नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि,मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर 94़ 5 हुयी,25 मई से 5 जिलों में कोरोना कर्फ्यू में दी गई रियायत के अनुभवों के आधार पर 01 जून को अनलॉक के निर्णय लिए जाएंगे attacknews.in

भोपाल, 28 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि राज्य अब कोरोना पर नियंत्रण की स्थिति के करीब पहुंच गया है।

डॉ मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के बाद ट्वीट के जरिए कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 1854 नए मामले सामने आए और 5796 व्यक्ति स्वस्थ हुए। औसत संक्रमण दर (पाॅजिटिविटी रेट) 2़ 56 और स्वस्थ होने वालाें की दर (रिकवरी रेट) 94़ 5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गयी है। राज्य में कल 72,210 टेस्ट किए गए।

इस बीच राज्य में में एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद जारी है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं और उनकी ओर से गठित समितियां तथा सभी 52 जिलों में विभिन्न स्तरों पर गठित आपदा प्रबंधन समितियां भी अपने अपने स्तर पर स्थानीय स्थितियों के अनुरूप चर्चा कर रही हैं।

फिलहाल प्रयोग के तौर पर 25 मई से कम संक्रमण वाले पांच जिलों में कोरोना कर्फ्यू में धीरे धीरे रियायत दी गयी हैं। ये रियायतें 31 मई तक के लिए दी गयी हैं और इनके अनुभवों के आधार पर 01 जून को होने वाले अनलॉक को लेकर भी निर्णय लिए जाएंगे। वर्तमान में पांच जिलों के अलावा सभी 47 जिलों में 31 मई तक के लिए कोरोना कर्फ्यू लागू है।
सबसे अधिक प्रकरण अब भी इंदौर और भोपाल जिलों में सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या भी अपेक्षाकृत कम नहीं हो पा रही है। एक दिन में राज्य में अब भी लगभग 70 व्यक्तियों की मौत की खबरें आ रही हैं। दूसरी ओर ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज नयी चुनौती बना हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने डराने-धमकाने जैसे ट्विटर के बयान को झूठा करार देते हुए कहा है कि यह जाँच में बाधा डालने का प्रयास;ट्विटर खुद जांच एजेंसी और कोर्ट दोनों बनना चाहता है।attacknews.in

नयी दिल्ली 27 मई । दिल्ली पुलिस ने डराने-धमकाने जैसे ट्विटर के बयान झूठा करार देते हुए कहा है कि यह जाँच में बाधा डालने का प्रयास है।

दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी चिन्मय बिश्वाल ने आज एक बयान जारी कर कहा कि ‘टूलकिट’ मामले में चल रही जांच पर ट्विटर का बयान गलत है और यह जांच में बाधा का प्रयास है।

उन्होंने ने कहा कि पहली नजर में यह बयान न केवल मिथ्या हैं बल्कि निजी उद्यम की तरफ से कानूनी जांच को बाधित करने का भी प्रयास है। सेवा की शर्तों की आड़ में ट्विटर ने सच का निर्णय करने का खुद फैसला कर लिया। ट्विटर खुद जांच एजेंसी और कोर्ट दोनों बनना चाहता है, लेकिन इनमें से किसी के लिए भी कानूनी स्वीकृति नहीं है। जांच करने का अधिकार केवल पुलिस के पास है और फैसला अदालतें सुनाती हैं।

दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि ‘टूलकिट’ मामले में चल रही जांच पर ट्विटर का बयान पूरी तरह से झूठा है और यह कानूनी जांच में बाधा डालने का प्रयास है।

दिल्ली पुलिस का यह सख्त बयान ऐसे वक्त में आया है जब ट्विटर ने पुलिस द्वारा डराने-धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए कहा है कि वह भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे के बारे में चिंतित है।

दिल्ली पुलिस के जन संपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया, ये बयान ना केवल मिथ्या हैं बल्कि निजी उद्यम द्वारा कानूनी जांच को बाधित करने का भी प्रयास है। सेवा की शर्तों की आड़ में ट्विटर इंक ने सच का निर्णय करने का खुद फैसला कर लिया।

पुलिस के बयान के मुताबिक, ट्विटर कथित तौर पर जांच और न्यायनिर्णायक प्राधिकारी होने का प्रयास कर रहा है, जबकि उसे इसमें से कोई भी होने की वैधानिक मंजूरी नहीं है। बयान में कहा गया है कि जांच करने का अधिकार केवल पुलिस के पास है और फैसला अदालतें सुनाती हैं।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उसने कांग्रेस नेताओं द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर ‘टूलकिट’ मामले में आरंभिक जांच शुरू कर दी है।

पुलिस ने कहा कि ट्विटर ने यह भी दिखाने का प्रयास किया कि भारत सरकार के इशारे पर प्राथमिकी दर्ज की गई है जोकि पूरी तरह से गलत है।

पुलिस ने आगे कहा है कि ट्विटर का बयान ऐसे समय में महज सहानुभूति बटोरने का प्रयास है जब उसने न केवल कानून का पालन करने से मना कर दिया बल्कि साक्ष्य होने के बावजूद इसे कानूनी प्राधिकार के साथ साझा करने से इनकार किया।

पुलिस के डराने-धमकाने की रणनीति से चिंतित : ट्विटर

बता दें कि ट्विटर ने भाजपा नेता के ट्वीट में ‘मैनिपुलेटिड मीडिया’ का टैग लगाने के जवाब में दिल्ली पुलिस द्वारा डराने-धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए कहा है कि वह भारत में कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे के बारे में चिंतित है।

साथ ही ट्विटर ने कहा कि वह देश में अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए भारत में लागू कानूनों का पालन करने की कोशिश करेगी। माइक्रोब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म ने कहा कि वह आईटी नियमों के उन तत्वों में बदलाव की वकालत करने की योजना बना रहा है जो मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं।

ट्विटर ने कहा कि फिलहाल हम भारत में अपने कर्मचारियों के संबंध में हालिया घटनाओं और अपने यूजर्स की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे से चिंतित हैं।

ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और दुनिया भर में नागरिक समाज के कई लोगों के साथ ही हम पुलिस द्वारा धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल से चिंतित हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि वह कानून के दायरे में रहकर पारदर्शिता के सिद्धांतों, हर आवाज को सशक्त बनाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को कथित ‘कोविड टूलकिट’ के बारे में एक शिकायत की जांच के संबंध में ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजा था। दिल्ली के लाडो सराय और गुरुग्राम में ट्विटर के दफ्तरों पर पुलिस की दो टीमें भी पहुंची थीं। सरकार ने नए डिजिटल नियमों का बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और वॉट्सऐप जैसे मैसेजिंग प्लैटफॉर्म्स को नए आईटी नियमों के तहत चिन्हित मैसेज के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नए नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गई थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स (जिनके देश में 50 लाख से अधिक यूजर्स हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।

चक्रवाती तूफान ‘यास’ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 106 टीमों को तैनात किया गया; प्रधानमंत्री ने ‘यास’ के व्‍यापक प्रभावों की समीक्षा की attacknews.in

यह सुनिश्चित करें कि सामान्य जनजीवन जल्द-से-जल्द बहाल हो: प्रधानमंत्री

नईदिल्ली 27 मई । प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘यास’ के व्‍यापक प्रभावों की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों के विभिन्न पहलुओं, तूफान से हुए नुकसान के आकलन और संबंधित विषयों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

इस दौरान यह चर्चा की गई कि एनडीआरएफ की लगभग 106 टीमों को तैनात किया गया था। पश्चिम बंगाल/ओडिशा में से प्रत्येक में तैनात की गई 46 टीमों ने 1000 से भी अधिक व्यक्तियों की जान बचाई और 2500 से भी अधिक पेड़ों/खंभों को हटाया जो सड़कों पर गिर गए थे और जिनकी वजह से वहां आवागमन बाधित हो गया था। रक्षा बलों यथा थल सेना और तटरक्षक बल ने तूफान में विभिन्‍न स्‍थानों पर फंसे हुए लोगों की भी जान बचाई, जबकि नौसेना और वायु सेना अलर्ट पर थीं।

वैसे तो संबंधित राज्य चक्रवाती तूफान यास की वजह से हुए नुकसान के आकलन में अभी जुटे हुए हैं, लेकिन उपलब्ध प्रारंभिक रिपोर्टों से यही पता चलता है कि सटीक पूर्वानुमान लगाने और तूफान प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से प्रभावकारी ढंग से संवाद करने के साथ-साथ राज्यों एवं केंद्रीय एजेंसियों द्वारा समय पर लोगों की सुरक्षित निकासी करने से जान-माल का कम-से-कम नुकसान सुनिश्चित हो पाया।

इसके साथ ही सैलाब या अतिवृष्टि के कारण जो नुकसान हुआ है, उसका आकलन किया जा रहा है। तूफान से प्रभावित अधिकतर क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।

प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में केंद्र और राज्यों की एजेंसियों द्वारा निभाई गई अत्‍यंत प्रभावकारी एवं सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया और इसके साथ ही विभिन्‍न एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि तूफान प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन जल्द से जल्द बहाल हो और इसके साथ ही तूफान से प्रभावित व्यक्तियों के बीच राहत का वितरण उचित रूप से हो जाए।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, विद्युत सचिव, दूरसंचार सचिव एवं आईएमडी के डीजी और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया।

केंद्र सरकार ने राज्यों को अबतक कोविड के 22 करोड़ से अधिक टीके प्रदान किए,अमेरिका के बाद भारत ऐसा दूसरा देश है, जिसने 20 करोड़ से अधिक टीका लगाने का रिकॉर्ड बनाया attacknews.in

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी टीके की 1.84 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध हैं

नईदिल्ली 27 मई । राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है।

भारत सरकार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी प्रदान कर रही है। जांच, बीमारी का पता लगाने, उपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए टीकाकरण भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है।

कोविड-19 टीकाकरण की तीसरे चरण की उदारीकृत और त्वरित रणनीति का कार्यान्वयन एक मई 2021 से शुरू हो गया है।

रणनीति के तहत, हर महीने केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी भी निर्माता के टीकों की 50% खुराक भारत सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। भारत सरकार ये खुराक राज्य सरकारों को पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसा कि पहले से किया जा रहा था।

भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 22 करोड़ से अधिक खुराक (22,16,11,940) मुफ्त श्रेणी और राज्यों द्वारा सीधी खरीद की श्रेणी के माध्यम से प्रदान की है। इसमें से कुल खपत (अपव्यय सहित) 20,17,59,768 खुराक (आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) है।

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी टीके की 1.84 करोड़ से ज्यादा (1,84,90,522) खुराक उपलब्ध हैं, जिन्हें दिया जाना बाकी है।

इसके अलावा 11 लाख (11,42,630) खुराक प्रक्रियारत हैं और अगले तीन दिनों के भीतर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को दे दी जाएंगी।

कोविड-19 अपडेट:

सक्रिय मामलों में 24,19,907 की और गिरावट।

पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामलों में 75,684 की कमी।

2.11 लाख मामलों के साथ नये मामलों में लगातार गिरावट कायम।

अब तक देशभर में 2,46,33,951 मरीज ठीक हुये। पिछले 24 घंटों के दौरान 2,83,135 मरीज ठीक हुये।

लगातार 14वें दिन रोज आने वाले नये मामलों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की तादाद अधिक।

मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 90.01 प्रतिशत।

इस समय साप्ताहिक पॉजीटिव दर 10.93 प्रतिशत है।

लगातार तीसरे दिन पॉजीटिविटी दर में कमी। रोजाना पॉजीटिविटी दर 9.79 प्रतिशत रही, जो 10 प्रतिशत से नीचे है।

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक वैक्सीन की 20.27 करोड़ से अधिक खुराक दी गईं।

अमेरिका के बाद भारत ऐसा दूसरा देश है, जिसने 20 करोड़ वैक्सीन खुराक देने का कारनामा अंजाम दिया।

पिछले 24 घंटों में जांच क्षमता में जोरदार सुधार। इस दौरान 21.57 लाख जांचें की गईं।

वह झूठ का खुलासा जो फैलाया गया:भारत की टीकाकरण प्रक्रिया पर मिथक और तथ्य; ये मिथक ग़लत बयानों, आधे सच और खुलेआम बोले जा रहे झूठ के कारण फैल रहे हैं attacknews.in

नईदिल्ली 27 मई ।भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर कई तरह के मिथक फैलाए जा रहे हैं। ये मिथक ग़लत बयानों, आधे सच और खुलेआम बोले जा रहे झूठ के कारण फैल रहे हैं।

नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य) और कोविड-19 (एनईजीवीएसी) के लिए वैक्सीन प्रबंधन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष डॉ. विनोद पॉल ने इन सभी मिथकों से जुड़े झूठ को एक सिरे से ख़ारिज करते हुए इन सभी मुद्दों पर सही तथ्य की जानकारी दी हैं।

यह मिथक और इनके सही तथ्य इस प्रकार हैः

मिथक 1: केंद्र विदेशों से टीके खरीदने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है

तथ्य: केंद्र सरकार 2020 के मध्य से ही सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन निर्माताओं के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है। फाइजर, जेएंडजे और मॉडर्ना के साथ कई दौर का वार्तालाप हो चुका है। सरकार ने उन्हें भारत में उनके टीकों की आपूर्ति और/अथवा इन्हें बनाने के लिए सभी प्रकार की सहायता की पेशकश की है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि उनके टीके निःशुल्क रूप से आपूर्ति के लिए उपलब्ध हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीके खरीदना ‘ऑफ द शेल्फ’ वस्तु खरीदने के समान नहीं है। विश्व स्तर पर टीके सीमित आपूर्ति में हैं, और सीमित स्टॉक को आवंटित करने में कंपनियों की अपनी प्राथमिकताएं, योजनाएं और मजबूरियां हैं। वे अपने मूल देशों को भी प्राथमिकता देती हैं जैसे हमारे अपने वैक्सीन निर्माताओं ने हमारे लिए बिना किसी संकोच के किया है। फाइजर ने जैसे ही वैक्सीन की उपलब्धता का संकेत दिया, इसके बाद से ही केंद्र सरकार और कंपनी वैक्सीन के जल्द से जल्द आयात के लिए मिलकर कार्य कर रही हैं। भारत सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप, स्पूतनिक वैक्सीन परीक्षणों में तेजी आई और समय पर अनुमोदन के साथ, रूस ने हमारी कंपनियों को टीके की दो किश्तें भेजते हुए निपुण तकनीक-हस्तांतरण पहले ही कर दी हैं और अब बहुत जल्द ही ये कंपनियां इसका निर्माण भी शुरू कर देंगी। हम सभी अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन निर्माताओं से भारत में आने और भारत और दुनिया के लिए वैक्सीन बनाने के अपने अनुरोध को दोहराते हैं।

मिथक 2: केंद्र ने विश्व स्तर पर उपलब्ध टीकों को मंजूरी नहीं दी है

तथ्य: केंद्र सरकार ने अप्रैल में ही भारत में यूएस एफडीए, ईएमए, यूके की एमएचआरए और जापान की पीएमडीए और डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन उपयोग सूची द्वारा अनुमोदित टीकों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इन टीकों को पूर्व ब्रिजिंग परीक्षणों से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी। अन्य देशों में निर्मित बेहतर तरीके से परीक्षित और जाँचे गए टीकों के लिए परीक्षण आवश्यकता को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रावधान में अब और संशोधन किया गया है। औषधि नियंत्रक के पास अनुमोदन के लिए किसी विदेशी विनिर्माता का कोई आवेदन लंबित नहीं है।

मिथक 3: केंद्र टीकों के घरेलू उत्पादन में तेजी लाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है

तथ्य: केंद्र सरकार 2020 की शुरुआत से ही अधिक कंपनियों को टीके का उत्पादन करने में सक्षम बनाने के लिए एक प्रभावी सूत्रधार की भूमिका निभा रही है। केवल 1 भारतीय कंपनी (भारत बायोटेक) है जिसके पास आईपी है। भारत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि भारत बायोटेक के अपने संयंत्रों को बढ़ाने के अलावा 3 अन्य कंपनियां/संयंत्र कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू करेंगी, जो अब 1 से बढ़कर 4 हो गई हैं। भारत बायोटेक द्वारा कोवैक्सीन का उत्पादन अक्टूबर तक 1 करोड़ प्रति माह से बढ़ाकर 10 करोड़ माह किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, तीनों सार्वजनिक उपक्रमों का लक्ष्य दिसंबर तक 4.0 करोड़ खुराक तक उत्पादन करने का होगा। सरकार के निरंतर प्रोत्साहन से, सीरम इंस्टीट्यूट प्रति माह 6.5 करोड़ खुराक के कोविशील्ड उत्पादन को बढ़ाकर 11.0 करोड़ खुराक प्रति माह कर रहा है। भारत सरकार रूस के साथ साझेदारी में यह भी सुनिश्चित कर रही है कि स्पूतनिक का निर्माण डॉ. रेड्डी के समन्वय के साथ 6 कंपनियों द्वारा किया जाएगा। केन्द्र सरकार जायडस कैडिला, बायोई के साथ-साथ जेनोवा के अपने-अपने स्वदेशी टीकों के लिए कोविड सुरक्षा योजना के तहत उदार वित्त पोषण के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में तकनीकी सहायता के प्रयासों का भी समर्थन कर रही है। भारत बायोटेक की एकल खुराक इंट्रानेसल वैक्सीन का विकास भी भारत सरकार के वित्त पोषण के साथ बेहतर रूप से आगे बढ़ रहा है, और यह दुनिया के लिए एक शानदार उपलब्धि हो सकती है। 2021 के अंत तक हमारे वैक्सीन उद्योग द्वारा 200 करोड़ से अधिक खुराक के उत्पादन का अनुमान ऐसे ही प्रयासों और निरंतर समर्थन एवं साझेदारी का परिणाम है। पारंपरिक के साथ-साथ अत्याधुनिक डीएनए और एमआरएनए प्लेटफार्मों में किए जा रहे इन प्रयासों के संबंध में न जान कितने देश इतनी बड़ी क्षमता के साथ निर्माण का सिर्फ सपना ही देख सकते हैं। भारत सरकार और वैक्सीन निर्माताओं ने दैनिक आधार पर निर्बाध जुड़ाव के साथ इस मिशन में एक टीम इंडिया के रूप में काम किया है।

