवा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए झूठ बोला गया , तब तक तो वैक्सीन का आर्डर तक नहीं दिया था और आज मोदी जी के फोटो लगे प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं और जनता से पैसे वसूले जा रहे हैं ?

-नरोत्तम मिश्रा मुझसे प्रमाण मांग रहे है ,आपके पास तो रिकॉर्ड है ,आप शमशान ,मुक्तिधाम ,कब्रस्तान के रिकॉर्ड और रजिस्टर को सार्वजनिक करिए ,मुझे गलत साबित करिये ,मैं माफी मांग लूंगा।

-मैं प्रदेश की जनता के साथ खड़ा हूं मुझे किसी f.i.r. व मुकदमे से डर नहीं लगता है।

-आज हमारी सरकार होती तो हम इंजेक्शन का बफ़र स्टॉक बनाते ,केयर सेंटर बनाते ,ऑक्सीजन की भरपूर व्यवस्था करते ,आइसोलेशन सेंटर बनाते ,इलाज-बेड की पर्याप्त व्यवस्था करते ,हम तमाम चेतावनियो को नजरअंदाज नहीं करते ,लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का पर्याप्त इंतजाम करते।

-मध्य प्रदेश की 70% अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है ।ये किसान सम्मान निधि के नाम पर एक तरफ़ दो हज़ार रुपये की राशि दे रहे है और दूसरी तरफ डीजल-बीज और खाद का दाम बढ़ा रहे है ? यह किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
-ये प्रदेश में कोरोना के आँकड़े छुपाने और दबाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट ज्यादा कर रहे हैं।
-मैं पुलिस के अधिकारियों से भी कहना चाहता हूं कि याद रखें कल के बाद परसों आएगा ,पक्षपातपूर्ण कार्य बंद करें।

-मोदी सरकार पिछले 1 सप्ताह से अपनी गलती को छुपाने और दूसरों पर ढ़ोलने की तैयारी में लग गई है।अब यह स्वास्थ्य को राज्य सरकार का विषय और राज्य सरकारों को हम चेतावनी दे चुके थे , इसमें
लग गये है।जबकि सच्चाई यह है कि यह 2020 में आपदा प्रबंधन कानून लाए थे ,उन्होंने राज्यों से पूरे अधिकार ले लिए थे। ये रेमदेसीविर का एक्सपोर्ट कर रहे थे ,ऑक्सीजन का निर्यात कर रहे थे।

-मै प्रदेश का मुख्यमंत्री था ,मेरे पास सभी तरह की जानकारी थी ,मैं सरकार का प्रमुख था।हनी ट्रैप की सीडी तो प्रदेश में कई लोगों के पास है , ऐसा कई लोग दावा भी करते है।

-मै मध्य प्रदेश का नाम इस स्तर की राजनीति से कलंकित नहीं करना चाहता था। मै चाहता था प्रदेश का नाम रोशन हो ,लोगों में मध्यप्रदेश के प्रति विश्वास बड़े ,उससे प्रदेश में निवेश आता है।

-मोदी जी की असलियत पूरे देश की जनता समझ रही है ,जनता समझ रही कि हर वर्ग के साथ धोखा हुआ है।2014 से हम देख रहे हैं स्कील इंडिया ,मेक इन इंडिया ,डिजिटल इंडिया ,नोटबंदी ,जीएसटी इसकी असलीयत देश की जनता ने देख ली है ,नारों से देश चलने वाला नहीं है ,कलाकारी और गुमराह की राजनीति का अब अंतिम समय आ गया है।
-प्रदेश में एक नया माफिया सामने आया है वो है कोविड माफिया।मेने माफ़ियाओ के ख़िलाफ़ , मिलावट के खिलाफ युद्ध चलाया।

-आज भाजपा से जुड़े हुए लोग जीवन रक्षक दवाइयो-बेड-इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं।

-हनी ट्रैप का मुद्दा व आग लगाने के वीडियो कोरोना से ध्यान हटाने के लिए उछाले जा रहे हैं।

-आज ब्लैक फंगस का इंजेक्शन प्रदेश से गायब है।

-आज जो इनकी आलोचना करें वो देश द्रोही – राज द्रोही।

मध्यप्रदेश में एक जून से क्रमबद्ध रूप से हटेगा कोरोना कर्फ्यू-शिवराज सिंह चौहान का दावा, अब मप्र में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में attacknews.in

होशंगाबाद/भोपाल , 23 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थित नियंत्रण में है। प्रदेश में एक जून से क्रमबद्ध रूप से कोरोना कर्फ्यू को हटाया जाएगा। नर्मदापुरम संभाग को 31 मई तक कोरोना मुक्त किया जाएं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ जिले के एनआईसी कक्ष में नर्मदापुरम संभाग के तीनों जिले बैतूल, हरदा और होशंगाबाद में कोविड़ की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ गई है। सभी के समन्वित प्रयासों से यह संभव हो पाया है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट घटकर 4.2 प्रतिशत पर पहुँच गई है। कोरोना की जड़ों पर अंतिम प्रहार कर ग्राम, वार्ड, पंचायत और पूरे जिले को 31 मई तक कोरोना मुक्त करें। कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन किया जाए। शादी समारोह आदि भीड़भाड़ वाले आयोजन 31 मई तक टाले। प्रत्येक काेरोना पीड़ित परिवार की हरसम्भव मदद सरकार करेगी।

श्री चौहान ने कहा कि अधिक संक्रमण वाले ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाए। ऐसे क्षेत्रों में प्रशासन पूरी ताकत से सर्दी, खांसी एवं बुखार के मरीजों को पहचान कर तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराकर इलाज कराये। इस कार्य में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप सक्रिय भूमिका निभाएं। संक्रमित व्यक्तियों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था परफेक्ट हो। घरों में पर्याप्त स्थान न होने की दशा में कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाए। सैनिटाईजेशन कार्य निरंतर जारी रखे।

