नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश में आयकर छापामारी पर राहुल गांधी और कमलनाथ पर तुगलक रोड चुनावी घोटाला नाम से फिर हमला बोला attacknews.in

अहमदनगर, 12 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मतदाताओं से ‘ईमानदार चौकीदार’ और ‘भ्रष्टाचारी नामदार’ के बीच चुनाव करने के लिए कहा।

अहमदनगर और शिरडी लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए यहां एक चुनावी रैली में मोदी ने यह भी कहा कि दुनिया ने पिछले पांच वर्ष में भारत को महाशक्ति के रूप में देखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘बीते पांच वर्ष में जनभागीदारी से चलने वाली एक मजबूत, निर्णय लेने वाली सरकार दुनिया ने भारत में देखी है। उससे पहले 10 साल तक रिमोट वाली सरकार के दिनों में हर दिन घोटालों, घपलों की खबरें आती थीं। आपको तय करना है कि ईमानदार चौकीदार चाहिए या फिर भ्रष्टाचारी नामदार। हिंदुस्तान के हीरो चलेंगे या पाकिस्तान के पैरवीकार।’’

पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं से मोदी ने कहा, ‘‘21वीं सदी में जन्मे जो लोग इस बार पहली बार वोट देने जा रहे है। मैं उसने पूछना चाहता हूं कि क्या आपको राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता मंजूर है?’’

मोदी ने जम्मू कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री के पद की मांग को लेकर कांग्रेस के सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कांग्रेस से कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि उसने बहुत पहले ही लोगों के बारे में सोचना बंद कर दिया।’’

शरद पवार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष ने देश के नाम पर कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘शरद राव, दो प्रधानमंत्री की मांग पर आप कैसे चुप रह सकते हैं। आप चुप क्यों हो? क्या आपको यह मंजूर है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपकी पार्टी का नाम राष्ट्रवादी है और फिर भी आप देश को विदेशी चश्मे से देखते हो। क्या आपकी पार्टी में राष्ट्रवादी नाम लोगों को मूर्ख बनाने के लिए है।’’

राहुल गांधी की आलोचना जारी रखते हुए मोदी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगियों पर आयकर विभाग के छापों को जोड़ते हुए दावा किया कि यह ‘‘तुगलक रोड चुनावी घोटाला’’ है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के तुगलक रोड से मिल रही नोटों की गड्डियों से भरी बोरियां कांग्रेस की असली पहचान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबी हटाने, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए कांग्रेस को हराने की जरुरत है।

उन्होंने कहा कि आज एक तरह कांग्रेस, राकांपा की महामिलावट के खोखले वादे हैं और दूसरी तरफ राजग के बुलंद इरादे हैं। कांग्रेस, राकांपा की सरकार में कभी मुंबई में बम धमाके, कभी पुणे में, कभी ट्रेन में, कभी बसों में धमाके होते थे लेकिन पिछले पांच साल में ये बम धमाके बंद हो गए हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘इस चौकीदार ने आतंक के सरपरस्तों में यह डर बिठाया है कि उनकी एक भी गलती,उन्हें भारी पड़ेगी। यह चौकीदार उन्हें पाताल से भी खोजकर निकाल लाएगा और उन्हें सजा देगा।’’

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सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बांड्स की रसीदें और देने वालों की पहचान सूची चुनाव आयोग को सौपने के निर्देश attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया कि वे चुनावी बांड्स की रसीदों और दानकर्ताओं की पहचान का ब्यौरा सील बंद लिफाफे में चुनाव आयोग को सौंपे।

शीर्ष अदालत ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया कि वे चुनाव पैनल को 30 मई तक दान राशि एवं दानकर्ता बैंक खाते का ब्यौरा सौंपे।

यह निर्देश प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने दिया।

यह आदेश एक स्वयं सेवी संगठन की याचिका पर दिया गया। इसमें इस योजना की वैधता को चुनौती देते हुये कहा गया था कि या तो चुनावी बांड्स को जारी करना स्थगित हो या चुनावी प्रक्रिया में शुचिता बनाए रखने के लिए दानकर्ताओं के नाम उजागर किए जाएं।

सरकार ने दो जनवरी, 2018 को चुनावी बांड योजना को अधिसूचित किया था।

योजना के प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बांड्स को ऐसा कोई व्यक्ति खरीद सकता है जो भारत का नागरिक है या कंपनी जो भारत में स्थापित है।

एक व्यक्ति, व्यक्तिगत तौर पर, एकल या अन्यों के साथ संयुक्त तौर पर चुनावी बांड्स खरीद सकता है।

जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29क के तहत केवल ऐसे पंजीकृत राजनीतिक दल जिन्होंने गत चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत तक मत हासिल किए हों, वे ही चुनावी बांड्स प्राप्त करने के अहर्ता धारण करेंगे।

इन बांड्स को योग्य राजनीतिक दल एक प्राधिकृत बैक के बैंक खाते के माध्यम से नकदी में बदल सकेंगे।

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सन् 2009 का 15वां लोकसभा चुनाव: भाजपा ने लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद के लिए घोषित किया लेकिन सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को 206 सीटें मिली और मनमोहन सिंह के नेतृत्व में फिर से बनी यूपीए की सरकार attacknews.in

नयी दिल्ली 12 अप्रैल । पांच वर्ष तक केंद्र में सफलतापूर्वक साझा सरकार चलाने वाली कांग्रेस ने 2009 के आम चुनाव में पिछले बार से बेहतर प्रदर्शन किया और सहयोगी दलों के साथ मिलकर फिर से सरकार बनायी जबकि वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर मैदान में उतरी भारतीय जनता पार्टी कोई करिश्मा नहीं कर सकी।

कांग्रेस ने इस चुनाव में श्री मनमोहन सिंह को ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था और वह लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस चुनाव में भी यद्यपि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला लेकिन कांग्रेस की सीटें बढ़कर 206 हो गयी और उसके नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की फिर से सरकार बनी। कांग्रेस ने इस चुनाव में उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति थोड़ी मजबूत कर ली लेकिन बिहार में वह केवल दो सीटों पर सिमटने को मजबूर हुयी थी । भाजपा बिहार में बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रही लेकिन राजस्थान में वह पिछले प्रदर्शन को दोहराने में विफल रही थी।

इस चुनाव की एक और खास बात यह रही कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक वर्चस्व वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को तगड़ा झटका लगा और वहां तृणमूल कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था । समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश में तथा जनता दल (यू) को बिहार मेें एवं बीजू जनता दल को ओडिशा में अच्छी सफलता मिली थी। राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने में दो क्षेत्रों सारण और पाटलीपुत्र से चुनाव लड़ा लेकिन पाटलपुत्र सीट पर वह हार गये थे । लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान हाजीपुर सीट पर हार गये थे।

लोकसभा की 543 सीटों के लिए हुये इस चुनाव में सात राष्ट्रीय, 34 राज्य स्तरीय, 322 निबंधित पार्टियों ने चुनाव लड़ा। राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस, भाजपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल शामिल थे । कुल 8070 उम्मीदवारों ने अपने राजनीतिक किस्मत को आजमाया था ।

राष्ट्रीय पार्टियों ने कुल 1623 स्थानों पर उम्मीदवार खड़े किये थे जिनमें से 376 सीटों पर उन्हें सफलता मिली। इन पार्टियों को 63.58 प्रतिशत वोट मिले थे। राज्य स्तरीय पार्टियों ने 394 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे जिनमें से 146 निर्वाचित हुये थे। निबंधित पार्टियों ने 6053 उम्मीदवार लड़ाये थे जिनमें से 21 जीत गये थे। कांग्रेस के 440 उम्मीदवारों में से 206, भाजपा के 433 में से 116 और बसपा के 500 उम्मीदवारों में से 21 ही जीत सके थे। भाकपा और माकपा को बड़ा झटका लगा था। भाकपा के 56 में से चार तथा माकपा के 82 में से 16 उम्मीदवार ही निर्वाचित हो पाये थे । राकपा के 68 में नौ और राजद के 44 में से चार प्रत्याशी विजयी हो पाये थे ।

कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 21, आन्ध्र प्रदेश में 33, बिहार में दो, असम में सात, अरुणाचल प्रदेश में दो, गोवा में एक, गुजरात में 11, हरियाणा में नौ, कर्नाटक में छह, केरल में 13, मध्य प्रदेश में 12, महाराष्ट्र में 17, हिमाचल प्रदेश में एक, जम्मू कश्मीर में दो, मणिपुर दो, मेघालय में एक, मिजोरम में एक, ओडिसा में छह, पंजाब में आठ, राजस्थान में 20, तमिलनाडु में आठ, पश्चिम बंगाल में छह, उत्तराखंड में पांच, दिल्ली में सात, झारखंड, छत्तीसगढ, चंडीगढ, लक्ष्यद्वीप और पुड्डुचेरी में एक-एक सीट मिली थी ।

भाजपा को उत्तर प्रदेश में दस, बिहार में 12, असम में चार, गोवा में एक, गुजरात में 15, हिमाचल प्रदेश में तीन, कर्नाटक में 19, मध्य प्रदेश में 16, महाराष्ट्र में नौ, राजस्थान में चार, पंजाब में एक, पश्चिम बंगाल में एक, छत्तीसगढ में दस, झारखंड में आठ, अंडमान निकोबार, दादर नागर हवेली और दामनदीव में एक-एक सीट मिली थी। भाकपा को पश्चिम बंगाल में दो तथा ओडिशा और तमिलनाडु में एक-एक सीट मिली थी। माकपा को पश्चिम बंगाल में नौ, केरल में चार, त्रिपुरा में दो तथा तमिलनाडु में एक सीट मिली थी। बसपा को उत्तर प्रदेश में 20 और मध्य प्रदेश में एक तथा राकपा को महाराष्ट्र में आठ और मेघालय में एक सीट मिली थी।

राजद को बिहार में चार, तेलंगना राष्ट्र समिति को आन्ध्र प्रदेश में दो, तेलगू देशम पार्टी को आन्ध्र प्रदेश में ही छह, जनता दल (यू) को बिहार में 20, शिवसेना को महाराष्ट्र में 11, बीजद को ओडिशा में 14, अकाली दल को पंजाब में चार, अन्ना द्रमुक और द्रमुक को तमिलनाडु में क्रमश: नौ और 18, समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में 23 तथा तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल मं 19 सीटें मिली थी । इसके अलावा कुछ सीटें अन्य पार्टियों को भी मिली थी।

उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट पर कांग्रेस की सोनिया गांधी बसपा के आर एस कुशवाहा से भारी मतों से जीती थी। श्रीमती गांधी को चार लाख 81 हजार से अधिक मत आया था जबकि श्री कुशवाहा 109325 वोट ही ला सके। अमेठी में राहुल गांधी ने बसपा के ही आशीष शुक्ला को हराया था। श्री गांधी को 464195 वोट और श्री शुक्ला को 93997 वोट ही मिले थे। भाजपा के टिकट पर लालजी टंडन लखनऊ से, मेनका गांधी आंवला से और वरुण गांधी पीलीभीत से निर्वाचित हुये थे। समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट से विजयी हुये थे । गोरखपुर से भाजपा के टिकट पर आदित्यनाथ, राष्ट्रीय लोकदल के अजीत सिंह बागपत से तथा सपा के टिकट पर रामपुर से अभिनेत्री जयाप्रदा निर्वाचित हुयी थी।

बिहार में राजद नेता लालू प्रसाद यादव सारण में भाजपा के राजीव प्रताप रुडी से चुनाव जीत गये थे जबकि श्री यादव पाटलीपुत्र सीट पर जनता दल (यू) के रंजन प्रसाद यादव से चुनाव हार गये थे। मधेपुरा में जनता दल (यू) नेता शरद यादव ने राजद नेता रविन्द्र चरण यादव को पराजित किया था। हाजीपुर में जद (यू) नेता राम सुन्दर दास ने लोजपा नेता राम विलास पासवान को हराया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश पटेल को एक लाख से अधिक मतों से हराया था। हरियाणा के अंबाला में कांग्रेस की कुमारी सैलजा तथा कर्नाटक के हासन सीट पर जनता दल (एस) के एच डी देवगौड़ा चुने गये थे। बेंगलुरु दक्षिण सीट पर भाजपा नेता अनंत कुमार ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भाजपा की यशोधरा राजे , गुना में कांग्रेस के ज्योर्तिरादित्य सिंधिया तथा छिंदवाड़ा में इसी पार्टी के कमलनाथ विजयी हुये थे। विदिशा में भाजपा नेता सुषमा स्वराज और इंदौर में इसी पार्टी की सुमित्रा महाजन निर्वाचित हुयी थी।

पंजाब के भटिंडा में शरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और लुधियाना में कांग्रेस के मनीष तिवारी तथा अमृतसर में भाजपा के टिकट पर नवजोत सिंह सिद्धू ने जीत का परचम फहराया था । महाराष्ट्र में मुंबई उत्तर मध्य सीट पर कांग्रेस के टिकट पर प्रिया दत्त निर्वाचित हुयी थी ।

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सन् 2004 का 14वां लोकसभा चुनाव: भाजपा सरकार के शाइनिंग इंडिया और फील गुड को जनता ने नकारा, अचानक सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से मना करके मनमोहन सिंह की घोषणा कर दी attacknews.in

नयी दिल्ली 12 अप्रैल । केंद्र में पहली बार पांच वर्ष तक सरकार चलाने में सफल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2004 के चुनाव में जबर्दस्त झटका लगा जब जनता ने उसके ‘शाइनिंग इंडिया और फील गुड’ के प्रचार को धूल धूसरित कर दिया और कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आने में सफल रही ।

लोकसभा के 543 सीटों के लिए हुये चुनाव में कांग्रेस 145 सीट ही जीत सकी थी लेकिन वह सहयोगी दलों के साथ मिलकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार बनाने में कामयाबी मिली। गठबंधन ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना नेता चुन लिया था लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री पद संभालने से इन्कार कर दिया और श्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में नयी सरकार का गठन हुआ। इस चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों के 364 तथा राज्य स्तरीय पार्टियों के 159 उम्मीदवार विजयी हुये थे ।

राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव बिहार में दो सीटों निर्वाचित हुये थे जबकि जनता दल (यू) के उम्मीदवार शरद यादव पराजित हो गये थे । कांग्रेस की सोनिया गांधी , भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी ,बहुजन समाज पार्टी की मायावती, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी तथा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राम विलास पासवान जीत गये थे जबकि कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे चुनाव हार गये थे ।

इस चुनाव में कुल 5435 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था जिनमें 2385 निर्दलीय प्रत्याशी थे । कांग्रेस ने 417 उम्मीदवार खड़े किये थे जिनमें 145 निर्वाचित हुये थे । उसे 26.53 प्रतिशत वोट मिले। वहीं भाजपा ने 364 उम्म्मीदवार खड़े किये थे जिनमें से 138 चुने गये। भाजपा को 22.16 प्रतिशत वोट आया था । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 34 में से दस तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 69 में से 43 उम्मीदवार जीते थे । बहुजन समाज पार्टी ने सबसे अधिक 435 उम्मीदवार खड़े किये थे जिनमें से 19 ही निर्वाचित हुये जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 32 में से नौ प्रत्याशी चुने गये थे।

कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में नौ, बिहार में तीन, असम में नौ, आन्ध्र प्रदेश में 29, गोवा में एक, गुजरात में 12, हरियाणा में नौ, हिमाचल प्रदेश में तीन, जम्मू कश्मीर में दो, कर्नाटक में आठ, मध्य प्रदेश में चार, महाराष्ट्र में 13, राजस्थान में चार, पश्चिम बंगाल में छह, झारखंड में छह, दिल्ली में छह, मणिपुर और मेघालय में एक-एक, ओडिशा और पंजाब में दो-दो , तमिलनाडु में दस, छत्तीसगढ, उत्तराखंड, अंडमान निकोबार, चंडीगढ और दामनदीव में एक-एक सीट मिली थी।

