इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह में बिचौलियों, मास्टरमाइंड व लाभार्थियों की लंबी चेन की जड़ों तक जाने के लिए जांच को जरूरी बताते शिक्षक की अग्रिम जमानत खारिज की attacknews.in

फर्जी मार्कशीट बनाने वाले शिक्षा पद्धति को नुकसान व सामाजिक ढांचे को कर रहे हैं पंगु :हाईकोर्ट

प्रयागराज, 11 जून । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर 11 वर्ष से प्राइमरी स्कूल में नौकरी कर रहे शिक्षक की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए अग्रिम जमानत देने से इन्कार करते हुए कहा कि फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह सामाजिक ढांचे को पंगु बना रहे हैं और शिक्षा पद्धति के जड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं ।

शिक्षक पर आरोप है कि वह आगरा विश्वविद्यालय से बीएड की फर्जी मार्कशीट के आधार पर नियुक्त हुआ और वर्ष 2009 से पढ़ा रहा था ।

फर्जी मार्कशीट को लेकर उसके खिलाफ थाना- अहमदगढ़, बुलंदशहर में भारतीय दंड संहिता की धारा 420,467,468,471 के तहत दर्ज कराया गया है।

इस मुकदमे में याची ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी।

याची के वकील का कहना था कि इस मार्कशीट को पाने में उसका कोई दोष नहीं है ।

उसे नहीं मालूम था कि उसकी मार्कशीट फर्जी है जबकि अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद कान्त का कहना था कि यूपी में बिचौलियों के मार्फत फर्जी मार्कशीट बनाने व देने का रैकेट चल रहा है।

याची कई वर्षों तक फर्जी मार्कशीट का लाभ लेता रहा है ।

वह यह नहीं कह सकता कि उसे फर्जी मार्कशीट का ज्ञान नहीं था।

याची अध्यापक सुनील कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि याची अदालत में अपने को सरेन्डर करे और विवेचना में सहयोग करे।

न्यायालय ने कहा कि फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह में बिचौलियों, मास्टरमाइंड व लाभार्थियों की लंबी चेन है।

इसकी जड़ों तक जाने के लिए जांच जरूरी है ।

ऐसे मामलों में जांच के लिए कस्टडी कभी-कभी जरूरी हो जाती है ।

₹1064 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी करने के मामले में टीआरएस सांसद नागेश्वर राव के घर-दफ्तर पर ED ने मारा छापा,6 स्थानों पर तलाशी attacknews.in

हैदराबाद, 11 जून । प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने बैंक धोखाधड़ी के मामले में तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) सांसद एन नागेश्वर राव और एक कंपनी के निदेशकों के कार्यालयों एवं आवासों पर शुक्रवार को छापा मारा।

ईडी अधिकारियों ने सांसद के पुत्र एन पृथ्वी तेजा समेत रांची एक्सप्रेस वे लिमिटेड के निदेशकों के कार्यालय और आवासों पर सुबह छापा मारा।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (11 जून 2021) को 1,064 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड के मामले में तेलंगाना के खम्मम से टीआरएस के सांसद नामा नागेश्वर राव और ‘राँची एक्सप्रेस वे लिमिटेड’ के निदेशकों के घर और दफ्तर पर छापेमारी की।

तलाशी अभियान सुबह 7 बजे शुरू हुआ। इस दौरान ईडी ने 6 स्थानों पर सर्च अभियान चलाया, जिसमें सांसद नामा नागेश्वर राव के आवास व दफ्तर, हैदराबाद के जुबली हिल्स स्थित मधुकॉन इंफ्रा के ऑफिस, ‘राँची एक्सप्रेस वे’ के सीएमडी के. श्रीनिवास राव एवं इस कंपनी के दो अन्य निदेशकों – एन. सीतैया व पृथ्वी तेजा के आवास पर छापेमारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक से लोन दिलाने के मामले में नामा नागेश्वर राव पर्सनल गारंटर बने थे और पृथ्वी तेजा उनके बेटे हैं।

2019 में सीबीआई ने दर्ज की थी एफआईआर

साल 2019 में सीबीआई ने राँची एक्सप्रेस वे लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद केंद्रीय जाँच एजेंसी ने इस मामले में कंपनी और इसके निदेशकों के खिलाफ 2020 में चार्जशीट दाखिल की थी।

सीबीआई की एफआईआर में उस दौरान मधुकॉन प्रोजेक्ट, मधुकॉन इंफ्रा, मधुकॉन टॉली हाईवे, ऑडिटर्स और बैंकों के एक कंसोर्टियम के अधिकारियों के भी नाम शामिल थे।अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच कर रहा है।

दरअसल, केनरा बैंक के नेतृत्व में बैंक्स प्रमोटरों के 503 करोड़ रुपए के सहयोग से 1,151 करोड़ की फंडिंग के लिए सहमत हुए थे।

इस केस में गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय (एसएफआईओ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रमोटरों ने 50 करोड़ रुपए में हेराफेरी कर रख-रखाव के रूप में 98 करोड़ रुपए का दावा किया और 94 करोड़ जुटाने के लिए एडवांस का इस्तेमाल कर लिया। इसके बाद 22 करोड़ रुपए को डायवर्ट कर दिया। इस तरह से कंपनी ने कुल 264 करोड़ रुपए का घालमेल किया।

