नई दिल्ली 3 जून। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार को त्रिवेंद्रम से मॉरीशस की यात्रा कर पर थीं इस दौरान उनके वीवीआईपी एयरक्राफ्ट मेघदूत 15 मिनट तक रडार से गायब रहा। अचानक हुए इस घटनाक्रम के बाद अथॉरिटी सकते में आ गई थी।
विदेश मंत्री दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर गई हैं।उनके एयरक्राफ्ट से करीब 12-14 मिनट तक संपर्क टूटा रहा। मामले से जुड़े अधिकारियों का डर उस समय काफी बढ़ गया, जब सुषमा स्वराज के एयरक्राफ्ट और मॉरीशस एयर ट्रैफिक कंट्रोल का आपस में संपर्क नहीं हो पाया, जबकि सुषमा स्वराज का एयरक्राफ्ट इसके एयरस्पेस में आ चुका था। हालांकि सुषमा स्वराज रविवार को सकुशल जोहानिसबर्ग पहुंच गई।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल का काम देखने वाली एयरपोर्ट्स अथॉरिटी इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, हमारे समुद्री एयरस्पेस, एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने प्लेन के गुम हो जाने का ऐलान करने के लिए करीब 30 मिनट का इंतजार किया। इसके बाद फ्लाइट के मॉरीशस के एयरस्पेस में प्रवेश करने के 12 मिनट बाद मॉरीशस अथॉरिटी ने अलार्म बटन दबा दिया, क्योंकि फ्लाइट से संपर्क नहीं हो पा रहा था।
वहीं दूसरी तरफ विदेश मंत्रालय ने इस विषय में जानकारी होने की बात से इनकार किया है। मॉरीशस ने फिर आईएससीईआरएफए अलार्म की घोषणा की। इस अनिश्चितता का मतलब है कि विमान और उसके यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद उन्होंने चेन्नई एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया। यह आखिरी उड़ान सूचना क्षेत्र था, जिसे मेघदूत एम्ब्रायर ईआरजे 135 के संपर्क में रखा गया था।
समुद्री इलाकों में हो जाती है इस तरह की समस्या
एयरक्राफ्ट के लिए करीब शाम 4.44 पर अलार्म बजाया गया था, और एयरक्राफ्ट के पायलट ने मॉरीशस एटीसी से 4.58 पर संपर्क किया, उसके बाद सबकी जान में जान आई। एटीसी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अनियमित वीएचएफ कम्युनिकेशन की वजह से समुद्री इलाकों में इस तरह की समस्या अक्सर आती है।attacknews.in