नयी दिल्ली, 26 जून ।।।उच्चतम न्यायालय ने विमानन कंपनियों को शुक्रवार को राहत प्रदान करते हुए बीच की सीटें भी बुक करने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन खंडपीठ ने एयर इंडिया पालय देवेन कनानी की याचिका खारिज कर दी। उन्होंने कोरोना महामारी के बावजूद बीच की सीटें बुक करने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के निर्णय को शीष्र अदालत में चुनौती दी थी।
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध 15 जुलाई तक बढ़ा
इधर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नियमित अंतर्राष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध 15 जुलाई तक बढ़ा दिया है।
महानिदेशालय के आज जारी सर्कुलर में कहा गया है कि नियमित अंतर्राष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध 15 जुलाई की रात 11.59 बजे तक जारी रहेगा। इसमें अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के देश में उतरने और यहाँ से उड़ान भरने, दोनों पर रोक रहेगी। यह प्रतिबंध अंतर्राष्ट्रीय मालवाहक विमानों और विशेष अनुमति प्राप्त यात्री उड़ानों पर लागू नहीं होगा।
दिल्ली में सभी स्कूल 31 जुलाई तक बंद रहेंगे : सिसोदिया
दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर राजधानी के सभी स्कूल अब 31 जुलाई तक बंद रहेंगे।
उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को यहां उच्च स्तरीय बैठक के बाद इसका ऐलान किया।
कोरोना वायरस और लाॅकडाउन के चलते दिल्ली में सभी स्कूल 19 मार्च से बंद हैं।
श्री सिसोदिया ने दिल्ली में स्कूलों को पुनः खोलने संबंधी योजना पर आज अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न माध्यमों से शिक्षा जारी रखने संबंधी अनुभवों पर भी चर्चा हुई। बैठक में अलग अलग कक्षाओं के अनुरूप विशिष्ट योजना बनाने संबधी सुझावों पर भी विचार विमर्श हुआ। बैठक में चर्चा के बाद इस बात पर सहमति बनी कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए स्कूल फिलहाल 31 जुलाई तक बंद रखे जाएं।
उन्होंने कहा स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं जारी रख सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर स्कूलों की नई भूमिका पर विचार करने का अनुरोध किया था। उन्होंने लिखा था कि हमें अभी तय करना है कि हम खुद अपने देश और समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने स्कूलों का पुनर्निर्माण करेंगे या फिर इंतजार करेंगे कि कोई अन्य देश कुछ कर लें, उसके बाद हम उसे अपने यहां कॉपी पेस्ट करें।
बैठक के बाद जारी बयान में श्री सिसोदिया ने कहा , “ आज की बैठक का उद्देश्य यह विचार करना था कि स्कूल जुलाई के बाद जब भी खुलें, वो किस प्रकार की तैयारी के साथ खुलें।”
दिल्ली के सरकारी और निजी विद्यालयों के 829 शिक्षकों, 61 स्कूल प्रमुखों, 920 छात्रों तथा 829 अभिभावकों के ऑनलाइन सुझावों और स्कूल स्तर पर 23262 अध्यापकों और 98423 अभिभावकों के सुझाओं पर आधारित जिले वार रिपोर्ट पर विचार किया गया। इन रिपोर्ट को शिक्षा निदेशालय के उप शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक की उपस्थिति में उपमुख्यमंत्री को दिया।
प्राथमिक कक्षाओं के बारे में सुझाव आया कि 12 से 15 छात्रों की सप्ताह में एक या दो कक्षा लगाई जाए। क्लास तीन से पांच तक वैकल्पिक दिन में लगाने का सुझाव आया। छात्रों के लिए जहाँ तक संभव हो ऑनलाइन शिक्षा जारी रखने, सभी कक्षाओं में समुचित सैनिटाइजेशन करने, छात्रों को मास्क का वितरण करने, प्रत्येक छात्र की विद्यालय में प्रवेश के समय थर्मल स्क्रीनिंग करने तथा पाठ्यक्रय कम करने जैसे सुझाव भी आए।
इसी तरह कक्षा छह से आठ के लिए छोटे समूह में सप्ताह में एक या दो दिन क्लास करने का सुझाव आया । कुछ लोगों ने सप्ताह में 3 दिन क्लास का भी सुझाव दिया। पाठ्यक्रम को 30 से 50 फीसदी तक कम करने पर भी कई लोगों ने जोर दिया। छात्रों की सामूहिक गतिविधियों तथा भीड़ पर रोक लगाने का भी सुझाव आया।
कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए सप्ताह में एक अथवा दो दिन छोटे समूह में क्लास करने का सुझाव आया। कुछ लोगों ने कक्षा दसवीं के लिए प्रतिदिन क्लास का सुझाव दिया। ऑनलाइन क्लास जारी रखने, यूट्यूब चैनल खान अकादमी के वीडियो जारी रखने का सुझाव आया।
ग्यारहवीं और 12वीं की क्लास वैकल्पिक दिनों में कराने तथा शेष दिनों में ऑनलाइन शिक्षा का सुझाव दिया गया। इनके पाठ्यक्रय में भी कटौती का सुझाव आया। कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि प्रतिदिन सिर्फ तीन से चार घंटे की क्लास की जाए।
श्री सिसोदिया ने बैठक में कहा कि हमें सभी सुझावों के आलोक में स्कूलों को पुनः खोलने की ऐसी योजना बनानी चाहिए जो छात्रों को कोरोना के साथ जीना भी सिखाए तथा नई परिस्थितियों में उन्हें नई भूमिका के लिए तैयार कर सके।