सीबीआई ने कहा है कि अभी तक परियोजना में कोई प्रगति नहीं हुई है और आरोपितों ने 1,029 करोड़ रुपए का कर्ज हासिल करने के लिए धोखाधड़ी की है। 2018 में इस लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए में डाल दिया गया था।

कंपनी को राँची से जमशेदपुर को जोड़ने वाले एनएच-33 पर 163 किलोमीटर लंबी फोर लेन सड़क का ठेका मिला था। मार्च 2011 में ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मधुकॉन प्रोजेक्ट लिमिटेड को इसका ठेका दिया था। इसके बाद मधुकॉन लिमिटेड ने इस विशेष परियोजना के लिए राँची एक्सप्रेस वे लिमिटेड शुरू किया था।

हालाँकि, जनवरी 2019 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपने एग्रीमेंट को खत्म कर दिया था और कंपनी के 73 करोड़ रुपये को जब्त कर लिया था।

मुख्य न्यायाधीश ए वी रमन ने की भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना attacknews.in

तिरुमला, 11 जून । मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ए.वी. रमन ने परिवार के सदस्यों के साथ भगवान वेंकटेश्वर के प्राचीन पहाड़ी मंदिर में शुक्रवार तड़के पूजा-अर्चना की।

न्यायमूर्ति रमन गुरुवार शाम दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। रात्रि विश्राम के बाद उन्होंने आज तड़के परिवार के सदस्यों के साथ अभिषेकम सेवा अवधि के दौरान भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की।

इससे पहले, मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचने पर भगवान वेंकटेश्वर के परम भक्त न्यायमूर्ति रमण का टीटीडी के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कार्यकारी अधिकारी डॉ. केएस जवाहर रेड्डी और अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी एवी धर्म रेड्डी के साथ पारंपरिक स्वागत किया।

ईश्वर के सामने कुछ मिनट प्रार्थना करने के बाद न्यायमूर्ति रमन मंदिर परिसर के अंदर रंगनाकुला मंडपम पहुंचे, जहां उन्हें वेद पंडितों द्वारा वेदार्शिवचनम प्रदान किया गया।

टीटीडी के अध्यक्ष और ईओ ने न्यायमूर्ति रमन को मंदिर का प्रसाद और भगवान वेंकटेश्वर की तस्वीर वाला स्मृति चिह्न भेंट किया।

मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने के बाद न्यायमूर्ति रमन की मंदिर की यह पहली यात्रा है।
गुरुवार को तिरुमला पहुंचने के बाद उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ पहाड़ी मंदिर में एकांत सेवा अनुष्ठान में भी भाग लिया। उनकी यात्रा के मद्देनजर पुलिस ने तिरुमला में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये।

बंद पड़े मकान में चोरी के इरादे से घुसे दो बदमाशों में से एक को पुलिस ने पकड़ा, तो दूसरे बदमाश ने पकडे जाने के भय से अपने को गोली से उड़ा लिया, तीसरा मौका पाकर फरार attacknews.in

बरेली 11 जून । उत्तरप्रदेश में बरेली के फरीदपुर इलाके के मठिया बुखार रोड पर बीती रात बंद पड़े मकान में चोरी के इरादे से घुसे दो बदमाशों में से एक को पुलिस ने पकड़ लिया , दूसरे बदमाश ने पुलिस से पकडे जाने के भय से अपने को गोली से उड़ा लिया। तीसरा मौका पाकर फरार हो गया।

पुलिस ने कहा कि बीती रात बंद पड़े सुखपाल के मकान में चोरी करने के लिए दो बदमाश घुस गए, जबकि उनका तीसरा साथी बाहर खड़ा रहा।. गश्त कर रही पुलिस ने रात में कार को देखा तो पास खड़े व्यक्ति से इसका कारण पूछा। गाड़ी चालक ने कहा कि वो सवारी छोड़ने आया है।

पुलिस ने गश्त पर जाते समय चालक और कार का फोटो ले किया था। बाद में गश्त कर रही टीम चली गई.। बाद में गश्त कर रही टीम को आता देख चालक गाड़ी लेकर फरार हो गया. चालक के फरार होने के बाद जवानों को शक हुआ तो उन्होंने टॉर्च मारकर देखा तो सुखपाल के बंद पड़े मकान की कुंडी टूटी हुई थी।

कुंडी टूटी देख पुलिसकर्मियों को अंदर चोर के होने का शक हुआ और उन्होंने और पुलिसकर्मियों को बुला का मकान को चारों तरफ से घेर लिया गया।

एसपी ग्रामीण राज कुमार अग्रवाल ने बताया कि बदमाश मकान में चोरी की घटना को अंजाम दे रहे थे,उस मकान का गेट अंदर से बंद था, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने बलपूर्वक गेट को खोल कर अंदर घुसे. पुलिस को अंदर आता देखकर बदमाश छत की तरफ भागे, जहां पुलिस ने एक बदमाश अभिषेक को मौके से गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसका साथी तीसरी मंजिल के मकान से कूदकर पड़ोसी सोनू शर्मा के मकान पर कूद गया।