भाजपा को उत्तर प्रदेश में दस , बिहार में पांच , असम और अरुणाचल प्रदेश में दो- दो , गोवा में एक , गुजरात में 14, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में एक-एक, कर्नाटक में 18, मध्य प्रदेश में 25, महाराष्ट्र में 13, ओडिशा में सात, पंजाब में तीन, राजस्थान में 21, छत्तीसगढ़ में दस, झारखंड में एक उत्तराखंड में तीन तथा दिल्ली में एक सीट मिली थी। भाकपा को केरल में तीन, पश्चिम बंगाल में तीन, तमिलनाडु में दो, आन्ध्र प्रदेश और झारखंड में एक-एक सीट मिली थी।

माकपा को पश्चिम बंगाल में 26, केरल में 12, तमिलनाडु और त्रिपुरा में दो तथा आन्ध्र प्रदेश में एक सीट मिली थी।
समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में 35 और उत्तराखंड में एक, बसपा को उत्तर प्रदेश में 19, राकांपा को महाराष्ट्र में नौ, तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल और मेघालय में एक-एक , बीजद को ओडिशा में 11, द्रमुक को तमिलनाडु में 16, जनता दल (एस) को कर्नाटक में दो तथा केरल में एक, जनता दल (यू) को बिहार में छह, उत्तर प्रदेश में एक तथा लक्ष्यद्वीप में एक, राष्ट्रीय जनता दल को बिहार में 22 और झारखंड में दो, अकाली दल को पंजाब में आठ, शिवसेना को महाराष्ट्र में 12, तेलगू देशम पार्टी और तेलंगना राष्ट्र समिति को आन्ध्र प्रदेश में पांच-पांच सीटें मिली थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा को झारखंड में चार तथा अोडिशा में एक सीट मिली थी।

तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के लखनऊ सीट पर सपा की मधु गुप्ता से भारी मतों से जीत गये थे। श्री वाजपेयी को 324714 और मधु गुप्ता को 106339 वोट मिले थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली में सपा के अशोक कुमार सिंह से भारी अंतर से जीती थी। श्रीमती गांधी को 378107 तथा श्री सिंह को 128342 वोट मिले थे। अमेठी में कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी चुनाव जीते थे।

पीलीभीत में भाजपा के टिकट पर मेनका गांधी और गोरखपुर में इसी पार्टी के आदित्यनाथ निर्वाचित हुये थे । बसपा नेता मायावती अकबरपुर में सपा के सेखलाल मांझी को हराया था । सुश्री मायावती को तीन लाख 25 हजार से अधिक तथा श्री मांझी को दो लाख 66 हजार से अधिक मत आये थे । बलिया में समाजवादी जनता पार्टी के टिकट पर चन्द्रशेखर विजयी हुये थे । मैनपुरी में सपा के मुलायम सिंह यादव ने बसपा के अशोक शाक्य को पराजित किया था । श्री यादव को कुल 460470 वोट तथा श्री शाक्य को 122600 वोट मिले थे।

बिहार में राजद के लालू प्रसाद यादव ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी । छपरा सीट पर श्री यादव ने भाजपा के राजीव प्रताप रुडी को तथा मधेपुरा में जद(यू) के शरद यादव को हराया था । हाजीपुर में लोजपा के राम विलास पासवान ने जद यू के छेदी पासवान को हराया था । श्री राम विलास पासवान को 477495 और श्री छेदी पासवान को 439687 वोट मिले थे । नालंदा में जद(यू) के नीतीश कुमार ने लोजपा के कुमार पुष्पंजय एक लाख से अधिक मतों से हराया था ।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के जंगीपुर क्षेत्र में माकपा के अब्दुल हसनत खान को पराजित किया था । श्री मुखर्जी को 431647 तथा श्री खान को 394787 वोट आये थे । कलकत्ता दक्षिण सीट पर तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने माकपा के रबिन देव को हराया था । सुश्री बनर्जी को 393561 तथा श्री देव को 295132 वोट मिले थे । बोलपुर सीट पर माकपा के सोमनाथ चटर्जी तथा पंसकुरा सीट पर भाकपा नेता गुरुदास दास गुप्ता निर्वाचित हुये थे ।

राजस्थान के दौसा सीट पर कांग्रेस के सचिन पायलट ने भाजपा के करतार सिंह को हराया था । पंजाब के गुरुदासपुर सीट पर भाजपा के विनोद खन्ना तथा अमृतसर में इसी पार्टी के नवजोत सिंह सिद्धू विजयी हुये थे । श्री खन्ना ने कांग्रेस की सुखवंश कौर तथा श्री सिद्धू ने कांग्रेस के ही रधुनंदन लाल भाटिया को हराया था ।

गुजरात की गांधीनगर सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी कांग्रेस जी एम ठाकोर को भारी मतों से हराया था। श्री आडवाणी को इस चुनाव में पांच लाख से अधिक मत आया था। हरियाणा के अंबाला में कांग्रेस की सैलजा तथा रोहतक में इसी पार्टी के भूपिन्दर सिंह विजयी हुये थे। मध्य प्रदेश के इंदौर में भाजपा की सुमित्रा महाजन तथा विदिशा में इसी पार्टी के शिवराज सिंह निर्वाचित हुये थे।

महाराष्ट्र के बारामती में राकांपा के शरद पवार ने भाजपा प्रत्याशी को पराजित किया था। श्री पवार को इस चुनाव में 634555 वोट आये थे। पुणे में कांग्रेस के सुरेश कलमाडी तथा शोलापुर में भाजपा के सुरेश चन्द्र विजयी हुये थे। श्री सुरेश चन्द्र ने कांग्रेस प्रत्याशी सुशील कुमार शिंदे को हराया था ।

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पहले चरण की 20 राज्यों की 91 सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान,बिहार में सबसे कम 50 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 81 प्रतिशत मतदान हुआ attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिये बृहस्पतिवार को 20 राज्यों की 91 सीटों के लिये मतदान लगभग शांति पूर्ण रहा। शाम पांच बजे तक के आंकड़ों के अनुसार सबसे हुआ कम बिहार में 50 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 81 प्रतिशत मतदान ।

उप चुनाव आयुक्त उमेश सिंहा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पहले चरण के चुनाव में मतदान का स्तर सामान्य रहा। सिंहा ने कहा कि अंतिम आंकड़े आने तक यह स्तर पिछले चुनाव की तुलना में लगभग बराबर ही होगा। उन्होंने कहा कि सभी 20 राज्यों की मतदान वाली सीटों पर सामान्य रूप से शांतिपूर्ण मतदान रहा। कुछ इलाकों में हिसा और बाधा पहुंचाने की शिकायतें जरूर मिली जिन्हें तत्काल दूर कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि पहले चरण में 91 सीटों पर कुल 1239 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। इनमें जिन राज्यों की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ उनमें आंध्र प्रदेश की 25 सीटों पर शाम पांच बजे तक 66 प्रतिशत और तेलंगाना की 17 सीटों पर 60 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि संयुक्त आंध्र प्रदेश में 2014 के चुनाव में 76.64 प्रतिशत मतदान हुआ था।

इसके अलावा उत्तराखंड की पांच सीटों पर 57.85 प्रतिशत मतदान हुआ। राज्य में 2014 में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ था। अरुणाचल प्रदेश की दो सीटों पर 66 प्रतिशत मतदान रहा। राज्य में 2014 में मतदान का स्तर 80 प्रतिशत था। मेघालय की दो सीटों पर शाम छह बजे तक 67.1 प्रतिशत हुआ और पिछली बार 68 प्रतिशत मतदान हुआ था।

पहले चरण के मतदान वाले अन्य प्रमुख राज्यों में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर शाम पांच बजे तक 63.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट पर 56 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले चुनाव में इस सीट पर 69.39 प्रतिशत मतदान हुआ था।

सिंहा ने बताया कि बस्तर इलाके में दंतेवाड़ा और नारायणपुर क्षेत्र में हिंसा और मतदान में बाधा पहुंचाने की कोशिश की गयीं लेकिन सुरक्षा बलों ने इन्हें नाकाम कर दिया। उन्होंने बताया दंतेवाड़ा के श्यामगिरि मतदान केन्द्र पर 77.7 प्रतिशत मतआन हुआ। इस इलाके में ही मंगलवार को नक्सली हमले में स्थानीय विधायक सहित पांच लोगों की मौत हो गयी थी।