उन्होंने कहा कि आक्रामक टेस्टिंग रणनीति अपनाई जाकर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कार्य किया जाए। वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड्स में भर्ती प्रत्येक मरीज की सघन निगरानी करें। प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाना जरूरी है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने के लिए भी आवश्यक तैयारियाँ सुनिश्चित की जाएं। कोरोना प्रोटोकॉल का इतना सख्ती से पालन किया जाए कि तीसरी लहर आएं ही नहीं।

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना पर राज्य सरकार अनुदान और बिजली शुल्क में रियायत देगी। प्रदेश में ब्लैक फंगस के इलाज की भी समुचित व्यवस्थाएँ एवं दवाइयों की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जा रही है। प्रदेश में किल कोरोना अभियान जारी रखा जाए। सर्दी, खाँसी, जुकाम से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति की पहचान कर उसे तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने संभाग के तीनों जिले में ब्लैक फंगस की जाँच के लिए व्यवस्थाएँ बनाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से कोरोना संक्रमण के बढ़ने का खतरा अधिक है। महाराष्ट्र की बॉर्डर को पूरी तरह सील रखें। इटारसी रेलवे स्टेशन पर भी टीम नियोजित रहे, जिनके द्वारा स्टेशन पर बाहर से आने वाले नागरिकों की सघन स्क्रीनिंग की जाए। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय है। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा टीकाकरण के खिलाफ फैली भ्रांतियों को दूर किया जाये और लोगों में जागरूकता लायी जाये। वैक्सीन को एक भी डोज को बेकार नहीं होने दें।

उन्हाेंने कहा कि कोरोना शरीर के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी लोगों को तोड़ देता है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत सभी गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों का नि:शुल्क कोविड इलाज हो यह सुनिश्चित किया जाए। कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीब परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तीन माह का राशन उपलब्ध कराया गया है। सभी पात्र हितग्राहियों को निशुल्क राशन का वितरण हो जाए। राशन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसका विशेष ध्यान रखें।

उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता तुड़ाई के दौरान भी कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाए। कोरोना के प्रकोप में जो बच्चे अनाथ हो गये हैं उनके लिए पाँच हजार रूपये प्रतिमाह की पेंशन, नि:शुल्क राशन और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। निर्माण श्रमिकों और स्व-सहायता समूहों के खातों में राशि जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन परिवारों में कोविड़ से मृत्यु हुई है, उन्हें एक लाख रुपये की सहायता देने का निर्णय भी लिया गया है।

इस समीक्षा बैठक में होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले के कलेक्टरों ने भी जिले में कोविड नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों के बारे जानकारी दी। विधायकों ने भी स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक मजबूत बनाने के सुझाव दिए हैं।

शिवराज का दावा, अब मप्र में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण अब पूरी तरह से नियंत्रित है।

श्री चौहान ने वीडियो संदेश के जरिए कहा कि राज्य में औसत कोरोना संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) कम हाे रही है। आज की संक्रमण दर 4़ 26 प्रतिशत है। आज के पॉजीटिव केस 3375 हैं और स्वस्थ होकर घर जाने वालों की संख्या 7587 है।

उन्होंने बताया कि स्वस्थ होने वालों की दर बढ़कर 91़ 5 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग से स्थिति लगातार सुधर रही है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि राज्य की जनता के सहयोग से कोरोना पर पूर्ण तरीके से काबू पा लिया जाएगा।

मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल माह में अभूतपूर्व तबाही मचायी है। हालात यह थे कि अप्रैल माह में लोगों को चिकित्सकों, अस्पतालों, ऑक्सीजन और दवाइयों के लिए दर दर भटकना पड़ रहा था।

झाबुआ जिले में 24 मई से खुलेंगी आवश्यक दुकानें

मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में 24 मई से आवश्यक किराना, कृषि उपकरण और अन्य दुकानों को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक खोला जा सकेगा, लेकिन वहीं साप्ताहिक हाट बाजारों पर प्रतिबंध रहेगा।

जिले के प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग ने आज कोरोना संक्रमण के संबंध में बैठक कर समीक्षा की। इस बैठक में बताया गया कि जिले में कोरोना संक्रमण पर तेजी से नियंत्रण हो रहा है और 31 मई तक जिले में कोरेाना संक्रमण पर विजय प्राप्त की जा सकेगी। जिले में 24 मई से झाबुआ जिले में आवश्यक किराना, कृषि उपकरण और अन्य दुकानों को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक खोला जा सकेगा। साप्ताहिक हाट बाजारों पर प्रतिबंध जारी रहेगा तथा होटल और रेस्टोरेंट भी अभी बंद ही रहेगें।

मध्यप्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण पाने के बाद अब जिलों में कोरोना कर्फ्यू में ढील देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू, सबसे पहले पांच जिलों झाबुआ, आलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड को चुना गया attacknews.in

भोपाल, 23 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पाने के बाद अब जिलों में कोरोना कर्फ्यू में ढील देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी।इसके लिए सबसे पहले पांच उन जिलों को चुना गया है, जहां पर संक्रमण पर काफी नियंत्रण पा लिया गया है।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने यहां बताया कि अपेक्षाकृत कम कोरोना संक्रमण वाले जिलों झाबुआ, आलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड में सोमवार से कोरोना कर्फ्यू के कुछ प्रतिबंधों में रियायत देने संबंधी आदेश संबंधित जिला कलेक्टरों ने जिला आपदा प्रबंधन समितियों के निर्णय के आधार पर जारी कर दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इन पांच जिलों में 24 मई से 31 मई के बीच रियायत संबंधी नए आदेश संबंधित कलेक्टरों ने जारी किए हैं।