पुलिस अधिकारियों की मानें तो बदमाश ने सुखपाल की तीसरी मंजिल के मकान से कूदकर पड़ोस के सोनू शर्मा की छत पर कूद गया. खुद को पुलिस से घिरता देख उसने पुलिस पर फायरिंग की. पुलिस ने उसको आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन जब काफी देर तक चोर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो पुलिस ने सीढ़ी लगाकर छत पर चढ़कर देखा तो बदमाश मृत पड़ा था और उसके पास एक अवैध तमंचा भी था।

एसपी ग्रामीण राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि बदमाश सुखपाल की तीसरी मंजिल से कूदकर पड़ोस के सोनू शर्मा की छत पर चले गये । खुद को पुलिस से घिरता देख उसने पुलिस पर फायरिंग की। पुलिस ने आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन जब काफी देर तक चोर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो पुलिस ने सीढ़ी लगाकर छत पर चढ़कर देखा तो बदमाश मृत पड़ा था और उसके पास एक अवैध तमंचा भी था। श्री अग्रवाल ने बताया की खुद की गोली से मरा बदमाश अजय बरेली जिले के थाना केंट के ग्राम चौबारी का रहने वाला है। उस पर थान केंट, फरीदपुर और बिथरी चैनपुर में आधा दर्जन केस दर्ज हैं।

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देने के लिए विधेयक पारित किया attacknews.in

इस्लामाबाद, 11 जून । पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सरकार समर्थित एक विधेयक पारित किया है जो सजायाफ्ता भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देगा। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी सामने आई है।

‘डॉन’ समाचार-पत्र ने खबर दी कि नेशनल असेंबली ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (समीक्षा एवं पुनर्विचार) विधेयक, 2020 को बृहस्पतिवार को पारित किया जिसका लक्ष्य कथित भारतीय जासूस जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले के अनुरूप राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराना है।

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, 51 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था।

द हेग स्थित आईसीजे ने जुलाई 2019 में फैसला दिया कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराने और सजा सुनाने संबंधी फैसले की ‘‘प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार” करना चाहिए और बिना किसी देरी के भारत को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने देने का भी अवसर देना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने 2019 के फैसले में पाकिस्तान को, जाधव को दी गई सजा के खिलाफ अपील करने के लिए उचित मंच उपलब्ध कराने को कहा था।

विधेयक पारित होने के बाद, कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा कि अगर उन्होंने विधेयक पारित नहीं किया होता तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद चला जाता और आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देता। नसीम ने कहा कि विधेयक आईसीजे के फैसले के मद्देनजर पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक पारित कर उन्होंने दुनिया को साबित कर दिया कि पाकिस्तान एक “जिम्मेदार राष्ट्र” है।

नेशनल असेंबली ने चुनाव (सुधार) विधेयक समेत 20 अन्य विधेयक भी पारित किए।

विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया और तीन बार कोरम (कार्यवाही के दौरान उपस्थित सदस्यों की तय से कम संख्या) की कमी की ओर इशारा किया लेकिन हर बार सदन के अध्यक्ष ने सदन में पर्याप्त संख्या घोषित की और काम-काज जारी रखा जिससे विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया।

विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और नारेबाजी की।

सरकार के कदम की आलोचना करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद एहसान इकबाल ने कहा कि इस कदम ने जाधव को राहत देने के लिए विधेयक को भारी विधायी एजेंडा में शामिल किया। इकबाल ने कहा कि यह व्यक्ति विशेष विधेयक था और जाधव का नाम विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में शामिल था। उन्होंने कहा कि जब देश का कानून उच्च न्यायालयों को सैन्य अदालतों द्वारा सुनाई गई सजा की समीक्षा का प्रावधान करता है तो इस विधेयक को लाने की क्या जरूरत थी।

जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले के तुरंत बाद पिछले साल मई में सरकार ने अध्यादेश लाकर कानून को पहले ही अमल में ला दिया था।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने सदन अध्यक्ष से सदस्यों को विधेयक का अध्ययन करने के लिए कुछ वक्त देने को कहा। उन्होंने, पहले अध्यादेश के माध्यम से विधेयक लाने और फिर विधेयक पारित कर जाधव को राहत देने के लिए सरकार की आलोचना की।

कानून मंत्री नसीम ने कहा कि वह विपक्ष का आचरण देख कर स्तब्ध रह गए और ऐसा लगता है कि विपक्ष ने आईसीजे का फैसला नहीं पढ़ा। उनके अनुसार, आईसीजे ने साफ कहा है कि पाकिस्तान जाधव को, फैसले की समीक्षा का उनका अधिकार देने के लिए एक प्रभावी कानून बनाए।

एम्स-आईएनआई सीईटी 2021 परीक्षा एक महीने के लिए स्थगित:32 राज्यों में परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गयी attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 जून । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को आईएनआई सीईटी 2021 परीक्षा एक महीने के लिए स्थगित करने का आदेश दिया।

यह परीक्षा पहले 16 जून का होने वाली थी। अब यह परीक्षा एक महीने बाद किसी भी दिन करायी जाने वाली थी।

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने 23 एमबीबीएस डाॅक्टरों के समूह, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क (छत्तीसगढ़ चैप्टर) और कोविड मरीजों के उपचार में लगे 35 अन्य रेजीडेंट डाक्टरों की याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद यह आदेश दिया।