इसके अलावा जम्मू कश्मीर की दो सीटों बारामूला और जम्मू पर मतदान शांतिपूर्ण रहा। जम्मू सीट पर 72.16 प्रतिशत और बारामूला पर 35.01 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

पहले चरण में महाराष्ट्र की सात लोकसभा सीटों पर शाम पांच बजे तक 56 प्रतिशत मतदान हुआ। राज्य में गढ़चिरौली सीट पर चार मतदान केन्द्रों पर मतदानकर्मियों के नहीं पहुंच पाने के कारण मतदान स्थगित करना पड़ा।

इसके अलावा उड़ीसा की चार लोकसभा सीटों पर शाम पांच बजे 68 प्रतिशत मतदान हुआ। सिंहा ने बताया कि इन सभी सीटों पर मतदान के अंतिम आंकड़े अभी आने बाकी हैं। इसके बाद ही इन सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में मतदान के स्तर का आकलन किया जा सकेगा।

सिंहा ने कहा कि एक एक सीट वाले राज्य मिजोरम में 60 प्रतिशत (2014 में 61.95प्रतिशत), नगालैंड में 78 प्रतिशत (2014 में 87.91 प्रतिशत), सिक्किम 69 प्रतिशत (2014 में 83.64प्रतिशत) और लक्षदीप में 66 प्रतिशत (2014 में 86 प्रतिशत) मतदान रहा। उल्लेखनीय है कि इन सभी राज्यों में पिछले चुनाव की तुलना में मतदान का स्तर कम रहा।

ईवीएम में गड़बड़ी के बारे में उन्होंने बताया कि सभी 91 सीटों पर मतदान के दौरान तकनीकी बाधाओं के कारण 1.7 प्रतिशत ईवीएम मशीनों को बदलना पड़ा। जबकि 1.04 प्रतिशत कंट्रोल यूनिट और 1.61 प्रतिशत वीवीपेट मशीनें बदली गयीं।

उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान गड़बड़ी से जुड़ी विभिन्न राजनीतिक दलों की शिकायतों की आयोग शुक्रवार को दिन में 11 बजे समीक्षा करेगा। इस दौरान राजनीतिक दलों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जायेगा।

सिंहा ने कहा कि मतदान के दौरान ईवीएम को क्षतिग्रस्त करने के कुल 15 मामले सामने आये। इनमें छह आंध्र प्रदेश और एक एक बिहार एवं पश्चिम बंगाल में रहा। इनमें आयोग ने कानूनी कार्रवाई की है।

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सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को 5 लाख रुपये का कर्ज दे रखा है attacknews.in

रायबरेली (उप्र) 11 अप्रैल । संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गुरुवार को रायबरेली सीट से नामांकन के दौरान दिए शपथ पत्र के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 11.82 करोड़ रुपये है।

2014 के आम चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति 9.28 करोड़ रुपये घोषित की थी ।

गांधी के शपथपत्र के अनुसार उनके पास 4.29 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है। उन्होने अपने बेटे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पांच लाख रुपये का कर्ज दे रखा है। सोनिया गांधी के पास 60 हजार रुपये नकद और बैंक में 16.5 लाख रुपये जमा है।

2014 के हलफनामें में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 9.28 करोड.रूपये की घोषित की थी जिसमें 1267.3 ग्राम सोना, 88 किलोग्राम चांदी तथा बैंक में जमा 66 लाख रूपयों समेत कुल 2.81 करोड. रुपये की चल संपत्ति शामिल थी।

सोनिया गांधी के खिलाफ एक आपराधिक मामला चल रहा है जो भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दाखिल किया है।

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इंदौर, विदिशा और गुना की चर्चित लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के साथ ही भाजपा में भी उम्मीदवारों को लेकर चल रही माथापच्ची अब तक खत्म नहीं हुई attacknews.in

भोपाल 11 अप्रैल । मध्य प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने अब तक 22 और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 21 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। बाकी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर दोनों दलों में आंतरिक विचार-विमर्श चल रहा है। सबकी नजर इंदौर, विदिशा और गुना संसदीय क्षेत्रों पर टिकी है, जहां से उम्मीदवार तय करने के लिए दोनों ही दलों में तमाम दावेदारों के नामों पर माथापच्ची जारी है।

भाजपा अभी तक जिन आठ संसदीय क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारोंं के नामों का फैसला नहीं कर पाई है, उनमें इंदौर, विदिशा, गुना, सागर, खजुराहो, धार, रतलाम और भोपाल शामिल हैं।

वहीं, कांग्रेस को अभी सात संसदीय क्षेत्र गुना, भिंड, ग्वालियर, राजगढ़, विदिशा, इंदौर, धार के लिए उम्मीदवारों का एलान करना है।

विदिशा और इंदौर भाजपा के गढ़ हैं, जहां से भाजपा 1989 से लगातार लोकसभा चुनाव जीतती आ रही है। दोनों ही क्षेत्रों के वर्तमान सांसद सुषमा स्वराज और सुमित्रा महाजन ने चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है।

उधर, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद हैं और इस क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस पर 1999 से कांग्रेस का कब्जा है। लिहाजा दोनों दल अपने गढ़ को बचाए रखने के साथ एक-दूसरे के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में हैं।

राज्य के 29 संसदीय क्षेत्रों में चार चरणों में 29 अप्रैल, छह मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होने जा रहा है। देश में सात चरणों होने जार रहे चुनाव के चौथे चरण में 29 अप्रैल को मध्यप्रदेश के छह संसदीय क्षेत्रों, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, सीधी, शहडोल व जबलपुर में मतदान होगा है, इन क्षेत्रों में मंगलवार तक नामांकन पत्र भी भरे जा चुके हैं।

राज्य मेें भाजपा अब तक 21 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी हैं, उसने वर्ष 2014 में चुनाव जीतने वाले आठ सांसदों को इस बार चुनाव लडऩे का मौका नहीं दिया है। इन सांसदों के कामकाज के तरीके को लेकर मतदाताओं में असंतोष होने की बात सामने आई थी।

ऐसा माना जा रहा है कि गुुना से कांग्रेस का वही उम्मीदवार होगा जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहेंगे। वर्तमान में सिंधिया के गुना अथवा ग्वालियर से चुनाव लडऩे की चर्चा है, इसलिए पार्टी ने दोनों ही सीटों से उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है।

सिंधिया परिवार का विदिशा व इंदौर में प्रभाव होने के कारण पार्टी संभावित उम्मीदवारों के नामों पर मंथन कर रही है। इसके उलट भाजपा के विदिशा व इंदौर से सांसदों ने चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है। ऐसी स्थिति में भाजपा यहां से मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है।

इंदौर के मामले में भाजपा कहीं ज्यादा सजग है और उसे सुमित्रा महाजन की पसंद पर भी गौर करना पड़ रहा है। उधर, विदिशा से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से नाता रखने वाले को उम्मीदवार बनाने पर विचार हो रहा है।

पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य के 29 संसदीय क्षेत्रों में से भाजपा ने 27 और कांग्रेस ने दो पर जीत दर्ज की थी। बाद में रतलाम संसदीय क्षेत्र में हुए उप-चुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया निर्वाचित हुए थे। इस तरह वर्तमान में प्रदेश से भाजपा के 26 और कांग्रेस के तीन सांसद हैं।

राजनीतिक विश्लेषक सॉजी थॉमस ने कहा कि राज्य में आगामी चुनाव दिलचस्प होगा, क्योंकि इस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और यह चुनाव कमलनाथ सरकार के लिए काफी अहम बन गया है। भाजपा जहां कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर हमले बोल रही है तो कांग्रेस 75 दिन के शासनकाल के 83 वादों को पूरा करने का दावा कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि दोनों दल इस चुनाव में अपने को पूरी तरह सुरक्षित नहीं पा रहे हैं, यही कारण है, उम्मीदवारी के चयन को लेकर पार्टी को माथापच्ची करनी पड़ रही है।’’

जानकारों की माने तो राज्य की करीब 12 सीटें ऐसी हैं जहां कड़ा मुकाबला हो सकता है, यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चिंतित हैं। कांगे्रस को जहां गुना, छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र सुरक्षित नजर आ रहे हैं, वहां भाजपा मुरैना, विदिशा, जबलपुर, उज्जैन, मंदसौर, टीकमगढ़ को सुरक्षित मानकर चल रही है।