इन जिलों के अनुभवों के आधार पर एक जून से अन्य जिलों में भी इसी तरह रियायत देने और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध कम करने या हटाने की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।

आज की स्थिति में सभी 52 जिलों में कोरोना कर्फ्यू प्रभावशील है और इन पांच जिलों के अलावा शेष 47 जिलों में यह 31 मई तक जारी रहेगा।

यह कर्फ्यू अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से प्रभावशील हैं।

नए आदेशों के तहत सभी सरकारी कार्यालय एक सौ प्रतिशत अधिकारियों और 25 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ खोले जाएंगे।

पंजीयन कार्यालय भी खुले रहेंगे।

आवश्यक वस्तुओं जैसे मेडिकल, फल सब्जी, दूध, आटा चक्की, पशु आहार, राशन दुकान, खाद और कृषि उपकरण संबंधी दुकानें पूरे दिन खुली रहेंगी।

इसके अलावा शेष दुकानों में से भी 20 प्रतिशत दुकानें खोली जा सकेंगी और इनमें मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र और निर्माण सामग्री से संबंधित दुकानें शामिल हैं।

नए आदेशों के तहत कालोनियों में स्थित दुकानें भी खुल सकेंगी।ई कॉमर्स को भी अनुमति रहेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ दुकानें खोली जा सकेंगी।

श्रमिकों की गतिविधियां भी शुरू हो सकेंगी और कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए निर्माण संबंधी कार्य भी शुरू हो सकेंगे।

नए आदेशों में संबंधित जिलों की आवश्यकता के अनुरूप और भी रियायतें प्रदान की गयी हैं।

मध्यप्रदेश में अप्रैल माह में कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी और इस दौरान औसत संक्रमण दर 25 प्रतिशत के पार हो गयी थी।

कई जिलों में तो यह 50 प्रतिशत तक को पार कर गयी थी।

इन स्थितियों की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन स्वयं समीक्षा करते आ रहे हैं और हाल में उन्होंने संकेत दिए थे कि एक जून से कोरोना कर्फ्यू में रियायत दी जाएगी।

अयोध्या में सगी बहिन ने जमीन के लिए भाई और उसके परिवार के पांच सदस्यों की कर दी हत्या,4 गिरफ्तार attacknews.in

अयोध्या, 23 मई । उत्तर प्रदेश में अयोध्या के इनायतनगर क्षेत्र में जमीन के टुकड़े के लिये सगे भाई और उसके परिवार के चार सदस्यों की हत्या की आरोपी बहन समेत 4 लोगों काे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि मुख्य आरोपी मृतक के भांजे की तलाश की जा रही थी जिसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया ।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने रविवार को बताया कि ग्राम पंचायत खानपुर के मजरे बरिया निसार गांव निवासी राकेश कुमार और उसकी पत्नी ज्योति के अलावा उनकी पुत्री एवं दो पुत्रों की गला रेत कर शनिवार देर रात हत्या कर दी गयी थी। इस लोमहर्षक हत्याकांड को मृतक के भांजे पवन ने अंजाम दिया जो राकेश के घर के पास ही रहता था। मामा भांजे में दो बीघा जमीन के बैनामे को लेकर पिछले कई दिनो से विवाद चल रहा था।

उन्होने बताया कि हत्या के मामले में पवन के पिता रामराज, मां शेषमता और पत्नी ममता को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि मुख्य आरोपी की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। पवन की गिरफ्तारी पर 25 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया है।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, अपर पुलिस महानिदेशक एसएन साबत और पुलिस महानिरीक्षक संजीव गुप्ता ने घटनास्थल का दौरा कर आरोपी की जल्द गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया।

मुठभेड़ में किया गया गिरफ्तार

सगे मामा समेत परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने के आरोपी को पुलिस ने रविवार दोपहर बाद एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस मृतक की बहन,बहनोई और मुख्य आरोपी की पत्नी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने रविवार को बताया कि ग्राम पंचायत खानपुर के मजरे बरिया निसार गांव निवासी राकेश कुमार और उसकी पत्नी ज्योति के अलावा उनकी संतान अंशिका,ध्रुव और शक्ति की गला रेत कर शनिवार देर रात हत्या कर दी गयी थी। इस लोमहर्षक हत्याकांड को मृतक के भांजे पवन और परिजनो ने अंजाम दिया जो राकेश के घर के पास ही रहता था। मामा भांजे में दो बीघा जमीन के बैनामे को लेकर पिछले कई दिनो से विवाद चल रहा था।

खंडवा में जनसम्पर्क अधिकारी के तबादले का मामला गर्माया,कलेक्टर ने अधिकार के बाहर जाकर निकाला आदेश, प्रदेश के जनसंपर्क अधिकारी एकजुट हुए कलेक्टर के खिलाफ attacknews.in

भोपाल, 23 मई । मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में पदस्थ जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) बृजेंद्र शर्मा का वहां के जिला प्रशासन द्वारा तबादला और इसकी प्रक्रिया का मामला गर्मा गया है। राज्य के जनसंपर्क अधिकारी इस मामले में कलेक्टर के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।

खंडवा जिले के अपर कलेक्टर के दस्तखत से शनिवार को जारी किए गए आदेश में श्री शर्मा को तत्काल भारमुक्त करते हुए आयुक्त, जनसंपर्क संचालनालय के कार्यालय में उपस्थिति देने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसी आदेश में श्री शर्मा का प्रभार खंडवा के संयुक्त कलेक्टर प्रमोद कुमार पांडेय को सौंपने के लिए कहा गया है। रोचक बात यह है कि इस आदेश की प्रतिलिपि 43 अधिकारियों को भेजी गयी है, जिसमें थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।