न्यायालय ने कहा, “ अभ्यर्थियों ने जिन केन्द्राें को चुना है, वे उनसे काफी दूर कोविड ड्यूटी कर रहे हैं। उन्हें तैयारी के पर्याप्त समय नहीं मिला है, इसके मद्देनजर हमारा मानना है कि 16 जून की तारीख परीक्षा के लिए निर्धारित करना मनमानी है। हम एम्स को निर्देश देते हैं कि वह इस परीक्षा को कम से कम एक महीने के स्थगित कर दे।”

याचिकाकर्ताओं ने 16 जून को परीक्षा करवाने को चुनौती देते हुए कहा कि अधिकतर डाॅक्टर विभिन्न अस्पतालों में कोविड ड्यूटी कर रहे हैं और उन्हें परीक्षा की तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिला है।

उन्होंने याचिका में पोस्ट ग्रेजुएट काेर्स में प्रवेश के लिए होने वाली इस परीक्षा को स्थगित किये जाने की मांग करते हुए इस बारे में निर्देश देने की गुहार लगायी है।

याचिकाकर्ताओं के वकील अरविंद दातार ने कहा कि जब मई में होने वाली नीट परीक्षायें अगस्त तक के लिए स्थगित की जा सकती हैं तो आईएनआई सीईटी की परीक्षा क्यों नहीं स्थगित की जा सकती।

एम्स के वकील दुष्यंत पाराशर ने पीठ से कहा कि मई में प्रॉस्पेक्टस जारी कर दिया था और एक मई को अभ्यर्थी को परीक्षा के बारे में अवगत किया गया था। अगर परीक्षा रोक दी गयी तो डाक्टरों की कमी हो जायेगी।

उन्होंने कहा कि देश के 32 राज्यों में परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति में भी सुधार हो गया है।

न्यायालय ने हालांकि जाेर दिया कि परीक्षा कम से कम एक महीने के लिए स्थगित की जानी चाहिए। एम्स के वकील ने निर्देश लेने के लिए सोमवार तक का समय देने की मांग की लेकिन पीठ ने यह कहते हुए इससे इन्कार कर दिया कि परीक्षा की तिथि काफी नजदीक है।

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोपों की CBI जांच की मांग यह कहकर याचिका खारिज कर दी कि, पुलिस में सेवा करने वाला व्यक्ति अब कह रहा है कि उसे राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 जून । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ सभी मामलों को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अथवा किसी अन्य राज्य को स्थानांतरित करने की मांग की थी।

अदालत ने कहा, “आपकोे अपने बलों (महाराष्ट्र पुलिस) पर संदेह नहीं होना चाहिए।”

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की अवकाशकालीन पीठ ने परम बीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे “चौंकाने वाला वाकिया” बताया कि महाराष्ट्र पुलिस बल में 30 साल से अधिक समय तक सेवा करने वाला व्यक्ति अब कह रहा है कि उसे राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है।

पीठ ने कहा, “जिनके घर शीशे के हो वो दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते हैं।”

पीठ ने कहा कि इस याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।

पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के बारे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इसके बाद उन्होंने कहा था कि ऐसा खुलासा करने के बाद से ही राज्य पुलिस बल उनके पीछे पड़ गया है।

वर्चुअल सुनवाई के दौरान परम बीर सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें श्री देशमुख के संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की सजा का सामना करना पड़ रहा है।

श्री जेठमलानी ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मामले के प्रभारी अधिकारी ने परम बीर सिंह पर पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया और उन्हें कई आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी गयी।

इस पर शीर्ष अदालत ने पूछा कि क्या डीजीपी रैंक का कोई अधिकारी दबाव के आगे झुक सकता है, तो पुलिस बल के अन्य लोगों की हालत क्या होगी।

गौरतलब है कि 20 मार्च को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के इस वरिष्ठ अधिकारी ने एक बहुत ही चौंकाने वाले पत्र में आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने कथित तौर पर एक गिरफ्तार-निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाज़े को बार और हुक्का से प्रति माह 100 करोड़ रुपये वसूली करने के लिए कहा था।

बाद में श्री देशमुख ने श्री सिंह के आरोपों ‘को यह कहकर खारिज कर दिया था कि एंटीलिया बम मामले और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या से खुद को बचाने की कोशिश” के तहत वह इस तरह की बातें कर रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने भी उनकी पहले की याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया था और उनके आरोपों को ‘गंभीर प्रकृति’ का बताते हुए, उन्हें पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय में जाने का निर्देश दिया था।

शेरों को हुआ कोरोना;अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई की दो शेरनी और एक शेर संक्रमित attacknews.in

बरेली 10 जून । तमिलनाडु के अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई की दो शेरनी और एक शेर में संक्रमित मिले है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की प्रयोगशाला में सैंपल जाँच में इसकी पुष्टि की गयी है।

संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ के पी सिंह ने गुरूवार को बताया कि तमिलनाडु के अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई से चार सैंपल टाइगर और दो सैंपल शेरनी और एक सैंपल शेर का आया था ।

आईवीआरआई की प्रयोगशाला में चार टाइगरों के सैंपलों की हुयी जाँच में चारों सारा कोव-2 कोरोना और डिस्टेम्पर निगेटिव मिले है जबकि एक शेरनी में सारा कोव-2 (कोरोना) और डिस्टेंपर पॉजिटिव मिले है। एक अन्य शेरनी में सारा कोव-2 (कोरोना) पॉजिटिव और तीसरे शेर में डिस्टेंपर पॉजिटिव मिला है। इसकी सूचना अरिगनर अन्ना प्राणी उद्यान चेन्नई के अधिकारियों को भेजी जा रहे है।