उधर, भोपाल, इंदौर, खजुराहो, दमोह, रतलाम, खंडवा, सीधी, रीवा, शहडोल, सतना, बालाघाट और सागर में कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।

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मध्यप्रदेश में 8वी बार चुनाव मैदान में दमोह से भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद सिंह पटेल दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में विशाल रोड़ शो के साथ भरेंगें नामांकन attacknews.in

दमोह/11 अप्रेल/भारतीय जनता पार्टी के दमोह संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी प्रहलाद सिंह पटेल अपना नामांकन पत्र 12 अप्रैल शुक्रवार को भरेंगे। इस दौरान एक विशाल रोड शो में दमोह संसदीय क्षेत्र के हजारों कार्यकर्ता सहभागिता करेंगे जिसकी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं।

स्थानीय कृषि उपज मंडी में क्षेत्र के हजारों कार्यकर्ताओं का प्रातः10 बजे एकत्रीकरण होगा जहां आयोजित एक विशाल सभा को मंचासीन नेता संबोधित करेंगे।,

अनेक दिग्गज नेताओं की रहेगी उपस्थिति-

भारतीय जनता पार्टी के अनेक दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में प्रहलाद सिंह पटेल अपना नामांकन दाखिल करने के लिये प्रस्थान करेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चैहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव,पूर्व वित मंत्री जयंत मलैया, सागर सांसद लक्ष्मीनारायण यादव,लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी उमेश शुक्ला,संयोजक बिहारी लाल गौतम,भाजपा युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष अभिलाष पांडे ,पूर्व सांसद चन्द्रभान सिंह ,शिवराज सिंह लोधी,भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव ,छतरपुर जिलाध्यक्ष मलखान सिंह,विधायक धमेन्द्र सिंह लोधी,पीएल तंतुवाय,पूर्व राज्यमंत्री दशरथ सिंह लोधी,लखन पटेल,ललिता यादव,उमादेवी खटीक हरवंश राठौर,रतन सींग सिलारपुर,तेजीसींग,भानू राणा,सोना बाई,गणेश खटीक सहित अनेक नेताओं की उपस्थिति रहेगी।

आठवीं बार मैदान में प्रहलाद-

ज्ञात हो कि सांसद प्रहलाद सिंह पटेल आठवीं बार मैदान में होंगे वर्तमान में वह दमोह से सांसद हैं और भारतीय जनता पार्टी ने पुनः मैदान में उतारा है।

अपने कार्यकाल के दौरान उन्होने जहां एक ओर क्षेत्र की जनता का मन मोहा तो वहीं क्षेत्र की आवाज को संसद में पुरजोर तरीके से उठाया। उन्हें दमोह सांसद रहते हुये देश का सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया जिन्होने अपने कार्य एवं ईमानदारी के कारण दमोह संसदीय क्षेत्र का मान बढाया ।

ज्ञात हो कि सांसद प्रहलाद सिंह प्रथम बार मात्र 28 बर्ष की उम्र में सिवनी क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुये थे और उसके बाद उन्होने पीछे मुडकर नहीं देखा और अपने सिद्धांतों से कभी समझोता नहीं किया।

यहां से गुजरेगा प्रहलाद का कारवां-

प्रहलाद सिंह अपने हजारों समर्थकों भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन पत्र भरने के लिये एक विशाल रोड शो के माध्यम से प्रस्थान सभा स्थल से करेंगे। कृषि उपज मंडी से प्रारंभ होकर विशाल यात्रा तीन गुल्ली,स्टेशन चौक,राय तिराहा,एवरेस्ट तिराहा,घंटाघर,अंबेडकर चौक होकर भाजपा कार्यालय पहुंचेगे।

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राहुल गांधी के ऊपर लेजर की रौशनी से निशाना मामले में गृह मंत्रालय ने इसे फोटोग्राफर के मोबाइल से निकली रौशनी बताया attacknews.in

नयी दिल्ली 11 अप्रैल । गृह मंत्रालय ने अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक के कथित मामले में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि श्री गांधी के चेहरे पर दिखाई दी ‘हरी रोशनी’ लेजर नहीं बल्कि कांग्रेस के फोटोग्राफर के मोबाइल से निकली हुई रोशनी है।

कांग्रेस ने आज कहा कि बुधवार को अमेठी संसदीय क्षेत्र से नामांकन करने के बाद जब श्री गांधी संवाददाताओं से बात कर रहे थे , उस समय उनके चेहरे पर लेजर की रोशनी दिखाई दी थी। कांग्रेस ने इसे श्री गांधी की सुरक्षा में चूक का मामला बताते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने को कहा था।

भाजपा ने उचित कार्रवाई की बात कही:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक और उन पर लेजर बीम डाले जाने की शिकायत पर बुधवार को कहा कि गृह मंत्रालय इस पर समुचित कार्रवाई करेगा।

भाजपा की वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस की श्री गांधी की सुरक्षा व्यवस्था में चूक की शिकायत के बारे में पूछने पर कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि श्री गांधी की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस की शिकायत पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय समुचित कार्रवाई करेगा।

कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने अमेठी में श्री गांधी के नामांकन के दौरान सुरक्षा में गंभीर चूक का आरोप लगाते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र में लिख कर केंद्र से जांच कराने को कहा है। पत्र में कांग्रेस ने श्री गांधी की सुरक्षा से संबंधित प्रोटोकोल को सख्ती से पालन कराए जाने की भी मांग की है।

कांग्रेस ने पत्र में कहा है कि नामांकन दाखिल करने के बाद जिस समय श्री गांधी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे, उस समय उनके सिर के हिस्से पर हरे रंग की लेजर बीम कई बार डाली गयी थी।

श्रीमती सीतारमण ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यकर्ता बहुत उत्साहित हैं। मतदान की रफ्तार से पार्टी में उत्साह है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भाजपा एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को अच्छी बढ़त हासिल होगी

कांग्रेस पार्टी ने लिखा था पत्र:

कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में सेंध का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को श्री सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि उत्तरप्रदेश में अमेठी लोकसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवारी का नामांकन पत्र दाखिल करने बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान श्री गांधी के सिर और माथे पर हरे रंग की लेजर लाइट देखी गयी है जो उनकी सुरक्षा में भारी चूक है। श्री गांधी के शरीर पर इस दौरान सात बार लेजर लाइट दिखायी दी।

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चुनाव का बाजार सजकर तैयार, सभी पार्टियों की सामग्रियां रेडीमेड मौजूद, बेनर्स, टोपी, साड़ियां , मुखौटे आदि न जाने क्या- क्या, जो पहनेंगे वह सभी उपलब्ध है attacknews.in

नयी दिल्ली, 10 अप्रैल । जिस पार्टी को आप दिल से चाहते हैं तो उसके चिंह, झंडे को आप अपने बाजू या सीने पर पहन सकते हैं या फिर उसे बदन पर लपेट सकते हैं। बस इसके लिए आपको अपनी जेब कुछ ढीली करनी होगी और चुनावी बाजार गुब्बारे, बटन, बैनर्स, साड़ियां और टी-शर्ट जैसी तमाम चीजें लेकर हाजिर हो जायेगा।

बृहस्पतिवार को आम चुनाव 2019 के पहले चरण का आगाज होगा और सभी राजनीतिक दल समर्थकों और संभावित मतदाताओं को अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं।

भाजपा की ‘मैं भी चौकीदार’ नारा छपी टीशर्ट्स, आम आदमी पार्टी की टोपियां, नरेंद्र मोदी और प्रियंका गांधी वाड्रा साड़ियां भी बाजार की शोभा में चार चांद लगा रही है।

यह बाजार न केवल पार्टी दफ्तर के बाहर लगा हुआ है बल्कि इस सामग्री को अमेजन और स्नैपडील जैसे ई-प्लेटफार्मों पर भी खरीदा जा सकता है। पर अगर इससे भी काम न बने तो दिल्ली का सदाबहार थोक मार्केट सदर बाजार तो है ही।