खंडवा में पत्रकारों को धमकाने वाले कलेक्टर अनय द्विवेदी ने अब जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर कर उन्हें रिलीव कर दिया। कलेक्टर की तानाशाही का यह मामला खंडवा से निकलकर भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में भी गर्मा गया है।

जनसंपर्क आयुक्त का कहना है कि कलेक्टर को यह अधिकार ही नहीं है।

गौरतलब है जनसंपर्क मंत्रालय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के पास है। संगठनों का कहना है यह तो सीएम के अधिकारों पर अतिक्रमण है।

सूत्रों के अनुसार मीडिया में लगातार लापरवाही उजागर होने से प्रशासन नाखुश है और वह खबरों को दबाने की कोशिश में लगा था। यह जिम्मा जनसंपर्क के स्टाफ को दिया था।

कोरोना काल में खंडवा कलेक्टर का सबसे पहला गुस्सा मीडियाकर्मियों पर निकला। दो पत्रकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। जवाब नहीं देने की स्थिति में कार्रवाई के लिए धमकाया गया। इसके अलावा कुछ पत्रकारों को अपने कक्ष में बुलाकर मकान तोड़ने तक की धमकी दी गई। मामला यही नहीं थमा एक पत्रकार को तो वाटसएप कॉलिंग कर अभद्रता की गई।

पुलिस थानों को भी भेजी सूचना

जनसंपर्क अधिकारी ब्रजेंद्र शर्मा को शनिवार को रिलीव कर दिया गया। अपर कलेक्टर शंकरलाल सिंघाड़े के हस्ताक्षर से निकले इस आदेश में प्रशासकीय आधार पर कार्यमुक्त करते हुए आयुक्त जनसंपर्क भोपाल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कहा गया है। इस आदेश की प्रतिलिपि 43 विभागीय प्रमुखों को भेजी गई। हास्यास्पद यह है कि इस आदेश की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक के साथ ही थाना प्रभारियों को भी भेजी गई है।

कार्यमुक्त कर तत्काल बुलवा लिया वाहन

बताया जाता है कि PRO को कार्यमुक्त करने के साथ ही उनकी गाड़ी भी तत्काल बुलवा ली गई। इस पूरे घटनाक्रम से जनसम्पर्क अधिकारी घबरा गए । उन्होंने कुछ भी टीका-टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एक चर्चा यह भी है कि वह इस वजह से घबरा गए है कि कही कलेक्टर उल्टी सीधी जांच में उन्हें फंसवा न दें।

इस घटनाक्रम में एक तथ्य यह भी सामने आया कि कलेक्टर के सामने सरकार हाशिए पर आ गई है। खंडवा की हरसूद विधानसभा से विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह है। वे पल-पल की खबर रखते है। ऐसे में भला एक जिम्मेदार अधिकारी को इस तरह कलेक्टर ने कैसे कार्यमुक्त कर दिया। जनसंपर्क विभाग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास है। ऐसे में यह सवाल भी उठा खड़ा हुआ है कि क्या कलेक्टर ने मंत्री और मुख्यमंत्री की सहमति से यह कदम उठाया है या फिर खुद ही सुपरमैन बन गए।

कलेक्टर के निलंबन की मांग करेंगे

इस मामले में जनसंपर्क अधिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार राठौर ने कहा कि इस तरह का आदेश पूरी तरह असंवैधानिक है। हम इसका विरोध करते है। जल्द ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर कलेक्टर के निलंबन की मांग करेंगे।

कलेक्टर को ट्रांसफर का अधिकार नहीं

ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ शासन को है। कलेक्टर को अधिकार नहीं हैं। मैं अभी ऑर्डर देखूंगा। उन्होंने किस आधार पर ट्रांसफर किया है।

  • सुदामा खांडे, आयुक्त जनसंपर्क विभाग

बच्चों वाली ‘कहानी’ सुनाकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने नरेन्द्र मोदी पर कसा तंज; श्री मोदी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना के कारण हुयी मौतों पर संवेदना व्यक्त करते समय बेहद भावुक हो गये थे attacknews.in

लखनऊ 23 मई । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बगैर फेसबुक वाल पर एक कहानी के जरिये तंज कसा है।

उन्होने लिखा “ किसी ने मुझे एक कहानी लिख कर भेजी – सोचा आप सब के साथ शेयर कर लूँ। एक जहाज तूफान में फंसा हुआ था। कई लोग सबकी आंखों के सामने तूफान में डूब गए। कई लोगों के डूब जाने का खतरा था। जहाज में बैठे लोग, जहाज के छोटे-बड़े कर्मी सब जहाज को डूबने से बचाने में लगे थे। बहुत ही भयावह स्थिति थी फिर भी लोग साथ देकर एक दूसरे की हिम्मत बढ़ाते रहे। सबको ये भरोसा था कि जहाज का कैप्टन भी जहाज को बचाने का भरसक प्रयास कर रहा होगा। जब स्थिति ज्यादा बिगड़ने लगी तो लोगों ने जहाज के कैप्टन से अपील की। लेकिन लोग हतप्रभ रह गए जब उन्हें पता चला कि जहाज का कैप्टन तो गायब है। तमाम चीख-पुकारों, अपीलों को वो अनसुना करते हुए जिम्मेदारी की कुर्सी से उठकर कहीं चला गया था।”
“ मगर लोग, छोटे-बड़े कर्मियों ने आशा नहीं छोड़ी। वे बचाव कार्य में लगे रहे। कई लोगों ने अपने साथी खो दिए, कई लोगों के सामने उनके अपने डूब गए।