राज्यपाल कोटे से बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाने के नाम पर ₹ 60 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का अपराधी वशिष्ठ नारायण झा गिरफ्तार attacknews.in

शिवहर, 10 जून ।बिहार में शिवहर जिला पुलिस ने बिहार विधान परिषद का सदस्य राज्यपाल कोटे से बनाने के नाम पर 60 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक अपराधी वशिष्ठ नारायण झा को जिले को पुरनहिया थान क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।

थानाध्यक्ष विजय कुमार यादव ने गुरूवार को यहां बताया कि फूलकहां गांव निवासी रितेश कुमार त्रिवेदी ने 22 मार्च को थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि पुरनहिया थाना क्षेत्र के चिरैया गांव निवासी अनीश कुमार झा एवं उसके पिता वशिष्ठ नारायण झा द्वारा एक पार्टी के बड़े नेता से संपर्क होने की बात कहकर राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाने के नाम पर 35 लाख का पहला चेक और 25 लाख का दूसरा चेक अगस्त 2020 में लिया। दोनों चेक एचडीएफसी बैंक के माध्यम से भुगतान भी हो गया।

जब राज्यपाल के कोटे से बनने वाले विधान परिषद सदस्यों की सूची में नाम नहीं होने पर उससे संपर्क की कोशिश की गयी तो वह टालमटोल करने लगा।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए 16 जून से शुरू होगा विशाल मौन मोर्चा attacknews.in

कोल्हापुर, 10 जून । राज्यसभा सांसद और मराठा नेता छत्रपति संभाजीराजे भोसले ने गुरुवार को घोषणा कि 16 जून को शहर के टाउन हॉल क्षेत्र में छत्रपति शाहू महाराज की समाधि से एक विशाल मौन मोर्चा निकाला जाएगा।

श्री भोसले ने विभिन्न सामाजिक संगठनों, मराठा संगठनों और पदाधिकारियों से मराठा आंदोलन के संबंध में बात करने के बाद आज अपराह्न सरकारी अतिथि गृह में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कोल्हापुर शहर का चयन आरक्षण के आंदोलन की शुरुआत के लिए इसलिए नहीं किया कि वह स्वयं कोल्हापुर से हैं, बल्कि इसलिए किया कि यह छत्रपति शाहू महाराज की भूमि है, जिन्होंने देश में ‘बहुजन समाज’ के लिए पहला आरक्षण और देश को दिशा देने वाले शहर के रूप में घोषित किया था।

राजस्थान में बढ़ी बाबा रामदेव की मुसीबत:खैरथल में पतंजलि के लिए सरसो तेल बनाने वाली सिंघानिया ऑयल मिल पर लिए गए सभी तेल के सेम्पल गुणवत्ता अनुरुप नहीं पाये गये attacknews.in

अलवर 10 जून । राजस्थान में अलवर जिला कलेक्टर के निर्देश पर जिले के खैरथल में बाबा रामदेव की पतंजलि के लिए सरसो का तेल बनाने वाली सिंघानिया ऑयल मिल पर लिए गए सभी तेल के सेम्पल गुणवत्ता अनुरुप नहीं पाये गये।

मुख्य चिकित्सा एवं अधिकारी के निर्देशानुसार प्रशासन द्वारा गठित खाद्य सुरक्षा अधिकारीयो की टीम द्वारा 27 मई 2021 को खैरथल स्थित मैसर्स सिघानिया मिल, 60, इण्डस्ट्रीयल एरिया, खैरथल, जिला अलवर से लिये गये नमूने मस्टर्ड पाउच (पतंजली ब्राण्ड) मस्टर्ड ऑईल बोतल (पतजली ब्राण्ड) मस्टर्ड ऑईल (श्री श्री तत्व ब्राण्ड), तथा मस्टर्ड ऑर्डल (पार्लियामेन्ट ब्राण्ड) एवं सरसो तेल के 5 नमूने सग्रहित किये गये थे जो कि खाद्य सुरक्षा एव मानक प्रयोगशाला, अलवर की जांच रिपोर्ट के अनुसार पांचों नमूने गुणवत्ता अनुसार नही पाये गये।

मस्टर्ड ऑईल पाउच (पतंजली ब्राण्ड), मस्टर्डी ऑईल बोतल (पतजली ब्राण्ड), मस्टर्ड ऑईल (श्री श्री तत्व ब्राण्ड) एव सरसो तेल अवमानक्/ खाद्य पदार्थ पाया गया तथा मस्टर्ड ऑईल (पार्लियामेन्ट (पढ़े अवमानक एवं मिथ्या छाप खाद्य पदार्थ होना पाया गया है।

सीएमएचओ डॉ ओम प्रकाश मीना ने बताया कि इसमें सरकार के फ़ूड सेफ्टी एक्ट के तहत करवाही की जाएगी। इसमे अदालत ही करवाही करेगी। संबंधित पार्टी अपील कर सकती है।

डा दशरथ सिंह के पास तीन विषयों में पीएचडी के साथ है 68 डिग्री एवं डिप्लोमा;अधिक डिग्रियां हासिल करने पर इंटरनेशनल बुक में भी नाम दर्ज attacknews.in