मिथक 4: केंद्र को अनिवार्य लाइसेंसिंग लागू करनी चाहिए

तथ्य: अनिवार्य लाइसेंसिंग एक बहुत ही आकर्षक विकल्प नहीं है क्योंकि यह एक ऐसा ‘फॉर्मूला’ नहीं है जो अधिक मायने रखता हो, लेकिन सक्रिय भागीदारी, मानव संसाधनों का प्रशिक्षण, कच्चे माल की सोर्सिंग और जैव-सुरक्षा प्रयोगशालाओं के उच्चतम स्तर की आवश्यकता है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एक कुंजी है और यह उस कंपनी के नियंत्रण में होता है जिसने अनुसंधान और विकास किया है। वास्तव में, हम अनिवार्य लाइसेंसिंग से एक कदम आगे बढ़ चुके हैं और कोवैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भारत बायोटेक और 3 अन्य संस्थाओं के बीच सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। स्पूतनिक के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था का पालन किया जा रहा है। इस बारे में सोचें: मॉडर्ना ने अक्टूबर 2020 में कहा था कि वह अपनी वैक्सीन बनाने वाली किसी भी कंपनी पर मुकदमा नहीं करेगी, लेकिन फिर भी एक भी कंपनी ने ऐसा नहीं किया है, जिससे पता चलता है कि लाइसेंसिंग सबसे छोटी समस्या है। अगर वैक्सीन बनाना इतना आसान होता, तो विकसित देशों में भी वैक्सीन की खुराक की इतनी कमी क्यों होती?

मिथक 5: केंद्र ने राज्यों पर अपनी जिम्मेदारी को छोड़ दिया है

तथ्य: केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं को फंडिंग से लेकर उन्हें भारत में विदेशी टीके लाने के लिए उत्पादन में तेजी लाने हेतु शीघ्रता से मंजूरी देने से लेकर हर तरह के जरूरी कार्यों को अंजाम दे रही है। केंद्र द्वारा खरीदा गया टीका लोगों को निःशुल्क रूप से लगाने के लिए राज्यों को पूरी तरह से आपूर्ति की जाती है। यह सब राज्यों के संज्ञान में है। भारत सरकार ने केवल राज्यों को उनके ही स्पष्ट अनुरोध करने के बाद, स्वयं टीकों की खरीद का प्रयास करने में सक्षम बनाया है। राज्यों को देश में उत्पादन क्षमता और विदेशों से सीधे टीके खरीदनें में क्या कठिनाइयाँ आती हैं, इसके बारे में अच्छी तरह से पता था। वास्तव में, भारत सरकार ने जनवरी से अप्रैल तक संपूर्ण टीका कार्यक्रम चलाया और मई की स्थिति की तुलना में यह काफी बेहतर तरीके से प्रशासित था। लेकिन जिन राज्यों ने इन 3 महीनों में स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्मिकों के टीककरण की दिशा में अच्छा कवरेज हासिल नहीं किया था, वे टीकाकरण की प्रक्रिया को खोलना चाहते थे और इसका अधिक विकेंद्रीकरण चाहते थे। स्वास्थ्य राज्य का विषय है और उदारीकृत टीका नीति राज्यों द्वारा उन्हें अधिक अधिकार देने के लिए किए जा रहे लगातार अनुरोधों का ही परिणाम थी। तथ्य यह है कि उनकी वैश्विक निविदाओं का कोई परिणाम नहीं निकला, और यह इस बात की भी पुष्टि करता है जिसे हम राज्यों को पहले दिन से बता रहे हैं: कि दुनिया में टीके की आपूर्ति कम मात्रा में हैं और उन्हें कम समय में खरीदना आसान नहीं है।

मिथक 6: केंद्र राज्यों को पर्याप्त वैक्सीन नहीं दे रहा है?

तथ्य: केंद्र राज्यों को तय दिशा-निर्देशों के अनुसार पारदर्शी तरीके से पर्याप्त टीके आवंटित कर रहा है। दरअसल, राज्यों को भी वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में पहले से ही सूचित किया जा रहा है। निकट भविष्य में वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ने वाली है और बहुत अधिक आपूर्ति संभव होगी। गैर-सरकारी माध्यम में, राज्यों को 25% खुराक मिल रही है और निजी अस्पतालों को 25% खुराक मिल रही है। हालाँकि, राज्यों द्वारा लोगों को इन 25% खुराकों को देने में ही हो रही मुश्किलों और समस्याओं को बहुत अधिक करके बताया जाता है। हमारे कुछ नेताओं का व्यवहार, जो टीके की आपूर्ति पर तथ्यों की पूरी जानकारी के बावजूद, प्रतिदिन टीवी पर दिखाई देते हैं और लोगों में दहशत पैदा करते हैं, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह समय राजनीति करने का नहीं है। हम सभी को इस लड़ाई में एकजुट होने की जरूरत है।

मिथक 7: केंद्र बच्चों के टीकाकरण के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है

तथ्य: अभी तक दुनिया का कोई भी देश बच्चों को वैक्सीन नहीं दे रहा है। साथ ही, डब्ल्यूएचओ ने बच्चों का टीकाकरण करने की कोई सिफारिश नहीं की है। बच्चों में टीकों की सुरक्षा के बारे में अध्ययन किए गए हैं, और यह उत्साहजनक रहे हैं। भारत में भी जल्द ही बच्चों पर ट्रायल शुरू होने जा रहा है। हालांकि, बच्चों का टीकाकरण व्हाट्सएप ग्रुपों में फैलाई जा रही दहशत के आधार पर तय नहीं किया जाना चाहिए और क्योंकि कुछ राजनेता इस पर राजनीति करना चाहते हैं। परीक्षणों के आधार पर पर्याप्त डेटा उपलब्ध होने के बाद ही हमारे वैज्ञानिकों द्वारा यह निर्णय लिया जाना है।

18 से 44 आयु के कोविड-19 टीकाकरण के लिए नवीन निर्देश जारी,100 % ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन पर किये जायेंगे,शेष वैक्सीन का उपयोग शाम 4 बजे बाद ऑनसाईट बुकिंग के आधार पर किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 27 मई । मध्यप्रदेश में शासकीय संस्थाओं में संचालित किये जा रहे 18 से 44 आयु संवर्ग के कोविड-19 टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक श्रीमती छवि भारद्वाज ने समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला टीकाकरण अधिकारी को नवीन दिशा निर्देश जारी किये हैं।