बहुत ही मार्मिक दृश्य था। मालूम करने पर पता चला कि जहाज के कैप्टन को पहले से जानकारी थी कि मौसम विपरीत होगा, जहाज डूब भी सकता है। लेकिन जहाज के कैप्टन ने न तो लोगों को समय पर आगाह किया, न ही लोगों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम और न ही जहाज का सुरक्षा कवच बढ़ाया और तो और जहाज के कैप्टन ने लोगों की सुरक्षा से जुड़ी कई आवश्यक चीजें दूसरे जहाजों को दे दीं।”

“लंबे समय तक ये मार्मिक दृश्य चलता रहा। लोगों एवं कर्मियों की मेहनत के बाद स्थिति कुछ नियंत्रण में आई। स्थिति नियंत्रण में आने के थोड़ी ही देर बाद अचानक कैप्टन की आवाज जहाज भर में गूंज उठी, एक के बाद एक लाऊडस्पीकर पर उसकी घोषणाएं आने लगीं, एक दिन तो उसकी आवाज़ अटकी और वह रोने भी लगा। जहाज पर फँसे हुए लोग अभी भी त्रस्त थे, कैप्टन की आवाज उन्हें सुनाई तो दे रही थी मगर कुछ दूर, कुछ अलग सी लगने लगी थी। एक दूसरे की मदद में सब व्यस्त थे, जाने अभी भी बचानी थीं। सबका ध्यान इन्हीं कार्यों में लगा हुआ था, किसी को पता तक नहीं लगा कि कैप्टन चुपचाप से बाहर आकर फिर से अपनी सीट पर बैठ गया था।”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की प्रभारी श्रीमती वाड्रा कोराेना प्रबंधन को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बराबर हमले करती रही हैं।

हालांकि उत्तर प्रदेश समेत समूचे देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की जा रही है। श्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना के कारण हुयी मौतों को दुखद बताते हुये पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री बेहद भावुक हो गये थे।

टूल किट मामले में छत्तीसगढ़ NSUI नेता की FIR पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को पुलिस ने पूछताछ के लिए जारी किया नोटिस attacknews.in

रायपुर 23 मई। टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दर्ज करवाए मामले में पुलिस ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है।

रायपुर के सिविल लाईन थाने के प्रभारी ने कल देर शाम ईमेल के जरिए श्री संबित पात्रा को भेजे गए नोटिस में उनके खिलाफ धारा 504,505(1) (बी) (सी),469 एवं 188 के तहत दर्ज अपराध में आज शाम चार बजे थाने में व्यक्तिगत रूप से अथवा वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए उपस्थित होने को कहा है। नोटिस का पालन नही करने पर वैधानिक कार्यवाई की भी चेतावनी दी गई है।

ज्ञातव्य है कि टूलकिट विवाद में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कांग्रेस के कूटरचित लेटरहेड की झूठी और मनगढ़त कहानी सोशल मीडिया में प्रचारित करने के आरोप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सम्बित पात्रा के खिलाफ 19 मई को प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।डा.सिंह को भी पुलिस ने इसी तरह का नोटिस जारी किया है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पुलिस ने पूछताछ के लिए मांगा समय

टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दर्ज करवाए मामले में पुलिस द्वारा जारी नोटिस पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा आज पेश नही हुए और नोटिस पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।

रायपुर के सिविल लाईन थाने के प्रभारी ने कल देर शाम ईमेल के जरिए श्री संबित पात्रा को भेजे गए नोटिस में उनके खिलाफ धारा 504,505(1) (बी) (सी),469 एवं 188 के तहत दर्ज अपराध में आज शाम चार बजे थाने में व्यक्तिगत रूप से अथवा वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए उपस्थित होने को कहा गया था।नोटिस का पालन नही करने पर वैधानिक कार्यवाई की भी चेतावनी दी गई थी।

शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ द्वारा कोरोना को “इंडियन वेरिएंट”बताने पर लताड़ते हुए कहा:घटिया राजनीति करके अवसर तलाश रहे हैं,क्या यह देशद्रोह जैसा नहीं है,मौत पर ‘आग लगा दो’ जैसे बयान दे रहे हैं, जैसे उन्हें मौका मिल गया attacknews.in

भोपाल, 23 मई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के कोरोना को लेकर दिए गए ‘इंडियन वेरिएंट’ संबंधी बयान पर आज तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि क्या यह देशद्रोह जैसा नहीं है। श्री चौहान ने कहा कि वे इसकी कड़ी निंदा करते हैं।

श्री चौहान ने वीडियो संदेश के जरिए कहा कि इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को श्री कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एक तरफ हम जहां दिन.रात कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के काम में लगे हैं। कई दिनों से चैन की सांस नहीं ली। ऐसे में उम्मीद थी कि राष्ट्रीय संकट में देश एक होगा, राजनीतिक दल कम से कम इसे राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाएंगे।

श्री चौहान ने कहा कि लेकिन उन्हें यह कहते हुए बेहद तकलीफ है कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ देश का मनोबल तोड़ने का काम कर रहे हैं।

श्री चौहान के अनुसार ‘मेरा भारत कोविड’ इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना, ‘इंडियन कोरोना’ वाला बयान देना, क्या कांग्रेस को शोभा देता है। क्या श्री कमलनाथ को शोभा देता है। क्या श्रीमती सोनिया गांधी को शोभा देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि जब जब इस देश पर संकट आया, सारे राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर देश का साथ दिया है। एक नहीं ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब पूरा देश एक साथ खड़ा हुआ है। महासंकट की इस घड़ी में श्री कमलनाथ घटिया राजनीति कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सहयोग करना तो दूर, आपदा में जब लोग संकट में हैं, तो वे अवसर तलाश रहे हैं।