झुंझुनू,10 जून।राजस्थान में झुंझुनू जिले के खिरोड़ गांव के डॉ. दशरथ सिंह शेखावत ने विभिन्न विषयों में 68 डिग्री एवं डिप्लोमा प्राप्त कर यह साबित कर दिखाया है कि शिक्षा एवं ज्ञान हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती है।

डा दशरथ सिंह ने देश सेवा करने के साथ-साथ पढ़ाई करते हुये अपने जीवन में इतनी डिग्रियां हासिल कर ली है कि वे हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।

डा. दशरथ सिंह शेखावत ने बताया कि उनका इतनी डिग्रियां हासिल करने का मकसद अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करना हैं।

शिक्षा के प्रति उनकी शुरू से ही ललक रही हैं।अब तक वे विभिन्न विषयों में कुल 68 डिग्री व डिप्लोमा प्राप्त कर चुके हैं।

उनका डिग्री प्राप्त करने का सिलसिला सेना से रिटायर होने के बाद भी जारी हैं।

वर्तमान में भी वे अपनी मेहनत व पढ़ाई के बलबूते पर डिग्री हासिल करने में जुटे हुए हैं।

डा. दशरथसिंह शेखावत ने तीन विषयों में पीएचडी, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, शिक्षा शास्त्र, विधि शास्त्र, योग शास्त्र, अंग्रेजी साहित्य, हिन्दी साहित्य, राजस्थानी साहित्य , पत्रकारिता, पुस्तकालय विज्ञान, मनोविज्ञान, लोक प्रशासन आदि विषयों में एमए, बीए, बीकाम, बीएजी, बीएड, एलएलबी, ऑल इंडिया बार ए गजाम, आर्मी कैडेट कॉलेज एगजाम, आर्म्डफोर्स मेडिकल कोर्स, आर्मी मैप रीडिंग, बेसिक फाउण्डेशन कोर्स, कौशल विकास, डिप्लोमा इन योगा, प्रमोशन फाउण्डेशन कोर्स, मैनेजमेंट एप्टीटयूट टेस्ट, डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी, डिप्लोमा इन मेडिटेशन, डिप्लोमा इन टूरिजम, डिप्लोमा इन प्री टीचर एजुकेशन, पीजी इन साईबर क्राईम कानून, आईपीआर कानून, उपभोक्ता कानून, क्रिमिनल लॉ, पीजी इन तकनीकि सुरक्षा आदि में डिग्री, डिप्लोमा हासिल की है।

डिग्री-डिप्लोमा हासिल करने पर मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर ऑफ इंडिया, यूनिवर्सिटी डिग्री ऑफ दी वर्ल्ड, मोस्ट एजुकेशनली क्वालिफाइड पर्सन का रिकॉर्ड भी डा. दशरथ सिंह शेखावत के नाम है।

अधिक डिग्रियां हासिल करने पर इंटरनेशनल बुक में भी उनका नाम दर्ज है।

डॉ. दशरथ सिंह 1988 में ग्रेजुएशन करने के बाद सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए।

16 वर्ष तक देश की सेवा करने के साथ साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी।

उनके पिता पिता रघुवीर सिंह शेखावत ने भी इंडियन आर्मी में अपने देश के लिए 1965 एवं 1971 की लड़ाई लड़ी थी।

वर्तमान में डा. दशरथ सिंह शेखावत भारतीय सेना के लीगल एडवाइजर के पद पर कार्यरत है।

निजी विश्वविद्यालयों पर पैसों के बदले डिग्रियां बांटने का आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप; विधायक के बाद जेल में बंद कैदी को जारी की गई मार्कशीट attacknews.in

रायपुर 10 जून।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के आरटीआई कार्यकर्ता संजीव अग्रवाल ने मध्य प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय के द्वारा एक विधायक के नाम से पैसों के बदले डिग्री जारी करने के खुलासे के बाद अब छत्तीसगढ़ के निजी विश्वविद्यालय द्वारा एक सजा काट रहे कैदी के नाम पर डिग्री जारी करने का भी खुलासा किया है।

श्री अग्रवाल के मुताबिक छत्तीसगढ़ के एक निजी विश्वविद्यालय ने उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी बलराम साहू को 29 जनवरी 14 को सजा हुए थी और वह 14 अगस्त 19 को रिहा हुआ। जेल से बाहर आने से पहले ही विश्वविद्यालय द्वारा उसे डीसीए (डिप्लोमा ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) का सर्टिफिकेट 29 अगस्त 18 को दे दिया। उसे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण घोषित किया गया है।

भोपाल की सर्वपल्ली राधाकृष्णन यूनिवर्सिटी से विधायक विनय जायसवाल की फर्जी डी सी ए की मार्कशीट के बाद छत्तीसगढ़ की आई एस बी एम यूनिवर्सिटी ने जेल में बंद कैदी की डीसीए की फर्जी मार्कशीट जारी की गई है । छत्तीसगढ़ में पैसों के बदले डिग्रियां बंट रही हैं ।

आरटीआई कार्यकर्ता और विसलब्लोअर संजीव अग्रवाल ने मध्य प्रदेश की एक नामी युनिवर्सिटी के द्वारा छत्तीसगढ़ के एक विधायक की पैसों के बदले डिग्री जारी करने के खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ की एक युनिवर्सिटी द्वारा एक सजा काट रहे कैदी के नाम पर डिग्री जारी करने का भी खुलासा किया है।