मिशन संचालक श्रीमती भारद्वाज द्वारा जारी परिपत्र में 18 से 44 आयु संवर्ग के कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्रदेश के 4 महानगरों में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और 12 नगर निगम क्षेत्रों बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सतना, रीवा, देवास, कटनी, खण्डवा, मुरैना, रतलाम, सागर, सिंगरौली एवं उज्जैन में 100 प्रतिशत टीकाकरण ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन के आधार पर किये जायेंगे। स्लॉट बुकिंग के बाद भी लाभार्थी टीका लगाने उपस्थित नहीं होते हैं ऐसी स्थिति में टीकाकरण केन्द्रों पर शेष वैक्सीन का उपयोग शाम 4 बजे के उपरांत ऑनसाईट बुकिंग के आधार पर किया जाए। इसकी संख्या 20 प्रतिशत से अधिक न हो।

दिल्ली में सरेआम हो रही गायों की हत्या;बाहरी दिल्ली में गौ हत्या के तीन अलग-अलग मामलों में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है attacknews.in

नयी दिल्ली 26 मई । बाहरी दिल्ली में गौ हत्या के तीन अलग-अलग मामलों में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने बुधवार को बताया कि मंगलवार को जामिया नगर इलाके से आसिफ (36) उसके भाई मोहनीश (24) और उनके एक अन्य रिश्तेदार नईम (20) को गिरफ्तार किया गया। आसिफ और मोहनीश पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपी कथित रूप से गायों की हत्या कर उनका मांस 100 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बेचते थे, उन्हें पकड़ने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया था।

पुलिस के मुताबिक गौ हत्या का पहला मामला 16 मई को सामने आया था जब बापरोला गांव के एक खाली प्लाट में गाय की हड्डियां एवं अन्य अवशेष मिले थे।

दूसरा मामला भी उसी दिन उसी गांव से सामने आया। पुलिस के मुताबिक तीसरा मामला 20 मई का निहाल विहार का है।

इन तीनों घटनास्थलों की जांच के बाद उनके बीच आपस में तार जुड़ते नजर आये और इन्हीं लोगों की संलिप्तता का संकेत मिला।

पुलिस ने बताया कि पोस्ट मार्टम के बाद भारतीय दंड संहिता, दिल्ली कृषि पशु संरक्षण अधिनियम और पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त परविंदर सिंह ने कहा कि करीब एक सप्ताह तक 600 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच करने के बाद इस अपराध में इस्तेमाल में लाये गये वाहन की पहचान की गयी।

पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘हमारी टीमों ने 1350 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और संदिग्ध वाहन के मार्ग पता लगाया। जांच से मिली जानकारी के आधार पर जांच दल जामिया नगर पहुंचा। दिल्ली और उसके आस-पास के करीब 110 संदिग्धों से पूछताछ की गयी। तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से संदिग्ध लोगों के बारे में पता चला। इसके बाद बाटला हाउस और जामिया नगर से उन्हें पकड़ लिया गया।’

CBI ने बम्बई हाईकोर्ट को बताया:पुलिस तैनाती और तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में महाराष्ट्र सरकार से मांगी जानकारी पर नौ जून तक कार्रवाई नहीं करेंगे attacknews.in

मुंबई, 26 मई । सीबीआई ने बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय को बताया कि वह पुलिस तैनाती और तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा दर्ज करायी शिकायतों से संबंधित दस्तावेजों की मांग करते हुए महाराष्ट्र सरकार को भेजे पत्रों पर नौ जून तक कोई कार्रवाई नहीं करेगी।

सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति एस पी तावड़े की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष यह बात कही। यह पीठ राज्य सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है।

सरकार ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 21 अप्रैल को एजेंसी द्वारा दर्ज प्राथमिकी से दो पैराग्राफ रद्द करने और इनके संबंध में कोई जांच न करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

सीबीआई ने पांच अप्रैल को उच्च न्यायालय के एक आदेश पर राकांपा नेता देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी।

राजू ने बुधवार को अवकाशकालीन पीठ से कहा कि राज्य सरकार की याचिका पर उसी पीठ को सुनवाई करनी चाहिए जिसने पांच अप्रैल का आदेश पारित किया था।

न्यायमूर्ति कथावाला ने कहा कि अगर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ इस मामले की सुनवाई करती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन तब तक सीबीआई को जांच में राज्य सरकार से सूचना लेने के संबंध में ‘‘अपनी कार्रवाई रोकनी’’ चाहिए।

राजू ने कहा, ‘‘हम इस याचिका को दूसरी पीठ के समक्ष पेश किए जाने तक सीबीआई द्वारा महाराष्ट्र सरकार से मांगे दस्तावेजों को पेश करने के संबंध में कार्रवाई नहीं करेंगे। यह राज्य सरकार से मांगी जानकारियों तक ही सीमित होगा न कि पूरी जांच के संबंध में।’’

अदालत ने यह बयान स्वीकार कर लिया और उच्च न्यायालय के पंजीयक कार्यालय को याचिका को आठ जून को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।

सुरक्षा बलों ने मध्य कश्मीर में गंदेरबल के नारानाग जंगल इलाके में घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया attacknews.in

श्रीनगर 26 मई ।सुरक्षा बलों ने बुधवार को मध्य कश्मीर में गंदेरबल के नारानाग जंगल इलाके में घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर सेना और पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू किया। इस दौरान ग्रेनेड , मेगजीन और एके 47 राइफल की 30 राउंड गोलियां तथा काफी संख्या में विस्फोटक बरामद किया गया।

जम्मू कश्मीर में आतंकियों के उत्पात को देखते हुए सुरक्षाबलों द्वारा उनके सफाए का काम भी जारी है। बीते दिनों ही जम्मू और कश्मीर में अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके के वेलू में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में लश्कर के तीन आतंकवादी फंसे हुए थे। बाद में इन तीनों को मार गिराया गया।

वहीं उससे पहले एलओसी से सटे पूंछ में पुलिस और सेना ने मिलकर आतंकवादियों पर बड़ी कार्रवाई की थी। यहां बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किया गया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने बड़े आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया। पुंछ में एक आतंकवादी ठिकाने से सुरक्षा बलों ने 19 हैंड ग्रेनेड बरामद किए थे।

टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ में NSUI द्वारा दर्ज मामले में पुलिस द्वारा जारी दूसरे नोटिस पर भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पेश नही हुए एक सप्ताह का फिर समय मांगा attacknews.in