श्री चौहान ने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि क्या श्री कमलनाथ के इस बयान से दूसरे देशों में रहने वाले भारतीयों का मनोबल कम नहीं होगा। क्या देश के सम्मान पर चोट नहीं पहुंचेगी। क्या यह बयान राष्ट्रीद्रोह जैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री कमलनाथ मुख्यमंत्री रहे, केंद्रीय मंत्री रहे। उसके बाद भी यह घटिया व्यवहार।

उन्होंने कहा कि हम मध्यप्रदेश में दिन और रात मेहनत करके जनता को संकट से निकालने के प्रयास में लगे हुए हैं,लेकिन वे मौत में राजनीति का अवसर खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए एक भी मृत्यु दुखद होती है, लेकिन मौत कहां नहीं हुयी। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नहीं हुई। क्या महाराष्ट्र में नहीं हुयी। क्या दुनिया के बाकी देशों में नहीं हुई। एक.एक मौत हमारे दिल पर बोझ है। हम पीड़ित परिवारों की सेवा करने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैंं, लेकिन वे ‘आग लगा दो’ जैसे बयान दे रहे हैं, जैसे उन्हें मौका मिल गया।

श्री चौहान ने कहा कि क्या कांग्रेस नेता को मौत व्यथित नहीं करती। ज्यादा मौत दिखीं, तो आनंद आ गया कि मौका मिल गया। क्या यह विकृत मानसिकता नहीं है। घटिया सोच नहीं है।

उन्होंने कहा कि वे श्रीमती सोनिया गांधी से पूछना चाहते हैं कि ऐसे बयान देने वाले नेता पर क्या वे कोई कार्रवाई करेंगी। क्या देश को संकट से बचाने के इस समय हम घटिया राजनीति की पराकाष्ठा करेंगे। श्री चौहान ने कहा कि क्या श्री कमलनाथ को यह सब कहते हुए लज्जा भी नहीं आयी। इस तरह की सोच की हम कड़ी निंदा करते हैं।

श्री कमलनाथ ने दो दिन में भोपाल और उज्जैन में मीडिया के समक्ष कोरोना के संबंध में अनेक टिप्पणियां की हैं।

छत्तीसगढ़ में सूरजपुर के उद्दण्ड कलेक्टर को हटाया: युवक को थप्पड़ मारने ,उसका मोबाइल फोन फेंकने की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने दिए हटाने के निर्देश attacknews.in

रायपुर, 23 मई । छत्तीसगढ़ में सूरजपुर के जिलाधिकारी द्वारा एक युवक को थप्पड़ मारने और उसका मोबाइल फोन फेंकने की घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिलाधिकारी को हटाने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट किया, ‘‘सूरजपुर के जिलाधिकारी रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार किए जाने का मामला सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है। यह बेहद दु:खद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिलाधिकारी रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।’’

बघेल ने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘शासकीय जीवन में किसी भी अधिकारी द्वारा इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। मैं इस घटना से क्षुब्ध हूं। मैं युवक एवं उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूं।’’

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य प्रशासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी शर्मा का तबादला संयुक्त सचिव (प्रतीक्षारत) के रूप में नवा रायपुर स्थित मंत्रालय (सचिवालय) में कर दिया है। शर्मा की जगह रायपुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौरव कुमार सिंह को सूरजपुर का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है।

सूरजपुर जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन लागू किया गया है। शर्मा द्वारा एक युवक को थप्पड़ मारने का वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

इस वीडियो में दिख रहा है कि मास्क लगाए एक युवक को पुलिस ने रोका। युवक ने शर्मा को एक कागज और मोबाइल फोन पर कुछ दिखाने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान शर्मा ने उसका फोन जमीन पर फेंक दिया।

वीडियो में दिख रहा है कि शर्मा ने बाद में युवक को थप्पड़ भी मारा। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और अधिकारी वहां पहुंचे और दो पुलिस कर्मियों ने युवक की डंडे से पिटाई की। वीडियो में सुनाई दे रहा है कि शर्मा युवक की पिटाई का आदेश दे रहे हैं।

वीडियो के वायरल होने के बाद शर्मा ने इस घटना के लिए माफी मांगी।

पुलिस के मुताबिक, युवक की पहचान अमन मित्तल (23) के रूप में की गई है। उसके खिलाफ लॉकडाउन के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।

वीडियो के वायरल होने के बाद शर्मा की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है। लोगों ने उन्हें हटाने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है।

इस बीच आईएएस एसोसिएशन ने शर्मा के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है।

एसोसिएशन ने ट्वीट किया, ‘‘ आईएएस एसोसिएशन सूरजपुर के जिलाधिकारी के व्यवहार की कड़ी निंदा करता है। यह अस्वीकार्य है और सेवा एवं सभ्यता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। लोक सेवकों को हमेशा और खासकर इस कठिन समय में समाज के लोगों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए।’’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस ने भारत,अमेरिका व अन्य क्षेत्रों में कोविड-19 की वृद्धि पर कहा: “सांसों के लिए सचमुच संघर्ष कर रहे हैं लोग,महामारी अब भी हमारे बीच है और स्वरूप बदल-बदल कर फल-फूल रही है” attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 23 मई ।संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि भारत, दक्षिण अमेरिका और अन्य क्षेत्रों में कोविड-19 मामलों की हालिया वृद्धि ने “लोगों को हमारी आंखों के सामने सांसों के लिए सचमुच संघर्ष करने के लिए” छोड़ दिया है।