शिक्षा विभाग में एक के बाद एक ऐसे खुलासों से देश में शिक्षा व्यवस्था और निजी विश्वविद्यालयों पर सवालिया निशान लग गया है।

पैसों के बदले डिग्रियां बांटने का ये गोरख धंधा केवल मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरे देश में चल रहा है।

प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों द्वारा डिग्री बांटने को लेकर चल रहे फर्जीवाड़ा

संजीव अग्रवाल के मुताबिक प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों द्वारा डिग्री बांटने को लेकर चल रहे फर्जीवाड़ा के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक निजी विवि आईएसबीएम ने उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी बलराम साहू पिता चेतनराम साहू जिसको 29-01-2014 को सजा हुए थी और वह 14-08-2019 को रिहा हुआ। जेल से बाहर आने से पहले ही उस युनिवर्सिटी द्वारा उसे डीसीए (डिप्लोमा ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) का सर्टिफिकेट 29-08-2018 दे दिया। उसे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण घोषित किया गया है।

आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल ने इस मामले में आरोप लगाया कि शिक्षा में सुधार के लिए निजी विश्वविद्यालयों को सरकार ने संचालन की अनुमति दी है, मगर निजी विश्वविद्यालयों ने इसे डिग्री बांटने का धंधा बना लिया है। मोटी रकम लेकर निजी विवि किसी को भी डिग्री दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि राज्य के उन युवाओं का नुकसान हो रहा है, जो कड़ी मेहनत कर नियमित क्लासेज अटेंड करते हैं और परीक्षा में सम्मिलित होते हैं। ताजा मामला यह दर्शाता है कि एक सजायाफ्ता कैदी को प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण की डिग्री मिल जाती है। इससे विवि की कार्यप्रणाली पर संदेह उठना लाजमी है।

संजीव अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ की 15 साल की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में डॉ रमन सिंह के राज में बहुत ही प्राइवेट यूनिवर्सिटी शुरू हुई लेकिन उन्होंने शिक्षा देने की बजाय शॉर्टकट में पैसे कमाना ज्यादा उचित समझा, जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश में बहुत सी यूनिवर्सिटी डिग्री बांटने का गोरख धंधा कर रही हैं केवल पैसे बनाने के लिए।

संजीव अग्रवाल ने कहा कि अभी तो उन्होंने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की एक-एक यूनिवर्सिटी के बारे में खुलासा किया है उनके पास और भी यूनिवर्सिटी के दस्तावेज मौजूद हैं जो समय-समय पर वह मीडिया के समक्ष खुलासे करेंगे।

उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि वे सभी यूनिवर्सिटीज का जल्द से जल्द ऑडिट करवाने का आदेश जारी करें और यह सुनिश्चित करें कि किस यूनिवर्सिटी में पिछले 15 साल में कितने डिग्री आवंटित की हैं और क्या वह सरकारी मानकों के अनुसार सही है या नहीं, क्योंकि “भूपेश है तो भरोसा है।”

कामेडियन राजू श्रीवास्तव ने भाजपा के भविष्य में देश की इकलौती पार्टी रहने की संभावना जाहिर करते हुये कहा कि नरेन्द्र मोदी ‘राजा’ की भूमिका में होंगे जिसे देखने की उन्हे बहुत तमन्ना attacknews.in

लखनऊ 10 जून । कामेडियन से राज नेता बने यूपी फिल्म विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव ने मजाकिया अंदाज में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भविष्य में देश की इकलौती पार्टी रहने की संभावना जाहिर करते हुये कहा कि इस दशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘राजा’ की भूमिका में होंगे जिसे देखने की उन्हे बहुत तमन्ना है।

राजू ने एक वीडियो वायरल किया है जिसमें वह कह रहे है “ इन दिनो कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आने का चलन बढ़ा है। राहुल गांधी के सभी दोस्त इनका साथ छोड़ छोड़कर इधर-उधर भाग रहे हैं। पहले माधवराव सिंधिया भाजपा में आये और अब जितिन प्रसाद ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली। अब कहीं ऐसा न हो कि राहुल गांधी खुद भाजपा में आने की इच्छा जाहिर करें मगर मेरी प्रधानमंत्री मोदी से अपील है कि वह राहुल को भाजपा में न लें क्योंकि कोई तो कांग्रेस में होना चाहिये। ”

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने लेकर एक गंभी किस्म का मजाक किया है. उन्होंने अपनी कॉमेडी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजा और बीजेपी को ‘बर्तन, झाड़ू, पोछा’ पार्टी बता डाला.

राजू श्रीवास्तव ने गुरुवार को अपने फेसबुक पेज पर कनपुरिया अंदाज में जितिन प्रसाद और राहुल गांधी की मौज लेते हुए एक वीडियो रिलीज किया. यह वीडियो अब वायरल हो चुका है. लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इस कॉमेडी वीडियो में राजू ने निम्नलिखित बातें कहीं…

”यार अजीब चल रहा है. दिमाग काम नहीं कर रहा है. ये राहुल गांधी के जितने सखा हैं, सब छोड़-छोड़ के बीजेपी में घुसे आ रहे हैं. पहले देखो सिंधिया आए बीजेपी में, अब ये जितिन प्रसाद आ गए. जितिन प्रसाद की तीन-तीन पीढ़ियां कांग्रेस में रही हैं. अब कहीं राहुल गांधी न आ जाएं बीजेपी में. मोदी जी तुम राहुल गांधी को न लेना, नहीं, अब एक आदमी रहने दो कांग्रेस में…!”

