नयी दिल्ली 08 मई । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहल पर देश में कोविड महामारी की अप्रत्याशित दूसरी लहर से आयी आपदा में लोगों की मदद करने के लिए उद्योग एवं व्यावसायिक जगत, धार्मिक एवं सामाजिक संगठन तथा गणमान्य नागरिकों के साथ मिल कर एक कोविड रिस्पॉन्स टीम (सीआरटी) का गठन किया गया है।
सीआरटी का समन्वयक पूर्व सेना उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को बनाया गया है।
ले. जनरल सिंह एवं सेवा भारती के प्रमुख रमेश अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि भारत इन दिनों एक अप्रत्याशित लोक स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है।कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।केंद्र और राज्य सरकारों के सतत प्रयासों के बाद भी इस आपदा से निपटना एक बड़ी चुनौती बन गया है।ऐसे में समाज द्वारा विभिन्न मोर्चों पर समन्वित साझा प्रयासों की प्रासंगिकता बढ़ गई है।
कोविड रिस्पॉन्स टीम (सीआरटी) ऐसे ही समन्वयकारी पहल का एक परिणाम है।
इसके अंतर्गत समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े साझेदार एकजुट होकर इस आपदा को पराजित करने के लिए सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि सीआरटी में विभिन्न संगठनों एवं समाज की शख्सियतों की विशेष भूमिका रहेगी।
औद्योगिक संगठन- फिक्की, सीआईआई,पीएचडी-सीसीआई, एसोचैम,लघु उद्योग भारती, जेआईटीओ, सीएआईटी।व्यावसायिक निकाय- आईसीएआई, आईसीएसआई, आईसीडब्ल्यूए।
धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठन- पतंजलि योगपीठ, ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लीविंग गौरी शंकर मंदिर, भगवान बाल्मीकि मंदिर, संत रविदास विश्रामस्थल देवनगर, सनातन धर्म प्रतिनिधि संस्था, आर्य समाज, झण्डेवाला माता मंदिर,तेरापंथ जैन समाज।
सामाजिक संगठन- सेवा भारती, लायंस क्लब, विश्व हिन्दू परिषद, स्वदेशी जागरण मंच और रोटरी क्लब शामिल हैं।
इस पहल से जुड़े अन्य गणमान्य नागरिकों में पूर्व राजनयिक एवं नीदरलैंड में भारत की राजदूत रहीं श्रीमती भास्वती मुखर्जी, दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त एवं संघलोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य बी एस बस्सी, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नरेंद्र कुमार, आईएएस अधिकारी एमएल मीणा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रांत संघचालक कुलभूषण आहुजा शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि सीआरटी के उद्देश्य कोरोना आपदा से निबटने के लिए संसाधन जैसे अस्पतालों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की उपलब्धता, आईसोलेशन सेंटर की स्थापना के प्रयास सुनिश्चित करना, लोगों में टीकाकरण को लेकर जागरुकता का प्रसार करना, होम आइसोलेशन एवं प्लाज्मा डोनेशन के महत्व को बताना एवं लोगों को प्रोत्साहित करना, देश में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सरकार को प्रभावी एवं व्यावहारिक सुझाव प्रदान करना, आपतकालीन स्थिति को देखते हुए विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की सुविधा के साथ आईसोलेशन सेंटर की स्थापना करना, ऑक्सीजन वैन (प्राणवायु आपके द्वार) कार्यक्रम का आयोजन करना, कोरना संक्रमित मरीजों एवं परिवारों को भोजन तथा अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना, मृतकों के अंतिम संस्कार में सहयोग प्रदान करना, हेल्पलाइन और टेलीमेडिसिन के लिए ऑनलाइन सेवा प्रारंभ करना तथा रक्त और प्लाज्मा दान के साथ ही अन्य चिकित्सकीय सहयोग प्रदान करना।
उन्होंने कहा कि कोविड रिस्पॉस टीम द्वारा कोरोना महामारी को परास्त करने के लिए इसके अलावा भी कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
इसी क्रम में दिल्ली में नौ आइसोलेशन सेंटर की स्थापना की गई है।
यहां मेडिकल ऑक्सीजन की सुविधा सहित 500 बेड की व्यवस्था खड़ी की जा चुकी है।
लोगों को मौके पर ही ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 7 ऑक्सीजन वैन संचालित की जा रही हैं।
सभी वैन में 6 बेड लगाए गए हैं।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अब तक 28 हजार कोरोना संक्रमित परिवारों को भोजन उपलब्ध कराया गया है।
इनमें वरिष्ठ नागरिक एवं समाज के वंचित वर्ग से जुड़े लोग शामिल हैं।
इसी तरह 803 प्लाज्मा डोनेशन और 1300 सीटी स्कैन कराए गए हैं।
इस विषम परिस्थिति में 2619 मृतकों के अंतिम संस्कार में परिजनों को सहयोग प्रदान किया गया है।
सीआरटी द्वारा स्थापित हेल्पलाइन के जरिए 1200 स्वयंसेवक तथा 130 डॉक्टर्स नि:शुल्क अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त कोविड रिस्पॉस टीम ‘ पॉजीटिविटी अनलिमिटेड ’ कार्यक्रम शुरू करने जा रही है।
11 से 15 मई 2021 के बीच संचालित होने वाले इस कार्यक्रम के अंतर्गत समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व जैसे सद्भगुरू जग्गी वासुदेव (संस्थापक ईशा फाउंडेशन), श्री-श्री रविशंकर (संस्थापक-आर्ट ऑफ लीविंग), ज्ञान देवजी ( प्रमुख, निर्मल संत अखाड़ा) जैन मुनि प्राणनाथ जी (प्रमुख-तेरापंथी जैन समाज), श्री मोहन भागवत (पूजनीय सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), सुधा मूर्ति (चेयरमैन, इंफोसिस फाउंडेशन), अजीम प्रेमजी (चेयरमैन-अजीमजी फाउंडेशन) लोगों को विभिन्न संचार माध्यमों के जरिए संबोधित करेंगे।
इसका उद्देश्य लोगों के भीतर आत्मविश्वास का संचार करना एवं हम अवश्य जीतेंगे इस भाव के साथ समाज को कोरोना की जंग के विरुद्ध एकजुट करना है।