उन्होंने आगाह किया कि वैश्विक महामारी अब भी “हमारे बीच है, जो स्वरूप बदल रही है और तेजी से फैल रही है”।

गुतारेस ने विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में दिए गए अपने बयान में शुक्रवार को कहा, “मैंने कोविड-19 वैश्विक महामारी की शुरुआत से चेताया है कि जब तक सब सुरक्षित नहीं हो जाते, तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है। टीकों, जांचों, दवाओं और ऑक्सीजन समेत अन्य आपूर्तियों तक असमान पहुंच ने गरीब देशों को वायरस के सामने लाचार कर दिया है।”

उन्होंने कहा, “भारत, दक्षिण अमेरिका और अन्य क्षेत्रों में कोविड-19 के मामलों की हालिया वृद्धि ने लोगों को हमारी आंखों के सामने सांसों के लिए सचमुच संघर्ष करने के लिए छोड़ दिया है। वैश्विक महामारी अब भी हमारे बीच है और स्वरूप बदल-बदल कर फल-फूल रही है।”

उन्होंने कहा, “यह साफ तौर पर समझ लें कि हम वायरस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं और अगर आप वायरस के साथ युद्ध कर रहे हैं, तो हमें युद्ध परिदृश्य के नियमों के हिसाब से अपने हथियारों से लड़ना होगा और हम अब भी वह नहीं कर रहे हैं। यह बात टीकों के लिहाज से सच है और यह वायरस के खिलाफ जंग में दूसरे तत्वों के लिहाज से भी सच है।”

कोवैक्स को जहां अब तक पूरे विश्व में 17 करोड़ टीके पहुंचा देने चाहिए थी, लेकिन टीकाकरण को लेकर राष्ट्रवाद, सीमित उत्पादन क्षमता और वित्तपोषण के अभाव में यह आंकड़ा महज 6.5 करोड़ पर है।

गुतारेस ने कहा, “मैं जी20 देशों से वित्तीय मदद देने और उदाहरण पेश कर अगुवाई करने का आह्वान करता हूं। अरबों का निवेश खरबों की बचत करने के साथ ही जीवन बचा सकता है।”

गुतारेस ने जोर दिया कि जल्द एवं पूरे विश्व में टीकाकरण तथा निरंतर जन स्वास्थ्य उपायों से ही वैश्विक महामारी को समाप्त किया जा सकता है और अधिक खतरनाक स्वरूपों को पैर जमाने से रोका जा सकता है।

उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि अब तक दुनिया के 82 प्रतिशत टीकों की खुराक संपन्न देशों को गई है जबकि कम आय वर्ग वाले देशों में महज 0.3 प्रतिशत खुराक पहुंची हैं।

फिर से बढ़े दाम; दिल्ली में डीजल ₹ 84 से ऊपर निकला, मुंबई में पेट्रोल ₹ 100 के करीब:इस महीने 12वीं बार दाम बढ़ने से पेट्रोल ₹ 2.81लीटर और डीजल की कीमत ₹ 3.34 प्रति लीटर बढ़ी attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 मई । ईंधन के दाम में रविवार को एक बार फिर बढ़ोतरी से जहां दिल्ली में डीजल की कीमत 84 रुपये लीटर के ऊपर चली गयी वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के करीब पहुंच गयी है।

सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन खुदरा कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल के दाम में 17 पैसे लीटर और डीजल में 29 पैसे लीटर की वृद्धि की गयी है।

इस महीने में ईंधन के दाम में यह 12वीं बार वृद्धि की गयी है। इससे देश भर में पेट्रोल और डीजल के मूल्य अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गये हैं।

इस वृद्धि के साथ दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 93.21 रुपये लीटर जबकि डीजल 84.07 रुपये प्रति लीटर पहुंच गयी।

इस वृद्धि के साथ राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में कीमत 100 रुपये के ऊपर पहुंच गयी है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के करीब पहुंच गयी है।

मुंबई में अब एक लीटर पेट्रोल का दाम 99.49 रुपये जबकि डीजल 91.30 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है।

वैट (मूल्य वर्धित कर) जैसे स्थानीय करों और माल ढुलाई शुल्क के कारण ईंधन के दाम हर राज्य में अलग-अलग हैं। राजस्थान में पेट्रोल पर वैट सर्वाधिक है। उसके बाद मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान है।

तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले 15 दिनों में मानक ईंधन के औसत मूल्य और विनिमय दर के आधार पर रोजाना कीमतों में संशोधन करती हैं।

चार मई के बाद ईंधन के दाम में यह 12वीं बार वृद्धि की गयी है। उससे पहले, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण 18 दिनों तक ईंधन के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में पेट्रोल और डीजल सबसे महंगा है। वहां पेट्रोल जहां 104.18 रुपये प्रति लीटर है वहीं डीजल 96.91 रुपये प्रति लीटर।

इस महीने 12वीं बार दाम बढ़ने से पेट्रोल 2.81 रुपये लीटर और डीजल की कीमत 3.34 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है।

विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ में नीलाम होने जा रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. की नीलामी में बोलीदाताओं को ‘क्लीन डाटा’ कक्ष तक जाने की अनुमति ;सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 मई । भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक बोलीदाताओं को वाणिज्यक रूप से संवेदनशील जानकारी से जुड़े ‘क्लीन डाटा’ कक्ष तक पहुंच दिया जाएगा। हालांकि इसके लिये कंपनियों को गोपनीयता के अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बीपीसीएल से संबद्ध मुख्य रूप से वित्तीय सूचना रखे जाने वाले ऑनलाइन सूचना कक्ष को अप्रैल के दूसरे सप्ताह में खोला गया था। गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले पात्र बोलीदाताओं को वहां उपलब्ध जानकारी प्राप्त करने की अनुमति दी गयी।