स्नैपडील प्रवक्ता ने बताया, ‘‘हम सभी राजनीतिक दलों के समर्थकों का उत्साह देख रहे हैं। पूरे भारत में साड़ियों से लेकर टीशर्ट, पावर बैंक्स, यूएसबी ड्राइव्स, पोस्टरों से लेकर कॉफी मग तक खरीदे जा रहे हें।’’

उन्होंने बताया कि कारों और मोटरसाइकिलों पर लगने वाले स्टिकर सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। टीशर्ट, टोपी, पानी की बोतलें, चाबी के गुच्छों की सबसे अधिक मांग आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात से आ रही है।

सभी मुख्य राजनीतिक दलों के झंडों की मांग बनी हुई है। इनमें भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल तो आप व समाजवादी पार्टी जैसे स्थानीय दल भी शामिल है।

सदर बाजार के चुनावी सामग्री विक्रेता चमन भाई ने बताया, ‘‘अभी ‘मैं भी चौकीदार’ की हवा है बस, और कुछ नहीं। इस नाम को लेकर बनीं टीशर्ट, टोपियां और बैज तो हवा लगते ही बिक जाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता और प्रत्याशी तो थोक में खरीदते हैं पर साथ में आम समर्थक भी इनकी खरीदारी कर रहा है।

कांग्रेस की चुनाव सामग्री बेचने वाले लोकेश कुमार की पार्टी कार्यालय अकबर रोड पर दुकान है। वह बताते हैं कि प्रियंका साड़ी का स्टॉक रोज खत्म हो जाता है। इससे पता चलता है कि लोग बड़ी संख्या में कांग्रेस की प्रचार सामग्री खरीद रहे हैं। कुल 400 रूपये की कीमत वाली इस साड़ी पर प्रियंका गांधी, इंदिरा गांधी का फोटो और कांग्रेस का चिंह अंकित है।

भाजपा ने पांच मिनी ट्रक तैयार किए हैं जिन्हें ‘नमो रथ’ का नाम दिया गया है। ये जल्द ही सड़क पर उतारे जायेंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनोज गोयल ने बताया कि ये रथ अभी भाजपा मुख्यालय में है और इन्हें लेकर चुनाव आयोग से बात चल रही है।

आम चुनाव 11 अप्रैल से लेकर 19 मई तक सात चरणों में होंगे और मतों की गणना 23 मई को होगी।

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योगी आदित्यनाथ का साक्षात्कार: राहुल गांधी बुरी तरह से भयभीत है और देश को विभाजित करने वाली मुस्लिम लीग को साथ लेकर चुनाव लड़ना ही बहुत बड़ा संदेश हैं attacknews.in

लखनउ, 10 अप्रैल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी से नामांकन पत्र दाखिल करने के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया कि राहुल बुरी तरह भयभीत हैं और उन्हें कांग्रेस का गढ समझे जाने वाले अमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भागने पर बाध्य होना पड़ा है ।

योगी ने एक साक्षात्कार में कहा कि राहुल गांधी बुरी तरह भयभीत हैं । पीढियों से अमेठी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व उनके परिवार के सदस्य करते आये हैं । वह भी अमेठी से सांसद रहे हैं । उन्होंने चूंकि अमेठी की जनता की भावनाओं के अनुरूप कुछ कार्य नहीं किया, इसलिए उन्हें अमेठी से भागने पर बाध्य होना पडा ।

उन्होंने कहा कि 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राहुल गांधी के मुकाबले इस निर्वाचन क्षेत्र में कहीं अधिक बार आयीं । अमेठी की जनता की भावनाएं स्मृति ईरानी के साथ हैं ।

वायनाड :केरल: से भी चुनाव लड़ने के राहुल के फैसले पर योगी ने कहा कि उन्हें किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लडने का अधिकार है । ‘लेकिन वायनाड में राहुल गांधी के जुलूस के दौरान जिस तरह हर जगह मुस्लिम लीग के हरे झंडे देखे गये, इससे कांग्रेस का असली चेहरा सामने आता है । देश को विभाजित करने की दोषी मुस्लिम लीग जिस तरह कांग्रेस को गले लगा रही है, उससे अपने आप में बड़ा संदेश जाता है ।’

राहुल और उनकी बहन प्रियंका गांधी द्वारा मंदिरों के दर्शन के लिए जाने को लेकर किए गए सवाल पर योगी ने कहा कि वह इसे भाजपा की वैचारिक विजय मानते हैं । जवाहरलाल नेहरू खुद को ‘एक्सीडेंटल हिन्दू’ कहते थे और आज उनकी चौथी पीढी में स्थिति ऐसी है कि वे अपना गोत्र बता रहे हैं और अपना जनेउ दिखा रहे हैं । योगी ने कहा, ‘जिन्हें पहले हिन्दुत्व सांप्रदायिक लगता था, आज कम से कम मोदी जी की वजह से उन्होंने मंदिर जाना तो शुरू किया ।’

सपा के विजन दस्तावेज को लेकर योगी ने कहा कि यह दुभाग्यपूर्ण है कि सपा या कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र उनकी विफलताओं को दर्शाने वाला दस्तावेज है । ये दस्तावेज देशद्रोहियों को मजबूत करने की बात करते हैं ।

उन्होंने कहा कि सपा द्वारा कांग्रेस के घोषणापत्र का समर्थन करने का मतलब है कि ‘कांग्रेस का हाथ, देशद्रोहियों के साथ’ । यही काम सपा भी कर रही है । उनके काम करने का तरीका सबको पता है । वे नकारात्मकता की राजनीति करते आये हैं । तुष्टिकरण की राजनीति करते आये हैं, जिसकी वजह से देश के समक्ष गंभीर सुरक्षा चिन्ताएं खड़ी हो गयीं ।

उपचुनावों में भाजपा की हार के बारे में पूछे जाने पर योगी ने कहा कि आम चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होती है जबकि उपचुनावों में स्थानीय मुद्दे हावी होते हैं । ‘मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा जबर्दस्त विजय हासिल करेगी और सरकार बनाएगी ।’

सपा—बसपा—रालोद के गठबंधन पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि गठबंधन मुद्दों और मूल्यों पर होता है लेकिन यहां तो दो स्तंभ हैं, जो एक दूसरे का चेहरा देखना पसंद नहीं करते और जिन्हें एक दूसरे का नाम लेना नापसंद है ।

उन्होंने कहा कि केवल सत्ता के लिए और अपनी गलतियों को छिपाने के लिए वे मोदी को सत्ता में आने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं । ये सभी गठबंधन निहित स्वार्थ वाले, नकारात्मकता की राजनीति वाले, भ्रष्टाचार से युक्त, अलगाववाद से युक्त हैं और ये सभी खत्म हो जाएंगे ।

‘मोदी जी की सेना’ वाली टिप्पणी पर योगी ने स्पष्ट किया कि अगर वह कहते हैं कि ‘हमारी सेना’ तो उसका यह मतलब नहीं है कि वह उनकी निजी सेना है, उसका मतलब राष्ट्र की सेना से है ।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार थी तब वह आतंकियों को बिरयानी खिलाती थी । आज आतंकियों को गोली की भाषा में जवाब दिया जाता है ।

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आयकर विभाग की छापामारी पर राजनीतिक दलों ने चुनावी लाभ लेने के लिए RSS के लेटरहेड पर जारी कर दिया फर्जी पत्र attacknews.in

नईदिल्ली 10 अप्रैल राजनीतिक दलों ने चुनाव में फायदा उठाने के लिए फर्जीवाड़ा करके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हुबहू लेटरपेड पर हाल ही में आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापामार कार्रवाई का उल्लेख करते हुए मैय्या जी जोशी द्वारा श्री रामलाल को लिखे पत्र को जारी कर दिया । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इसे फर्जी बताया है ।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने जारी बयान में कहा कि,सोशल मीडिया में आयकर विभाग के छापों के संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह माननीय भय्याजी जोशी के नाम से जो पत्र प्रसारित हो रहा है वह भ्रम फैलाने के हेतु से जारी किया गया सत्य से परे और आधारहीन है। इस प्रकार का कोई भी पत्र संघ की ओर से जारी नहीं किया गया है।

