नयी दिल्ली, 22 अक्तूबर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विभिन्न वर्गो एवं समूहों के विचारकों, चिंतकों एवं विशेषज्ञों के साथ परिचर्चा करने के लिये आने वाले दिनों में 20 बैठकों का खाका तैयार किया है। इसके अलावा संघ की ओर से किसानों, आर्थिक नीतियों, दलितों..आदिवासियों के मुद्दों सहित 10 बिन्दुओं पर कार्य को आगे बढ़ाया जायेगा ।
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि इस दिशा में कुछ समय पहले सरसंघचालक मोहन भागवत ने दिल्ली में एक बैठक की थी जिसमें अनेक देशों के राजनयिकों के साथ चर्चा की गई थी ।
सरसंघचालक के विजयादशमी संबोधन के बाद से संघ के शीर्ष नेतृत्व ने विभिन्न वर्गो एवं वैचारिक समूहों, चिंतकों एवं विशेषज्ञों के साथ परिचर्चा करने की योजना बनाई है।
संघ ने आने वाले समय के लिये अपनी कार्ययोजना का एक खाका भी तैयार किया है जिसमें 10 मुख्य बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इसमें संघ की शाखओं के विस्तार और विशेष तौर पर केरल एवं बंगाल में संघ के कार्यो के प्रभाव का आकलन शामिल है। इसके साथ ही संघ उन इलाकों में अपने कार्यो को गति प्रदान करेगा जहां उसका प्रभाव कम है। इसके अलावा आर्थिक नीतियों खास तौर पर किसानों के संदर्भ में सरकार की नीतियों तथा दलितों एवं आदिवासियों पर जोर रहेगा । दलितों एवं आदिवासियों तक पहुंच को मजबूत बनाने का दायित्व ‘‘वनवासी कल्याण आश्रम’’ को दिया गया जो लम्बे समय से इन वर्गो के बीच काम कर रहा है।
संघ के कार्य में भारत के अनुकूल एवं अनुरूप शिक्षा पद्धति लाने के अलावा धर्मांतरण, राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व, बांग्लादेशी एवं रोहिग्या मुसलमानों की घुसपैठ का मुद्दा भी शामिल है।
केरल में संघ प्रचारकों पर हमले और उनकी हत्या किये जाने की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ :आरएसएस: ने कहा है कि लोकतंत्र में विचारधारा को लेकर स्वस्थ परिचर्चा होनी चाहिए, बल प्रयोग नहीं ।
आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि बेहतर लोकतांत्रिक समाज के लिये स्वस्थ परिचर्चा आवश्यक है । समाज के भिन्न मतों के लोगों के बीच चर्चा..परिचर्चा होनी चाहिए । स्वस्थ परिचर्चा होनी चाहिए । लेकिन विरोधी अगर हमारे खिलाफ बल प्रयोग करता है, तो इससे संकेत मिलता है कि वे विचारधारा के स्तर पर लड़ाई हार चुके हैं ।