मामले से जुड़े तीन सूत्रों ने कहा कि विविध कारोबार में लगे वेदांता, निजी इक्विटी कंपनी अपोलो ग्लोबल और आई स्क्वैर्ड कैपिटल की इकाई थिंक गैस समेत बोलीदाताओं को जांच-परख प्रक्रिया के अंतर्गत आने वाले सप्ताह में कंपनी की रिफाइनरी और डिपो को भौतिक रूप से देखने की भी अनुमति दी जाएगी।

बोलीदाताओं की जांच-पड़ताल की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद सरकार वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगी। साथ ही शेयर खरीद समझौते के नियम एवं शर्तों पर बात की जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि वाणिज्यिक रूप से संवेदनशील समझे जाने वाले कुछ आंकड़ों को आंकड़ा कक्ष के अलग खंड में ‘अपलोड’ किया गया है। इसे ‘क्लीन डाटा’ कक्ष कहा जाता है। इन आंकड़ों तक पहुंच इसमें रूचि रखने वाले पात्र बोलीदाताओं द्वारा नामित वकीलों की टीम तक ही होगी। गोपनीयता और आंकड़ों के दुरूपयोग को रोकने के लिये यह कदम उठाया गया है।

सूत्रों का कहना है कि इन आंकड़ों की जानकारी लेने के लिये बोलीदाताओं को सूचना के उपयोग पर पाबंदी तथा गोपनीयता को लेकर अलग से समझौता करना होगा।

जांच-परख के लिये आंकड़ा कक्ष तक पहुंच करीब आठ सप्ताह के लिये उपलब्ध होगी।

जांच-पड़ताल प्रक्रिया के तहत बोलीदाता कुछ प्रमुख रिफाइनरी और डिपो/कारखाने को वहां जाकर देखना चाहते हैं।

सूत्रों के अनुसार बीपीसीएल उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराएगी। हालांकि अगर कोई विदेशी पासपोर्टधारक रिफाइनरी जैसे संवेदनशील ठिकानों पर जाना चाहता है, विदेश मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी।

सूत्रों ने कहा कि जांच-पड़ताल प्रक्रिया के दौरान बोलीदाताओं के सवालों को सौदा सलाहकार डेलॉयट उसे एकत्रित करेगा और प्रश्नों की प्रकृति के आधार पर उसका जवाब कंपनी प्रबंधन या संबंधित सरकारी विभाग देगा।

सरकार की बीपीसीएल में 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शुक्रवार को बीपीसीएल के बंद शेयर भाव (एनएसई में 461.20 रुपये प्रति शेयर) के हिसाब से इसका मूल्य करीब 53,000 करोड़ रुपये बैठता है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री महत्वपूर्ण है।

मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के कम से कम छह सौ मामले;मरीजों की बढ़ती संख्या, इलाज के इंजेक्शन तथा अन्य दवाइयों की कमी के कारण चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर काे नियंत्रण में करने के प्रयासों के बीच ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या और इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन तथा अन्य दवाइयों की कमी के चलते बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी हुयी हैं।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में विशेष वार्ड बनाए हैं। इसके अलावा कुछ निजी अस्पतालों में भी इस तरह के मरीजों का उपचार चल रहा है। सरकार सभी को इसके इलाज के लिए उपयोग में आने वाले एम्फोटेरिसिन बी मुहैया कराने की भरसक कोशिश में है। सरकार की तरफ से तैयार कराए गए वार्डों में मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है।

भोपाल में हमीदिया के अलावा कुछ निजी अस्पतालों में इस रोग से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश वे लोग हैं, जो कोरोना से पीड़ित हुए थे और उससे ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के शिकार हो गए। कम से कम एक सौ लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। मरीजों के आश्रितों को एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कराने के लिए हमीदिया अस्पताल परिसर में पंक्तियों में लगे हुए देखा जा रहा है।

इसी तरह इंदौर में 164 मरीज ब्लैक फंगस के हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनके इलाज के दौरान मरीज को जटिल शल्य क्रिया से भी गुजरना पड़ रहा है। आंख और चेहरे के अन्य हिस्से इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। कमोवेश यही स्थितियां ग्वालियर, जबलपुर में हैं। इसके अलावा दमोह, सिवनी, पन्ना और कुछ अन्य जिलों से भी ब्लैक फंगस के मरीज मिलने की सूचनाएं सामने आयी हैं।

पन्ना से रिपोर्ट के अनुसार पन्ना शहर निवासी एक 45 वर्षीय व्यक्ति को ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में लिया है। इसकी पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना डॉ. आर. एस. पाण्डेय ने की है। पीड़ित मरीज का जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि पन्ना निवासी संक्रमित मरीज सुगर के मरीज हैं। बीते माह उनकी कोरोना जाँच हुई थी और रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। पॉजिटिव आने के बाद वे अपने घर में ही क्वारेंटाइन थे। बाद में तबियत बिगड़ने पर पीड़ित के परिजन उपचार के लिए उन्हें जबलपुर ले गए।

जबलपुर में व्हाइट (सफेद) फंगस का एक मरीज सामने आया है। इस तरह का यह प्रदेश का पहला मामला माना जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार 15 मई को एक व्यक्ति को सफेद पदार्थ मुंह और नाक से निकलने पर भर्ती कराया गया। उसकी जांच के बाद शल्य चिकित्सा की गयी और उसे सफेद फंगस निकला। अब वह मरीज ठीक हाे रहा है और उसे शीघ्र ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। चिकित्सकों का कहना है कि ब्लैक फंगस की तुलना में व्हाइट फंगस से पीड़ित मरीज का इलाज आसान है।