वहीं इस संबंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र कुमार ने कहा कि,चुनाव में लाभ लेने के लिए इस प्रकार के फर्जी पोस्ट सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करके कुछ असामाजिक तत्व समाज को भ्रमित करने का विफल प्रयास कर रहे है, हम इसकी घोर निंदा करते हैं।

यह है फर्जी पत्र:

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योगी आदित्यनाथ ने बरेली, आंवला और बदायूं की जन सभा में कहा: फतवे की डर वाली पिछली सरकारों ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक़ से बाहर नहीं आने दिया था attacknews.in

बदायूं: बरेली, 10 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस वर्ग विशेष के लिए काम करती है और देश की जनता का इससे अधिक अपमान नहीं हो सकता ।

योगी ने बदायूं लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य के समर्थन में बिल्सी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में कहा, ‘कांग्रेस के शासनकाल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमान का है । कांग्रेस वर्ग विशेष के विकास का काम करती है । देश की जनता का इससे ज्यादा अपमान नहीं हो सकता ।’

तीन तलाके जरिये मुस्लिम महिलाओं काे उत्पीड़न से आजादी दिलाने का दावा करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाली पहले की सरकारें फतवे के डर से निर्भीक फैसले लेने से कतराती थी।

आंवला और बरेली के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को दशकों से दबाया जा रहा था लेकिन मोदी सरकार ने उन महिलाओं को उबारा है। पहले मुस्लिम महिलाएं उत्पीडऩ के खिलाफ थाने जाती थीं तो उनकी सुनवाई नहीं होती थी। तीन तलाक के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा और बसपा कुछ नहीं बोलती थी। उनको लगता था कि कहीं उनके खिलाफ फतवा जारी न हो जाए। उनका वोट बैंक न खिसक जाए, लेकिन मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के बाद प्रदेश सरकार चार लाख युवाओं को नौकरी देने जा रही है। उसकी तैयारियां चल रही हैं । बरेली में 2010 से लेकर 2014 के बीच कई बार दंगे हुए। दरअसल,दंगे के दौरान कुछ पार्टियां अपना बैंक वोट बनानी थीं लेकिन भाजपा सरकार में बरेली में एक भी दंगा नहीं हुआ। हमारा कहना है कि जो भी कानून को हाथ में लेगा, वह चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, उस पर सख्त कार्रवाई होगी। अपराध व अपराधियों की तबाही होना तय है। किसी गरीब को, कमजोर, व्यापारी को या किसानों को जो भी परेशान करेगा, उन अपराधियों का जीना हराम कर देंगे।

श्री योगी कहा “ सपा-बसपा सरकार में काबड़ यात्रा रोक दी जाती थी। बसपा सरकार में जन्माष्टमी की शोभायात्रा रोक दी गई। उसके बाद सपा सरकार आई तो जगह-जगह कांवड़ यात्राएं रोकी गईं। भाजपा सरकार आई तो हमने कहा कि अगर काबड़ यात्रा में शंख और डमरू नहीं बजेंगे तो क्या श्मशान में बजेंगे। हमने कांवड़ यात्रियों को पुलिस की सुरक्षा उपलब्ध कराई। यही वजह है कि सपा, बसपा और कांग्रेस मोदी सरकार का विरोध कर रही हैं। भाजपा सरकार आपके सम्मान की रक्षा कर रही है। ऐसे में आपका वोट भी भाजपा को ही मिलना चाहिए। ”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में राजद्रोह की धारा समाप्त करने की बात कहकर आतंकवाद को बढ़ावा दिया गया है ।

योगी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन में चांद सितारे वाल झंडे दिख रहे थे । साथ ही उन्होंने सवाल किया, ‘देश के टुकड़े करने वाली मुस्लिम लीग के साथ कांग्रेस की क्या दोस्ती है ?’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 55 वर्षों के कार्यकाल में गरीबों के बैंक खाते तक नहीं खुल पाये तो वे गरीबी कैसे दूर कर देंगे । उनके दावे खोखले हैं ।

सपा पर हमला बोलते होते हुए योगी ने कहा, ‘‘उनकी सरकार में बहन बेटियाँ तक सुरक्षित नही थीं ।’’

उन्होंने सपा के वरिष्ठ मुलायम सिंह के परिवार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जो व्यक्ति अपने परिवार को नहीं संभाल पा रहा है, वह अपने आपको क्या संभालेगा ।’’

बरेली की चुनावी जनसभा में योगी ने दावा किया कि सपा और बसपा की सरकारों के शासनकाल में मंत्रियों के करीबियों को नौकरी मिलती थी । लेकिन भाजपा सरकार ने सवा दो लाख नौजवानों को नौकरी दी है । उनसे एक रुपया भी रिश्वत का नहीं लिया गया ।

योगी ने आंवला से भाजपा प्रत्याशी एवं वर्तमान सांसद धर्मेंद्र कश्यप एवं बरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार के समर्थन में फरीदपुर कस्बे में जनसभा को संबोधित किया। ।

उन्होंने कहा कि बरेली में 2010 से 2014 के बीच कई बार दंगे हुए । दरअसल दंगे के दौरान कुछ पार्टियां अपना बैंक वोट बनाती थीं लेकिन हमारी सरकार के कार्यकाल में बरेली में एक भी दंगा नहीं हुआ ।

उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है । सपा और बसपा प्रदेश का विकास नहीं चाहते । वे तो केवल अपने परिवार के लोगों का विकास चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को दशकों से दबाया जा रहा था ।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले मुस्लिम महिलाएं उत्पीडऩ के खिलाफ थाने जाती थीं तो उनकी सुनवाई नहीं होती थी । तीन तलाक के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा व बसपा कुछ नहीं बोलते थे । उनको लगता था कि कहीं उनके खिलाफ फतवा जारी न हो जाए । उनका वोट बैंक न खिसक जाए, लेकिन मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाई ।

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विकास की आंधी, प्रियंका गांधी और अमेठी का सांसद, देश का प्रधानमंत्री; नारों के बीच 3 KM रोड़ शो के बीच राहुल गांधी ने भरा नामांकन,बाद में नरेन्द्र मोदी को जमकर कोसा attacknews.in

अमेठी, 10 अप्रैल । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और बहनोई राबर्ट वाड्रा की मौजूदगी में अमेठी के जिला कलेक्ट्रेट में बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले मुंशीगंज से गौरीगंज तक तीन किलोमीटर का रोड शो किया।

राहुल गांधी ने नामांकन पत्र भरने के बाद एक बार फिर राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा “कुछ समय पहले प्रधानमंत्री का एक साक्षात्कार आया था जिसमें (उन्होंने) पत्रकारों से कहा गया था कि उच्चतम न्यायालय ने क्लीन चिट दी है … अब उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि ‘चौकीदारजी’ ने चोरी कराई। राफेल में भ्रष्टाचार हुआ है। मैं पिछले कई महीनों से यह कह रहा हूं कि यदि जांच कराई जाए तो दो नाम सामने आएंगे…नरेंद्र मोदी और (अनिल) अंबानी।”

राहुल ने कहा ” यह मैं पिछले कई महीनों से कह रहा हूं कि हिन्दुस्तान के पीएम ने वायुसेना के पैसे को अनिल अंबानी को दिया और अब उच्चतम न्यायालय ने भी यह स्वीकार कर लिया है। उच्चतम न्यायालय जांच करने जा रहा है। ”

सरकार लगातार राफेल सौदे में भ्रष्टाचार से इंकार कर रही है।

प्रधानमंत्री से बहस को लेकर पूछे गये सवाल पर राहुल ने कहा, ‘मैं रोज बहस के लिये चुनौती देता हूं,…मैं फिर से चुनौती दे रहा हूं। … आईये मेरे सामने आईये मिलकर हम भ्रष्टाचार पर देश के सामने चर्चा करते हैं।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी मेरे साथ आईये। प्यार से बहस करते हैं। देश राफेल मामले के बारे में जानना चाहता है, भ्रष्टाचार के बारे में जानना चाहता है, नोट बंदी के बारे में जानना चाहता है, अमित शाह के पुत्र के बारे में जानना चाहता है। दो मिनट आ जाईये। 15 मिनट बात कर लीजिये हमारे साथ।’ गांधी ने कहा, ‘मैं देश को बता रहा हूं कि राफेल मामले पर खुल्ल्मखुल्ला भ्रष्टाचार हुआ है। चौकीदार मुझसे बहस नहीं करना चाहते। क्योंकि चौकीदार जी जानते हैं कि जिस दिन मेरे साथ उन्होंने बहस कर ली, भ्रष्टाचार पर वह हिन्दुस्तान की आंख से आंख नहीं मिला पायेंगे।’

