नईदिल्ली 6 सितम्बर। भारत के सवर्ण अब एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ पूरी तरह खुल मैदान में उतर चुके हैं।यह भारत बंद अभूतपूर्व सफल रहा है।
इसी क्रम में केंद्र सरकार द्वारा एक्ट में संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल करने के विरोध में सवर्ण समुदाय के लोगों ने 6 सितंबर को यानी आज भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
पिछली बार भी भारत बंद हुआ था लेकिन तब एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को बंद बुलाया था। उस बंद के दौरान सबसे ज्यादा हिंसा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी।
इस भारत बंद के तहत मध्य प्रदेश सबसे संवेदनशील बना हुआ है, जहां पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हैं। वैसे पूरे देश में पुलिस-प्रशासन सतर्क है।
मीडिया की खबरों के अनुसार अभी भी मध्य प्रदेश में एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर सबसे ज्यादा और उग्र विरोध हो रहा है। कई केंद्रीय मंत्रियों का घेराव करने के अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जूता फेंकने, गाड़ी पर पथराव तथा काले झंडे दिखाए जाने की अनेक घटनाएं हुईं।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही पेट्रोल पंप भी दिन भर बंद रहेंगे।
एससी-एसटी एक्ट का क्यों हो रहा है विरोध
दरअसल, सररकार ने इस एक्ट में संशोधन कर मूल कानून में 18ए जोड़ने का प्रावधान किया है जिसके बाद पुराना कानून बहाल हो जाएगा। पुराने कानून का ही विरोध हो रहा है जिसमें संशोधन के बाद बाद सुप्रीम कोर्ट के प्रावधान खत्म हो जाएंगे। यह कानून प्रभावी होते ही एससी-एसटी के उत्पीड़न की शिकायत पर केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान है।
इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिल सकेगी। आरोपी को हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी। मामले में जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर करेंगे।
इसके पहले कोर्ट के आदेश हुए बदलाव के बाद मामलों में तुरंत गिरफ्तारी नहीं की जानी थी। शिकायत मिलने पर तुरंत मुकदमा भी दर्ज नहीं किया जाएगा।
शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि शिकायत मिलने के बाद डीएसपी स्तर के पुलिस अफसर द्वारा शुरुआती जांच की जाएगी।attacknews.in