उन्होंने आगे कहा, ”यार कोई न रोक रहा है न टोक रहा है. सब चले आ रहे हैं बीजेपी में. वैसे एक बात है राष्ट्रीय पार्टी तो अपने देश में एक ही है, बीजेपी. बाकी या तो पारिवारिक पार्टिया हैं या क्षेत्रीय. अब यार विपक्ष में कोई रहेगा नहीं तो कइसा लगेगा. कहीं पुराना जमाना न आ जाए, राजाओं वाला, जो हम लोगों ने इतिहास में पढ़ा है.”

”तो अइसे न्यूज आया करेगी. राजा नरेंद्र मोदी आज शाम उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुए. राजा नरेंद्र मोदी ने ये कहा. चलो ये वाला टाइम भी देख लेंगे. क्योंकि यार राजा वाला और शहंशाह वाला टाइम हमने देखा नहीं यार, किस्से कहानियों में पढ़ा है.”

राजू ने आगे कहा, ”वैसे जितिन प्रसाद एक बात बता दें गुरु, आ तो गए हो बीजेपी में, लेकिन बीजेपी में काम बहुत करवाते हैं. पहले खूब काम करना पड़ेगा, खूब दौड़ाएंगे…यहां तक की बीजेपी कार्यालय में कुर्सी लगाना, दरी बिछाना, चाय बांटना…सब दौड़-दौड़ के करना पड़ेगा हां…हां…हां…हम तो घर में भी बीजेपी में हैं आजकल. बीजेपी…बर्तन, झाडू, पोछा…”

प्रधानमंत्री मोदी के नवरत्नों में शामिल हैं राजू श्रीवास्तव

आपको बता दें कि राजू श्रीवास्तव खुद भाजपाई हैं. उन्होंने 19 मार्च, 2014 को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. इससे पहले वह समाजवादी पार्टी में थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत अभियान के अपने नवरत्नों में राजू श्रीवास्तव को भी शामिल किया था।

कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले हैं राजू श्रीवास्तव

राजू मूल रूप से किदवई नगर के नयापुरवा रहने वाले हैं. उनका बचपन और शिक्षा-दीक्षा कानपुर में ही हुई है. उन्होंने अपना मुंबई में संघर्ष किया और एक मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन के रूप में अपनी पहचान बनाई. वह भले ही बहुत बड़े और नामी कलाकार बन गए, लेकिन कानपुर को कभी नहीं भूले. वह हमेशा अपने गृहनगर आते-जाते हैं और लोगों से भी मिलते हैं।

नेपाल में बाबा रामदेव की ” कोरोनिल” पर बखेड़ा: स्वास्थ्य मंत्री को करोड़ों ₹ की कोरोनिल किट,और अन्य प्रतिरक्षा बूस्टर दवाएं सौंपे जाने के बाद सरकार ने बिक्री रोकी,प्रतिबंध नहीं लगाया attacknews.in

काठमांडू 9 जून ।कोरोनिल को कोरोना महामारी के बीच इम्यूनिटी बुस्टर आधारित आयुर्वेदिक दवा के बाजार में बेचे जाने को लेकर बाबा रामदेव का विवादों से नाता बन गया हैं।

पहले देश में इसका विरोध हुआ। अब देश से बाहर भी इस पर बवाल बढ़ता गया । नेपाल में पतंजलि की कोरोनिल के वितरण पर आयुर्वेद एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग ने अघोषित बैन कर दिया गया है। हालांकि, नेपाल सरकार ने औपचारिक प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी नहीं किया है। ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को दी गई है।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक पिछले गुरुवार को पतंजलि योगपीठ द्वारा निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी को करोड़ों रुपये की कोरोनिल किट, सैनिटाइज़र, मास्क और अन्य प्रतिरक्षा बूस्टर दवाएं सौंपे जाने के बाद नेपाल में विवाद खड़ा हो गया था। उसके बाद त्रिपाठी को स्वास्थ्य मंत्री के पद से हटा दिया गया। योगगुरु रामदेव ने पिछले साल 23 जून को आयुर्वेद आधारित कोरोनिल किट उस समय पेश की थी, जब भारत में कोविड-19 महामारी अपने चरम पर थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. कृष्ण प्रसाद पौडयाल ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि नेपाल सरकार ने देश में कोरोनिल पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दवा के खिलाफ कोई औपचारिक प्रतिबंध आदेश जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि आम जनता को वितरित की जाने वाली किसी भी प्रकार की दवा को पहले स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के अंतर्गत औषधि प्रशासन विभाग में पंजीकृत होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले नेपाल के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी को कोरोनिल का एक पैकेट उपहार में दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मुझे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोनिल कोरोना बीमारी को ठीक कर सकती है। उन्होंने कहा कि नेपाल में कई आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध हैं, जो लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकती हैं और कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने में भी मदद कर सकती हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक किसी भी ऐसी दवा को मंजूरी नहीं दी है जो कोरोना का इलाज कर सके।