गौरतलब है कि केंद्र को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राफेल मामले में अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिये लीक दस्तावेजों को आधार बनाने की अनुमति दे दी और उन दस्तावेजों पर ‘विशेषाधिकार’ होने की केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया।

गांधी के अमेठी लोकसभा सीट के लिये नामांकन पत्र भरने के दौरान कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी बुधवार को नामांकन से पहले अमेठी पहुंच गयीं। सोनिया गांधी रोड शो में शामिल नहीं हुई लेकिन वह राहुल के नामांकन के समय मौजूद थीं।

मुंशीगंज से शुरू हुये रोड शो में सड़क किनारे कांग्रेस समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी। कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में पार्टी का झंडा लिये हुये थे और राहुल गांधी के फोटो वाली टीशर्ट तथा तिरंगे की टोपी भी पहने थे।

काफिले पर जगह-जगह लोगों ने फूलों की बारिश की। भारी गर्मी में भी कार्यकर्ताओं का लंबा जुलूस राहुल के काफिले के साथ साथ चल रहा है।

रोड शो के रास्ते पर दोनों ओर कांग्रेस के झंडे और पोस्टर लगे थे जिनमें राहुल और प्रियंका की तस्वीरें थीं। कुछ बैनरों में लिखा था, ‘विकास की आंधी प्रियंका गांधी’, ‘अमेठी का सांसद, देश का प्रधानमंत्री’।

रोड शो में कांग्रेस अध्यक्ष के साथ उनके वाहन पर बहन प्रियंका गांधी, बहनोई राबर्ट वाड्रा और उनके दो बच्चे भी मौजूद थे।

इस मौके पर कांग्रेस महासचिव और राहुल की बहन प्रियंका गांधी ने कहा कि यह लोकसभा क्षेत्र उनके पिता की कर्मभूमि रहा है और यह हमारे परिवार के लिये एक पवित्र स्थल है। ‘कुछ रिश्ते दिल से होते हैं और आज मेरे भाई के नामांकन के समय हमारा पूरा परिवार एकजुट है।’’

राहुल का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से है। राहुल इससे पहले केरल के वायनाड से भी नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। राहुल गांधी तीन बार से अमेठी से लोकसभा सदस्य हैं।

2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा की स्मृति ईरानी को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था।

भाजपा प्रत्याशी ईरानी गुरुवार को अमेठी से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। वहीं संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी रायबरेली से कल नामांकन दाखिल करेंगी। अमेठी में पांचवें चरण में छह मई को वोट डाले जायेंगे।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा: लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए व्यक्ति हैं, जेल में बिताया 24 माह का समय, 14 साल कैद की सजा की तुलना मे कुछ नहीं,जमानत याचिका खारिज attacknews.in

नयी दिल्ली, 10 अप्रैल । उच्चतम न्यायालय ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। इस तरह, लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने की राजद प्रमुख की उम्मीदों पर पानी फिर गया।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लालू दोषी करार दिए गए व्यक्ति हैं और उनके द्वारा जेल में बिताया गया 24 महीनों का समय उन्हें सुनाई गई 14 साल की कैद की सजा की तुलना में कुछ भी नहीं है।

पीठ ने कहा , ‘‘हमें नहीं लगता कि हम आपको जमानत पर रिहा कर सकते हैं।’’

इससे पहले, लालू की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें चार मामलों में दोषी ठहराया गया है और वह क्रमश: 24 महीने, 22 महीने, 20 महीने तथा 14 महीने जेल में रह चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एक मामले में तो कई लोगों को बरी कर दिया गया, जो कि रसूखदार लोग थे। लेकिन मुझे (लालू को) 14 साल की कैद की सजा सुनाई गई।’’

इस पर पीठ ने कहा कि लालू चार मामलों में 24 महीने जेल में रहे हैं और वह उन्हें सुनाई गई सजा को विभाजित नहीं कर सकते।

सिब्बल ने कहा कि कोई बरामदगी नहीं हुई और एकमात्र बड़ा अपराध जिसके तहत उन्हें दोषी ठहराया गया, वह आपराधिक साजिश का था।

पीठ ने कहा कि मामले के गुण-दोष पर निर्णय उच्च न्यायालय करेगा। ‘‘इस समय हम केवल जमानत अपील पर सुनवाई कर रहे हैं।’’

सिब्बल ने लालू की ओर से कहा, ‘‘यदि मुझे जमानत पर रिहा किया जाता है तो मैं नहीं भागूंगा। मेरी अपील उच्च न्यायालय में नहीं सुनी जा रही। फिलहाल उच्च न्यायालय में 2004 के आगे की अपीलों पर सुनवाई हो रही है।’’

पीठ ने कहा कि अब नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए अदालतें हैं और वह झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से उनके मामले को सुनवाई के लिए विशेष अदालत के पास भेजने का अनुरोध कर सकती है।

न्यायालय ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय को आपकी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपीलों में गुण दोष पर फैसला करने दिया जाए।’’

सिब्बल ने दलील दी, ‘‘यदि मुझे जमानत पर रिहा किया जाता है तो क्या खतरा है? ’’

पीठ ने कहा, ‘‘आप दोषी हैं, इसके सिवा कोई खतरा नहीं है।’’

न्यायालय के कहा, ‘‘…माफ कीजिएगा, हमें नहीं लगता कि आपको जमानत पर रिहा करेंगे। विशेष अनुमति याचिका (अपील) खारिज की जाती है। ’’

गौरतलब है कि सीबीआई ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में लालू की जमानत याचिका का जोरदार विरोध करते हुये कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने के लिए बीमार नेता ने अचानक से ‘पूरी तरह से फिट’ होने का दावा किया है।

जेल की जगह पिछले आठ महीनों से अस्पताल में भर्ती लालू ने मेडिकल आधार पर और साथ ही अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के लिये जमानत की मांग की थी ।

लालू पर रांची के एक अस्पताल से राजनीतिक गतिविधियां चलाने का आरोप लगाते हुये जांच एजेंसी ने कहा था कि एक ओर मेडिकल आधार पर जमानत का मुद्दा उठाना और साथ ही लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी अध्यक्ष के नाते सारी जरूरी जिम्मेदारियों को पूरा करने और पार्टी का मार्गदर्शन करने के लिये जमानत का अनुरोध करना परस्पर विरोधी है और याचिकाकर्ता मेडिकल आधार पर जमानत की आड़ में अपनी राजनीतिक गतिविधियां चलाना चाहता है जिसकी कानून के तहत अनुमति नहीं है।

एजेंसी ने लालू की जमानत याचिका पर दाखिल अपने जवाब में पिछले कुछ महीनों में अहमद पटेल, डी राजा, डेरेक ओ ब्रायन, शरद यादव और हेमंत सोरेन सहित कई हाई-प्रोफाइल नेताओं के अस्पताल में उनसे मिलने के लिए पहुंचने का हवाला दिया।

रांची के बिरसा मुंडा सेन्ट्रल जेल में बंद राजद प्रमुख ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के झारखण्ड उच्च न्यायालय के 10 जनवरी के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

जिस समय चारा घोटाला हुआ था उस समय लालू बिहार मुख्यमंत्री के पद पर थे।

लालू ने उच्च न्यायालय में अपनी उम्र और गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुये जमानत की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि वह मधुमेह, रक्तचाप और कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्हें चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में पहले ही जमानत मिल गयी है।

राजद सुप्रीमो को झारखण्ड में स्थित देवघर, दुमका और चाईबासा के दो कोषागारों से धोखे से धन निकालने के आरोप में दोषी ठहराया गया है।

उन पर डोरंडा कोषागार से धन निकालने से संबंधित मामले में मुकदमा चल रहा है। वहीं, पिछले कुछ महीने से रांची के रिम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।

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