रायपुर 26 मई। टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दर्ज करवाए मामले में पुलिस द्वारा जारी दूसरी नोटिस पर भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा आज पेश नही हुए और पूछताछ के लिए जारी नोटिस पर जवाब देने क लिए एक सप्ताह का फिर समय मांगा है।

रायपुर के सिविल लाईन थाने के प्रभारी को श्री पात्रा के अधिवक्ता ने पुलिस को आज भेजे ईमेल में आज पेश होने पर असमर्थता जताते हुए पूछताछ में शामिल होने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।अधिवक्ता ने इसके साथ ही पुलिस से पूछताछ के बिन्दु लिखित में देने का अनुरोध किया है जिससे कि लिखित में जवाब दिया जा सके।

मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 93़ 3 प्रतिशत हुआ; शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि;आगामी 1 जून से कोरोना कर्फ्यू में क्रमिक रियायतें देकर अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 26 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थितियां निरंतर नियंत्रण की ओर बढ़ने के बीच आगामी एक जून से कोरोना कर्फ्यू में क्रमिक रियायतें देकर अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ट्वीट के जरिए लिखा है ‘मेरे प्रिय भाइयों बहनों, भांजे भांजियों, कोविड के विरुद्ध मध्यप्रदेश जीत की ओर तेजी से अग्रसर है। जीवन को पटरी पर लाने के लिए 01 जून से अनलॉक की प्रक्रिया के लिए आपके सुझाव आमंत्रित हैं। आप 31 मई तक मप्र सरकार के पोर्टल, व्हाट्एप या ईमेल के माध्यम से भी अपने अमूल्य विचार हमसे साझा कर सकते हैं।’

इस बीच सोमवार से कम संक्रमण वाले झाबुआ, अलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड जिलों में कोरोना कर्फ्यू में रियायत देने का कार्य प्रारंभ हुआ है। इनके अनुभव के आधार पर भी अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य में सभी 52 जिलों में पिछले माह से कोरोना कर्फ्यू लागू हैं और उक्त पांच जिलों के अलावा शेष सभी में 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा।

वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यहां मीडिया से कहा कि राज्य में आज कोरोना संक्रमण के 2189 नए मामले आए और 7486 व्यक्ति स्वस्थ हुए। स्वस्थ होने वालों की दर (रिकवरी रेट) बढ़कर 93़ 3 प्रतिशत हो गयी है और संक्रमण दर 3़ 11 प्रतिशत है। मात्र तीन जिले भोपाल, इंदौर और सागर ऐसे हैं, जहां पर संक्रमण दर 05 प्रतिशत से ऊपर है। शेष जिलों में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से कम है।

श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में कोरोना के इलाज संबंधी पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। अब हम सभी धीरे धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहे हैं। हम लोगों को भी कोरोना के साथ रहने की आदत डालना चाहिए। इसके अलावा सभी लोग कोरोना का टीका भी लगवाएं।

उन्होंने देश में कोरोना वैक्सीन जल्दी विकसित होने की बात करते हुए कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं, जिनके मजबूत इरादों के कारण यह संभव हो सका।

सुबोध कुमार जायसवाल ने सीबीआई प्रमुख का कार्यभार संभाला attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 मई ।भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1985 बैच के अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक का कार्यभार बुधवार को संभाल लिया।

सीबीआई के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जांच एजेंसी मुख्यालय पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्री जायसवाल का स्वागत किया।

कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से मंगलवार को देर शाम जारी एक अधिसूचना के अनुसार, नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी श्री जायसवाल को देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई का निदेशक नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

श्री जायसवाल इससे पहले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीअीईएसएफ) के महानिदेशक पद पर कार्यरत थे। वह मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक भी रह चुके हैं। श्री जायसवाल ने खुफिया ब्यूरो और रिसर्च एनालिसिस विंग (रॉ) में भी अपनी लंबी सेवाएं दी हैं।

सीबीआई के निदेशक का पद फरवरी के पहले सप्ताह से खाली था। तत्कालीन निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला की सेवानिवृत्ति के बाद एजेंसी के कार्यकारी निदेशक प्रवीण सिन्हा अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाल रहे थे।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के निदेशक के चयन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक हुई थी।

उत्तरप्रदेश में अपहरण करके जंगल ले जाकर नाबालिग से सामूहिक बलात्कार, तीन आरोपी गिरफ्तार, किशोरी को भेजा अस्पताल attacknews.in

सुलतानपुर,26मई । उत्तर-प्रदेश में सुलतानपुर जिले के वल्दीराय क्षेत्र में बुधवार को एक किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है।
इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया जबकि पीड़िता को जांच और इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा दिया ।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक बल्दीराय क्षेत्र में सुबह घर से निकली एक किशोरी को तीन युवकों ने दबोच लिया और जंगल में लेगए।

किशोरी का आरोप है कि उन्होंने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और फरार हो गए।

घटना के बाद किशोरी घर पहुंची और परिजनों को उसने आप बीती बताई।

परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही बल्दीराय इलाके के पुलिस उपाधीक्षक राजाराम चौधरी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़िता को जिला महिला अस्पताल भेजा।

उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में मामला दर्ज कर पुलिस ने तीनों आरोपी को विरधौरा गांव के मोड़ के पास गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपियों में इलियास निवासी अरवल, शिवकुमार निवासी गौरा बरामऊ और सुजीत सरोज निवासी विरधौरा शामिल हैं।

गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया।

सात राज्यों में 143 खेलो इंडिया केंद्र खोलेगी भारत सरकार;महाराष्ट्र, मिजोरम, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में स्थापित होने वाले प्रत्येक केंद्र में किसी एक खेल की सुविधा उपलब्ध होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मई । खेल मंत्रालय ने जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को निखारने के लिये सात राज्यों में कुल 143 खेलो इंडिया केंद्र खोलने का फैसला किया है जिस पर कुल 14.30 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

इन केंद्रों को महाराष्ट्र, मिजोरम, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक केंद्र में किसी एक खेल की सुविधा उपलब्ध होगी।

खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने बयान में कहा, ‘भारत को 2028 ओलंपिक में शीर्ष दस देशों में शामिल करने का हमारा प्रयास है। इसे हासिल करने के लिये हमें खिलाड़ियों की उनकी छोटी उम्र में ही पहचान करने और उन्हें निखारने की आवश्यकता है। ‘ उन्होंने कहा, ‘जिलास्तरीय खेलो इंडिया केंद्रों पर अच्छे प्रशिक्षकों और उपकरणों की मौजूदगी में मुझे विश्वास है कि हम सही समय पर सही खेल के लिये सही बच्चे ढूंढने में सफल रहेंगे।’ मंत्रालय ने जून 2020 में चार साल में 1000 खेलो इंडिया केंद्र खोलने की योजना बनायी थी। इनमें से कम से कम प्रत्येक जिले में एक केंद्र खोलने की योजना है।

इनमें से 217 केंद्र पहले ही कई राज्यों में खोले जा चुके हैं। इसके अलावा मंत्रालय ने पूर्वोत्तर, जम्मू—कश्मीर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और लद्दाख के प्रत्येक जिले में दो — दो केंद्र खोलने का फैसला किया था।

राज्यवार खेलो इंडिया केंद्रों का विवरण इस प्रकार है महाराष्ट्र: 3.60 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 30 जिलों में 36 खेलो इंडिया केंद्र।

मिजोरम: 20 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ कोलासिब जिले में दो खेलो इंडिया केंद्र।

अरुणाचल प्रदेश: 4.12 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 26 जिलों में 52 खेलो इंडिया केंद्र।

मध्य प्रदेश: 40 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ चार खेलो इंडिया केंद्र।

कर्नाटक: 3.10 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 31 खेलो इंडिया केंद्र।

मणिपुर: 1.60 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 16 खेलो इंडिया केंद्र।

गोवा: 20 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ दो खेलो इंडिया केंद्र।

यास’ के अगले 12 घंटों के दौरान उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने से अत्यधिक उग्र चक्रवाती तूफान के रूप में तेज होने का अनुमान: चंदबाली-धमरा बंदरगाह के बेहद निकट उ ओडिशा और प बंगाल तटों के निकट उ प बंगाल की खाड़ी पहुंचेगा attacknews.in

उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ता रहेगा, और तेज होगा तथा 26 मई, बुधवार की सुबह तक चंदबाली-धमरा बंदरगाह के बेहद निकट उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल तटों के निकट उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंचेगा

नईदिल्ली 25 मई । पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर उग्र चक्रवाती तूफान ‘यास’ उत्तर पश्चिम दिशा में लगभग 10 किमी प्रति घंटे की गति से पिछले 6 घंटों में बढ़ा और 25 मई, 2021 को 0530 बजे भारतीय मानक समय, पारादीप (ओडिशा) के 320 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व, बालासोर (ओडिशा) के 430 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व, दीघा (पश्चिम बंगाल) के 420 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व तथा खेपुपारा (बांग्लादेश) से 470 किमी दक्षिण दक्षिण पश्चिम के निकट अक्षांश 18.0 डिग्री उत्तर तथा देशांतर 88.6 डिग्री पूर्व के निकट पूर्वी मध्य तथा समीपवर्ती पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में केंद्रित रहा।

इसके अगले 12 घंटों में उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने, एक अत्यधिक उग्र चक्रवाती तूफान में तेज होने का अनुमान है। यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ना जारी रखेगा और सघन होगा तथा बुधवार, 26 मई की सुबह तक चंदबाली-धमरा बंदरगाह के बेहद निकट उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल तटों के निकट उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंचेगा।

एक बेहद उग्र चक्रवाती तूफान के रूप में 26 मई, बुधवार की दोपहर में इसके पारादीप तथा सागर द्वीपसमूहों के बीच उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों को पार करने का अनुमान है।

पूर्वानुमान ट्रैक और तीव्रता का विवरण नीचे टेबल में दिया गया है-

तिथि/समय ( भारतीय मानक समय) – स्थिति ( अक्षांश डिग्री उत्तर/ देशांतर डिग्री पूर्व) ‘अधिकतम निरंतर सतह हवा की गति (किमी प्रतिघंटे) -चक्रवाती विक्षोभ का वर्ग :

25.05.21/0230 -18.0/88.6 -100-110 से बढ़कर -120

उग्र चक्रवाती तूफान

25.05.21/0530 -18.7/88.2 -105-115 से बढ़कर -125

उग्र चक्रवाती तूफान

25.05.21/1130 -19.5/87.9 -125-135 से बढ़कर -150

बहुत उग्र चक्रवाती तूफान

25.05.21/1730 -20.1/87.7। -145-155 से बढ़कर -170

बहुत उग्र चक्रवाती तूफान

26.05.21/2330 -20.7/87.4 -155-165 से बढ़कर ‘185

बहुत उग्र चक्रवाती तूफान

26.05.21/1130 -21.8/86.5 -115-125 से बढ़कर -140

बहुत उग्र चक्रवाती तूफान

27.05.21/2330 -22.5/85.6 -60-70 से बढ़कर -80

गहरा विक्षोभ

27.05.21/1130 -23.2/84.7 -35-45 से बढ़कर ’55

विक्षोभ

चेतावनी- (1)

वर्षाः उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश- 25 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा तथा अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है।

ओडिशा- 25 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा पुरी, जगतसिंहपुर, खुरदा, कटक, केंद्रपारा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा तथा गंजाम, धेनकनल, मयूरभंज जिलों में भारी वर्षा, 26 मई को जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपारा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, कियोंझारगढ़ में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी तथा अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा और पुरी, खुरदा, अंगुल, देवगढ़, सुंदरगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा और 27 मई को उत्तरी आंतरिक ओडिशा में भारी से बहुत भारी और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने का अनुमान है।

पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम- 25 मई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना में भारी से बहुत भारी वर्षा तथा हावड़ा, हुगली और उत्तर 24 परगना जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है, 26 मई को मेदिनीपुर में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा तथा झारग्राम, पुरुलिया, बांकुरा, बर्धमान, हावड़ा, हुगली, कोलकाता, उत्तर 24 परगना, बीरभूम में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है तथा 27 मई को माल्दा और दार्जिलिंग, दिनाजपुर, कलिमपोंग, जलपाईगुड़ी, सिक्किम में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने तथा बांकुरा, पुरुलिया, बर्धमान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है।

झारखंड- 26 एवं 27 मई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा तथा 28 मई को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

बिहार- 27 मई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने और 28 मई को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

असम एवं मेघालय- 26 एवं 27 मई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

