कोलंबो, 24 अप्रैल । श्रीलंका सरकार ईस्टर के दिन हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के एक सप्ताह के भीतर पुलिस और सुरक्षा बलाें को अधिक मजबूत बनायेगी। इन विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 365 हो गयी है।
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आशय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे जाे खुफिया एजेंसियों से चेतावनी मिलने के बावजूद चौकसी रखने और कार्रवाई करने में विफल रहें। उन्होंने बताया कि एक पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी हमले की चेतावनी दी थी।
उन्होंने कहा, “यह जानकारी संबंधित अधिकारियों ने मुझ तक नहीं पहुंचायी। अगर अधिकारियों ने यह जानकारी मुझे दी होती तो मैं तत्काल कोई कदम उठाता। मैंने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला कर लिया है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने में अनुभव, बुद्धिमत्ता और उच्च तकनीकी क्षमता संपन्न आठ देशों ने श्रीलंका काे आतंकवाद से लड़ाई में मदद करने का आश्वासन दिया है। उन्हाेंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सुरक्षा बलों को अधिक मजबूत बनाने और विदेशी विशेषज्ञता की मदद से आतंकवाद के खतरे पर जल्द ही लगाम लगा लिया जायेगा।
उन्होंने आश्वस्त किया कि सोमवार रात को लागू किया गया सीमित आपातकाल का मकसद केवल संदिग्धों को पकड़ना और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसका इस्तेमाल लोगों की आजादी अथवा लाेकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश लगाने के लिये नहीं किया जायेगा।
गौरतलब है कि श्रीलंका में गिरजाघरों और लक्जरी होटलों को निशाना बनाकर किये गये अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले में 359 लोग मारे गये और 500 से अधिक लोग घायल हो गये। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने मंगलवार को इस हमले की जिम्मेदारी ली।
श्रीलंका में विस्फोट करने वाले नौ आत्मघाती हमलावरों में एक महिला भी:
श्रीलंका सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम देने वाले नौ आत्मघाती हमलावरों में एक महिला भी शामिल है।
श्रीलंका के रक्षा राज्यमंत्री दीनेंद्र रुवन विजेवार्डीन ने बुधवार को मीडिया को यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्री ने बताई सुरक्षा में बदलाव की योजना:
श्रीलंका के रक्षा मंत्री रुवन विजयवर्धने ने सिलसिलेवार हमलों के मामले में सुरक्षा प्रबंधन में चूक की बात स्वीकार करते हुए कहा कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना सुरक्षा प्रतिष्ठानों में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहे हैं।
वहीं गत रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए आत्मघाती हमलों और सिलसिलेवार धमाकों में मरने वालों की संख्या 359 हो गई है।
रक्षा मंत्री रुवन विजयवर्धने ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुरक्षा प्रबंधन में चूक की बात स्वीकार की और कहा, ‘‘ हमें (सरकार को) जिम्मदारी लेनी ही होगी। राष्ट्रपति (मैत्रीपाल सिरिसेना) सुरक्षा प्रतिष्ठानों में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहे हैं।’’
मंत्री ने बताया कि खुफिया विभाग ने हमलावरों के क्राइस्टचर्च गोलीबारी मामले से प्रेरित होने की संभावना जताई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आत्मघाती हमलावरों में से एक विदेश में पढ़ता था। उनमें से अधिकतर पढ़े-लिखे थे और मध्यम या उच्च-मध्य-वर्ग से आते थे। इसलिए वे और उनके परिवार आर्थिक रूप से काफी समर्थ हैं।’’
विजयवर्धने ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि एक आत्मघाती हमलावर ने ब्रिटेन में पढ़ाई की थी और श्रीलंका आने से पहले ऑस्ट्रेलिया से स्नातकोत्तर किया।’’
पुलिस प्रवक्ता गुनसेखरा ने कहा, ‘‘ मृतक संख्या बढ़कर 359 हो गई है।’’ वहीं 500 से अधिक लोग घायल भी हैं।
पुलिस प्रवक्ता गुनासेखरा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हमलों में एक महिला सहित नौ आत्मघाती हमलावर शामिल थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ उनमें से आठ की पहचान हो गई है।’’
उन्होंने बताया कि अभी तक मामले में 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे सभी श्रीलंकाई नागरिक हैं। इनमें से 32 अपराधिक जांच विभाग की हिरासत में हैं।
इस्लामिक स्टेट ने इन घातक हमलों की जिम्मेदारी ली है और हमलों को अंजाम देने वाले आत्मघातियों की पहचान भी उजागर की है।
गौरतलब है कि ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में गिरजाघरों और होटलों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले और सिलसिलेवार धमाके किए गए थे।
पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में कम से कम 34 विदेशी शामिल हैं।
18 और गिरफ्तार:
श्रीलंका में अधिकारियों ने गत रविवार को हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में और 18 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
अडा डेरना न्यूज पोर्टल ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि विभिन्न सूचना के अनुसार श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार हमलों के संबंध में 40 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में गत रविवार को तीन चर्चों तथा तीन ‘लक्जरी होटलों’ में हुए आत्मघाती हमलों में 310 लोगों की मौत हुई थी तथा पांच सौ से अधिक लोग घायल हुए थे।
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