(ii) हवा की चेतावनीः मध्य बंगाल की खाड़ी के प्रमुख हिस्सों के ऊपर चक्रवाती हवा गति (100-110 किमी तथा बढ़कर 120 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के व्याप्त होने का अनुमान। इसके 24 मई की शाम से और तेज होकर 125-135 किमी तथा बढ़कर 140 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है। उत्तर बंगाल की खाड़ी तथा उत्तर आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 50-60 किमी तथा बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के व्याप्त होने का अनुमान। धीरे धीरे यह बढ़कर 26 की सुबह से जगतसिंहपुर, केंद्रपारा, भद्रक सहित से उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तरी ओडिशा और समीपवर्ती पश्चिम बंगाल तटों के ऊपर 155-165 किमी तथा बढ़कर 185 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी और तेजी आएगी और 26 मई की दोपहर से ओडिशा के बालासोर जिले के ऊपर बढ़ेगी, 26 मई की सुबह से ओडिशा के मयूरभंज जिले के ऊपर तथा पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और 24 परगना जिले के ऊपर ऊपर 100-120 किमी तथा बढ़कर 145 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। चक्रवाती हवा गति (80-90 किमी तथा बढ़कर 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के इसी अवधि के दौरान ओडिशा के पुरी, कटक, खुरदा, जाजपुर जिलों तथा पश्चिम बंगाल के झारग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तरी 24 परगना के ऊपर व्याप्त होने का अनुमान। चक्रवाती हवा गति (60-80 किमी तथा बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के गंजाम के निकट तथा उत्तरी ओडिशा शेष आंतरिक जिलों के ऊपर व्याप्त होने का अनुमान। चक्रवाती हवा (गति 60-80 किमी तथा बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) 26 मई की सुबह से ओडिशा के गंजाम, धेनकानल और किंयोझार जिलों तथा पश्चिम बंगाल के बांकुरा, पुरुलिया, हावड़ा, हुगली, नादिया और बर्धमान जिलों के ऊपर व्याप्त होगी। इसी अवधि के दौरान, चक्रवाती हवा (गति 50-60 किमी तथा बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) ओडिशा के अंगुल, देवगढ़ और सुंदरगढ़ जिलों, पश्चिम बंगाल के बीरभूम तथा मुर्शिदाबाद जिलों और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम तथा विशाखापट्टनम जिलों के ऊपर व्याप्त होगी। 26 मई की दोपहर से दक्षिण झारखंड के ऊपर चक्रवाती हवा (गति 40-50 किमी तथा बढ़कर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) व्याप्त होने का अनुमान और धीरे धीरे इसके बढ़कर 26 मई की शाम/रात तक दक्षिण पूर्व झारखंड के ऊपर गति 90-120 किमी तथा बढ़कर 130 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने तथा दक्षिण पश्चिम झारखंड के ऊपर गति 70-80 किमी तथा बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है। चक्रवाती हवा (गति 50-60 किमी तथा बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) 27 मई को ओडिशा के केंद्रपारा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, कियोंझार, देवगढ़ और सुंदरगढ़ जिलों तथा पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर, झारग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों के ऊपर व्याप्त होगी।

(iii) समुद्र की स्थिति– समुद्र की स्थिति पश्चिम मध्य तथा समीपवर्ती पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर उच्च से बहुत उच्च है। इसके 25 की शाम से 26 मई की शाम के दौरान मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों, उत्तर बंगाल की खाड़ी और उत्तरी आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के समीप बहुत उच्च से अत्यधिक उच्च हो जाने का अनुमान है।

(iv) मछुआरों को चेतावनी– मछुआरों को 26 मई की दोपहर तक मध्य बंगाल की खाड़ी तथा 25-26 मई के दौरान उत्तर बंगाल की खाड़ी और उत्तरी आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के करीब न जाने का सुझाव दिया गया है।

जो लोग उत्तर के गहरे समुद्र तथा समीपवर्ती मध्य बंगाल की खाड़ी में गए हुए हैं, उन्हें तट पर लौट आने का सुझाव दिया गया है।

(v) तूफान में तेजी की चेतावनी- खगोलीय ज्वार से ऊपर 2-4 मीटर की ज्वारीय लहरों के जमीन से टकराने के दौरान तक मेदिनीपुर बालासोर, भद्रक के निचले तटीय क्षेत्रों के जलमग्न होने की आशंका है और 2 मीटर की ज्वारीय लहरों के जमीन से टकराने के दौरान दक्षिण 24 परगना, मेदिनीपुर, केद्रपारा और जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों के जलमग्न होने की आशंका है।

उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और इन राज्यों के समीपवर्ती आंतरिक जिलों के लिए अपेक्षित नुकसान

· फूस के मकान पूरी तरह ध्वस्त/कच्चे घरों को व्यापक नुकसान। पक्का घरों को कुछ नुकसान।

· उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा

· बिजली तथा संचार के खंभों का मुड़ जाना/उखड़ना

· कच्ची तथा पक्की सड़कों को भारी नुकसान

· निकलने के रास्तों पर बाढ़

· रेलवे, ओवरहेड बिजली के तारों तथा सिग्नलिंग प्रणालियों में बाधा,

· खड़ी फसलों, बगानों, उद्यानों को व्यापक नुकसान, हरे नारियलों के गिरना तथा ताड़ पत्रों का टूटना

· आम जैसे झाड़ीदार पेड़ों को नुकसान

· छोटी नौकाएं, कंट्री क्राफ्ट मूरिंग्स से अलग हो सकते हैं

· दृश्यता बुरी तरह प्रभावित

उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और इन राज्यों के समीपवर्ती आंतरिक जिलों के लिए सुझाए गए कदम

· प्रभावित क्षेत्रों में मछली पालने का काम तथा जहाजों की आवाजाही स्थगित

· भारत के पूर्वी तट के करीब के बंदरगाह आवश्यक सावधानी बरत सकते हैं

· नौसेना बेस आपरेशन आवश्यक सावधानी बरत सकते हैं

· इन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां सीमित की जाएं

· पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से निकासी की जाए

· रेल एवं सड़क यातायात की विवेकपूर्ण विनियमन

· प्रभावित क्षेत्रों के लोग घरों के भीतर ही रहें

तूफान आने से पूर्व तैयारी संबंधी कदम